राजा हरिश्चंद्र की कहानी भाग 1 - raaja harishchandr kee kahaanee bhaag 1

राजा हरिश्चंद्र की कहानी क्या है?

अयोध्या के राजा हरिशचंद्र बहुत ही सत्यवादी और धर्मपरायण राजा थे। वे भगवान राम के पूर्वज थे। वे अपने सत्य धर्म का पालन करने और वचनों को निभाने के लिए राजपाट छोड़कर पत्नी और बच्चे के साथ जंगल चले गए और वहां भी उन्होंने विषम परिस्थितियों में भी धर्म का पालन किया।

राजा हरिश्चंद्र की कितनी रानियां थी?

हरिश्चंद्र की पत्नी का नाम तारामती और पुत्र का नाम रोहिताश्व था. उनका पारिवारिक जीवन बहुत ही सुखद था.

राजा हरिश्चंद्र के बेटे कौन थे?

यह राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व से जुड़ा है। यह वही रोहिताश्व थे, जिन्हें राजा हरिश्चंद्र की परीक्षा लेते समय मृत्यु दे दी गई थी और पुनर्जीवित कर दिया गया था। अयोध्या के राजा द्वारा वहां से सैकड़ों किलोमीटर दूर गढ़ की स्थापना के पीछे एक कहानी जुड़ी है, जो बहुत कम ही लोग जानते हैं।

राजा हरिश्चंद्र किसकी रचना है?

कथानक इसमें सूर्यवंशी के राजा हरिश्चन्द्र की कथा है। हिन्दी नाटक के जनक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने "सत्य हरिश्चंद्र" नाटक की रचना सन 1885 में की थी, जो "हरिश्चंद्र चन्द्रिका" में प्रकासित हुआ था और आज "भारतेन्दु ग्रन्थावली " के प्रथम भाग में उपलब्ध है