रसखान के सवैये प्रश्न- उत्तर Show रसखान के सवैये 2. कवि का ब्रज के वन, बाग और तालाब को निहारने के पीछे क्या कारण हैं? रसखान
के सवैये 3. एक लकुटी और कामरिया पर कवि सब कुछ न्योछावर करने को क्यों तैयार है? रसखान के सवैये 4. सखी ने गोपी से कृष्ण का कैसा रूप धारण करने का आग्रह किया
था? अपने शब्दों में वर्णन कीजिये। रसखान के सवैये 5. आपके
विचार से कवि पशु, पक्षी, पहाड़ के रूप में भी कृष्ण का सान्निध्य क्यों प्राप्त करना चाहता है ? रसखान के सवैये 6. चौथे सवैये के अनुसार गोपियाँ अपने आप को क्यों विवश पाती हैं ? रसखान के सवैये 7. भाव स्पष्ट कीजिए – रसखान के सवैये 8. ‘कालिंदी कूल कदम्ब की डारन’ में कौन-सा अलंकार है? रसखान के सवैये 9. काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिये – शिल्प सौंदर्य – इस पंक्ति में ब्रज भाषा तथा लेखन की सवैया शैली का बहुत ही सुन्दर प्रयोग हुआ है। ‘ध’ ‘म’और ‘अ’ वर्ण की आवृत्ति होने के कारण यहाँ पर अनुप्रास अलंकार है। रचना और अभिव्यक्ति कवि रसखान लकुटी और कामरिया पर क्या न्योछावर करने को तैयार हैं?वह कृष्ण की हर वस्तु से प्रेम करता है। श्रीकृष्ण गायों को चराते समय यह लकुटी और कामरिया (छोटा कंबल) अपने साथ रखते थे। यह लकुटी और कामरिया कोई साधारण वस्तु न होकर कृष्ण से संबंधित वस्तुएँ थीं, इसलिए कवि उन पर सब कुछ न्योछावर करने को तैयार है।
कवि रसखान के अनुसार लकुटी और कामरिया पर क्या न्योछावर किया जा सकता क ख ग घ?श्री कृष्ण रसखान जी के आराध्य देव हैं। उनके द्वारा डाले गए कंबल और पकड़ी हुई लाठी उनके लिए बहुत मूल्यवान है। श्री कृष्ण लाठी व कंबल डाले हुए ग्वाले के रुप में सुशोभित हो रहे हैं। जो कि संसार के समस्त सुखों को मात देने वाला है और उन्हें इस रुप में देखकर वह अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार हैं।
कवि रसखान अधरों पर क्या धारण करना नहीं चाहते?पर कृष्ण जी के द्वारा अधरों पर रखी गयी बाँसुरी को अपने होठों मे नहीं रखूंगी । (क) कवि रसखन का साहित्यक परिचय दो। उत्तर : रसखान ने अपनी कविता में ब्रजभाषा का प्रयोग किया है।
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