पुत्र प्राप्ति के लिए शिव जी की पूजा कैसे करे? - putr praapti ke lie shiv jee kee pooja kaise kare?

Shiv puran me putra prapti ke upay ? हेलो दोस्तों नमस्कार आज हम आप लोगों को पुत्र प्राप्ति के लिए शिव मंत्र बताएंगे दोस्तों पुत्र प्राप्ति के लिए शिव मंत्र का जाप करने से आपको संतान की प्राप्ति जरूर होगी संतान की प्राप्ति के लिए शिव भगवान की पूजा करना और उसी के साथ मंत्र का जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर आपको संतान की प्राप्ति जरूर करेंगे जिन दंपति को संतान होने में बाधाएं आती है. या फिर जिन्हें पुत्र प्राप्ति की कामना हो उनके मन की इच्छा इस व्रत से पूरी होती हैं.

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पुत्र प्राप्ति के लिए शिव जी की पूजा कैसे करे? - putr praapti ke lie shiv jee kee pooja kaise kare?

तो चलिए सबसे पहले हम आपको बताते हैं कि पुत्र प्राप्ति के लिए कौन सी पूजा और कौन सा व्रत रखना चाहिए पुत्र की प्राप्ति के लिए शिव भगवान का पूजन करना चाहिए और उन्हीं के द्वारा एक मंत्र बताया गया है उस मंत्र का जाप करके आप पुत्र की प्राप्ति कर सकते हैं तो चलिए आज हम उसी मंत्र और पूजन के बारे में इस आर्टिकल में बात करेंगे सबसे पहले हम आपको बताएंगे कि पुत्र प्राप्ति कैसे होती है फिर उसके बाद बताएंगे कि पुत्र प्राप्ति के लिए वह कौन सा मंत्र है जिससे आप पुत्र प्राप्ति कर सकते हैं।

पुत्र की प्राप्ति कैसे होती है ?

भगवान शिव की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है भगवान शिव की पूजा और उनके कुछ मंत्र का प्रयोग करके आप संतान की प्राप्ति कर सकते हैं।

शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं पुत्र प्राप्ति के लिए ?

पुत्र प्राप्ति के लिए सोमवार के दिन पानी में तिल डालकर स्नान करें। और फिर शिवलिंग की सफेद चंदन, सफेद फूल, पंचामृत, चावल, सुपारी, बेलपत्रआदि से पूजा करें और संतान प्राप्ति के लिए अगर स्वयं की प्रगति चाहते हैं तो भगवान शिव का अभिषेक करें और शिवलिंग के सामने बैठकर ओम नमः शिवाय का जाप करें जिससे आपको पुत्र की प्राप्ति होगी

पुत्र प्राप्ति के लिए मंत्र और विधि |पुत्र प्राप्ति के लिए शिव मंत्र

इस मंत्र की शुरुआत शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार से इस मंत्र की शुरुआत करनी है इसकी शुरुआत कैसे करनी है आपको सबसे पहले शिवजी के मंदिर में जाकर एक शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं और धूप जलाएं चंदन से तिलक लगाएं कलावा भी लेकर जाना है जिस कलावे से माता पार्वती और शिव तो गठबंधन करते हैं उसी कलावे से 7 बार बनते हैं उसके बाद आपको दूध, दही, घी शक्कर, शाहिद यह सब पंचामृत है इनसे भगवान शिव को स्नान कराना है और उसके बाद जब आप पूजा शुरू करोगे तो इस मंत्र का जाप करना है।

मंत्र

ओम बाल शिवाय विदमहे कालिपुत्राय धीमहि तन्नो बटुक प्रचोदयात्

तो सबसे पहले जब आप मंदिर जाएंगे तो शिव भगवान को पंचामृत से स्नान कर आएंगे फिर इसके बाद जल से स्नान कर आएंगे पंचामृत से स्नान करा लेते हैं तो उसके बाद जल और दूध में थोड़ी सी मिश्री डालकर स्नान कराएं उसके बाद देसी घी का दीपक जलाएं धूप जलाएं चंदन का तिलक लगाएं यह सब करने के बाद धतूरा अवश्य चढ़ाएं भगवान शिव को धतूरे के फूल आपको अर्पण करने हैं.

11 बेलपत्र जिन पर चंदन से आपको शिव लिखना है उन बेलपत्र को धतूरे के साथ भगवान शिव को अर्पण कर देना है उसके बाद ₹2 का एक सिक्का लेकर अपने हाथ में अपने मन में अपनी मनोकामना का आवाहन करना है और उसे अर्पण कर देना है.

भगवान शिव को और फिर उनसे कहना है कि हे भगवान भोलेनाथ मेरी यह पूजा स्वीकार कीजिए सवा रुपए मैं आपको अर्पण कर रही हूं मुझे संतान प्राप्ति का वरदान दीजिए उसके बाद घर पर भी भगवान शिव के सामने एक देसी घी का दीपक जलाएं और रुद्राक्ष की माला से 108 बार मंत्र का जाप करें।

पुत्र प्राप्ति के लिए कौन सा जाप करें ?

ऊं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ।। यह मंत्र एक लाख बार जपने से सिद्ध होता है। मंत्र को जीवापोता, स्फटिक या रूद्राक्ष की माला से जपना चाहिए

पुत्र की प्राप्ति के लिए कौन सा दिन अच्छा है ?

पुत्र प्राप्ति के लिए पुराने आयुर्वेद ग्रंथों में पुत्र और पुत्री की प्राप्तिके लिए दिन-रात शुक्ल कृष्ण पक्ष तथा महावरी के दिन से लेकर सोलहवें दिन तक का महत्व बताया गया है पुत्र की प्राप्ति के लिए आयुर्वेदा ग्रंथ बहुत ही अच्छा ग्रंथ माना जाता है.

संतान प्राप्ति के लिए उपाय

  • सावन के महीने में प्रतिदिन स्नान करके शिव मंदिर में जाएं जल चढ़ाएं और बेलपत्र अर्पित करें आपको मनचाही संतान की प्राप्ति होगी दोस्तों अगर आप भगवान शिव को जो चीजें पसंद है वह आप भगवान शिव को अर्पित करते हैं तो वह अति प्रसन्न होंगे.
  • सुबह-सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पूरी तरह से पवित्र वस्त्र पहन कर सूर्य भगवान को जल अर्पित करें और उसके बाद घर के मंदिर में या फिर आसपास के अन्य मंदिर में गेहूं के आटे से 11 शिवलिंग बनाएं ध्यान रहे शिवलिंग का आकार हाथ के अंगूठे से बड़ा नहीं होना चाहिए
  • पूजा में कोई विशेष की नहीं है बस आपका मन पवित्र होना चाहिए आपके वस्त्र साफ-सुथरे होने चाहिए किसी के लिए छल कपट और निंद्रा नहीं है
  • आपको शिवलिंग का 11 बार जल अभिषेक करना है और इस जल का कुछ भाग प्रसाद के रूप में ग्रहण करना है बेलपत्र, धतूरा , चावल हे भगवान शिव को प्रसन्न करें.

FAQ: पुत्र प्राप्ति के लिए शिव मंत्र

पुत्र प्राप्ति के लिए कौन सा जाप करें?

ऊं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ।। यह मंत्र एक लाख बार जपने से सिद्ध होता है। मंत्र को जीवापोता, स्फटिक या रूद्राक्ष की माला से जपना चाहिए।

पुत्र प्राप्ति के लिए कौन सा दिन अच्छा रहता है?

पुराने आयुर्वेद ग्रंथों में पुत्र-पुत्री प्राप्ति हेतु दिन-रात, शुक्ल पक्ष-कृष्ण पक्ष तथा माहवारी के दिन से सोलहवें दिन तक का महत्व बताया गया है।

संतान गोपाल मंत्र कब करना चाहिए?

संतान गोपाल मन्त्र का जप श्री कृष्ण जन्माष्टमी अथवा किसी शुभ मुहूर्त में ही प्रारम्भ करना चाहिए

    निष्कर्ष

    दोस्तों जैसा कि आपने देखा आज हमने आपको पुत्र प्राप्ति के लिए शिव मंत्र बताया इस मंत्र का उपयोग करके आप पुत्र की प्राप्ति कर सकते हैं और यह मंत्र बहुत ही शक्तिशाली है दोस्तों अगर आपको याद कल अच्छा लगा हो तो कमेंट करके जरूर बताएं और ज्यादा से ज्यादा इसे शेयर करें

    पुत्र प्राप्ति हेतु शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं?

    संतान प्राप्ति के लिए शिवजी के समक्ष बैठकर “ऊं नम: शिवाय:” मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। शिवजी की पूजा हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख कर के ही करें। पूजा के बाद शिवजी के मंदिर से जब निकलें तो पीठ उनकी ओर न होने पाए। सोमवार के दिन सफेद कनेल के फूल के साथ भगवान शिव शंकर को भांग और धतूरा भी चढ़ाएं

    कौन सी पूजा करने से पुत्र की प्राप्ति होती है?

    पौष माह में शुक्ल पक्ष एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी नाम जाना जाता है। इस व्रत में भगवान श्रीहरि विष्णु की उपासना की जाती है। संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत सर्वोत्तम माना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से सुखी जीवन के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

    पुत्र प्राप्ति के लिए कौन सा पाठ करना चाहिए?

    संतान गोपाल मंत्र ऊं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।

    पुत्र प्राप्ति के लिए कौन सा दिन अच्छा होता है?

    पुराने आयुर्वेद ग्रंथों में पुत्र-पुत्री प्राप्ति हेतु दिन-रात, शुक्ल पक्ष-कृष्ण पक्ष तथा माहवारी के दिन से सोलहवें दिन तक का महत्व बताया गया है।