औपचारिक पत्र : इन पत्रों को लिखने का ढंग तथा इनकी भाषा-शैली में अंतर होता है। इन पत्रों का प्रारूप समझ लेने से पत्र लेखन में सुविधा होती है तथा
परीक्षा में पूरे अंक लाए जा सकते हैं। आइए इनके प्रारूप और उदाहरण देखते हैं। 1. प्रधानाचार्य को लिखे जाने वाले पत्र का प्रारूप प्रधानाचार्य के नाम पत्रों के कुछ उदाहरण 1. आप ज्वरग्रस्न हैं। डॉक्टर ने आपको तीन दिन आराम
करने की सलाह दी है। इसका उल्लेख करते हुए अपने विद्यालय सेवा में प्रधानाचार्य जी महोदय, सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय की IX कक्षा का छात्र हूँ। परसों विद्यालय से घर जाते समय मैं भीग गया था। इससे मुझे कल शाम से अचानक तेज़ बुखार आ रहा है। डॉक्टर ने मुझे दवाओं के साथ तीन दिन का आराम करने की सलाह दी है ताकि मैं पूरी तरह ठीक हो सकूँ। आपसे प्रार्थना है कि मेरी अस्वस्थता को ध्यान में रखते हुए मुझे तीन दिन का अवकाश देने की कृपा करें। सधन्यवाद 2. आपके विद्यालय में पीने के पानी की व्यवस्था अच्छी नहीं है। छात्रों की धक्का-मुक्की में एक छात्र गिरकर चोटिल हो गया। इसका उल्लेख करते हुए अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को पीने के पानी की व्यवस्था ठीक करवाने हेतु प्रार्थना पत्र लिखिए। सेवा में महोदय सविनय निवेदन यह है कि इस विद्यालय की नौवीं कक्षा का छात्र हूँ। इस विद्यालय में लगभग ढाई हज़ार छात्र-छात्राएँ अध्ययनरत हैं। इतने छात्रों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था के रूप में तीन टोंटियाँ लगी हैं जिससे हर समय यहाँ भीड़ लगी रहती है। यहाँ अक्सर छात्रों को धक्का-मुक्की करते देखा जा सकता है। प्रायः बड़ी कक्षा के छात्र छोटे बच्चों को किनारे करके खुद पानी पीने की जल्दी में रहते हैं। परसों ही किसी बड़े छात्र के धक्के से छठी कक्षा का छात्र गिर गया। इससे उसका हाथ टूट गया और उसे अस्पताल ले जाना पड़ा। आपसे प्रार्थना है कि हम छात्रों की समस्या को ध्यान में रखते हुए नई टंकी रखवाने एवं टोटियों की संख्या बढ़ाने का कष्ट करें। सधन्यवाद 3. आपके विद्यालय में खेल सुविधाएँ बहुत कम हैं। अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए, जिसमें खेल संबंधी सुविधाएँ उपलब्ध
कराने की प्रार्थना की गई हो। सेवा में महोदय मैं आपके विद्यालय की नौवीं कक्षा का छात्र हूँ। मैं आपका ध्यान इस विद्यालय में खेल संबंधी कमियों की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। श्रीमान, बरसात के बाद हमारे विद्यालय के खेल का मैदान जगह-जगह के कारण मच्छर एवं अन्य कीट-पतंगों की भरमार हो गई है जिससे वहाँ खेला नहीं जा सकता है। इसके अलावा यहाँ खेल के सामानों की घोर कमी है। इससे खेल-पीरियड में हमें माँगने पर सामान नहीं मिल पाता है। जो सामान मिलते हैं वे दयनीय स्थिति में होते हैं। इससे हम छात्र खेलने से वंचित रह जाते हैं और हम चाहकर भी खेल प्रतियोगिताओं में कोई पदक नहीं ला पाते हैं। अतः आपसे प्रार्थना है कि खेलों का नया सामान मँगवाने के अलावा खेल के मैदान की दशा सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाने की कृपा करें। धन्यवाद 4. पंद्रह दिनों तक लगातार अनुपस्थित रहने के कारण आपका नाम
काट दिया गया है। अपनी अनुपस्थिति का उचित कारण बताते हुए पुनः प्रवेश के लिए अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र लिखिए। सेवा में श्रीमान जी विनम्र निवेदन यह है कि मैं इस विद्यालय की नौंवी कक्षा का छात्र हूँ। लगभग बीस दिन पहले मेरे दादा जी की तबीयत अचानक खराब हो गई। उन्हें अस्पताल में भरती करवाना पड़ा। दुर्भाग्य से उस समय पिता जी अपनी कंपनी के काम से लखनऊ गए थे और कई दिन बाद लौट सके। ऐसे में दादा जी की देखभाल के लिए मुझे ही अस्पताल में रुकना पड़ा पर मैं इसकी सूचना कक्षाध्यापक को न दे सका। कल ही दादा जी को अस्पताल से लेकर मैं घर आया। आज विद्यालय आने पर ज्ञात हुआ कि लगातार अनुपस्थित रहने के कारण मेरा नाम काटा जा चुका है। श्रीमान जी, मैं अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहता हूँ। आपसे प्रार्थना है कि परिस्थितियों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए मुझे पुनः प्रवेश लेने की अपुमति देकर कृतार्थ करें। सधन्यवाद 5. आपके विद्यालय के पुस्तकालय में हिंदी की पत्र-पत्रिकाओं की घोर कमी है, जिससे हिंदी माध्यम के छात्र पुस्तकालय जाने में अरुचि दिखाने लगे हैं। इस ओर प्रधानाचार्य का ध्यान आकृष्ट करवाते हुए प्रार्थना पत्र लिखिए। सेवा में महोदय विनम्र निवेदन यह है कि मैं इस विद्यालय की नौवीं कक्षा का छात्र हूँ। हमारे विद्यालय का पुस्तकालय अत्यंत समृद्ध है। यहाँ तरह-तरह के विषयों की हज़ारों पुस्तकें हैं। यहाँ नियमित रूप से अनेक समाचार-पत्र और पत्रिकाएँ मँगवाई जाती हैं पर इनमें हिंदी माध्यम के समाचार पत्र और पत्रिकाओं की संख्या नगण्य है। कभी-कभी एक-दो पत्रिकाएँ मँगवाकर खानापूर्ति कर दी जाती है। यहाँ की पुरानी पत्र-पत्रिकाएँ पढ़कर हमारा जी भर गया है। इससे अब हिंदी माध्यम के छात्र पुस्तकालय आने में रुचि नहीं लेते हैं। हम छात्र चाहते हैं कि यहाँ भी चंदा माना, चंपक, लोट-पोट, बाल हंस, पराग, नंदन, सुमन सौरभ आदि पत्रिकाएँ मँगवाई जाएँ। आपसे प्रार्थना है कि हम छात्रों की रुचि देखते हुए हिंदी की उक्त पत्रिकाएँ मँगवाने का कष्ट करें। सधन्यवाद 6. आपने आठवीं तक की पढ़ाई हिंदी माध्यम से की है। आपको नौवीं के जिस वर्ग में प्रवेश मिला है, उसमें अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की जाती है। इससे आपकी समझ में नहीं आ रहा है। इसका उल्लेख करते हुए विद्यालय की प्रधानाचार्या को प्रार्थना पत्र लिखिए। सेवा में महोदया सविनय निवेदन यह है कि मैं इस विद्यालय में नौवीं ‘अ’ कक्षा की छात्रा हूँ। मैंने आठवीं तक की पढ़ाई गाँव में रहकर हिंदी माध्यम से की है। मुझे नौवीं के जिस सेक्शन में प्रवेश दिया गया है उसमें अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कराई जाती है। इस कारण पाठ्यक्रम मेरी समझ में नहीं आ रहा है और मैं पढ़ाई में लगातार पिछड़ती जा रही हूँ। विज्ञान और गणित जैसे विषयों में मुझे विशेष परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अतः आपसे प्रार्थना है कि मेरी परेशानी को ध्यान में रखते हुए मेरा सेक्शन IX ‘अ’ से हिंदी माध्यम वाले सेक्शन IX ‘द’ में करने की कृपा करें ताकि पढ़ाई में अपना मन लगा सकूँ। सधन्यवाद 7. आपके विद्यालय की कैंटीन में खाद्य सामग्री की घटती गुणवत्ता की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए। सेवा में महोदय निवेदन यह है कि मैं इस विद्यालय की नौवीं कक्षा का छात्र हूँ। छात्रों को ताजा एवं पौष्टिक भोजन मिल सके, इसके लिए कैंटीन की व्यवस्था की गई थी। शुरू-शुरू में कैंटीन में मिलने वाला भोजन घर के भोजन के समान ही स्वादिष्ट एवं पौष्टिक होता था परंतु आजकल इस कैंटीन के भोजन की गुणवत्ता का स्तर गिर गया है। अब तो बस यहाँ जंक फूड की अधिकता में बाकी सब दबकर रह गया है। कभी-कभी तो बासी समोसे और बासी ब्रेड-पकौड़े ताज़ा के नाम पर बेच दिए जाते हैं जिसका प्रतिकूल असर छात्रों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। ये वस्तुएँ खाकर कई छात्र बीमार भी पड़ चुके हैं। आपसे प्रार्थना है कि आप स्वयं औचक निरीक्षण कर वास्तविकता को जानें और खाद्य सामग्री की गुणवत्ता में सुधार लाने का कष्ट करें। धन्यवाद 8. आपके विद्यालय में कई छात्र ऐसे हैं जो शारीरिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना
पत्र लिखकर ऐसे छात्रों को विशेष सुविधाएँ दिलवाने का प्रयास कीजिए। सेवा में महोदय मैं इस विद्यालय की नौवीं कक्षा का छात्र हूँ। हमारे विद्यालय में कई छात्र ऐसे हैं, जिन्हें शारीरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ये छात्र विद्यालय की ऊपरी मंजिल में लगने वाली कक्षाओं तक पहुँचने में कठिनाई महसूस करते हैं। इन छात्रों को अन्य छात्रों की मदद लेने पर विवश होना पड़ता है। इससे इनकी पढ़ाई में बाधा आती है और उनका स्वाभिमान भी आहत होता है। ऐसे छात्रों की कक्षाएँ भूतल पर लगने से इनकी परेशानियाँ कम की जा सकती हैं। आपसे प्रार्थना है कि उक्त छात्रों की समस्याओं को ध्यान रखते इनकी कक्षाएँ भूतल पर आयोजित करवाने की कृपा करें। सधन्यवाद 9. विज्ञान एवं गणित विषयों की अतिरिक्त कक्षाएँ आयोजित करवाने के लिए उचित कारण बताते हुए अपने विद्यालय
के प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र लिखिए। सेवा में महोदय विनम्र निवेदन यह है कि मैं इस विद्यालय की नौवीं कक्षा का छात्र हैं। हमारी कक्षा में विज्ञान एवं गणित विषयों का पाठ्यक्रम पूरा नहीं करवाया गया है। हमारे विज्ञान शिक्षक का स्थानांतरण हुए एक महीना बीत गया है परंतु कोई अध्यापक हमें पढ़ाने नहीं आता है। इसी तरह गणित के अध्यापक करीब बीस दिन से अवकाश पर होने के कारण नहीं आ रहे हैं। इस कारण इन दोनों विषयों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है जबकि सितंबर के दूसरे सप्ताह से हमारी एस.ए. 1 की परीक्षा शुरू हो रही है। आपसे प्रार्थना है कि विज्ञान एवं गणित विषयों की अतिरिक्त कक्षाएँ आयोजित करवाने की कृपा करें ताकि हम छात्र परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने से बच सकें। सधन्यवाद कार्यालयों को लिखे जाने वाले पत्रों का प्रारूप कार्यालय संबंधी प्रार्थना पत्र 10. रेल में यात्रा करते समय आपका सामान चोरी हो गया था। खोए हुए सामान की जानकारी देते हुए सुरक्षा आयुक्त, मंडल कार्यालय नई दिल्ली को पत्र लिखिए। सेवा में महोदय निवेदन यह है कि कल इलाहाबाद से नई दिल्ली आते समय प्रयागराज एक्सप्रेस में मेरा सूटकेस चोरी हो गया है। गाज़ियाबाद स्टेशन के बाद चोरी की यह घटना घटी। उस समय मैं अगले कोच में मित्र से मिलने चला गया था। काले रंग के इस वी.आई. पी. सूटकेस में मेरा पहचान पत्र, डायरी, पाँच हज़ार रुपये नकद तथा कुछ अन्य आवश्यक कागजात थे। आपसे प्रार्थना है कि इस खोए सूटकेस की सूचना दर्ज कर इसे वापस दिलाने में मेरी मदद करें और सूटकेस मिलते ही नीचे दिए गए पते पर सूचित करने का कष्ट करें। धन्यवाद 11. अपने क्षेत्र के डाकिए को सम्मानित करने के लिए मुख्य डाक अधीक्षक प्रधान डाकघर नई दिल्ली को पत्र लिखिए जिसमें उसके किसी उल्लेखनीय कार्य का उल्लेख हो। सेवा में महोदय निवेदन यह है कि मैं नाईवाला बाग करोलबाग का निवासी हूँ। मैंने और
आसपास के कई मित्रों ने बैंकिंग भर्ती बोर्ड लखनऊ मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि इन्हें (श्री श्याम शरण) को उनकी कर्तव्यनिष्ठा के लिए सम्मानित करने की कृपा करें। सधन्यवाद 12. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मानसरोवर गार्डेन शाखा के प्रबंधक को प्रार्थना पत्र लिखिए जिसमें खाता खोलने का अनुरोध किया गया हो। सेवा में महोदय विनम्र निवेदन यह है कि मैं भारतीय स्टेट बैंक आफ इंडिया की इस शाखा में खाता खुलवाना चाहता हूँ। सरकार द्वारा छात्रों को प्रदत्त की जाने वाली आर्थिक सहायता अब विद्यालयों में नकद न देकर सीधे उनके खाते में स्थानांतरित की जाएगी। इस कारण मेरा भी खाता होना आवश्यक है। इसके लिए मैं आवश्यक कागजात भी जमा करा हूँ। सधन्यवाद संलग्नक –
13. आप जिस नई कालोनी में रहते हैं, वहाँ से बस की कोई सुविधा नहीं है। इसका अनुचित फायदा प्राइवेट बस वाले उठाते हैं।
क्षेत्रवासियों को होने वाली असुविधा का उल्लेख करते हुए वजीरपुर डिपो के महाप्रबंधक को पत्र लिखिए। सेवा में महोदय आपसे प्रार्थना है कि इस कॉलोनी से नई बस सेवा शुरू करने की कृपा करें। सधन्यवाद 14. अपने क्षेत्र में पार्क विकसित करने के लिए उत्तरी नगर निगम के मुख्य उद्यान
निरीक्षक को पत्र लिखिए। सेवा में महोदय निवेदन यह है कि मैं बुराड़ी के कौशिक एन्क्लेव का निवासी हूँ। इस कॉलोनी को बसे हुए पंद्रह साल से अधिक बीत गया है। यहाँ पार्क के लिए जो जगह छोड़ी गई थी, वह आज भी वैसी ही बदहाल स्थिति में पड़ी हुई है। उपेक्षा के कारण पार्क की यह ज़मीन कूड़ेदान में परिवर्तित होती जा रही है। इस कारण बदबू और गंदगी फैल रही है। इस जगह को यदि पार्क में विकसित कर दिया जाए तो इसका सौंदर्य बढ़ने के साथ-साथ यहाँ के लोगों को सुबह-शाम घूमने और समय बिताने की जगह भी मिल जाएगी। अतः आपसे प्रार्थना है कि खाली पड़ी इस जगह को पार्क के रूप में विकसित करने का कष्ट करें। सधन्यवाद 15. आपका मोबाइल फ़ोन चलती बस में चोरी हो गया है। इसकी सूचना देते हुए अपने क्षेत्र के थानाध्यक्ष को पत्र लिखिए। सेवा में महोदय निवेदन यह है कि आज सवेरे पीरागढ़ी से उत्तमनगर रुट संख्या 883 की बस से जाते समय मुझे सीट नहीं मिली, इसलिए खड़े-खड़े उत्तम नगर जाना पड़ा। जनकपुरी डिस्टिक सेंटर पर कुछ लोग बस में चढ़े जिनमें चार-पाँच युवक भी थे। उन्होंने आते ही आगे बढ़ते हुए धक्का-मुक्की शुरू कर दी। इसी बीच वे अगले गेट से उतर गए। बस चली ही थी कि मैंने जेब में हाथ डाला तो मोबाइल फ़ोन गायब था। काले रंग की 5.5 इंच वाला यह फ़ोन रेडमी नोट फोर माडल का था। आपसे प्रार्थना है कि इसकी प्राथमिक सूचना दर्ज करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करें और मिलने पर नीचे दिए गए पते पर सूचित करने की कृपा करें। सधन्यवाद (3) शिकायती पत्रों का प्रारूप 16. आपके क्षेत्र में सफाई की बदहाल स्थिति के कारण लोगों का जीना कठिन होता जा रहा है। इस ओर ध्यान आकर्षित करते हुए अपने क्षेत्र के प्रचार अधिकारी को पत्र लिखिए। उत्तरः 315/7B क्षेत्रीय स्वास्थ्य अधिकारी महोदय मैं आपका ध्यान अपने क्षेत्र जीवन विहार की सफाई की दयनीय स्थिति की ओर आकर्षित करवाना चाहता हूँ। इस क्षेत्र में सफाई के लिए नियुक्त कर्मचारी सप्ताह में एक या दो दिन ही आते हैं और सफ़ाई के नाम आधा-अधूरा काम करके जाने की जल्दबाजी में रहते हैं। वे सड़क के किनारे ही कूड़े का ढेर लगा देते हैं जिसे आवारा जानवर बिखरा देते हैं और उस पर मल-मूत्र त्यागते हैं। इससे मक्खी-मच्छरों की बाढ़-सी आ गई है। मलेरिया के बढ़ते मरीज इसके प्रमाण हैं। आपसे प्रार्थना है कि आप इस मामले में व्यक्तिगत रुचि लेकर क्षेत्र में सफाई की व्यवस्था में सुधार लाने हेतु आवश्यक कदम उठाएँ। धन्यवाद 17. आपके क्षेत्र में डेंगू, मलेरिया और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियाँ पैर पसारने लगी हैं। अस्पतालों में रोगियों की
भरमार लगी है। चिकित्सीय सुविधाओं के अभाव की ओर ध्यान दिलाते हुए स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखिए। सेवा में महोदय, निवेदन यह है कि बरसात का मौसम अपने साथ कई बीमारियाँ भी लेकर आता है। साफ़-सफ़ाई और देख-रेख के अभाव में ये बीमारियाँ जानलेवा बन जाती हैं। हमारे क्षेत्र में जगह-जगह पानी भरने और गंदगी के कारण मच्छर-मक्खियों की भरमार हो गई है। इससे क्षेत्र में डेंगू, मलेरिया और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियाँ पैर पसारने लगी हैं। इनके इलाज के लिए अस्पतालों में मरीजों की लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं। इन अस्पतालों में चिकित्सीय सुविधाओं जैसे डॉक्टर, दवाएँ, बेड आदि की कमी के कारण कई लोग असमय मौत का शिकार बन चुके हैं। लोगों की जान बचाने के लिए चिकित्सीय सुविधाएँ बढ़ाने की तुरंत आवश्यकता है। आपसे प्रार्थना है कि आप इस क्षेत्र के अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण कर वास्तविक स्थिति को जानें और चिकित्सीय सुविधाएँ बढ़ाने के लिए तुरंत निर्देश दें। धन्यवाद सहित 18. अपने क्षेत्र के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखिए जिसमें नगर में बढ़ती चोरियों पर चिंता व्यक्त की गई हो तथा उनकी रोकथाम हेतु आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया गया हो। सेवा में महोदय मैं आपका ध्यान अपने मोहल्ले पूजा कॉलोनी में बढ़ती चोरी की घटनाओं की ओर
आकर्षित करवाना चाहता हूँ। आपसे प्रार्थना है कि इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करते हुए पुलिस गस्त बढ़ाने एवं अन्य आवश्यक कदम उठाने की कृपा करें। सधन्यवाद 19. अपने क्षेत्र के विद्युत प्रदाय संस्थान के महाप्रबंधक को पत्र लिखिए जिसमें परीक्षा के दिनों में बिजली की बार-बार कटौती से उत्पन्न समस्या का वर्णन हो। परीक्षा भवन महोदय मैं आपका ध्यान अपने मुहल्ले सिंगलपुर गाँव में बिजली की बार-बार की जा रही अघोषित कटौती की ओर आकर्षित करवाना यहाँ पिछले एक महीने से बिजली की आँख मिचौली जारी है। बिजली कब आएगी और चली जाएगी, इसका पता नहीं है। सबसे ज्यादा समस्या तो सुबह-शाम होने वाली कटौती से होती है। इधर हम छात्रों की एस.ए.वन की परीक्षाएँ आने वाली हैं। इसकी तैयारी में बिजली के बिना बहुत परेशानी हो रही है। इससे पूर्व भी हम कई बार मौखिक शिकायत कर चुके हैं, पर इसका कोई परिणाम नहीं निकला। आपसे प्रार्थना है कि आप इस मामले में व्यक्तिगत रुचि लें तथा हम छात्रों का भविष्य और लोगों को होने वाली परेशानियों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए शीघ्र उचित कदम उठाएँ। सधन्यवाद 20. महानगर टेलीफ़ोन निगम लिमिटेड के महाप्रबंधक को पत्र लिखिए जिसमें आपकी कॉलोनी में नेटवर्क खराब रहने तथा अचानक बढ़कर आए बिल का उल्लेख किया गया हो। परीक्षा भवन महोदय मैं आपका ध्यान अपने नागिया पार्क मुहल्ले की एम.टी.एन.एल. सेवा की कमी और अचानक बढ़कर आए बिल की ओर आकर्षित करवाना चाहता हूँ। अतः आपसे प्रार्थना है कि इस मामले में तुरंत आवश्यक कदम उठाएँ एवं सेवा में सुधार करते हुए दुबारा वास्तविक बिल प्रदान करवाएँ। सधन्यवाद, 21. आपने सैमसंग कंपनी का महँगा मोबाइल फ़ोन खरीदा पर आपको वैसी सेवाएँ एवं सुविधाएँ नहीं मिल पा
रही हैं जिसके लिए आपने खरीदा था। उसकी कमियों का उल्लेख करते हुए ‘यंग जनरेशन टेलीकॉम’ मैनेजर को पत्र लिखिए। ए.75/5 महोदय मैं आपका ध्यान उस मोबाइल फ़ोन की ओर आकर्षित करवाना चाहता हूँ जिसके संबंध में सेल्स ब्वाय बड़ी-बड़ी बातें कर रहा था। आपसे प्रार्थना है कि इस फ़ोन की आप स्वयं जाँच करवाएँ ताकि आप इसकी स्थिति स्वयं जान सकें तथा इसे बदलकर आप दूसरा मोबाइल फ़ोन प्रदान करने की कृपा करें। धन्यवाद संपादकीय पत्र संपादक के नाम लिखे जाने वाले पत्र का प्रारूप संपादकीय पत्रों के उदाहरण 22. निरंतर बढ़ती महँगाई से जनता को हो रही परेशानियों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित कराने के लिए किसी दैनिक समाचार के संपादक को पत्र लिखिए। परीक्षा भवन महोदय आपके सम्मानित एवं लोकप्रिय पत्र के माध्यम से मैं सरकार का ध्यान निरंतर बढ़ती महँगाई से उत्पन्न लोगों की परेशानियों की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। अगस्त महीने से फल एवं सब्जियों के दामों में जो वृद्धि शुरू हुई, वह रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। दालों के दाम पहले से ही आकाश छू रहे हैं। आटा, चीनी, चावल, मसाले सभी के दाम बढ़ते जा रहे हैं। इस महँगाई की सबसे अधिक मार जनता को झेलनी पड़ रही है, जिससे उसकी कमर टूट रही है। इस वर्ग के लिए दाल-रोटी मिलना भी मुश्किल होता जा रहा है। रही-सही कसर जमाखोर पूरी कर रहे हैं। सरकार भी उदासीन रवैया अपनाए हुए है। आपसे प्रार्थना है कि इसे आप अपने समाचार-पत्र में छापने की कृपा करें, ताकि सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट हो तथा वह महँगाई रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए। धन्यवाद 23. मिलावट एवं जमाखोरी की समस्या की ओर सरकार एवं अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करते हुए किसी समाचार संपादक को पत्र लिखिए। परीक्षा भवन महोदय मैं आपके सम्मानित एवं लोकप्रिय पत्र के माध्यम से जमाखोरी एवं मिलावट की समस्या की ओर सरकार एवं अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूँ। इन दिनों मिलावट एवं जमाखोरी की समस्या दिन दूनी-रात चौगुनी गति से बढ़ रही है। शुद्ध सामान मिलना दुर्लभ हो गया है। नैतिकता एवं ईमानदारी की कसमें खाने वाले दुकानदार लगभग हर खुले सामान में मिलावट करके खुद मोटा मुनाफा कमाते हैं पर जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हैं। ये दुकानदार आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी कर महँगाई बढ़ाते हैं। मिलावट एवं जमाखोरी रोकने का दायित्व जिन अधिकारियों पर है, वे आँखें बंद किए बैठे हैं। कृपया इसे अपने समाचार पत्र में स्थान दें, ताकि सरकार एवं अधिकारी इसे रोकने की दिशा में प्रयास करें। धन्यवाद 24. आपके मुहल्ले को शहर से जोड़ने वाली सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो. गए हैं जिससे आए दिन दुर्घटनाएं
होती रहती है। इस ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए किसी दैनिक समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए। A 120/4 महोदय आपके सम्मानित एवं लोकप्रिय पत्र के माध्यम से मैं सरकार का ध्यान सड़क पर हुए उन गड्ढों की ओर ले जाना चाहता हूँ जो दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। हमारे मुहल्ले से रिंग रोड को जोड़ने वाली सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। ये गड्ढे एक-दो नहीं बल्कि हज़ारों की संख्या में हैं। इनके कारण सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है। बरसात के दिनों में इनमें पानी भर जाने से स्थिति और भी खराब हो जाती है। यहाँ आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। स्थानीय नेता इस समस्या को अनदेखा किए बैठे हैं। आपसे प्रार्थना है कि आप इसे अपने समाचार पत्र में छापने का कष्ट करें, ताकि संबंधित अधिकारियों का ध्यान इस ओर जाए और वे इसे सुधारने हेतु कदम उठाएँ। सधन्यवाद 25. आपने देखा कि आपके
शहर की मुख्य सड़क पर लगी लाइटें खराब हो चुकी हैं। इस कारण रात में सड़क पर अँधेरा रहता है। इस ओर ध्यान आकर्षित कराने हेतु किसी समाचार संपादक को पत्र लिखिए। बी-124/4 महोदय आपके सम्मानित एवं लोकप्रिय पत्र के माध्यम से मैं लोक निर्माण विभाग (सड़क) के अधिकारियों का ध्यान खराब पड़ी लाइटों की ओर ले जाना चाहता हूँ। रिंग रोड पर लोगों के सुचारु आवागमन हेतु लाइटें लगवाई गई थीं, पर इनकी मरम्मत पर ध्यान न दिए जाने से ये लाइटें कब की खराब हो चुकी हैं। इससे इस मुख्य सड़क पर अँधेरा बना रहता है। यह अँधेरा लूटपाट और दुर्घटना का कारण बन रहा है। जिन अधिकारियों पर इसकी देख-रेख का जिम्मा हैं, वे उदासीन बने बैठे हैं। आपसे प्रार्थना है कि इसे अपने समाचार पत्र में छापने का कष्ट करें ताकि संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी इस ओर ध्यान दें और इनकी मरम्मत हेतु आवश्यक कदम उठाएँ। सधन्यवाद, भवदीय (5) आवेदन पत्र ( नौकरी आदि के लिए) का प्रारूप 26. उत्तरी दिल्ली नगर निगम में प्राथमिक अध्यापकों के कुछ पद रिक्त हैं। इस पद हेतु अपनी योग्यता का उल्लेख करते हुए सहायक आयुक्त (शिक्षा) को आवेदन पत्र प्रस्तुत कीजिए। सेवा में महोदय 11 सितंबर 20XX के नवभारत टाइम्स में प्रकाशित विज्ञापन के संबंध में मैं भी अपना आवेदन पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ, जिसका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है – अनुभव-संत सुजान सिंह पब्लिक स्कूल में 1 वर्ष से प्राथमिक शिक्षक पद पर कार्यरत है। घोषणा-उपर्युक्त विवरण मेरी जानकारी के अनुसार पूर्णतः सत्य है। आशा है कि मेरी योग्यता पर विचार कर आप सेवा का अवसर अवश्य देंगे। सधन्यवाद 27. पंजाब नेशनल बैंक लखनऊ में कंप्यूटर आपरेटर्स के कुछ पद रिक्त हैं। अपनी योग्यता का संक्षिप्त विवरण देते हुए मुख्य प्रबंधक को आवेदन पत्र लिखिए। सेवा में महोदय 02 सितंबर 20XX को ‘स्वतंत्र भारत’ समाचार पत्र में प्रकाशित विज्ञापन के जवाब में मैं उक्त पद हेतु अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ, जिसका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है – शैक्षिक योग्यता – अनुभव-ग्रामीण बैंक गोमतीनगर में दो वर्ष से कंप्यूटर आपरेटर पद पर कार्यरत। सधन्यवाद 28. प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय द्वारा संचालित सायंकालीन कक्षाओं में पढ़ाने हेतु कुछ उत्साही युवकों की आवश्यकता है। अपनी योग्यता का विवरण देते हुए आवेदन पत्र प्रस्तुत कीजिए। सेवा में महोदय 07 जुलाई 20XX के समाचार पत्र से ज्ञात हुआ कि इस कार्यालय को कुछ ऐसे नवयुवकों की आवश्यकता है, जो सायंकालीन कक्षाओं में पढ़ा सके। इसके लिए मैं भी अपना आवेदन पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ। नाम – सुनील शर्मा शैक्षिक योग्यता – अनुभव-सैनी पब्लिक स्कूल रोहतक में तीन साल से प्राथमिक अध्यापक पद पर कार्यरत। सधन्यवाद 29. दिल्ली विकास प्राधिकरण को कुछ कार्यालय सहायकों की आवश्यकता है। अपनी योग्यता का उल्लेख करते हुए प्राधिकरण के विकास अधिकारी को आप भी आवेदन पत्र प्रस्तुत कीजिए। सेवा में महोदय 15 अक्टूबर 20XX को प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र हिंदुस्तान से ज्ञात हुआ कि आपके कार्यालय में कुछ सहायकों की आवश्यकता है। प्रार्थी भी अपना आवेदन पत्र प्रस्तुत कर रहा है, जिसका विवरण इस प्रकार है – नाम – मयंक कुमार शैक्षिक योग्यता अनुभव-छह महीने से प्राइवेट कंपनी में क्लर्क के रूप में कार्यरत। आशा है मेरी योग्यताओं पर विचार कर आप सेवा का अवसर प्रदान करेंगे। सधन्यवाद VI. अन्य पत्र व्यावसायिक पत्र 30. किसी प्रकाशक को पत्र लिखकर सूचित कीजिए कि उनके द्वारा भेजी गई पुस्तकों का पार्सल अब तक नहीं मिला है। सेवा में महोदय पिछले सप्ताह मैंने पचास पुस्तकों की सूची और बीस हज़ार रुपये का चेक आपके प्रकाशन के नाम पर भेजा था। इसके साथ भेजे गए पत्र में ये पुस्तकें शीघ्र ही डाक द्वारा भेजने का अनुरोध किया था। दुर्भाग्य से दस दिन बीत जाने पर भी वह पार्सल मुझे अब तक नहीं मिल पाया है। आपसे अनुरोध है कि यदि आपको पार्सल अब तक न भेजा हो तो कृपया अविलंब भेजने का कष्ट करें। धन्यवाद आमंत्रण पत्र – 31. आपके विद्यालय ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का फैसला किया है। इस कार्यक्रम
में शिक्षा मंत्री दिल्ली सरकार सेवा में माननीय महोदय आपको यह सूचित करते हुए हमें अत्यंत हर्ष की अनुभूति हो रही है कि गतवर्ष की भांति इस वर्ष भी हमारे विद्यालय में हिंदी दिवस मनाने का फैसला लिया गया है। इसमें हिंदी से जुड़ा एक कवि सम्मेलन तथ अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम मनाएँ जाएँगे। विद्यालय प्रबंधन चाहता है कि इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएँ। कृपया अपनी स्वीकृति प्रदान कर हमें कृतार्थ करें। सधन्यवाद। अनौपचारिक पत्र – अनौपचारिक पत्र का प्रारूप अनौपचारिक पत्रों के उदाहरण बड़ों को पत्र 1. आपको नए सत्र के आरंभ में पुस्तकें,
ड्रेस तथा कापियाँ खरीदने के अलावा फ़ीस भी जमा करवाना है। इसका उल्लेख करते हुए रुपये मँगवाने के लिए अपने पिता को पत्र लिखिए। छात्रावास दयाल पूज्य पिता जी मैं यहाँ सकुशल रहकर आशा करता हूँ कि आप सभी लोग आनंद से होंगे। पिता जी, कल घोषित हुए परिणाम से पता चला कि मैं कक्षा में प्रथम आया हूँ, यह जानकर आपको काफ़ी खुशी होगी। नए सत्र, की पढ़ाई 02 अप्रैल से शुरू हो जाएगी। इसके लिए मुझे नई किताब-कापियाँ और ड्रेस खरीदनी है। इसके अलावा छात्रावास की फ़ीस भी जमा करवानी है। इसके लिए मुझे पाँच हज़ार रुपये की आवश्कता है। किताब-कापियाँ खरीदकर मैं नए सत्र की पढ़ाई शुरू कर दूंगा। आप रुपये मेरे खाते में जमा करवा दीजिएगा ताकि मैं समय से फ़ीस जमा कर सकूँ। पूज्य माता जी को प्रणाम और चाँदनी को स्नेह। शेष सब कुशल है। पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में, आपका प्रिय पुत्र 2. आप अपने विद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जाना चाहते हैं। इसके लिए अनुमति माँगते हुए अपने पिता
जी को पत्र लिखिए। परीक्षा भवन मैं यहाँ सकुशल रहकर आशा करता हूँ कि आप भी सकुशल होंगे। मैं आप सब की कुशलता हेतु प्रार्थना करता हूँ। पिता जी, आपको तो पता ही होगा कि आजकल फैज़ाबाद और उसके आसपास के क्षेत्र में बाढ़ आई हुई है। इससे वहाँ रहने वालों का जीवन संकट में पड़ गया है। इन बाढ़ पीड़ितों की मदद से हमारे विद्यालय से एक दल राहत सामग्री, दवाइयाँ और कपड़े लेकर जा रहा है। इसमें हमारी कक्षा के छात्र-छात्राएँ भी जा रहे हैं। मनुष्यता की सेवा के इस पावन काम में मैं भी हाथ बँटाना चाहता हूँ। इसके लिए आपकी अनुमति की आवश्यकता है। पूज्या माता जी को चरण स्पर्श और शैली को प्यार। शेष सब ठीक है। पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में, आपका प्रिय पुत्र 3. आप इस ग्रीष्मावकाश में विद्यालय के तरणताल में तैराकी सीखना चाहते हैं। इसकी फ़ीस के लिए रुपये तथा अनुमति माँगते हुए पत्र लिखिए। विवेकानंद छात्रावास पूज्य
पिता जी मैं यहाँ सकुशल रहकर आशा करता हूँ कि आप भी सकुशल होंगे। पिता जी आपको यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता होगी कि मैंने जिला स्तर पर नौवीं कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। यह पूज्य माता जी एवं चाची जी को प्रणाम तथा सोनू को प्यार। शेष कुशल है। पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में, आपका प्रिय पुत्र 4. छात्रावास में मिलने वाले भोजन और वहाँ की अन्य सुविधाओं के बारे में पत्र लिखकर अपनी माता को बताइए कि वे चिंताग्रस्त न हों। चंद्रगुप्त मौर्य छात्रावास आपका भेजा पत्र कल शाम को मिला पत्र पढ़कर जाना
कि जब से मैं छात्रावास में आया हूँ तब से आप काफ़ी चिंतित रहती हैं। माँ, सच तो यह है कि शुरू-शुरू में एक-दो दिन मेरा मन भी बड़ा उदास रहा, परंतु जल्दी ही एक-दो सहपाठी मेरे मित्र बन गए। इसके अलावा यहाँ मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता बहुत ही अच्छी है। यहाँ स्वाद का ध्यान कम पौष्टिकता को अधिक महत्त्व दिया जा रहा है। इसके अलावा यहाँ का विशाल खेल का मैदान, पढ़ाई की उत्तम व्यवस्था तथा हम सभी को अपना समझने वाले गुरुजन हैं। इससे मेरा मन छात्रावास में लग गया है। अब आप बिल्कुल भी चिंता न करना। शेष सब ठीक पूज्य पिता जी को प्रणाम तथा संचिता को स्नेह। पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में, आपका प्रिय पुत्र 5. अपनी माता जी को पत्र लिखकर बताइए कि उनके बताए नियमानुसार पढ़ाई करने से ही आप इतने अच्छे अंक ला सकते हैं। परीक्षा भवन मैं यहाँ सकुशल रहकर आशा करता हूँ कि आप सब भी सकुशल होंगे। माँ आपको यह जानकर काफ़ी प्रसन्नता होगी कि मैंने अपनी कक्षा में दूसरा स्थान प्राप्त किया है, जबकि एस.ए-I में फेल होते-होते बचा था। यह सब आपके कुशल निर्देशन एवं सीख का परिणाम है। मैंने आपकी बातों पर ध्यान देकर सवेरे उठना शुरू किया और टाइम-टेबल बनाकर पढ़ाई शुरू कर दी। मैंने हर विषय की पढ़ाई के लिए बराबर समय दिया और कठिन प्रश्नों के उत्तर के लिए सहपाठियों एवं अध्यापकों की सहायता ली। परीक्षा के समय पाठ्यक्रम दोहराया। हाँ प्रश्नों के उत्तर लिखते समय आपकी बातों का बराबर ध्यान रखा। इसका परिणाम अब सामने है। आशा है कि आप भविष्य में भी ऐसी ही सहायता करती रहेंगी। पूज्य पिता जी को चरण स्पर्श और सुरभि को स्नेह कहना। पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में, आपका प्रिय पुत्र 6. आपके चाचा-चाची चार धाम की यात्रा पर जा रहे हैं। उनकी सफल एवं मंगलमय यात्रा के लिए शुभकामनाएँ देते हुए पत्र लिखिए। परीक्षा भवन मैं यहाँ सकुशल रहकर आशा करता हूँ कि आप सब भी सकुशल होंगे। आपकी कुशलता हेतु ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ। चाचा जी, यह जानकर अतीव हर्ष हुआ कि ईश्वर की असीम कृपा से आप चार धामं की यात्रा पर जा रहे हैं। वास्तव में यह पूरे परिवार के लिए हर्ष का विषय है कि आपको इस धार्मिक यात्रा के बहाने भ्रमण का सुअवसर मिल जाएगा। इससे एक पंथ दो काज वाली कहावत चरितार्थ हो जाएगी। इस यात्रा के लिए मैं बार-बार शुभकामनाएँ देता हूँ। ईश्वर करे कि आपकी यह यात्रा सफल एवं मंगलमय हो। पत्रोत्तर में अपनी यात्रा के बारे में अवश्य लिखिएगा। पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में, आपका भतीजा 7. अपने बड़े भाई की स्वास्थ्य संबंधी सलाह मानने के कारण आपका स्वास्थ्य सुधरता जा रहा है। इसके लिए उन्हें
धन्यवाद देते हुए पत्र लिखिए। आनंद निकेतन छात्रावास मैं यहाँ सकुशल रहकर आशा करता हूँ कि आप सब भी सकुशल होंगे। इसके लिए मैं ईश्वर से यही प्रार्थना करता हूँ। भाई साहब, इस बार छात्रावास में आते ही मैंने आपके बताने के अनुसार प्रातः पाँच बजे उठना शुरू कर दिया हूँ। मैं आधे घंटे तक व्यायाम करता हूँ, दौड़ता हूँ। इसे मैंने प्रतिदिन का नियम बना लिया है। शाम को मैं एक-डेढ़ घंटे नियमित रूप से खेलों में भाग ले रहा हूँ। इससे मेरा आलस्य कम हो रहा है और पढ़ाई में मेरा मन लगने लगा है। अब मैं हर काम के लिए उत्साहित रहता हूँ। यह सबकुछ आपके सुझाव एवं निर्देशन के कारण संभव हो पाया है। इसके लिए आपको बार-बार धन्यवाद देता हूँ। भविष्य में भी आप ऐसा ही सहयोग बनाए रखेंगे ऐसी आशा है। पूज्या माता एवं पिता जी को चरण स्पर्श तथा विभा को स्नेह। पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में, आपका अनुज समान उम्रवालों को पत्र 8. आपके मित्र ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा में जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया
है। इस खुशी में शामिल होते हुए उसे बधाई पत्र लिखिए। ए. 37/5, रामा मार्ग मैं यहाँ सकुशल रहकर तुम्हारी कुशलता हेतु ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ। मित्र! कल समाचार-पत्र में तुम्हारा नाम और फोटो देखकर सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि सचमुच में तुम्हीं हो। मित्र, जनपद भर में बोर्ड परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करना बड़ी उपलब्धि है। इस शानदार उपलब्धि पर मैं तुम्हें बार-बार बधाई देता हूँ। इस सफलता से तुमने अपने साथ-साथ परिवार, विद्यालय, गुरुजन और मित्रों को भी गौरवान्वित किया है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि भविष्य में भी वह तुम्हारा साथ दे और तुम इससे भी बढ़कर सफलता अर्जित करो। इस शानदार सफलता के लिए एक बार पुनः मेरी बधाई स्वीकार करो। अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना। पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में, तुम्हारा अभिन्न मित्र 9. आपके मित्र का चयन अपने राज्य की अंडर नाइनटीन क्रिकेट टीम में हो गया है। उसे और परिश्रम करने की सलाह देते हुए शुभकामना-पत्र लिखिए। परीक्षा भवन मैं यहाँ सकुशल रहकर आशा करता हूँ कि तुम भी स्वस्थ एवं प्रसन्न होंगे। मित्र! यह जानकर अतीव हर्ष हुआ कि तुम्हारा चयन अपने राज्य उत्तर प्रदेश की अंडर नाइनटीन क्रिकेट टीम में हो गया है। यह हम सबके लिए अत्यंत खुशी की बात है। मित्र! यूँ तो चयन होना ही अपने आप में एक विशिष्ट उपलब्धि है, पर अब तुम्हें और अधिक परिश्रम करने की आवश्यकता है। अब अपने खेल पर खूब ध्यान दो। इस परिश्रम का फल तुम्हें अवश्य मिलेगा। इस चयन से हम सबकी बहुत-सी आशाएँ जुड़ी हैं जो आगे साकार होंगी। एक अच्छा क्रिकेट खिलाड़ी बनने के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार करो। अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना। शेष मिलने पर, 10. अपने मित्र की दादी जी के आकस्मिक निधन पर शोक संवेदना-पत्र लिखिए। आप 37 B/4 महात्मा गांधी मार्ग साकेत दिल्ली निवासी विक्रम हो। 37 B/4 कल शाम को तुम्हारा भेजा पत्र मिला। पढ़कर बड़ा दुख हुआ कि तुम्हारी ममतामयी दादी जी का आकस्मिक निधन हो गया। इससे तुम्हें जो दुख हुआ होगा, उसे शब्दों में बाँधना कठिन है। मित्र! तुम्हारी दादी अभी तो पूरी तरह स्वस्थ थी, पर उस प्रभु की लीला को कौन जान सकता है। जीवन-मरण उसी के हाथ में है। दादी जी का यह चिरवियोग बड़ा ही दुखदायी है। दुख की इस घड़ी में मैं तुम्हारे साथ हूँ। ईश्वर तुम्हें यह दुख सहन करने की शक्ति दे तथा दिवंगत दादी जी की आत्मा को शांति दे। दुख की इस घड़ी में तुम अपना साहस एवं धैर्य अवश्य बनाए रखना। शेष मिलने पर! तुम्हारा अभिन्न मित्र 11. तमिलनाडु में रहने वाले अपने मित्र को दशहरा अवकाश के दौरान अपने शहर दिल्ली आने के लिए आमंत्रित करते हुए पत्र लिखिए। परीक्षा भवन मैं यहाँ सकुशल रहकर आशा करता हूँ तुम भी सकुशल होंगे और तुम्हारी कुशलता हेतु कामना करता हूँ। मित्र! तुम्हें यह जानकर हर्ष होगा कि हमारी एस.ए. I की परीक्षाएँ समाप्त होते ही दशहरा अवकाश शुरू हो जाएगा। यह भी अजीब संयोग है कि इधर परीक्षा खत्म और उधर छुट्टियाँ शुरू। मेरी इच्छा है कि इस बार की छुट्टियाँ तुम हमारे साथ देश की राजधानी दिल्ली में मनाओ और दशहरे की रामलीला का आनंद उठाओ। तुम्हारे साथ झाँकियाँ और रामलीला देखने का आनंद कई गुना बढ़ जाएगा। इस बार ये छुट्टियाँ 30 सितंबर से हो रही हैं। इनमें हम मेट्रो की वातानुकूलित यात्रा का आनंद भी उठाएँगे। अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना। शेष अगले पत्र में, तुम्हारा अभिन्न मित्र 12. आपके क्षेत्र में डेंगू और
चिकनगुनिया फैल गया है। इससे यहाँ बीमारी की संभावना बढ़ गई है। इसका उल्लेख करते हए अपने उस मित्र को पत्र लिखिए जो चेन्नई से आपके पास आने वाला है। एफ 32/2B मैं यहाँ सकुशल रहकर आशा करता हूँ कि तुम भी सकुशल होंगे और मैं ईश्वर से यही कामना भी करता हूँ। मित्र! बरसात के मौसम में जगह-जगह जलभराव हो जाता है जिससे मच्छर-मक्खियाँ पनपते हैं। इस समय हमारे क्षेत्र की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है। आजकल यहाँ डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप जोरों पर है। ऐसे में अस्पताल में भरती होने वालों की संख्या में निरंतर बृद्धि होती जा रही है। सरकार द्वारा उठाए गए कदम इसे रोकने में अपर्याप्त सिद्ध हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में यहाँ आना स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। स्थिति सामान्य होने के बाद मैं स्वयं सूचित कर दूंगा। अंकल और आँटी को मेरा प्रणाम कहना। शेष अगले पत्र में, तुम्हारा अभिन्न मित्र 13. आप अपने मित्र के पास दिल्ली आए थे। उसके साथ कुछ समय बिताकर अपने घर
लौट चुके हैं। इसके लिए धन्यवाद देते हुए उसे पत्र लिखिए। विद्यासागर छात्रावास मैं यहाँ सकुशल रहकर आशा करता हूँ कि तुम भी स्वस्थ एवं प्रसन्न होंगे। मित्र! यह पत्र मैं तुम्हें धन्यवाद देने के लिए लिख रहा हूँ। इस दिसंबर का अंतिम सप्ताह मैंने तुम्हारे साथ दिल्ली में बिताया। वह मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगा। तुमने वहाँ के दार्शनिक स्थलों, प्रसिद्ध मंदिरों, सुंदर पार्कों के जो दर्शन कराए उनकी
छवि अब भी ताज़ी हैं और ताज़ी रहेंगी। इतना ही नहीं तुमने दिल्ली के इतिहास तथा वहाँ के महत्त्वपूर्ण स्थलों की जो उपयोगी जानकारी दी है, उससे मेरा ज्ञानवर्धन ही नहीं अपितु मनोरंजन भी हुआ। इसके लिए मैं बार-बार धन्यवाद देना चाहता हूँ। गरमी की छुट्टियों मैं तुम चेन्नई आना। मैं तुम्हें वहाँ की सैर कराऊँगा। तुम्हारा अभिन्न मित्र 13. आपका छोटा भाई वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम आया है। उसे बधाई देते हुए
पत्र लिखिए। परीक्षा भवन हम सभी यहाँ सकुशल रहकर आशा करते हैं कि तुम भी छात्रावास में सकुशल होगे। यह जानकर हम सभी को अत्यंत हर्ष हुआ कि तुमने वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। यह हम सब के लिए गर्व की बात है। हम सबको आश्चर्य हो रहा है कि जी.एस.टी. जैसे कठिन विषय पर भी तुमने अपनी बात जिस वाक्पटुता से कही उसने निर्णायक मंडल के सदस्य प्रभावित हुए बिना न रह सके। इतना ही नहीं तुमने तर्कों और आँकड़ों के मेल से अपनी बातों को तथ्यपूर्ण बना लिया। तुम्हारा यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है। प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार पाने के लिए मैं तुम्हें बार-बार बधाई देता हूँ। आशा है कि तुम भविष्य में भी इसी तरह का प्रयास जारी रखोगे। माता एवं पिता जी की ओर से तुम्हें स्नेह। पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में, तुम्हारा अग्रज 14. छोटे भाई को सफ़ाई का महत्त्व बताते हुए अपने आसपास साफ़-सुथरा रखने की प्रेरणा देते हुए पत्र लिखिए। राधा रमण छात्रावास कल सायं तुम्हारा पत्र मिला। यह जानकर दुख हुआ कि तुम तीन दिन तक ज्वर ग्रस्त रहने के बाद अब स्वस्थ हुए हो। अनुज, निश्चित ही तुमने छात्रावास में साफ़-सफ़ाई पर ध्यान नहीं दिया होगा और बीमार पड़ गए। यह बात निश्चित रूप से समझ लो कि सफ़ाई और स्वास्थ्य का अत्यंत घनिष्ठ संबंध है। सफ़ाई के प्रति लापरवाही होते ही बीमारियाँ आ घेरती हैं। इस कारण अपने तन की ही नहीं, आसपास की सफ़ाई करना भी आवश्यक हो जाता है। महात्मा गांधी ने तो यहाँ तक कहा है कि सफ़ाई ईश्वर का दूसरा नाम हैं। साफ़-सफ़ाई रखने से हम खुद ही नहीं औरों को भी बीमारियों से बचाते हैं। आशा है कि तुम अब साफ़-सफ़ाई पर ध्यान दोगे। शेष कुशल है। माता-पिता की ओर से तुम्हें ढेर सारा प्यार। शेष अगले पत्र में, तुम्हारा अग्रज 15. अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए, जिसमें पटाखों के नुकसान बताते हुए पटाखों के बिना दीपावली मनाने की सीख दी गई हो। परीक्षा भवन हम सभी यहाँ सकुशल रहकर आशा करते हैं कि तुम भी स्वस्थ एवं प्रसन्न होंगे। मोहन! याद है तुम्हें पिछली दीपावली पर ज़िद करके बहुत सारे पटाखे खरीद लिए थे। शाम को पटाखों को जलाते हुए तुम्हारा हाथ झुलस गया था। पटाखों से इसके अलावा और भी हानि होती है। इनसे निकला धुआँ वायु को ज़हरीला बनाता है जिससे स्वाँस की अनेक बीमारियाँ उत्पन्न होती है। इनसे उत्पन्न शोर से छोटे बच्चों, बूढों और मरीजों को विशेष परेशानी होती है। इसके अलावा कूड़ा चारों ओर बिखरा नज़र आता है। पटाखे जलाने से अनेक बच्चे जल जाते हैं और अस्पताल की शरण लेते हैं। मैं सलाह देता हूँ कि इस बार दीपावली पटाखों के बिना मनाओ और स्वस्थ रहने में सबकी मदद करो। आशा ही नहीं विश्वास है कि तुम मेरी बात अवश्य मानोगे। तुम्हारा अग्रज NCERT Solutions for Class 9 Hindiप्रधानाचार्य को अवकाश के लिए पत्र कैसे लिखें?विषय : 2 दिन के अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र।
सविनय निवेदन यह है कि मुझे कल शाम से बुखार हो गया है। जिसके कारण मैं विद्यालय आने में असमर्थ हूँ। डॉक्टर का कहना है कि मुझे ठीक होने में 1-2 दिन लगेंगे। अतः मेरी आपसे प्रार्थना है कि मुझे 15.3.2022 से 16.3.2022 तक का अवकाश स्वीकृत की कृपा करें।
अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को 2 दिन के अवकाश हेतु लिखा गया पत्र कौन सा पत्र होता है?सविनय निवेदन यह है कि में कल रात से ज्वर से पीड़ित हूँ । डॉक्टर ने मुझे 2 दिन आराम करने की सलाह दी है; अन्तः मैं 20 जनवरी से 22 जनवरी 2022 तक विद्यालय आने में असमर्थ हूँ। अतः मेरी आपसे प्रार्थना है कि मुझे 2 दिनों का अवकाश प्रदान करें। इसके लिए मैं सदा आपका आभारी रहूँगा।
आवश्यक कार्य के लिए प्रार्थना पत्र कैसे लिखें?सविनय निवेदन यह है कि मुझे घर पर जरूरी कार्य है। जिस कारण मैं आज पाठशाला में उपस्थित नहीं हो सकता। अतः आप मुझे एक दिन का अवकाश प्रदान करें। आपकी महती कृपा होगी।
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