राजभाषा का शाब्दिक अर्थ - राज काज की भाषा है संविधान में "राजभाषा" और "राजभाषाओं" शब्द का ही प्रयोग हुआ है। "राष्ट्रभाषा" का उल्लेख संविधान में नहीं है। अष्टम अनुसूची में भी भाषाओं को राज्य की राजभाषा कहा गया हो। राष्ट्रभाषा शब्द का हर कोई अपना मतलब निकालता है। कहीं भी इसकी अधिकारिक परिभाषा नहीं है। Show
बोली, विभाषा, भाषा और राजभाषा[संपादित करें]यों बोली, विभाषा और भाषा का मौलिक अन्तर बता पाना कठिन है, क्योंकि इसमें मुख्यतया अन्तर व्यवहार-क्षेत्र के विस्तार पर निर्भर है। वैयक्तिक विविधता के चलते एक समाज में चलने वाली एक ही भाषा के कई रूप दिखायी देते हैं। मुख्य रूप से भाषा के इन रूपों को हम इस प्रकार देखते हैं। (1) बोली, (2) विभाषा और (3) भाषा (अर्थात् परिनिष्ठित या आदर्श भाषा) बोली भाषा की छोटी इकाई है। इसका सम्बन्ध ग्राम या मण्डल से रहता है। इसमें प्रधानता व्यक्तिगत बोली की रहती है और देशज शब्दों तथा घरेलू शब्दावली का बाहुल्य होता है। यह मुख्य रूप से बोलचाल की ही भाषा है। अतः इसमें साहित्यिक रचनाओं का प्रायः अभाव रहता है। व्याकरणिक दृष्टि से भी इसमें असाधुता होती है। विभाषा का क्षेत्र बोली की अपेक्षा विस्तृत होता है यह एक प्रान्त या उपप्रान्त में प्रचलित होती है। एक विभाषा में स्थानीय भेदों के आधार पर कई बेलियाँ प्रचलित रहती हैं। विभाषा में साहित्यिक रचनाएँ मिल सकती हैं। भाषा, अथवा कहें परिनिष्ठित भाषा या आदर्श भाषा, विभाषा की विकसित स्थिति हैं। इसे राष्ट्र-भाषा या टकसाली-भाषा भी कहा जाता है। प्रायः देखा जाता है कि विभिन्न विभाषाओं में से कोई एक विभाषा अपने गुण-गौरव, साहित्यिक अभिवृद्धि, जन-सामान्य में अधिक प्रचलन आदि के आधार पर राजकार्य के लिए चुन ली जाती है और उसे राजभाषा के रूप में या राष्ट्रभाषा घोषित कर दिया जाता है। राज्यभाषा, राष्ट्रभाषा और राजभाषा[संपादित करें]किसी प्रदेश की राज्य सरकार के द्वारा उस राज्य के अन्तर्गत प्रशासनिक कार्यों को सम्पन्न करने के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है, उसे राज्यभाषा कहते हैं। यह भाषा सम्पूर्ण प्रदेश के अधिकांश जन-समुदाय द्वारा बोली और समझी जाती है। प्रशासनिक दृष्टि से सम्पूर्ण राज्य में सर्वत्र इस भाषा को महत्त्व प्राप्त रहता है। भारतीय संविधान में राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के लिए हिन्दी के अतिरिक्त 21 अन्य भाषाएँ राजभाषा स्वीकार की गई हैं। संविधान की अष्टम अनुसुचि में कुल 22 भारतीय भाषाओं स्थान प्राप्त हुआ है। राज्यों की विधानसभाएँ बहुमत के आधार पर किसी एक भाषा को अथवा चाहें तो एक से अधिक भाषाओं को अपने राज्य की राज्यभाषा घोषित कर सकती हैं। राष्ट्रभाषा सम्पूर्ण राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करती है। प्राय: वह अधिकाधिक लोगों द्वारा बोली और समझी जाने वाली भाषा होती है। प्राय: राष्ट्रभाषा ही किसी देश की राजभाषा होती है। भारत में 22 भारतीय भाषाएँ राष्ट्रभाषाएँ मानी जाती है। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
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मुख्यपृष्ठDeshराजभाषा क्या है, राष्ट्रभाषा किसे कहते हैं : राजभाषा और राष्ट्रभाषा में क्या अंतर है राजभाषा क्या है, राष्ट्रभाषा किसे कहते हैं : राजभाषा और राष्ट्रभाषा में क्या अंतर हैराजभाषा और राष्ट्रभाषा में क्या अंतर हैDifference between Rashtrabhasha and Rajbhashaदेश की भाषा की जब भी बात होती है तो अकसर कुछ बाते चर्चा में आ जाती हैं जैसे राजभाषा क्या है, राष्ट्रभाषा किसे कहते हैं ? क्या राजभाषा और राष्ट्र भाषा एक ही चीज़ है ? यदि नहीं तो राजभाषा और राष्ट्रभाषा में क्या अंतर है ? हिंदी राजभाषा है या राष्ट्रभाषा, यदि राजभाषा है तो हिंदी राष्ट्र भाषा क्यों नहीं है आदि।आज के इस पोस्ट में हम यही चर्चा करेंगे कि राजभाषा क्या है, राष्ट्रभाषा किसे कहते हैं, राजभाषा और राष्ट्रभाषा में क्या अंतर है? हिंदी राजभाषा है राष्ट्रभाषा नहीं। तो चलिए विस्तार से जानते हैं। राजभाषा क्या है
भारत में किन किन भाषाओँ को राजभाषा का दर्जा प्राप्त हैभारत के सन्दर्भ में हिंदी को मुख्य आधिकारिक भाषा का दर्ज़ा प्राप्त है। दूसरी आधिकारिक भाषा के रूप में अंग्रेजी को स्वीकार किया गया है। इसके अतिरिक्त सरकार ने 21 अन्य भाषाओँ को आधिकारिक भाषा के रूप में स्थान दिया है। इन भाषाओँ में असामी, उर्दू, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी,संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलगु, बोडो, डोंगरी, बांग्ला और गुजरती शामिल हैं। इन भाषाओं को केंद्र या राज्य सरकारें अपने क्षेत्र के अनुसार किसी भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में चुन सकती हैं। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार हिंदी तथा अंग्रेजी को सरकारी कार्यों के लिए आधिकारिक तौर पर मान्यता दी है। हिंदी को राजभाषा के रूप में कब स्वीकार किया गया थासन 1918 में हिंदी साहित्य सम्मलेन में महात्मा गाँधी जी ने सर्वप्रथम हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप स्वीकार करने की मांग की थी। उन्होंने इसे भारत के जनमानस की भाषा कहा था। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से हिंदी को राजभाषा का दर्जा देने के सम्बन्ध में निर्णय लिया था। 1950 में संविधान के अनुच्छेद 343 (1) के द्वारा हिंदी को देवनागरी लिपि में राजभाषा का दर्जा दिया गया। संविधान के अनुच्छेद 343 (1) के अनुसार "संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप भारतीय अंकों का अन्तरराष्ट्रीय रूप होगा।" हिंदी दिवस कब मनाया जाता है
भाषा और साहित्य में क्या अंतर है राष्ट्रभाषा किसे कहते हैं
राजभाषा और राष्ट्रभाषा में क्या अंतर है
राजभाषा क्या है इसका परिचय दीजिए?नियत दिन से ही या तत्पश्चात् किसी भी दिन से किसी राज्य का राज्यपाल, राष्ट्रपति की पूर्व सम्मति से, अंग्रेजी भाषा के अतिरिक्त हिन्दी या उस राज्य की राजभाषा का प्रयोग, उस राज्य के उच्च न्यायालय द्वारा पारित या दिए गए किसी निर्णय, डिक्री या आदेश के प्रयोजनों के लिए प्राधिकृत कर सकेगा और जहां कोई निर्णय, डिक्री या आदेश ( ...
राजभाषा से आप क्या समझते हैं एक वाक्य में उत्तर दीजिए?राजभाषा किसे कहते है :
राजभाषा से तात्पर्य राजकीय भाषा से होता है, वह भाषा जो किसी भी देश या राष्ट्र द्वारा राजकीय कामकाज यानि सरकारी कामकाज के लिए प्रयुक्त की जाती है। राजभाषा राष्ट्रभाषा भी हो सकती है और राष्ट्रभाषा नहीं भी हो सकती है। राजभाषा का राष्ट्रभाषा होना आवश्यक नहीं।
राजाभाषा से क्या तात्पर्य है?प्रश्न 2 : राष्ट्रभाषा और राजभाषा में क्या अंतर है । उत्तर: राष्ट्रभाषा का तात्पर्य राष्ट्र की भाषा से है जबकि राजभाषा का संबंध देश की अर्थात संघ सरकार की सरकारी कामकाज की भाषा से है । हिन्दी को भारत ( संघ सरकार ) की राजभाषा बनाया गया है ।
राजभाषा से क्या आशा है?ककसी भी देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के मलए उसकी एक राजभाषा का होना अतनिायत होता है। िह भाषा स्जसमें राजकाज होता हो, देश के बहुसंख्यक लोगों द्िारा बोली जाती हो, राजभाषा कहलाती है।
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