रासायनिक समीकरण से क्या क्या जानकारियाँ प्राप्त होती हैं? - raasaayanik sameekaran se kya kya jaanakaariyaan praapt hotee hain?


Getting Image
Please Wait...

रासायनिक समीकरण से क्या क्या जानकारियाँ प्राप्त होती हैं? - raasaayanik sameekaran se kya kya jaanakaariyaan praapt hotee hain?

Register now for special offers

+91

Home

>

Hindi

>

कक्षा 7

>

Chemistry

>

Chapter

>

पदार्थ की संरचना

>

रासायनिक समीकरण से क्या-क्या ज...

रासायनिक समीकरण से क्या-क्या जानकारियाँ प्राप्त होती हैं ?

UPLOAD PHOTO AND GET THE ANSWER NOW!

लिखित उत्तर

Solution : रासायनिक समीकरण से हमें निम्न जानकारियाँ प्राप्त होती हैं <br> 1. अभिक्रिया में कौन-कौन से पदार्थ भाग लेते हैं तथा प्राप्त होते हैं। <br> 2. अभिकारकों के कितने अणु या परमाणु अभिक्रिया करके उत्पादों के कितने अणु या परमाणु बनाते हैं। <br> 3. अभिक्रिया किन परिस्थितियों में हो रही है।

उत्तर

Step by step solution by experts to help you in doubt clearance & scoring excellent marks in exams.

Add a public comment...

रासायनिक समीकरण से क्या क्या जानकारियाँ प्राप्त होती हैं? - raasaayanik sameekaran se kya kya jaanakaariyaan praapt hotee hain?

Follow Us:

Popular Chapters by Class:

रासायनिक समीकरण से क्या क्या जानकारियाँ प्राप्त होती हैं? - raasaayanik sameekaran se kya kya jaanakaariyaan praapt hotee hain?

पानी के इलेक्ट्रोलिसिस के रासायनिक समीकरण का आरेख, पानी के बंटवारे का एक रूप

किसी के प्रतीकात्मक निरूपण को रासायनिक समीकरण कहते हैं।

रासायनिक समीकरण से क्या क्या जानकारियाँ प्राप्त होती हैं? - raasaayanik sameekaran se kya kya jaanakaariyaan praapt hotee hain?

इसे समीकरण इसलिये कहा जाता है कि इसमें समता चिन्ह (=) का प्रयोग किया जाता है (= के स्थान पर का भी प्रयोग किया जाता है)। समता चिन्ह के बाई ओर क्रिया करने वाले अभिकारक लिखे जाते हैं तथा इसके दाईं ओर उत्पाद लिखे जाते हैं। समीकरण का अधार यह है कि किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या अभिक्रिया के उपरान्त भी अपरिवर्तित रहती है।

सबसे पहले रासायनिक समीकरण द्वारा रासायनिक अभिक्रिया का निरूपण सन १६१५ में जीन बेग्विन ने किया।

प्रमुख प्रतीक[संपादित करें]

विभिन्न प्रकार की अभिक्रियाओं में अन्तर करने के लिए विभिन्न प्रकार के संकेत प्रयोग किए जाते हैं।

रासायनिक समीकरणों को संतुलित करना[संपादित करें]

रासायनिक समीकरण से क्या क्या जानकारियाँ प्राप्त होती हैं? - raasaayanik sameekaran se kya kya jaanakaariyaan praapt hotee hain?

P4O10 + 6 H2O → 4 H3PO4
इस रासायनिक अभिक्रिया को संतुलित करने के लिए सबसे पहले H3PO4 को 4 से गुणा करते P के परमाणुओं को बराबर कर लिया गया। इसके बाद H2O को 6 से गुणा करके H और O के परमाणुओं को बराबर कर लिया गया।

किसी रासायनिक अभिक्रिया को संतुलित करने का अर्थ है कि अभिकारकों और उत्पादों के न्यूनतम पूर्णांक अणुओं की संख्या लिखना ताकि रासायनिक अभिक्रिया में जिन शर्तों का पालन होता है, समीकरण में भी उन नियमों का पालन हो। उदाहरण के लिए निम्नलिखित अभिक्रिया को देखिए-

देबा

इस अभिक्रिया को संतुलित करने का अर्थ है, a, b, c, d, e के न्यूनतम पूर्णांक मान निकालना ताकि किसी भी तत्व के लिए समीकरण के दाएं पक्ष तथा बाएं पक्ष में आये हुए सभी परमाणुओं की संख्या समान हो। a, b, c, d, e 8 आदि गुणांकों का मान सरल गणना द्वारा (hit and try) किया जा सकता है या कुछ मूलभूत नियमों को लगाकर किया जा सकता है। किन्तु दोनों विधियाँ समय लगातीं हैं। इस काम को विधिवत करने की रीति है, युगपत समीकरण बनाकर उन्हें हल करना।

उपरोक्त रासायनिक अभिक्रिया को संतुलित करने कि लिए हम निम्नलिखित युगपत समीकरण बनाते हैं-

इन समीकरणों को समझना सरल है। उपरोक्त अभिक्रिया के बाएँ पक्ष में सोडियम के 2a परमाणु हैं और दाएँ पक्ष में d परमाणु। अतः । इसी तरह अन्य समीकरणों को समझ सकते हैं।

समीकरण बनाने के बाद हम देखते हैं कि अज्ञात राशियों की संख्या ५ है जबकि समीकरणों की संख्या केवल ४। इसका अर्थ हुआ कि हम किसी एक अज्ञात राशि का मान अपनी इच्छानुसार चुनते हुए आगे बढ़ सकते हैं। माना हम रख देते है तो शेष अज्ञात राशियों के मान ये होंगे: , , तथा । संयोग से ये सभी मान पूर्णांक हैं।

किन्तु यदि हम लेकर चले होते तो अन्य अज्ञात राशियों के मान ये होते: , , तथा , जिनमें कई पूर्णांक नहीं हैं। यदि सभी मानों को 2 से गुणा कर दें तो सभी पूर्णांक हो जायेंगे (ऊपर वाला हल ही मिल जाएगा)। इसी तरह 4, 6, 8, … से गुणा करने पर भी हमें सभी अज्ञात राशियों के मान पूर्णांक प्राप्त होंगे किन्तु समीकरण के गुणांकों का मान न्यूनतम पूर्णांक होना बेहतर माना जाता है। (अर्थात a, b, c, d, e के मानों का महत्तम समापवर्तक (HCF) 1 से अधिक नहीं होना चाहिए।

इस प्रकार उपरोक्त अभिक्रिया का संतुलित रूप यह होगा:

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. The notation was proposed in 1884 by the Dutch chemist Jacobus Henricus van 't Hoff. See: van 't Hoff, J.H. (1884). Études de Dynamique Chemique [Studies of chemical dynamics] (फ़्रेंच में). Amsterdam, Netherlands: Frederik Muller & Co. पपृ॰ 4–5. Van 't Hoff called reactions that didn't proceed to completion "limited reactions". From pp. 4–5: "Or M. Pfaundler a relié ces deux phénomênes … s'accomplit en même temps dans deux sens opposés." (Now Mr. Pfaundler has joined these two phenomena in a single concept by considering the observed limit as the result of two opposing reactions, driving the one in the example cited to the formation of sea salt [i.e., NaCl] and nitric acid, [and] the other to hydrochloric acid and sodium nitrate. This consideration, which experiment validates, justifies the expression "chemical equilibrium", which is used to characterize the final state of limited reactions. I would propose to translate this expression by the following symbol: HCl + NO3 Na NO3 H + Cl Na . I thus replace, in this case, the = sign in the chemical equation by the sign , which in reality doesn't express just equality but shows also the direction of the reaction. This clearly expresses that a chemical action occurs simultaneously in two opposing directions.)

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • रासायनिक अभिक्रिया
  • रासायनिक सूत्र
  • रासायनिक प्रतीक
  • समीकरण

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • Classic Chembalancer - Play Chembalancer, a free online game at FunBasedLearning.com, to learn how to balance equations by inspection
  • Online calculator, determines of the coefficients of a chemical equation
  • Free chemical equation balancer, solves chemical equation, works online, low bandwidth
  • Chemical equation balancing program - works off-line, calculates stoichiometry and limiting reagents, balances charge.
  • Online Chemical Equation Balancer Balances equation of any chemical reaction (full or half-cell) in one click.
  • Balance chemical equations Teaches how to balance chemical equations

रासायनिक समीकरण से क्या क्या जानकारी प्राप्त होती है?

रासायनिक समीकरण से हमें निम्न सूचनाएँ प्राप्त होती हैं (i) रासायनिक अभिक्रिया में प्रारम्भिक पदार्थ (भाग लेने वाले पदार्थ) जिन्हें अभिकारक कहते हैं। (ii) रासायनिक क्रिया में बनने वाले पदार्थ जिन्हें उत्पाद कहते हैं। (iii) अभिकारकों और उत्पादों के अणुओं की आपेक्षिक (तुलनात्मक) संख्या।

रासायनिक समीकरण क्या होता है इससे क्या जानकारियाँ मिलती हैं कोई एक उदाहरण देकर बताइए एवं इसकी कमियाँ बताइए?

रासायनिक समीकरण से अभिकारकों एवं उत्पादों के परमाणुओं एवं अणुओं की संख्या का बोध हो जाता है। <br> 4. रासायनिक अभिक्रिया के अभिकारकों तथा उत्पादों की मोलो की संख्या ज्ञात होने पर उसके द्रव्यमान की जानकारी प्राप्त होती है। <br> उदाहरण के लिए, <br> `2H_(2)+O_(2)rarr2H_(2)O` <br> 1.

रासायनिक समीकरण क्या है निम्नांकित समीकरण से कौन सी सूचनाएँ प्राप्त होती हैं 2so2 o2 → 2so3?

<br> `2SO_(2)+ O_(2) rarr 2SO_(3)` <br> इस रासायनिक समीकरण में सल्फर डाइऑक्साइड के दो अणु ऑक्सीजन के एक अणु से अभिक्रिया करके सल्फर ट्राइऑक्साइड के दो अणु का निर्माण करता है। इसमें अभिकर्मकों को `rarr` चिन्ह के बायीं ओर तथा. दायीं ओर दर्शाया गया है।

रासायनिक समीकरण लिखने से हमें क्या फायदा होता है?

किसी भी रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण के रूप में निरूपण आसान होता है | इसमें समय की बचत होती है तथा लिखने के लये कागज पर कम स्थान की आवश्यकता होता है |.
रासायनिक समीकरण की सहेता से प्रतिफल की एक निश्चित मात्रा के निर्माण के लिए आवश्यक अभिकारक के द्रवमान की गणना ठीक ठीक से की जाती है |.