कारण : 1 पायरिया की शुरुआत, दांतों की ठीक से देखभाल न करने, अनियमित ढंग से जब-तब कुछ-न-कुछ खाते रहने के कारण तथा भोजन के ठीक से न पचने के कारण होता है। Show
2 लिवर की खराबी के कारण रक्त में अम्लता बढ़ जाती है। दूषित अम्लीय रक्त के कारण दांत पायरिया से प्रभावित हो जाते हैं। 3 मांसाहार तथा अन्य गरिष्ठ भोज्य पदार्थों का सेवन, पान, गुटखा, तम्बाकू आदि पदार्थों का अत्यधिक मात्रा में सेवन, नाक के बजाए मुंह श्वास लेने का अभ्यास, भोजन को ठीक से चबाकर न खाना, अजीर्ण, कब्ज आदि पायरिया होने के प्रमुख कारण हैं। * नीम के पत्ते साफ कर के छाया में सुखा लें। अच्छी तरह सूख जाएँ तब एक बर्तन में रखकर जला दें और बर्तन को तुरंत ढँक दें। पत्ते जलकर काले हो जाएँगे और इसकी राख काली होगी। इसे पीसकर कपड़छान कर लें। जितनी राख हो, उतनी मात्रा में सेंधा नमक पीसकर शीशी में भर लें। इस चूर्ण से तीन-चार बार मंजन कर कुल्ले कर लें। भोजन के बाद दाँतों की ठीक से सफाई कर लें। यह नुस्खा अत्यंत गुणकारी है।अमरूद की हरी पत्तियां या कच्चा अमरूद चबाने से आपको पायरिया जैसे दांतों की समस्या को काबू करने में मदद मिल सकती है। इसको चबाने से मसूढ़ों से खून आना बंद हो जाता है और दांत स्वस्थ रहते हैं। अमरूद के पत्तों में विटामिन सी पाया जाता है, जो दांतों के लिए टॉनिक का काम करता है। अनार के पत्तेअनार अपने आपमें एक असरदार फल है जिससे सेहत को अनगिनत फायदे होते हैं। लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि इसके पत्ते और छिलके भी काफी गुणकारी हैं। इसके पत्तों को काली मिर्च के साथ चबाने से आपको पारिया या मसूड़ों की अन्य रोगों से राहत मिल सकती है। ऐसा करने से दांतों को मजबूत बनाने में भी मदद मिलती है। तुलसी के पत्तेभारत में तुलसी की पूजा की जाती है और इसका कारण इसके चमत्कारिक गुण हैं। आप पायरिया या मुंह की अन्य समस्याओं से राहत पाने के लिए तुलसी के ताजा पत्ते चबा सकते हैं या फिर सूखे पत्तों को सरसों के तेल में मिलाकर मसूड़ों और दांतों पर लगा सकते हैं। पुदीने की पत्तियांयह हरी पत्तियां पायरिया सहित मुंह के कई रोगों के लिए फायदेमंद है। इसमें मौजूद एसेंशियल ऑयल एनारोबिक बैक्टीरिया को मारने में सबसे प्रभावी होता है। ये बैक्टीरिया मसूड़ों की बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनते हैं। यही वजह है कि पुदीना का इस्तेमाल कई टूथपेस्ट में किया जाता है। नीम के पत्तेनीम का कई पारंपरिक भारतीय दवाओं, टूथपेस्ट, माउथवॉश आदि में इस्तेमाल किया जाता है। नीम में शक्तिशाली जीवाणुरोधी गुण होते हैं। जब ओरल हेल्थ की बात आती है, तो नीम बैक्टीरिया और इन्फेक्शन, दांत और मसूड़े की सड़न आदि से होने वाले नुकसान से बचाने में सहायक है। नीम के पत्तों को चबाना मौखिक स्वास्थ्य के लिए सही है। डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। जिन लोगों के मुंह से दुर्गंध आती है, उन्हें दूसरों के सामने शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है। इस दुर्गंध के पीछे कई कारण हो सकते हैं। उनमें में से पायरिया है, जो एक गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्या है। यह मुंह से जुड़ा रोग है, जिसका प्रभाव मसूड़ों और दांतों पर नकारात्मक रूप से पड़ सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम पायरिया के कारण, पायरिया के घरेलू उपचार और पायरिया से बचाव के तरीके के बारे में बताएंगे। यहां बताए जा रहे घरेलू उपचार न सिर्फ पायरिया को होने से रोक सकते हैं, बल्कि पायरिया होने की अवस्था में उसके लक्षणों को कुछ कम भी कर सकते हैं। वहीं, अगर किसी की समस्या गंभीर है, तो उसे मेडिकल ट्रीटमेंट जरूर करवाना चाहिए। सबसे पहले आपके लिए यह जान लेना जरूरी है कि पायरिया क्या है। विषय सूची
पायरिया क्या है? – What is Periodontitis in Hindiकई लोगों के मन में यही सवाल उठता है कि पायरिया क्या है? दरअसल, यह मुंह के स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी बीमारी है, जो मसूड़ों को और दांतों को नुकसान पहुंचा सकती है। पायरिया को मसूड़ों की बीमारी के नाम से भी जाना जाता है। यह रोग दांतों को सहारा देने वाले टिश्यू को प्रभावित करता है। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो पायरिया रोग बहुत गंभीर हो सकता है, जिससे मसूड़ों की पकड़ दांत से कमजोर हो सकती है और यह टूटकर गिर भी सकते हैं (1)। आइए, अब जानते हैं कि पायरिया कितने प्रकार के हो सकते हैं। पायरिया के प्रकार – Types of Periodontitis (Gum Disease) in Hindiपायरिया निम्नलिखित प्रकार के हो सकते हैं (2)।
सामान्य पायरिया (Mild periodontitis) -मसूड़े की सूजन का उपचार न किया जाए, तो यह हल्के पायरिया का कारण हो सकता है। इस स्थिति में मसूड़े, दांतों के आसपास अपनी जगह छोड़ने लगते हैं। इससे दांतों के आसपास की हड्डी को जल्दी नुकसान हो सकता है।
लेख के इस भाग में आपको पायरिया के विभिन्न कारणों के बारे में बताया जा रहा है। पायरिया के कारण – Causes of Periodontitis (pyria) in Hindiवैसे तो पायरिया का मुख्य कारण बैक्टीरिया होता है। ये बैक्टीरिया प्लाक बनाते हैं, जिन्हें साफ न करने पर ये टार्टर बन सकते हैं और पायरिया का रूप ले सकते हैं। इसके अलावा भी पायरिया के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं (3):
आइए, अब पायरिया के लक्षणों के बारे में जानते हैं। पायरिया के लक्षण – Symptoms of Periodontitis in Hindiपायरिया को निम्न लक्षणों के जरिए पहचाना जा सकता है (3):
लेख के इस भाग में पायरिया के लिए घरेलू उपचार के बारे में बताया जा रहा है। पायरिया के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Periodontitis in Hindiपायरिया के लिए कई प्रकार के घरेलू उपचार उपलब्ध हैं, जिनके बारे में नीचे बताया जा रहा है। साथ ही हम यहां स्पष्ट कर दें कि ये घरेलू नुस्खे सिर्फ समस्या से उबरने में मदद कर सकते हैं। वहीं, अवस्था अगर गंभीर हो, तो ये पर्याप्त उपचार साबित नहीं हो सकते। इस अवस्था में डॉक्टर से चेकअप करवाना जरूरी है। 1. बेकिंग सोडाबेकिंग सोडा के जरिए भी पायरिया का इलाज किया जा सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) के द्वारा जारी किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, बेकिंग सोडा में डेंटिफ्राइस (dentifrices) नामक गुण पाया जाता है। यह गुण दांतों से प्लाक और मसूड़े की सूजन को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे पायरिया से होने वाले जोखिम से बचने में मदद मिल सकती है (4)। कैसे करें इस्तेमाल :
[ पढ़े: Baking Soda Benefits in Hindi ] 2. नमकनमक के जरिए भी पायरिया की समस्या को ठीक करने में मदद मिल सकती है। वैसे तो नमक को लंबे समय से ही पायरिया के उपचार में प्रयोग किया जाता रहा है, लेकिन इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं। दरअसल, नमक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है। इस गुण के कारण यह मसूड़ों की सूजन को कम करके, पायरिया के उपचार में मदद कर सकता है (5)। कैसे करें इस्तेमाल :
3. नारियल तेलनारियल का तेल भी पायरिया की समस्या को दूर करने के काम आ सकता है। दरअसल, नारियल तेल में लॉरिक एसिड (Lauric Acid) पाया जाता है। इस एसिड में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण होता है। इस कारण नारियल तेल को इस्तेमाल करने से प्लाक के कारण बढ़ी हुई पायरिया की समस्या को ठीक करने में मदद मिल सकती है (6)। इसके लिए ऑयल पुलिंग विधि का इस्तेमाल किया जाता है। कैसे करें इस्तेमाल :
नोट – नारियल तेल से ऑयल पुलिंग के जरिए दांत को साफ करने के कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं (6)। इसलिए, इस इस्तेमाल करने की जगह लेख में बताई गई अन्य उपचार विधि को अपनाया जा सकता है। इसके अलावा, डॉक्टर से सलाह भी ले सकते हैं। 4. अदरकअदरक का सेवन भी पायरिया के उपचार में मदद कर सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, अदरक में जिंजेरॉल (gingerol) नामक कार्बनिक यौगिक पाया जाता है। जिंजेरॉल में एंटी-बैक्टीरियल गुण होता है, जो पायरिया के बैक्टीरिया के खिलाफ सक्रिय रूप से काम कर सकता है (7)। इससे पायरिया के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। कैसे करें इस्तेमाल :
5. तुलसीतुलसी भी पायरिया को ठीक करने में लाभदायक असर दिखा सकती है। दरअसल, तुलसी में एंटीप्लाक प्रभाव (antiplaque Effect ) पाया जाता है (8)। यह गुणकारी प्रभाव प्लाक के कारण होने वाले पायरिया के उपचार में मदद कर सकता है। एक अन्य वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, तुलसी में एंटी-जिंजिवाइटिस (antigingivitis) गुण पाया जाता है। यह गुण मसूड़ों में होने वाली सूजन को ठीक करके पायरिया के उपचार में मदद कर सकता है (9)। इसे माउथवॉश की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। कैसे करें इस्तेमाल :
Subscribe [ पढ़े: Basil Ke Fayde in Hindi ] 6. लेमन ग्रास ऑयलपायरिया से बचाव के तरीके में लेमन ग्रास ऑयल भी बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। दरअसल, लेमन ग्रास ऑयल में सिट्रोनेलोल (Citronellol), डी-लिमोनीन (D-Limonene) और गेरान्योल (Geraniol) जैसे केमिकल कंपाउंड पाए जाते हैं। ये कंपाउंड पायरिया की गंभीर स्थिति को पैदा करने वाले बैक्टीरिया को रोकने में मदद कर सकते हैं। साथ ही प्लाक के कारण बढ़े हुए पायरिया के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकते हैं (10)। कैसे करें इस्तेमाल :
7. लौंगपायरिया के घरेलू उपचार में लौंग का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार लौंग में एंटीप्लाक (antiplaque), एंटीजिंजिवाइटिस (antigingivitis) और एंटी-बैक्टीरियल (antibacterial) गुण पाए जाते हैं। इन क्रियाओं के कारण यह पायरिया से होने वाले जोखिम को कम कर सकता है। साथ ही यह क्रिया पायरिया के उपचार और रोकथाम में सक्रिय असर दिखा सकती है (11)। कैसे करें इस्तेमाल :
8. काली मिर्चकाली मिर्च का सेवन भी मुंह के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक असर दिखा सकता है। दरअसल, काली मिर्च में पीनेनेस (pinenes), डी-लिमोनीन (d-limonene) और कैरोफिललाइन (caryophylline) जैसे कंपाउंड पाए जाते हैं। इन कंपाउंड के कारण ही काली मिर्च का सेवन मसूड़ों से खून आने जैसी समस्या को कम कर सकता है (12)। इसके लिए काली मिर्च का पेस्ट इस्तेमाल किया जा सकता है। कैसे करें इस्तेमाल :
9. टी ट्री ऑयलपायरिया के लक्षणों को टी ट्री ऑयल के जरिए भी कम किया जा सकता है। टी ट्री ऑयल में एंटीप्लाक (antiplaque), एंटीजिंजिवाइटिस (antigingivitis) और एंटी-बैक्टीरियल (antibacterial) गुण पाए जाते हैं। ये सभी गुण पायरिया से होने वाले जोखिम को कम कर सकते हैं। वहीं, अगर किसी को पायरिया है, तो उसकी रोकथाम में लाभदायक परिणाम दिखा सकते हैं (11)। कैसे करें इस्तेमाल :
[ पढ़े: Tea Tree Oil Ke Fayde in Hindi ] 10. ऑयल पुलिंगदांतों की साफ-सफाई के लिए ऑयल पुलिंग का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। यह ऐसी विधि है, जिसमें ऑयल के जरिए दांतों को साफ किया जाता है। इसके लिए घर में ही ऐसे तेल उपलब्ध रहते हैं, जिनसे ऑयल पुलिंग की जा सकती है। ऑयल पुलिंग के लिए सूरजमुखी का तेल (sunflower oil), तिल का तेल (sesame oil) और नारियल का तेल (coconut oil) इस्तेमाल किया जा सकता है (13)। कैसे करें इस्तेमाल :
पायरिया होने पर कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करने की भी सलाह दी जाती है। आगे हम इसी के बारे में बता रहे हैं। पायरिया में परहेज – What to Avoid During Periodontitis in Hindiपायरिया में निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए:
आइए, अब जानते हैं कि पायरिया का इलाज कैसे किया जा सकता है। पायरिया का इलाज – Treatment of Periodontitis (Pyria) in Hindiपायरिया का इलाज इस प्रकार किया जा सकता है (15)।
पायरिया से बचे रहने के लिए कुछ उपायों को भी अपनाया जा सकता है, जिनके बारे में लेख के इस हिस्से में बताया जा रहा है। पायरिया से बचने के उपाय – Prevention Tips for Periodontitis in Hindiपायरिया से बचने के लिए नीचे दिए जा रहे बचाव टिप्स को अपनाया जा सकता है (15)।
पायरिया रोग से जुड़े हुए सभी तथ्य जैसे कारण, उपचार और बचाव के बारे में इस लेख के जरिए पूरी जानकारी देने की कोशिश की गई है। वैसे धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता ही है, लेकिन यह पायरिया का भी मुख्य कारण हो सकता है। इसलिए, धूम्रपान से बचें। इस लेख में बताए गए घरेलू उपाय पायरिया का सटीक उपचार तो नहीं हो सकते, लेकिन इसके लक्षण को कम करने में मदद जरूर कर सकते हैं। अगर आप पायरिया रोग से जुड़ी कोई अन्य जानकारी चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपने सवाल लिखकर हमें भेज सकते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे पाठकों को यह लेख जरूर पसंद आया होगा। हमें आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा। अक्सर पूछे जाने वाले सवालमसूड़े की सूजन को पायरिया में बदलने में कितना समय लगता है? मसूड़े की सूजन को सही समय पर रोजाना ब्रश करके और फ्लोशिंग (flossing) के जरिए ठीक किया जा सकता है। फ्लोशिंग के जरिए दांतों के बीच की जगह साफ की जाती है। अगर दांतों के बीच की जगह को साफ न किया जाए, तो कुछ ही दिनों में पायरिया हो सकता है (16)। वहीं, मसूड़े की सूजन को कितने दिन में ठीक किया जा सकता है, इसके लिए डॉक्टर से सही जानकारी मिल सकती है। पायरिया के लिए सबसे अच्छा टूथपेस्ट क्या है? पायरिया के लिए फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें। यह पायरिया के इलाज में मदद कर सकता है। इसे दिन में दो बार इस्तेमाल किया जा सकता है (16)। क्या आप पायरिया बीमारी को ठीक कर सकते हैं? हां, पायरिया बीमारी को ठीक किया जा सकता है। इसके लिए डॉक्टरों द्वारा कई प्रकार के तरीके अपनाए सकते हैं, जिन्हें पायरिया की गंभीरता स्थिति को देखते हुए इस्तेमाल किया जा सकता है। इन उपचार के बारे में लेख में ऊपर विस्तार से बताया गया है (17)। अगर आप पायरिया बीमारी का इलाज नहीं करते हैं, तो क्या होगा? पायरिया का उपचार न करने पर यह शरीर के बाकी हिस्सों पर भी बुरा असर डाल सकता है। ऐसे लोगों में हृदय रोग को रोकने या ब्लड ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में परेशानी हो सकती है। हालांकि कुछ अन्य वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार पायरिया से न पीड़ित हुई महिलाओं में, पायरिया से ग्रसित हुई महिलाओं में जन्म लेने वाले बच्चे, तय समय से पहले ही जन्म ले सकते हैं और बच्चों का जन्म के समय वजन भी कम हो सकता है (18)। और पढ़े:
Was this article helpful? RelatedThe following two tabs change content below.
Saral Jainसरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन... View Profile › ताज़े आलेख
|