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क्या अंतिम तिमाही में मुझे ज्यादा मात्रा में खाना चाहिए?हां, जैसे-जैसे आपका पेट बढ़ता है, आपको पर्याप्त ऊर्जा पाने के लिए थोड़ा ज्यादा मात्रा में खाने की जरुरत होती है। तीसरी तिमाही में आपको ज्यादा ऊर्जा की जरुरत होती है क्योंकि आपके शिशु की बढ़त अब तेजी पकड़ती है। मगर, इसका मतलब यह नहीं है कि आपको दो लोगों के लिए खाने की जरुरत है। याद रखें कि आप एक नन्हें शिशु के लिए खा रही हैं, ना कि किसी वयस्क व्यक्ति के लिए। आपको एक दिन में 300 अतिरिक्त कैलोरी चाहिए, जो कि करीब निम्नांकित विकल्पों के बाराबर होती है:
हालांकि, ध्यान रखें कि यदि गर्भावस्था से पहले आपका वजन सामान्य से कम या ज्यादा था या फिर आपके गर्भ में एक से ज्यादा शिशु पल रहे हैं, इन बातों के आधार पर आपको कम या ज्यादा कैलोरी की जरुरत हो सकती है। आप कितनी ज्यादा चलती-फिरती हैं और एक्टिव रहती हैं, यह भी आपकी कैलोरी की जरुरत को प्रभावित करता है। ऐसे खाद्य पदार्थों से अतिरिक्त कैलोरी पाने की कोशिश न करें जिनमें बहुत कम पोषक तत्व होते हैं जैसे कि मीठे पेय, तले हुए भोजन या घी और मीठे से चूर भोजन। इनकी बजाय ऐसे भोजन और स्नैक चुनें जिनमें प्रति कैलोरी पोषण की मात्रा काफी ज्यादा हो। सेहतमंद स्नैक्स जैसे योगर्ट, मेवे, अच्छी तरह उबाला हुआ अंडा, कुछ ताजे फल या सब्जियां आदि गर्भस्थ शिशु के लिए जरुरी कैलोरी पाने के अच्छे विकल्प हैं। यदि आप निश्चित नहीं हो कि क्या और कितनी मात्रा में खाना सही है, तो अपनी डॉक्टर से बात करें। वे आपके स्वास्थ्य और गर्भावस्था के चरण के आधार पर बता सकती हैं कि आपको कितनी कैलोरी की जरुरत है। प्रेगनेंसी के दौरान गर्मी महसूस होने पर क्या खाना चाहिए?प्रेगनेंसी में अचानक बहुत ज्यादा गर्माहट महसूस होना सामान्य है। गर्मी व मानसून के मौसम में अक्सर सामान्य से ज्यादा गर्मी लगती है। हार्मोनों से जुड़े बदलावों, शरीर में ज्यादा खून और बढ़े हुए पेट के साथ चलने-फिरने से होने वाली थकान की वजह से ऐसा होता है। यदि गर्मी की वजह से आपकी भूख पर असर पड़ रहा हो, तो निम्न उपाय आजमा सकती हैं:
घर से बाहर निकलते वक्त पानी पीकर निकलें और हमेशा पानी की बोतल अपने साथ लेकर जाएं। चाय, कॉफी और सोडायुक्त पेय न पीएं जिनमें कैफीन हो। इन सबसे आपको निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) हो सकता है, क्योंकि ये आपके शरीर से पानी सोखते हैं। विटामिन 'के' का सेवन जरुरी क्यों है?विटामिन 'के' खून का थक्का बनाने के लिए जरुरी है। यदि आपके शरीर में विटामिन 'के' की कमी हो तो भारी रक्तस्त्राव या हेमरेज होने का खतरा रहता है। यह विटामिन गर्भस्थ शिशु की हड्डियां मजबूत बनाने में भी सहायक है। वयस्कों की तुलना में शिशुओं में जन्म के समय विटामिन 'के' का स्तर कम होता है। शिशु को अंदरुनी रक्तस्त्राव से बचाने के लिए उसे जन्म के तुरंत बाद विटामिन 'के' का इंजेक्शन दिया जाता है। जब आप शिशु को पहली बार स्तनपान करवाती हैं, तो आपका दूध यानि कोलोस्ट्रम (खीस) विटामिन 'के' से भरपूर होता है। इसलिए शुरुआती कुछ फीड अपने अनुसार करवाने के बाद आप जब शिशु चाहे तब उसे स्तनपान करवाएंं (फीडिंग ऑन डिमांड)। इस तरह शिशु को स्तनपान के पूरे फायदे मिल सकेंगे। फॉर्मूला दूध में भी विटामिन 'के' मिला होता है। शिशु को ज्यादा से ज्यादा विटामिन के देने के लिए आपको तीसरी तिमाही में ऐसे खाद्य पदार्थ खाने का प्रयास करना चाहिए, जो विटामिन 'के' से भरपूर हों। आपको निम्नांकित खाद्य पदार्थों से विटामिन 'के' मिल सकता है, जैसे कि:
सेहतमंद वेजिटेबल ऑयल, मीट और डेयरी उत्पादों में भी कुछ मात्रा में विटामिन 'के' पाया जाता है। आपके लिए विटामिन 'के' से भरपूर मेन्यूअपने आहार में विटामिन के की मात्रा बढ़ाने के लिए निम्नांकित व्यंजनों के विकल्पों में से चुनें: ब्रेकफास्ट
स्नैक
लंच
स्नैक
डिनर
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ReferencesNCT. 2010. Vitamin K . National Childbirth Trust information sheet. NHS 2016 What happens straight after the birth: vitamin K for newborn babies. www.nhs.uk NHS. 2017. Vitamins and minerals: vitamin K. www.nhs.uk NHS Choices. 2015. Common pregnancy problems: feeling hot in pregnancy. NHS Choices, Health A-Z. www.nhs.uk NICE. 2010. Weight management before, during and after pregnancy. National Institute for Health and Clinical Excellence. Public health guidance 27. Thurston RC, Luther JF, Wisniewski SR, et al. 2013. Prospective evaluation of nighttime hot flashes during pregnancy and postpartum. Fertil Steril 100(6):1667-72. www.ncbi.nlm.nih.gov Neha translates BabyCenter
India's English content into Hindi to make it available to a wider audience. गर्भवती महिला को 7 महीने में क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए?7 Month Pregnancy Problems in Hindi – प्रेगनेंसी के सातवें महीने में आपका वजन काफी बढ़ता है जिसके कारण आपके पीठ में दर्द की समस्या सामने आ सकती है। इस दौरान संतुलित आहार लेने की कोशिश करें और उन सभी पदार्थों से परहेज करने जो मोटापा का कारण बन सकते हैं।
गर्भवती महिला को 7महीने में क्या खाना चाहिए?इसलिए ऐसे समय में कैल्शियम से भरपूर चीजें खाएं जैसे, दूध, दही, पनीर, मट्ठा, अंडे की सफेदी वगैरह। बच्चे के शरीर में और आपके शरीर में कैल्शियम का अवशोषण ठीक से हो इसके लिए मैग्नीशियम की मौजूदगी जरूरी है। यह आपको बादाम, ओट्स, फलियों और मोटे अनाज से मिलेगा। इसके अलावा आपके शरीर में होने वाली ऐंठन को भी इससे आराम मिलेगा।
गर्भवती महिला को कैसे बैठना चाहिए?कैसे बैठें: सही अवस्था
एकदम सीधा बैठना या फिर थोड़ा सा पीछे की तरफ झुकाव देकर बैठने की मुद्रा अच्छी है। आपके स्तन एकदम सामने या हल्के से ऊपर की तरफ होने चाहिए। वे आपके पेट से लगे हुए नहीं होने चाहिए। आपकी टांगें भी एक-दूसरे से जुड़ी न हों, ताकि बढ़े हुए पेट को जगह मिल सके।
प्रेगनेंसी के 7 महीने में पेट दर्द क्यों होता है?गर्भाशय का बढ़ता आकार
प्रेग्नेंसी के दौरान जैसे-जैसे आपका गर्भाशय (यूट्रस) बढ़ने लगता है वह पेट में दूसरे ऑर्गन्स को डिस्प्लेस भी करता है जिस वजह से आपका जी मिचलाता है और बिना कुछ खाए ही ऐसा महसूस होता है जैसे पेट भरा हुआ है या फिर पेट में हल्का दर्द भी होने लगता है। इस तरह का दर्द होना सामान्य सी बात है।
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