लाई कर्जन के पतन के क्या कारण थे? - laee karjan ke patan ke kya kaaran the?

आपके और यहाँ के निवासियों के बीच कोई तीसरी शक्ति भी है-यहाँ तीसरी शक्ति किसे कहा गया है?


आपके से तात्पर्य लॉर्ड कर्जन से है तथा यहाँ के निवासी भारत के निवासी हैं। इनके बीच तीसरी शक्ति है-ब्रिटिश सरकार। वही इन दोनों शक्तियों (लॉर्ड कर्जन और भारत की प्रजा) को नियंत्रित कर रही थी। उस शक्ति पर न तो भारतवासियों का काबू था और न लॉर्ड कर्जन का। वह शक्ति सर्वोच्च शक्ति थी।

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बिचारिए तो, क्या शान आपकी इस देश में थी और क्या हो गई! कितने ऊँचे होकर आप कितने नीचे गिरे! - आशय स्पष्ट कीजिए।


इस कथन का आशय यह है कि यह विचारने की बात है कि लॉर्ड कर्जन की शान-शौकत सर्वोच्च स्तर पर थी। वे सबसे ऊँचे थे, शेष सभी उनसे नीचे थे। सेवा काल के अंत में उनका पतन हो गया। वे अपने ऊँचे पद से नीचे आ गिरे। उन्हें इस देश से चले जाने का हुक्म मिला। ब्रिटिश सरकार ने उनकी बात नहीं मानी। लॉर्ड कर्जन की बड़ी किककिरी हुई।

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कर्जन को इस्तीफा क्यों देना पड़ गया?


लॉर्ड कर्जन ने एक फौजी अफसर को अपनी इच्छा के पद पर रखना चाहा था, पर ब्रिटिश सरकार ने उनकी बात नहीं मानी। इस अफसर को उनके इच्छित पद पर न रखा गया। लॉर्ड कर्जन ने गुस्से में आकर इस्तीफा दे दिया। उन्हींने सोचा कि शायद इस्तीफे की धमकी काम करा देगी। पर ब्रिटिश सरकार ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया, और उनकी बात नहीं मानी। लॉर्ड कर्जन का भारी अपमान हुआ और उन्हें भारत छोड्कर जाना पड़ा।

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शिवशंभु की दो गायों की कहानी के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?


शिवशंभु की दो गायों की कहानी के माध्यम से लेखक यह कहना चाहता है कि भारत के लोग अत्यंत दयालु एवं भावुक हैं। वे स्वयं को दुख पहुँचाने वाले व्यक्ति के बिछुड़ने पर भी खुश होने के स्थान पर दुखी होते हैं। यहाँ तक कि इस देश के पशुओं में भी यही भावना पाई जाती है। भारत में बिछड़न का समय बड़ा करुणोत्पादक होता है; बड़ा पवित्र, बड़ा कोमल और बड़ा निर्मल होता है।

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आठ करोड़ प्रजा के गिड़गिड़ाकर विच्छेद न करने की प्रार्थना पर आपने जरा भी ध्यान नहीं दिया-यहां किस ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया गया है?


यहाँ बंग- भंग की ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया गया है। लॉर्ड कर्जन ने अपनी जिद्द के कारण बंगाल का विभाजन कर दिया। इसके कारण बंगाल दो हिस्सों में बँट गया-पश्चिमी बंगाल और पूर्वी बंगाल। यहाँ के 8 करोड़ लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया था, पर लॉर्ड कर्जन अपनी जिद्द पर अड़े रहे। (यही पूर्वी बंगाल आगे चलकर बँगलादेश बना)।

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विषयसूची

  • 1 लार्ड कर्जन क्या चाहता था?
  • 2 लॉर्ड कर्जन को भारत का वायसराय कब बनाया गया?
  • 3 1 शिवशंभु की दो गायों की कहानी के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?`?
  • 4 लॉर्ड कर्जन भारत का वायसराय कब बना?

लार्ड कर्जन क्या चाहता था?

इसे सुनेंरोकेंलॉर्ड कर्जन की विदेश नीति का मुख्य उद्देश्य था ब्रिटिश साम्राज्यवाद के हितों की सुरक्षा करना. वह एशियाई प्रदेशों पर अपना नियंत्रण बनाए रखना चाहता था, जिससे अन्य कोई शक्ति इनपर अपना प्रभाव कायम नहीं कर सके.

लॉर्ड कर्जन के समय भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम कब पारित किया गया?

इसे सुनेंरोकेंइस आयोग की अनुशंसाओं पर आधारित भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 1904 पारित किया गया।

लॉर्ड कर्जन को भारत का वायसराय कब बनाया गया?

इसे सुनेंरोकेंलॉर्ड कर्ज़न ने लॉर्ड एल्गिन के कार्यकाल के उपरांत पदभार ग्रहण किया तथा कर्ज़न वर्ष 1899 से 1905 तक ब्रिटिश भारत के वायसराय रहे। वह 39 वर्ष की आयु में भारत के सबसे कम उम्र के वायसराय बने।

इसे सुनेंरोकेंउत्तर : लॉर्ड कर्जन किसी फौजी व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार एक पद देना चाहता था। उसकी यह बात ब्रिटिश शासन द्वारा अस्वीकार कर दी गई। उसने अपना क्रोध दिखाने तथा शासन पर दबाव बनाने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

`( ग लार्ड कर्जन के पतन के क्या कारण थे?`?

इसे सुनेंरोकेंलॉर्ड कर्जन ने एक फौजी अफसर को अपनी इच्छा के पद पर रखना चाहा था, पर ब्रिटिश सरकार ने उनकी बात नहीं मानी। इस अफसर को उनके इच्छित पद पर न रखा गया। लॉर्ड कर्जन ने गुस्से में आकर इस्तीफा दे दिया। उन्हींने सोचा कि शायद इस्तीफे की धमकी काम करा देगी।

1 शिवशंभु की दो गायों की कहानी के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?`?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- शिवशंभु की दो गायों की कहानी के माध्यम से लेखक कहना चाहता है कि भारत में बिछड़ने का समय बड़ा पवित्र, बड़ा निर्मल और बड़ा कोमल होता है। बिछड़ते समय वैर-भाव भूलाकर सब शांत हो जाते है। इस पाठ में बताया गया है कि यह भाव भारत के मनुष्य के साथ-साथ पशुओं में भी देखने मिलता है।

लॉर्ड कर्जन ने शासन की कौन सी नीति अपनाई?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर- लार्ड कर्जन ने 1905 में ”फूट डालो और शासन करो की नीति का अनुसरण करते हुए बंगाल को दो भागों में विभाजित कर दिया। उसने बंगाल की जनता की एकता को आघात पहुँचाने और वहाँ के हिन्दुओं और मुसलमानों में सदैव के लिए फूट डालने के उद्देश्य से विभाजन का कुटिल षड़यंत्र रचा था जिससे बंगाल में विस्फोटक स्थिति उत्पन्न हो गयी।

लॉर्ड कर्जन भारत का वायसराय कब बना?

कर्जन ने कृषि विभाग की स्थापना कब की?

इसे सुनेंरोकेंभूमिकर को अधिक उदार बनाने हेतु लॉर्ड कर्ज़न द्वारा 16 जनवरी, 1902 को ‘भूमि प्रस्ताव’ लाया गया। कर्ज़न ने 1901 ई. में ‘सर कॉलिन स्कॉट मॉनक्रीफ़’ की अध्यक्षता में एक ‘सिंचाई आयोग’ का भी गठन किया और आयोग के सुझाव पर सिंचाई के क्षेत्र में कुछ महत्त्वपूर्ण सुधार किये।

लॉर्ड कर्जन के पतन के क्या कारण है?

उन्हें भारतेंदु-युग और द्विवेदी - युग के बीच की कड़ी के रूप में देखा जाता है। विदाई-संभाषण उनकी सर्वाधिक चर्चित व्यंग्य कृति 'शिवशंभु के चिट्ठे' का एक अंश है। यह पाठ वायसराय कर्ज़न (जो 1899-1904 एवं 1904-1905 तक दो बार वायसराय रहे) के शासन में भारतीयों की स्थिति का खुलासा करता है।

लार्ड कर्जन के शासन का अंत कैसे हुआ?

लार्ड कर्जन की मृत्यु (Lord Curzon Death) 9 मार्च 1925 को कर्जन का किसी समस्या के कारण ओपरेशन हुआ था,जिसके कुछ दिनों बाद ब्लीडिंग के कारण लंदन में 20 मार्च 1925 को उनको देहांत हो गया.

लार्ड कर्जन क्या चाहता था?

लॉर्ड कर्जन की विदेश नीति का मुख्य उद्देश्य था ब्रिटिश साम्राज्यवाद के हितों की सुरक्षा करना. वह एशियाई प्रदेशों पर अपना नियंत्रण बनाए रखना चाहता था, जिससे अन्य कोई शक्ति इनपर अपना प्रभाव कायम नहीं कर सके.

लॉर्ड कर्जन की इच्छा क्या थी?

जॉर्ज नथानिएल कर्जन अथवा ये लॉर्ड नही थे (अंग्रेज़ी: George Nathaniel Curzon), ऑर्डर ऑफ़ गेटिस, ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ इंडिया, ऑर्डर ऑफ़ इण्डियन एम्पायर, यूनाइटेड किंगडम के प्रिवी काउंसिल (11 जनवरी 1859 – 20 मार्च 1925), जिन्हें द लॉर्ड कर्जन ऑफ़ केड्लेस्टन 1898 से 1911 के मध्य और द अर्ल कर्जन ऑफ़ केड्लेस्टन 1911 से 1921 ...