Contents ‘र’ के विभिन्न रूप – हिन्दी मात्राएँरेफ (र्) वाले शब्दस्वर रहित ‘र्’ को व्याकरण की भाषा में रेफ कहते हैं। रेफ का प्रयोग कभी भी किसी भी शब्द के पहले अक्षर में नहीं किया जाता। शब्दों में इसका प्रयोग होते समय इसके उच्चारण के बाद आने वाले वर्ण की अंतिम मात्रा के ऊपर लग जाता है। हमें यहाँ ‘र’ और ‘ऋ’ का अंतर जानना भी बहुत ज़रूरी है, इन दोनों का अंतर इस प्रकार है :-
ग + र् + म = गर्म ब + र् + फ = बर्फ क + र् + म = कर्म
पदेन (र) वाले शब्द‘^’ यह ‘र’ का नीचे पदेन वाला रूप है। ‘र’का यह रूप स्वर रहित है। यह ‘र’ का रूप अपने से पूर्व आए व्यंजन वर्ण में लगता है। पाई वाले व्यंजनों के बाद प्रयुक्त ‘र’ का यह रूप तिरछा होकर लगता है, जैसे- द्र, प्र, म्र, क्र इत्यादि। पाई रहित व्यंजनों में नीचे पदेन का रूप ‘^’ इस तरह का होता है, जैसे – द्रव्य, क्रम , पेट्रोल, ड्राइवर
‘त् + र = त्र’ और ‘श् + र = श्र’ हो जाता है, जैसे – नेत्र, त्रिशूल, अश्रु, श्रमिक इत्यादि। प् + र + े + म = प्रेम उ + म् + र = उम्र प् + र + े + त = प्रेत विशेष टिप्पणी
‘रु’ और ‘रू’ वाले सामान्य शब्द
र्+उ+च्+इ = रुचि र्+ऊ+प्+अ = रूप अ+म्+र्+ऊ+द्+अ = अमरूद र्+उ+द्+र्+अ = रुद्र
अन्य हिन्दी मात्राएँ
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र में उ की मात्रा नीचे क्यों नहीं लगती?“र” अपवादित नहीं है और न ही इसपर मात्रा समान रूप से लगती है। लेखन की अस्पष्टता के परिणामस्वरूप ऐसा प्रतीत अवश्य होता है। वैकल्पिक रूप से, आप र में उ/ऊ की मात्रा अन्य शब्दों की भांति नीचे भी लगा सकते हैं। अनुरोध के लिए धन्यवाद।
र का प्रयोग करने के क्या नियम है?पाई तथा बिना पाई वाले व्यंजनों के साथ 'र' का प्रयोग
जब 'र' से पहले प्रयुक्त व्यंजन बिना स्वर का होता है यानी अर्ध होता है और इसका उच्चारण प्रयुक्त वर्ण के बाद होता है तो 'र' से पहले पूरा वर्ण लिखा जाता है और 'र' के लिखने का रूप बदल जाता है। ऐसी स्थिति में पाई तथा बिना पाई वाले व्यंजन के साथ इनका प्रयोग अलग होता है।
र में ऋ की मात्रा कैसे लगता है?ऋ की मात्रा 'ृ' व्यंजनों के नीचे जुड़कर लगती है (जैसे- कृ, गृ, मृ, पृ)। 'र' में 'ऋ' की मात्रा नहीं लगती। 'ऋ' का उच्चारण कुछ संस्कृतज्ञों में ही विशिष्ट रूप से मिलता है। सामान्य हिंदी भाषी 'ऋ' को 'र' के समान ही बोलता है।
R कितने प्रकार का होता है?'र' के विभिन्न रूप. 1.1 रेफ (र्) वाले शब्द. 1.2 पदेन (र) वाले शब्द. 1.3 'रु' और 'रू' वाले सामान्य शब्द. 1.4 अन्य हिन्दी मात्राएँ. |