पियवा का अर्थ क्या होता है? - piyava ka arth kya hota hai?

' गोदी में पियवा से बालगोबिन …

पियवा का अर्थ क्या होता है? - piyava ka arth kya hota hai?

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' गोदी में पियवा से बालगोबिन का क्याआशय है ?

  • Posted by Good Student 2 years, 5 months ago

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    Yahan piyava nirankaar bhram ko kaha gya hai. Aur sakhiya sansaar ke un logon ka prateet hai jo bhram athwa ishwar ko apne se dur samajhne ki bhool kar baithte hain..

    पियवा का अर्थ क्या होता है? - piyava ka arth kya hota hai?

    Posted by Drishya R.A 1 week, 3 days ago

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    Posted by Jashandeep Singh 1 week, 3 days ago

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    Posted by Muskan Yadav 1 week, 4 days ago

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    Posted by Dolly Kashyap 6 days, 10 hours ago

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    Posted by Aviral Bajpai 1 week, 3 days ago

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    मेरा मन कभी-कभी बैठ जाता है। समाचार पत्रों में ठगी, डकैती, चोरी और भ्रष्टाचार के समाचार भरे रहते हैं। ऐसा लगता है देश में कोई ईमानदार आदमी रह ही नहीं गया है। हर व्यक्ति संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है। इस समय सुखी यही है, जो कुछ है। जो कुछ नहीं करता, जो भी कुछ करेगा, उसमें लोग दोष खोजने लगेंगे उसके सारे गुण भुला दिये जाने और दोषों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाने लगेगा दोष किसमे नहीं होते? यही कारण है कि हर आदमी दोषी अधिक दिख रहा है, गुणी कम या बिलकुल ही नहीं यह चिंता का विषय है। तिलक और गांधी के सपनों का भारतवर्ष क्या यही है? विवेकानंद और रामतीर्थ का आध्यात्मिक ऊँचाई वाला भारतवर्ष कहाँ है? रवींद्रनाथ ठाकुर और मदनमोहन मालवीय का महान, सुसंस्कृत और सभ्य भारतवर्ष पतन के किस गहन गर्त में जा गिरा है? आर्य और द्रविड़, हिंदू और मुसलमान, यूरोपीय और भारतीय आदतों की मिलनभूमि महामानव समुद्र क्या सूख हो गया है? यह सही है कि इन दिना कुछ ऐसा माहौल बना है कि ईमानदारी से मेहनत करके जीविका चलाने वाले निरीह जीवी घिरा रहे है और झूठ और फरेब का रोजगार करने वाले फल-फूल रहे हैं। ईमानदारी को मूर्खता का पर्याय समझा जाने लगा है, सचाई केवल मीर और देवस लोगों के हिस्से पड़ी है। ऐसी स्थिति में जीवन के मूल्यों के बारे में लोगों की आस्था ही हिलने लगी है, किंतु ऐसी दशा से हमारा उद्धार जीवन मूल्यों में आस्था रखने से ही होगा। ऐसी स्थिति में हताश हो जाना ठीक नहीं है। 1. मेरा मन कभी-कभी बैठ जाता है का आशय क्या है? 2. लेखक के द्वारा मन को बिठाना b. लेखक का मन बैठ जाना देश की दुर्दशा को देखकर लेखक का चिलित होना d. लेखक को घबराहट होना 2. इस समय सुखी कौन है? 3. जो कुछ भी नहीं करता है b. जो काम करता है c. जो चिंतन करता है। d. जो कुछ भी करता है 3. लेखक ने चिंता का विषय किसे माना है? 3. लोगों का गुणी अधिक और दोषी कम होना b. लोगों का गुणी कम और दोषी अधिक होना ८. लोगों का गुणी होना d. लोगों का दोषी होना 4. मूर्खता का पर्याय किसे समझा जाने लगा है? 4 गुणों को b. सत्यता को दोषों को d. ईमानदारी को 5. आज समाज में जीवन-मूल्यों की स्थिति क्या है? उनके बारे में लोगों की आस्था हिलने लगी है b. उनके बारे में लोगों की आस्था मजबूत हो गई है c. इनमें से कोई नहीं d. उनके बारे में लोगों ने सोचना बंद कर दिया है

  • Posted by Ziya Chopra 5 days, 16 hours ago

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    Posted by Ishika Pal 1 day ago

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    Posted by Sanchita Bhajankar 1 week, 4 days ago

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    Posted by Smriti Shukla 4 days, 13 hours ago

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    Posted by Smriti Shukla 4 days, 13 hours ago

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