Update: Saturday, February 1, 2020 @ 9:21 PM प्रश्न 1. ऐसी धातु का उदाहरण दें जो- (i) कमरे के तापमान पर द्रव होती है। (H.P. 2009, Set A, 2010 Set-A, 2015, 2016 Set I) (ii) चाकू से आसानी से काटा जा सकता है। (H.P. 2009, Set-B 2010 Set B) (iii) ऊष्मा की सबसे अच्छी चालक होती है। (H.P. 2009, Set-C) (iv) ऊष्मा का कुचालक होती है। (H.P. Model Q. Paper 2009, 2012 Set-B, 2015, 2016 Set III) उत्तर-(i) पारा (ii) सोडियम (iii) चांदी (iv) सीसा (लेड)। प्रश्न 2. आघातवध्र्य तथा तन्य का अर्थ बताइए। उत्तर-आघातवध्र्य-धातुओं का वह गुण जिसके द्वारा उन्हें पीट कर पतली चादरों में परिवर्तित किया जा सकता है। तन्य-धातुओं का वह गुण जिसके कारण उनके लंबे एवं पतले तार बनाए जाते हैं। प्रश्न——– प्रश्न 1. सोडियम को केरोसीन तेल में डुबोकर क्यों रखा जाता है? (H.P. Dec. 2008, 2012 Set-C, 2014 Set – A) उत्तर-सोडियम सक्रिय धातु है जो वाय में उपस्थित ऑक्सीजन से क्रिया करके सोडियम ऑक्साइड बनाती है। यह पानी से क्रिया कर सोडियम हाइड्रोक्साइड तथा हाइड्रोजन उत्पन्न करती है। वायु में खुला छोड़ देने पर यह आग पकड़ लेती है। इसलिए इसे मिट्टी के तेल में डुबो कर सुरक्षित रखते हैं। प्रश्न 2. इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखें- (H.P. 2012 Set-A) (i) भाप के साथ आयरन (ii) जल के साथ कैल्सियम तथा पोटाशियम। उत्तर– (i) 3Fe (s) + 4H2O(g) ⇋ Fe3O4 + 4H2↑ (ii) (i) Ca(s) + 2H2O(1) → Ca (OH)2 + H2↑ (ii) 2K + 2H2O(g) → 2KOH (aq) + H2↑ प्रश्न 3. A, B, C एवं D चार धातुओं के नमूनों को लेकर एक-एक करके निम्न विलयन में डाला गया। इससे प्राप्त परिणाम को निम्न प्रकार से सारणीबद्ध किया गया है :
इस सारणी का उपयोग कर धातु A, B, C, एवं D के संबंध में निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (i) सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु कौन-सी है? (ii) धातु B को कॉपर (II) सल्फेट के विलयन में डाला जाए तो क्या होगा? (iii) धातु A, B, C एवं D को अभिक्रियाशीलता के घटते हुए क्रम में व्यवस्थित करें। उत्तर-(A) धातु (B) सर्वाधिक अभिक्रियाशील है, क्योंकि कोई अन्य धातु FeSo4 (आयरन सल्फेट) में से धातु को विस्थापित नहीं कर सकती। (B) धातु ‘B’ सर्वाधिक अभिक्रियाशील है। इसलिए यदि धातु को कॉपर (II) सल्फेट के विलयन में डाला जाए तो यह कॉपर को उसके विलयन से विस्थापित कर देगा और विलयन का नीला रंग फीका पड़ जाएगा। (C) B>A>C>D प्रश्न 4. अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तो कौन-सी गैस उत्सर्जित होती है? आयरन के साथ तनु H2SO4 की रासायनिक अभिक्रिया लिखें। उत्तर-किसी तनु अम्ल से क्रिया करने के पश्चात कोई धातु हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करती है। सभी धातुएं तनु अम्लों से क्रिया नहीं करतीं पर जो धातुएं यह क्रिया नहीं करती हैं वे अम्ल में हाइड्रोजन को पुनस्र्थापित कर लवण तैयार करती हैं। Fe + 2HC1 → FeC12 + H2 प्रश्न 5. जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालने से क्या होगा? इसकी रासायनिक अभिक्रिया लिखिए। उत्तर-जब जिंक को आयरन (II) सल्फेट के घोल में डाला जाता है तो जिंक आयरन सल्फेट के घोल से आयरन को विस्थापित कर देती है। Zn + FeSO4 → Zn SO4 + Fe इस क्रिया को इस प्रकार प्रदर्शित किया जा सकता है- Zn (s) → Zn2+ + 2e– Fe2 (aq) + 2e– → Fe (s) Fe2+ (aq) + Zn (s) → Zn2+ (aq) + Fe (s) FeSO4 (aq) + Zn (s) → ZnSO4 (aq) + Fe (s) लोहा ZnSO4 से जिस्त को विस्थापित नहीं कर सकता। Fe+ ZnSO4 → कोई क्रिया नहीं यह इस कारण हुआ कि लोहा जिस्त की अपेक्षा कम सक्रिय है। प्रश्न—- प्रश्न 1. (i) सोडियम, ऑक्सीजन एवं मैग्नीशियम के लिए इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना लिखिए। (ii) इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण के द्वारा Na2O एवं MgO की संरचना को दर्शाएं। (iii) इन यौगिकों में कौन-से आयन उपस्थित हैं? (H.P. 2013, Set-II) उत्तर- (i) सोडियम Na : ऑक्सीजन O: मैग्नीशियम Mg : (ii) Na2O की संरचना (H.P. 2013, Set-II) (iii) Na2O यौगिक में Na+ आयन तथा O2-आयन है। MgO यौगिक में Mg2+ आयन तथा O2-आयन है। प्रश्न 2. आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च क्यों होता है? (H.P. 2015) उत्तर-अंतर आयनिक आकर्षण के कारण, आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च होता है। इनके क्रिस्टल जालक में धनायन और ऋणायन निश्चित क्रम से संयोजित होते हैं। उनमें अंतर आयनिक बल अधिक होता है। बंद संकुचित आकृति को तोडऩे के लिए उच्च ऊर्जा की आवश्यकता है इसलिए इनका गलनांक उच्च होता है। प्रश्न— प्रश्न 1. इन पदार्थों की परिभाषा दें। (H.P. 2012 Set-C) (i) खनिज (ii) अयस्क (iii) गैंग। उत्तर-(i) खनिज-धातुयुक्त पदार्थों को खनिज कहते हैं, जिनसे धातुएं विविध विधियों द्वारा प्राप्त की जाती हैं। (ii) अयस्क-जिस खनिज से धातु, प्राप्त करना सरल तथा आर्थिक रूप से लाभदायक हो उसे अयस्क कहते हैं। (iii) गैंग-पृथ्वी से निकाले गए अयस्कों के साथ अवांछनीय पदार्थ गैंग कहलाते हैं। प्रश्न 2. दो धातुओं के नाम बताइए जो प्रकृति में स्वतंत्र अवस्था में पाए जाते हैं। (H.P. 2012, Set-III) उत्तर-सोना (Au) एवं प्लैटिनम (Pt) प्रकृति में स्वतंत्र अवस्था में पाए जाते हैं। प्रश्न 3. धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए किस रासायनिक प्रक्रिया का प्रयोग किया जाता है? उत्तर-सक्रियता श्रेणी में निम्न स्थित धातु ऑक्साइडों को गर्म करने से धातु की प्राप्ति हो जाती है। लेकिन सक्रियता श्रेणी के मध्य में स्थित धातुओं के ऑक्साइडों को कार्बन के साथ गर्म करके धातु प्राप्त की जाती है। इसे अपचयी क्रिया कहते हैं। प्रश्न प्रश्न 1. जिंक मैग्नीशियम एवं कॉपर के धात्विक ऑक्साइड को निम्न धातुओं के साथ गर्म किया गया :
किस स्थिति में विस्थापन अभिक्रिया घटित होगी? उत्तर- जिंक ऑक्साइड तथा मैग्नीशियम में विस्थापन अभिक्रिया होगी। ZnO + Mg I MgO + Zn (ii) मैग्नीशियम ऑक्साइड विस्थापन अभिक्रिया नहीं कर सकता। (iii) कॉपर ऑक्साइड जिंक और मैग्नीशियम के साथ गर्म करने पर विस्थापन अभिक्रिया करेगा। CuO + Zn I ZnO + Cu CuO + Mg I Cu + MgO प्रश्न 2. कौन-सी धातु आसानी से संक्षारित नहीं होती? उत्तर-सोना एवं प्लैटिनम। प्रश्न 3. मिश्रधातु क्या होते है? (H.P. Dec. 2008) उत्तर-किसी धातु के किसी अन्य धातु अथवा अधातु के साथ मिश्रण को मिश्रधातु कहते हैं। उदाहरण-पीतल, बैल मेटल, टांका स्टील, गन मैटल। अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर प्रश्न 1. निम्नलिखित में से कौन-सा युगल विस्थापन अभिक्रिया प्रदर्शित करता है? (a) NaC1 विलयन एवं कॉपर धातु (b) MgC12 विलयन एवं एलुमीनियम धातु (c) FeSO4 विलयन एवं सिल्वर धातु (d) AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु उत्तर-सिल्वर धातु से अधिक क्रियाशील होने के कारण, कॉपर धातु AgNO3 विलियन में से सिल्वर को अलग (विस्थापित) करने की क्षमता रखता है। इसलिए सही उत्तर है (घ) AgNO3 (aq) + Cu (S) I CuNO3 (aq) + Ag (s) अन्य सभी धातुएं दिए गए विलयन में उपस्थित धातु से कम अभिक्रियाशील हैं। इसलिए (a) (b) एवं (c) गलत हैं। प्रश्न 2. लोहे के फ्राईंग पैन को जंग से बचाने के लिए निम्न में से कौन-सी विधि उपयुक्त है? (H.P. 2012 Set-II) (a) ग्रीज लगाकर (b) पेंट लगाकर (c) जिंक की परत लगाकर (d) ऊपर के सभी। उत्तर-ऊपर दिए गए सभी तरीके लोहे को जंग से बचाने में सक्षम हैं। परंतु (a) और (b) विधि फ्राई पैन के लोहे के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि ग्रीज और पेंट दोनों ही गर्म करने पर जल जाते हैं। इसलिए विधि (c) का प्रयोग किया जाता है। क्योंकि जिंक लोहे से अधिक अभिक्रियाशील है इसलिए यह लोहे को जंग नहीं लगने देता। जिंक का गलनांक लोहे से कम होता है और यह उच्च तापमान को सहन कर सकता है, इसलिए इसका प्रयोग फ्राई पैन में लोहे को जंग से बचाने के लिए किया जा सकता है। अत: विधि (c) सही एवं उपयुक्त विधि है। प्रश्न 3. कोई धातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उच्च गलनांक वाला यौगिक निर्मित करती है। यह यौगिक जल में विलेय है। यह तत्व क्या हो सकता है? (a) कैल्सियम (b) कार्बन (c) सिलिकॉन (d) लोहा। उत्तर-कैल्सियम, ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर कैल्सियम ऑक्साइड बनाता है जो एक आयनिक यौगिक है, इसका गलनांक उच्च होता है। यह जल के साथ अभिक्रिया करने पर कैल्सियम हाइड्रोक्साइड बनाता है। ∆ 2Ca (s) O2(g) I 2Ca2+ O2- (कैल्सियम ऑक्साइड) CaO + H2O I Ca (OH)2 (कैल्सियम हाइड्रोक्साइड) इसके विपरीत कार्बन का ऑक्साइड, यौगिक, कार्बन डाइऑक्साइड (गैस) होता है। सिलिकॉन का सिलिकॉन डाइऑक्साइड होता है (पानी में घुलनशील नहीं होता) एवं लोहे का ऑक्साइड यौगिक आयरन ऑक्साइड होता है जो पानी में नहीं घुलता इसलिए (b), (c) और (d) गलत हैं। केवल (a) ठीक है। प्रश्न 4. खादय पदार्थों के डिब्बों पर जिंक की बजाए टिन का लेप होता है-क्योंकि- (a) टिन की अपेक्षा जिंक महंगा है। (b) टिन की अपेक्षा जिंक का गलनांक अधिक है। (c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है। (d) टिन की अपेक्षा जिंक कम अभिक्रियाशील है। उत्तर-टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील होता है तथा खाने में पाए जाने वाले जैविक तत्वों के साथ अभिक्रिया कर सकता है। इसके विपरीत टीन इस प्रकार की अभिक्रिया नहीं करता इसलिए खाद्य पदार्थों को टिन में रखा जा सकता है परंतु जिंक में नहीं। इसलिए (c) सही है। प्रश्न 5. आपको एक हथौड़ा, बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच दिया गया है। (a) इनका उपयोग कर धातुओं एवं अधातुओं के नमूनों के बीच आप विभेद कैसे कर सकते हैं? (b) धातुओं एवं अधातुओं में विभेदन के लिए इन परीक्षणों की उपयोगिता का अवलोकन करें। उत्तर-(a) (i) हथौड़े का प्रयोग करके-यदि लिया गया नमूना टूट जाए तो वह अधातु है, इसके विपरीत यदि नमूना एक पतली चादर का रूप लेता है। इसका अर्थ है कि वह आघातवध्र्य है तो वह एक धातु है।(ii) सभी उपकरणों को दर्शाए गए चित्र के अनुसार जोड़ लें। लिए गए नमूनों को क्लिप्स के बीच में रखें और स्विच ‘ऑन’ करें। यदि बल्ब जलता है तो नमूना धातु है क्योंकि धातु विद्युत के सुचालक होते हैं और यदि बल्ब नहीं जला तो लिया गया नमूना अधातु है क्योंकि अधातु विद्युत के कुचालक होते हैं। (b) लोहे के आघातवध्र्य होने के कारण, एवं लगभग सभी धातुओं के आघातवध्र्य गुण के कारण उन्हें पतली चादर के रूप में बदल कर विभिन्न कामों के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। जैसे लोहे का प्रयोग बक्से एवं संदूक बनाने में किया जाता है। धातुएं विद्युत की सुचालक होती हैं। इसी गुण के कारण कॉपर एवं एलुमिनियम को विद्युत के संचालन के लिए प्रयोग किया जाता है। प्रश्न 6. उभयधर्मी ऑक्साइड क्या होते हैं? दो उभयधर्मी आक्साइडों का उदाहरण दें। (H.P. 2015) उत्तर-जो धातु ऑक्साइड अम्लीय और क्षारीय दोनों प्रकार के व्यवहार प्रकट करते हैं उन्हें उभयधर्मी ऑक्साइड कहते हैं। उदाहरण- एलुमिनियम ऑक्साइड (A12O3) जिंक ऑक्साइड (Zno). (i) A12O3 + 6HC1 I 2A1C3 + 3H2O (क्षारीय व्यवहार) (ii) A12O3 + 2NaOH I 2NaA1O2 + H2O (अम्लीय व्यवहार) (ii) ZnO + 2HC1 I ZaC12 + H2 (क्षारीय व्यवहार) ZnO + 2NaOH I Na2 ZnO2 + H2O (अम्लीय व्यवहार) प्रश्न 7. दो धातुओं के नाम बताएं जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगे तथा दो धातुएं जो ऐसा नहीं कर सकती हैं। उत्तर-जिंक (Zn) एवं लोहा (Fe) हाइड्रोजन से अधिक अभिक्रियाशील होने के कारण उसे तनु अम्ल से विस्थापित कर सकते हैं। इसके विपरीत कॉपर (Cu) एवं पारा (Hg) हाइड्रोजन से कम अभिक्रियाशील होने के कारण ऐसा नहीं कर सकते। प्रश्न 8. किसी धातु M के विद्युत अपघटनी परिष्करण में आप एनोड-कैथोड एवं विद्युत अपघट्य किसे बनाएंगे? उत्तर-एनोड-धातु M की अशुद्ध मोटी प्लेट। कैथोड-धातु M की शुद्ध पतली प्लेट। अपघट्य-धातु M का जल में घुलनशील विलयन। प्रश्न 9. प्रत्यूष ने सल्फर चूर्ण को स्पेचुला में लेकर उसे गर्म किया तथा परखनली को उल्टाकर उसने उत्सर्जित गैस को एकत्र किया। (a) गैस की क्रिया क्या होगी? (i) सूखे लिटमस पत्र पर (ii) आर्द्र लिटमस पत्र पर। (b) ऊपर की अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर-(a) सल्फर जलने पर सल्फर डाइऑक्साइड उत्पन्न करता है। S(s) + O2 I SO2 (q) सल्फर डाइऑक्साइड (i) सूखे लिटमस पत्र पर गैस की कोई भी क्रिया नहीं होगी। (ii) गैस आर्द्र लिटमस पत्र में मौजूद जल के साथ अभिक्रिया कर सल्फ्यूरिक अम्ल उत्पन्न करेगी जो नीले लिटमस पत्र को लाल कर देगा। (b) SO2 (g) + H2O I H2 SO3 (aq) (सल्फ्यूरस) प्रश्न 10. लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके बताएं। (H.P. 2007, 2011 Set-C, 2012 Set-B, C, 2013 Set-II) उत्तर-जंग से बचाने के तरीके-
प्रश्न 11. ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातु कैसा ऑक्साइड बनाते हैं? उत्तर-अधातुएं ऑक्सीजन से संयोग करके दो प्रकार के ऑक्साइड बनाती हैं अम्लीय और उदासीन। (i) अम्लीय ऑक्साइड-अधातुएं ऑक्सीजन से संयोग करके सह-संयोजक ऑक्साइड बनाती हैं जो पानी में घुलकर अम्ल बनाते हैं। (a) C+ O2 I CO2 CO2 + H2O I H2CO3 (कार्बोनिक अम्ल) (b) S+ O2 I SO2 SO2 + H2O I H2SO3 (ii) उदासीन ऑक्साइड-कुछ अधातुएं ऑक्सीजन से संयोग करके उदासीन ऑक्साइड बनाती हैं। इन पर लिटमस पेपर का कोई प्रभाव नहीं होता है जैसे-कार्बन मोनो-ऑक्साइड (CO), पानी (H2O) तथा नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) उदासीन ऑक्साइड हैं। प्रश्न 12. कारण बताएं- (a) प्लैटिनम, सोना एवं चांदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है। (H.P. Dec. 2008, 2011 Set-C, 2012 Set-B, 2014 Set-A) (b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अंदर संग्रहित किया जाता है। (H.P. Dec. 2008, 2014 Set-1) (c) एलुमिनियम अत्यंत अभिक्रियाशील धातु है फिर भी इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने में किया जाता है। (d) निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है। उत्तर-(a) प्लैटिनम, सोना एवं चांदी के निम्नलिखित गुणधर्मी के कारण इनका प्रयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है। (i) तन्यता (ii) आघातवध्र्यता (iii) जंग के प्रति सुरक्षित। (b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम अत्यधिक अभिक्रियाशील हैं। यह वातावरण में पाई जाने वाली ऑक्सीजन के साथ मिलकर अपने-अपने ऑक्साइड बनाते हैं तथा जल के संपर्क में आने पर जल जाते हैं। इसलिए इन्हें बचाने के लिए तेल में डुबोकर रखा जाता है। (c) एलुमिनियम एक शक्तिशाली एवं सस्ता धातु है। यह ताप का सुचालक है। परंतु यह अत्यधिक अभिक्रियाशील है। आर्द्र वायु के संपर्क में आने पर इसकी सतह पर पार न किए जाने वाली एलुमिनियम ऑक्साइड (A12O3) की परत चढ़ जाती है। यह परत आर्द्र वायु को क्रियाशील धातु के संपर्क में नहीं आने देती और धातु को जंग लगने से बचाती है। इन सभी कारणों से एलुमीनियम का प्रयोग खाना बनाने के बर्तन बनाने में किया जाता है। (घ) धातु कार्बोनेट और धातु सल्फाइड को धातु में बदलना कठिन होता है इसलिए उन्हें पहले धातु ऑक्साइड में बदलना आवश्यक होता है तब उसे किसी अपचायन की सहायता से धातु में बदला जा सकता है। धातु कार्बोनेट को वायु की अनुपस्थिति में गर्म करके कार्बन डाइऑक्साइड को निष्कासित कर दिया जाता है- ऊष्मा ZnCO3 I ZnO + CO2K धातु सल्फाइड को ऑक्सीजन की उपस्थिति में गर्म करके उसे धातु ऑक्साइड में रूपांतरित किया जाता है। इससे गंधक और आर्सेनिक जैसी अशुद्धियां भी दूर हो जाती हैं- 2ZnS + 302 I 2Zn0 + 2S02 S+02 I SO2 4As + 502 I 2As2 O5 प्रश्न 13. आपने तांबे के मलीन बर्तन को नींबू या इमली के रस से साफ करते अवश्य देखा होगा। ये खट्टे पदार्थ बर्तन को साफ करने में प्रभावी क्यों हैं? उतर-खट्टे पदार्थों में (नींबू) सिट्रिक अम्ल पाया जाता है। यह सिट्रिक अम्ल कॉपर के बदरंगे बर्तन में पाए जाने वाले कॉपर कार्बोनेट को घुलनशील बनाकर कॉपर को उसकी शुद्ध चमक प्रदान करता है। प्रश्न 14. रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातु एवं अधातु में विभेद करें। (H.P. 2008, 2009 Set-II, 2013 Set III, 2014 Set-I) उत्तर-रासायनिक गुणधातु–
प्रश्न 15. एक व्यक्ति प्रत्येक घर में सुनार बनकर जाता है। उसने पुराने एवं मलीन सोने के आभूषणों में पहले जैसी चमक पैदा करने का ढोंग रचा है। कोई संदेह किये बिना ही एक महिला अपने सोने के कंगन उसे देती है जिसे वह एक विशेष विलयन में डाल देता है। कंगन नये की तरह चमकने लगते हैं लेकिन उनका वजन बहुत कम हो जाता है। वह महिला बहुत दु:खी होती है तथा तर्क-वितर्क के पश्चात उस व्यक्ति को झुकना पड़ता है। एक जासूस की तरह क्या आप उस विलयन की प्रकृति के बारे में बता सकते हैं? उत्तर-सुनार द्वारा प्रयोग किया गया विलयन, एक्वारीजिया है। एक्वारीजिया विलयन में तन हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं नाइट्रिक अम्ल, 3 : 1 के अनुपात में होता है। सोना एक्वारीजिया में घुलनशील है इसलिए महिला के कंगन का भार कम हो जाता है। प्रश्न 16. गर्म जल का टैंक बनाने में तांबे का प्रयोग होता है परंतु इस्पात (लोहे का मिश्र धातु) का नहीं इसका कारण बताएं। उत्तर-कॉपर, स्टील की अपेक्षा अधिक सुगम ताप का सुचालक है। इसके और यह स्टील की अपेक्षा अधिक सस्ता भी होता है। ऊर्जा बचाने के लिए गर्म पानी के टैंक को कॉपर से बनाया जाता है। कॉपर जल से क्रिया भी नहीं करता चाहे उसे कितना भी गर्म किया जाए जबकि लोहा गर्म करने पर जल से क्रिया करता है। 3Fe (s) + 4H2O (1) I Fe3O4 + 4H2O अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न (OTHER IMPORTANT QUESTIONS) दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions) प्रश्न 1. धातु और अधातु के सामान्य गुणधर्मों के प्रमुख चार अपवाद लिखिए। उत्तर-(1) पारा को छोडक़र सारे धातु कमरे के तापमान पर ठोस अवस्था में पाए जाते हैं। धातुओं का द्रवनांक अधिक होता है लेकिन गैलियम और सीजियम का द्रवनांक बहुत कम है। (2) आयोडीन अधातु होते हुए भी चमकीला है। (3) कार्बन ऐसा अधातु है जो विभिन्न रूपों में रह सकता है। हीरा कार्बन का एक अपरूप है। यह सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ है। इसका द्रवनांक तथा क्वथनांक बहुत अधिक है। कार्बन का एक अन्य अपरूप ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक है। (4) क्षारीय धातु (लिथियम, सोडियम, पोटैशियम) इतने मुलायम होते हैं कि उनको चाकू से भी काटा जा सकता है। इनका घनत्व तथा द्रवनांक कम होता है। प्रश्न 2. विभिन्न धातुओं की जल के साथ अभिक्रिया का वर्णन करें। उत्तर-जल के साथ अभिक्रिया करके धातु, हाइड्रोजन गैस तथा धातु ऑक्साइड बनाते हैं। ये जल में घुलकर धातु हाइड्रोक्साइड बनाते हैं। पर सभी धातु जल के साथ अभिक्रिया नहीं करते हैं। पोटैशियम एवं सोडियम जैसे धातु ठंडे जल के साथ तेज अभिक्रिया करते हैं। सोडियम तथा पोटैशियम की अभिक्रिया इतनी तेज तथा ऊष्माक्षेपी होती है कि इससे उत्सर्जित हाइड्रोजन तत्काल जल उठती है। 2K (s) + 2H2O (1) I 2KOH (aq) + H2 (g) + ऊष्मीय ऊर्जा 2Na (s) + 2H2 O (1) I 2NaOH (aq) + H2 (g) + ऊष्मीय ऊर्जा जल के साथ कैल्सियम की अभिक्रिया थोड़ी मंद होती है। इसमें उत्सर्जित ऊष्मा हाइड्रोजन के प्रज्वलित होने के काफी नहीं होता है। Ca (s) + 2H2 O (1) I Ca (OH)2 (aq) + H2 (g) एलुमिनियम, लोहा तथा जिंक जैसे धातु न तो ठंडे जल के साथ और न ही गर्म जल के साथ अभिक्रिया करते हैं। लेकिन भाप के साथ अभिक्रिया करके यह धातु ऑक्साइड तथा हाइड्रोजन प्रदान करते हैं।। 2A1 (s) + 3H2 O (g) I A12O3 (s) + 3H2(g) 3Fe (s) + 4H2 O (g) I Fe3 O4 (s) + 4H2 (g) सीसा, कॉपर, चांदी तथा सोना जैसे धातु जल के साथ अभिक्रिया नहीं करते हैं। प्रश्न 3. धातु एवं अधात किस प्रकार अभिक्रिया करते हैं? उत्तर-धातु एवं अधातु अपने संयोजक कक्ष में पाए जाने वाले इलैक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर अभिक्रिया करते हैं। सोडियम परमाणु के सबसे बाहरी कक्ष में केवल एक इलेक्ट्रॉन है। यदि यह अपने M कक्ष से एक इलेक्ट्रॉन को त्याग देता है तब M कक्ष इसका बाह्यतम कक्ष बन जाता है जिसमें स्थिर अष्टक उपस्थित है। इस परमाणु के केंद्रक में 11 प्रोटॉन हैं लेकिन इलेक्ट्रॉनों की संख्या 10 होने के कारण इसमें धन आवेश की अधिकता होती है तथा यह सोडियम धनायन Na+ प्रदान करता है। दूसरी ओर क्लोरीन के सबसे बाहरी कक्ष में 7 इलेक्ट्रॉन होते हैं और उसे अष्टक पूर्ण करने के लिए इसे एक इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता होती है। यदि सोडियम और क्लोरीन अभिक्रिया करे तो सोडियम द्वारा त्यागा हुआ एक इलेक्ट्रॉन क्लोरीन प्राप्त कर सकता है। एक इलेक्ट्रॉन प्राप्त करके क्लोरीन परमाणु इकाई ऋण आवेश प्राप्त करता है क्योंकि इसके केंद्रक में 17 प्रोटॉन होते हैं तथा इसके K, L एवं M कक्ष में 18 इलेक्ट्रॉन होते हैं। इससे क्लोराइड ऋणायन C1– प्राप्त होता है। विपरीत आवेश होने के कारण सोडियम तथा क्लोराइड आयन एक-दूसरे को आकृष्ट करते हैं तथा मजबूत स्थिर वैद्युत बल में बंधकर सोडियम क्लोराइड के रूप में उपस्थित रहते हैं। अब एक और आयनिक यौगिक, मैग्नीशियम क्लोराइड के रूप को चित्र में दिखाया गया है। धातु से अधातु में इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण से बने यौगिकों आयनिक यौगिक या विद्युत संयोजक यौगिक कहा जाता प्रश्न 4. आयनिक यौगिकों के सामान्य गुणधर्मों का वर्णन कीजिए। उत्तर-आयनिक यौगिकों के सामान्य गुणधर्म निम्नलिखित हैं- (1) भौतिक प्रकृति-धनात्मक एवं ऋणात्मक आयनों के बीच दृढ़ आकर्षण बल के कारण आयनिक यौगिक ठोस होते हैं। ये यौगिक प्राय: भंगुर होते हैं तथा दबाव देने पर टूट जाते हैं। (2) द्रवनांक और क्वथनांक-आयनिक यौगिकों का द्रवनांक और क्वथनांक बहत अधिक होता है क्योंकि इसके मजबूत अंतर आयनिक आकर्षण को तोडऩे के लिए ऊर्जा की बहुत बड़ी मात्रा की जरूरत होती है। (3) विलयशीलता-संयोजक यौगिक प्राय: जल में विलयशील तथा केरोसीन, पेट्रोल आदि जैसे विलायक में अविलयशील होते हैं। (4) विद्युत चालकता-किसी विलयन से विद्युत के चालन के लिए आवेशित कणों की गतिशीलता जरूरी होती है। आयनिक यौगिकों के जलीय विलयन में आयन विद्यमान होते हैं। जब विलयन में विद्युत गुजारी जाती है तो ये आयन विपरीत इलेक्ट्रोड की ओर गति करने लगते हैं। ठोस अवस्था में आयनिक यौगिक विद्युत का चालन नहीं करते हैं क्योंकि ठोस अवस्था के दृढ़ संरचना के कारण आयनों की गति संभव नहीं होती है। लेकिन आयनिक यौगिक द्रवित अवस्था में विद्युत का चालन करते हैं क्योंकि द्रवित अवस्था में विपरीत आवेश वाले आयनों के मध्य विद्युत स्थैतिक आकर्षण बल, ऊष्मा के कारण काफी शिथिल हो जाता है। इसलिए आयन स्वतंत्र रूप से गमन करते हैं एवं विद्युत का संवहन करते हैं।
प्रश्न 5. धातुओं के निष्कर्षण संबंधित जानकारी कीजिए। उत्तर-कुछ धातु पृथ्वी में स्वतंत्र रूप में पाए जाते हैं। कुछ धातु अपने यौगिकों के रूप में मिलते हैं। अभिक्रियात्मकता श्रेणी में नीचे आने वाले धातु सबसे कम अभिक्रियाशील होते हैं। ये स्वतंत्र अवस्था में पाए जाते हैं। सोना, चांदी, प्लैटिनम एवं कॉपर स्वतंत्र अवस्था में पाए जाते हैं। कॉपर एवं चांदी अपने सल्फाइड या ऑक्साइड के अयस्क के रूप में संयुक्त अवस्था में भी पाए जाते हैं। अभिक्रियात्मकता श्रेणी में सबसे ऊपर के धातु (K, Na, Ca, Mg एवं A1) इतने अधिक अभिक्रियाशील होते हैं कि ये कभी भी स्वतंत्र तत्व के रूप में नहीं पाए जाते। क्रियात्मकता श्रेणी के मध्य के धातुओं (Zn, Fe, Pb आदि) की अभिक्रियाशीलता मध्यम श्रेणी की होती है। पृथ्वी में ये प्राय: ऑक्साइड, सल्फाइड या कार्बोनेट के रूप में पाए जाते हैं। कई धातुओं के अयस्क, ऑक्साइड होते हैं। अभिक्रियाशीलता के आधार पर धातुओं की तीन श्रेणियां होती हैं-(क) निम्न अभिक्रियाशील धातु (ख) मध्यम अभिक्रियाशील धातु (ग) उच्च अभिक्रियाशील धातु। प्रश्न 6. सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर स्थित धातुओं का निष्कर्षण किस प्रकार किया जाता है? उत्तर-सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर स्थित सोडियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, एलुमिनियम जैसी धातुएं अधिक अभिक्रियाशील होती हैं और उनको कार्बन के साथ गर्म कर यौगिकों से प्राप्त नहीं किया जा सकता। इन धातुओं की ऑक्सीजन के प्रति आकर्षण अधिक होता है, इसलिए इन्हें विद्युत अपघटनी अपचयन के द्वारा प्राप्त किया जाता है। सोडियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम को उनके गलित क्लोराइडों के विद्युत् अपघटन से प्राप्त किया जाता है। धातुएं कैथोड पर निक्षेपित होती हैं और क्लोरीन एनोड से मुक्त होती है। कैथोड पर Na+ + e– I Na एनोड पर 2C1– I C12 + 2e– एलुमिनियम ऑक्साइड के विद्युत अपघटनी की अपचयन से एलुमिनियम धातु की प्राप्ति की जा सकती है। कैथोड पर A13+ + 3e– I A1 (एलुमिनियम आयन) (कैथोड से) धातु प्रश्न 7. सक्रियता श्रेणी के मध्य में स्थित धातुओं का निष्कर्षण किस प्रकार किया जाता है? उत्तर-सक्रियता श्रेणी के मध्य में लोहा, जिंक, शीशा, कॉपर आदि धातुएं हैं। प्रकृति में ये प्राय: सल्फाइड या कार्बोनेट के रूप में पाए जाते हैं। सल्फाइड या कार्बोनेट की तुलना में धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करना अधिक सरल है। इसलिए निष्कर्षण से पहले धातु के सल्फाइड एवं कार्बोनेट को धातु ऑक्साइड में परिवर्तित करना आवश्यक है। सल्फाइड अयस्क को वायु की उपस्थिति में अधिक ताप पर गर्म करने पर यह ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है। इस प्रक्रिया को भर्जन कहते हैं। कार्बोनेट अयस्क को सीमित वायु में अधिक ताप पर गर्म करने से यह ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है। इस प्रक्रिया को निस्तापन कहते हैं। जस्ते के अयस्कों के भर्जन एवं निस्तापन के दौरान निम्न रासायनिक अभिक्रिया होती है भर्जन ताप 2ZnS (s) + 3O2 (g) I 2ZnO ) (s) + 2SO2 (g) निस्तापन ताप ZnCO3 (s) I ZnO (s) + CO2 (g) इसके बाद कार्बन जैसे उपयुक्त अपचायक का उपयोग कर धातु ऑक्साइड से धातु प्राप्त किया जाता है। जैसे, जब जिंक ऑक्साइड को कार्बन के साथ गर्म किया जाता है तो यह जिंक धातु में अपचयित हो जाता है। कार्बन का उपयोग कर धातु के ऑक्साइड को धातु में अपचयित करने के अतिरिक्त विस्थापन अभिक्रिया का भी उपयोग किया जा सकता है। अधिक सक्रिय धातु जैसे सोडियम, कैल्सियम, एलुमिनियम आदि को अपचायक के रूप में उपयोग किया जा सकता है क्योंकि ये निम्न अभिक्रियात्मकता वाले धातुओं को उनके यौगिकों से विस्थापित कर सकते हैं। जैसे जब मैंग्नीज डाइऑक्साइड को एलुमिनियम चूर्ण के साथ गर्म किया जाता है तो निम्नलिखित अभिक्रिया होती है 3MnO2 (s) + 4A1 (s) I 3Mn (1) + 2A12O3 (s) + ऊष्मा प्रश्न 8. सक्रियता श्रेणी में सबसे नीचे आने वाली धातुओं का निष्कर्षण किस प्रकार किया जाता है? उत्तर-सक्रियता श्रेणी में नीचे आने वाली धातुएं अनभिक्रियाशील होने के कारण ऑक्साइड को गर्म करने से ही धातु में बदल जाती है। पारा (Hg) के अयस्क सिनाबार (HgS) को गर्म करने से वह पारा ऑक्साइड में बदल जाता है और उसे अधिक गर्म करने पर वह पारा में अपचयित हो जाता है। 2HgS + 3O2 I 2Hgo + 2SO2 ∆ 2HgO I 2Hg + O2 इसी प्रकार तांबा भी अयस्क से प्राप्त किया जा सकता है। 2 Cu2S + 3O2 I 2Cu20 + 2 SO2 2 Cu2O + Cu2S I 6Cu + SO2 प्रश्न 9. लोहे को जंग लगना किसे कहते हैं? इसके लिए किन-किन आवश्यकताओं का पूरा होना अनिवार्य होता है? लोहे को जंग से बचाने की मुख्य विधियां लिखिए। (H.P. 2008, 2011 Set-A, C, 2012 B, C, 2013 Set C) उत्तर-लोहे की सतह पर जम जाने वाली पपड़ी द्वारा भूरे रंग की तह को जंग कहते हैं। यह आयरन (III) ऑक्साइड और आयरन (III) हाइड्रोक्साइड का यौगिक है। यह लोहे की सतह को कमजोर कर देता है। इसके कारण लोहे की बनी वस्तुओं का बहत नुकसान होता है।लोहे पर जंग लगने के लिए नमी और वायु का होना आवश्यक है। इस तथ्य को प्रयोग के द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है। यदि तीन परखनलियां ले कर उनमें चमकीले जंग रहित कील डालें तो पानी में डूबे कीलों को जंग लग जाएगा। यदि पानी की सतह पर तेल या ग्रीस डाल दें ताकि पानी और वायु का संपर्क न रहे तो कीलों को जंग नहीं लगेगा। इसी प्रकार CaC12 को प्रयोग से वायु की नमी को दूर कर देने से भी जंग नहीं लगता। संक्षारण से बचने के उपाय (H.P. 2012 Set-B, C)
III. प्लास्टिक की परत लगाने से-लोहे की सतह को प्लास्टिक से ढांप दिया जाता है। लोहे के फर्नीचर की रक्षा ऐसे ही की जाती है।
VII. इस्पात में बदल कर-लोहे को इस्पात में बदल कर जंग से बचाया जाता है। प्रश्न 10. धातुओं एवं अधातुओं के बीच कैसे विभेद करेंगे? (H.P. Model Q. Paper 2009, 2009, Set A, Set-B, 2010 Set-A,C) उत्तर-धातुओं और अधातुओं के गुणों में विभेद- (H.P. 2013 Set A, 2014 Set-A) भौतिक गुणों में विभेद
रासायनिक गुणों में विभेद (H.P. 2009, Set B)
प्रश्न 11. धातुओं के पांच रासायनिक गुणों को समीकरण देते हुए लिखिए। (H.P.2015) उत्तर-1. धातुओं की ऑक्सीजन से अभिक्रिया-समस्त धातुएं ऑक्सीजन से संयोग करके धात्वीय ऑक्साइड बनाती हैं। धातुओं के परमाणु शिथिल आबंध वाले इलेक्ट्रॉनों को सरलता से खोकर धातु का धनात्मक आयन बनाते हैं। जबकि ऑक्सीजन के परमाणु इलेक्ट्रॉन प्राप्त करके ऋणात्मक ऑक्साइड आयन बनाते हैं। इन धातुओं की प्रकृति क्षारीय होती है क्योंकि सभी धातुओं की अभिक्रियाशीलता भिन्न-भिन्न है इसलिए वे अलग-अलग ताप पर ऑक्सीजन से संयोग करती हैं। (i) सामान्य ताप पर Na तथा K ऑक्सीजन से संयोग करके ऑक्साइड बनाते हैं जो पानी में घुलने पर हाइड्रोक्साइड बनाता है। 4Na(s) + O2(g) I 2Na2O (s) Na2O (s) + H2O I 2NaOH (Aq) (ii) मैग्नीशियम के रिबन को जला कर हवा में रखा जाए तो वह जलता रहता है तथा मैग्नीशियम ऑक्साइड बनाता है। Mg I Mg2+ + 2e 0+2e I 02- O2- + mg 2+ I MgO (iii) तांबा तथा लोहा शुष्क वायु में उच्च तापक्रम पर ऑक्सीजन से संयोग करते हैं। 1100°C से ऊपर 2Cu + O2 I 2CuO (क्यूप्रिस ऑक्साइड) 1100°C से ऊपर 4Cu + O2 I 2Cu2O क्यूप्रिस ऑक्साइड) 4Fe + 3O2 I 2Fe2O3 (फैरिक ऑक्साइड)
(i) Na. K. Zn. Mg. Fe आदि अवरोही क्रम से अभिक्रियाशील हैं। 2Na + 2HC1 I 2NaC1 + H2K Mg + 2HC1 I MgC12 + H2K Zn + H2SO4 I ZnSO4 + H2K (ii) तनु नाइट्रिक अम्ल Cu, Ag, Pb, Hg धातुओं के साथ क्रिया करके NO (नाइट्रोजन ऑक्साइड) बनाता है। Cu+ 8HNO3 I 3 Cu (NO3)2 + 2NO + 4H2O 3Ag + 4NO3 I 3AgNO3 + NO + 2H2O (iii) Mg तथा Mn के साथ तनु नाइट्रिक अम्ल हाइड्रोजन गैस मुक्त करता है। Mg + 2HNO3 I Mg (NO3)2 + H2K (iv) सोना तथा प्लाटीनम तनु अम्ल से अभिक्रिया नहीं करते।
Ca + C12 I CaC12
2Na + H2 I 2NaH Ca + H2 I CaH2
(i) जब पानी सामान्य ताप पर हो तो Na, K तथा Ca आदि क्रिया करके हाइड्रोजन गैस मुक्त करती हैं। 2Na + 2H2 I 2NaOH + H2K Ca + 2H2O I Ca (OH)2 + H2K (ii) जब पानी उबलता हो तो Mg, Zn तथा Fe अभिक्रिया करके ऑक्साइड बनाते हैं। Mg + H2O I MgO + H2K 3Fe + 4H2O I Fe3O4 + 4H2K चुंबकीय आयरन ऑक्साइड प्रश्न 12. मिश्रधातु किसे कहते हैं? इनके बनाने के उद्देश्यों का वर्णन करो। (H.P. Model o. Paper 2009, 2010, Set-B, 2012 Set-B, 2014 Set C, 2015) उत्तर-मिश्रधातु (Alloys)-किसी धातु का किसी अन्य धातु या अधातु के साथ मिलाकर बनाया गया संगामी मिश्रण, मिश्रधातु कहलाता है। जैसे-टांके में कलई तथा सीसा समान मात्रा में मिलाया जाता है। उदाहरण के लिए स्टेनलेस स्टील, टांका, पीतल, कांसा बैल मैटल आदि सभी मिश्रधातुएं हैं। मिश्रधातुओं के उपयोग–
7.रंग परिवर्तन के लिए– तांबे तथा एलमिनियम से बनी एलमिनियम बांज मिश्र धातु का सुनहरी रंग होता है।
प्रश्न 13. प्रमुख मिश्र धातुओं के नाम, उनके घटक तथा उपयोग लिखिए। उत्तर
प्रश्न 14. धातुओं की अभिक्रियाशीलता क्रम का वर्णन कीजिए। उत्तर-धातुओं की अभिक्रियाशीलता क्रम-सभी धातुओं की अभिक्रियाशीलता की दर भिन्न-भिन्न होती है। कुछ धातुएं जैसे सोडियम, पोटाशियम तथा कैल्सियम आदि अत्यधिक क्रियाशील हैं। ये धातुएं ऑक्सीजन में मिल कर ऑक्साइड तथा हाइड्रोजन से क्रिया करके हाइड्राइड बनाती हैं। कुछ धातुएं अपेक्षाकृत कम क्रियाशील होती हैं जैसे- लोहा, जिंक आदि। परंतु कुछ धातुएं तो बिल्कुल कम क्रियाशील होती हैं जैसे सोना, चांदी। धातुओं की अभिक्रियाशीलता उनके इलेक्ट्रॉन देने की प्रवृत्ति पर निर्भर करती है। धातुओं को अभिक्रियाशीलता के आधार पर उनकी क्रियाशीलता के घटते क्रम के अनुसार लिखा जाता है जिसे धातुओं का अभिक्रियाशीलता क्रम कहते हैं। अभिक्रियाशीलता क्रम में धातुएं धातुओं के नाम धातु का प्रतीक सबसे अधिक क्रियाशील धातु पोटाशियम K सोडियम Na बेरियम Ba कैल्सियम Ca मैग्नीशियम Mg एलुमिनियम A1 जिंक Z लोहा Fe निकिल Ni टिन Sn सीसा Pb हाइड्रोजन H तांबा Cu पारा Hg सोना Ag चांदी Au प्लाटिनम Pt सबसे कम क्रियाशील धातु जो धातुएं हाइड्रोजन से ऊपर हैं वे अधिक क्रियाशील हैं तथा हाइड्रोजन से नीचे वाली धातुएं कम क्रियाशील हैं और वे अधिकतर प्रकृति में स्वतंत्र रूप से पाई जाती हैं। इस क्रम के अनुसार पोटाशियम सबसे अधिक क्रियाशील है तथा प्लाटिनम सबसे कम। प्रश्न 15. अयस्क सांद्रण की सामान्य विधियों का परिचय दीजिए। उत्तर-अयस्क सांद्रण की सामान्य विधियां-अयस्क या खनिज पृथ्वी से निकाले जाते हैं जिनके साथ अनेक प्रकार के व्यर्थ पदार्थ होते हैं जिन्हें गैंग कहते हैं। निष्कर्षण की प्रक्रिया से पहले उन्हें हटाना आवश्यक होता है। इस प्रकार गैंग का साथ हटाने से अयस्क में धातु की मात्रा, अधिक हो जाती है जिसे सांद्रण कहते हैं। अत: किसी अयस्क को अगले क्रमों के लिए तैयार करने के लिए अयस्क का सांद्रण करना होता है। अयस्क से गैंग हटाने की विधि अयस्क के तथा गैंग के भौतिक या रासायनिक गुणों के अंतर पर आधारित होती है। सांद्रण की भौतिक विधियां-
बेयर विधि द्वारा एलुमिनियम अयस्क का सांद्रण-इस विधि में बॉक्साइट को गर्म सोडियम हाइड्रोक्साइड के साथ अपचयित किया जाता है जिससे NaA1O2 जो जल में घुलनशील हैं। गैंग को छान कर अलग कर दिया जाता है। NaA1O2 की हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अभिक्रिया करवाई जाती है जिससे एलुमिनियम हाइड्रोक्साइड प्राप्त होता है। जिसके बाद एलुमिनियम हाइड्रोक्साइड को गर्म करके शुद्ध एलुमिनियम ऑक्साइड प्राप्त होता है। विभिन्न अभिक्रियाएं निम्नलिखित प्रकार से हैं- A12O3 + 2NaOH I 2NaA1O2 + H2O अयस्क से NaA1O2 + HC1 + H2O I A1(OH)2 K+ NaC1 गर्म करने पर 2A1 (OH)3 I A12O3 + 3H2O प्रश्न 16. किसी अयस्क से धातु निष्कर्षण में प्रयुक्त चरणों को रेखांकन से समझाइए। उत्तर- अयस्क ————————————————————————–L—————————————————————————— अयस्क का सांद्रण L————————————————————————- L —————————————————————————— L उच्च अभिक्रियाशील मध्यम अभिक्रियाशील निम्न अभिक्रियाशील धातुएं धातुएं धातुएं L ————————————————————————– L —————————————————————————— L गलित धातु का विद्युत अपघटन सल्फाइड अयस्क L L —————————————————— L L शुद्ध धातु कार्बोनेट अयस्क सल्फाइड अयस्क भर्जन L L L निस्तापन भर्जन धातु ——————————————————— L L परिष्करण धातु का ऑक्साइड L धातु में अपचयन L धातु का शोधन अयस्क से धातु निष्कर्षण में प्रयुक्त चरण प्रश्न 17. धातुओं के निष्कर्षण की सामान्य विधिओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। (H.P. 2009 Set-c) उत्तर-किसी धातु को निष्कर्षित करने के विभिन्न चरण हैं- (1) अयस्क का सांद्रण। (2) सान्द्रित अयस्क को धातु ऑक्साइड में बदलना। (&) अधातु ऑक्साइड का अपचयन से धातु प्राप्त करना। (4) अशुद्ध धातु परिष्करण करना।
(क) द्रवचालित धुलाई-इस विधि का उपयोग ऑक्साइड अयस्क को समृद्धि करने के लिए किया जाता है। गैंग कण अयस्क के सापेक्ष हल्के होते हैं। इस में बारीक पिसे हुए अयस्क को जल-धारा के द्वारा धुलाई करते हैं। हल्के गैंग कण जल के साथ बहने के बाद भारी कण प्राप्त होते हैं। (ख) फेन प्लवन विधि-इस विधि में, बारीक पिसे हुए अयस्क को एक बड़े टैंक में जल के साथ मिलाते हैं और फिर इसमें चीड़ का तेल डालते हैं। तेल से सल्फाइड अयस्क को तथा गैंग को जल द्वारा गीला किया जाता है। इसमें जब तीव्र गति से वायु प्रवाहित की जाती है तो उसके फलस्वरूप हल्का तेल-फेन ऊपर उठकर टैंक की ऊपरी सतह पर आकार मलफेन के रूप में तैरता है। गैंग कण भारी होते हैं। इसलिए जल में डूबकर टैंक के तल पर एकत्रित हो जाते हैं। (ग) विद्युत चुंबकीय पृथक्करण-चुंबकीय पृथक्कारी में एक चमड़े का पट्टा दो रोलरों पर घूमता रहता है जिनमें से एक रोलर विद्युत चुंबकीय होता है। बारीक पिसे हुए अयस्क को घूमते हुए पट्टे पर एक सिरे पर डालते हैं। अयस्क का चुंबकीय भाग चुंबक से आकर्षित होकर उसके समीप एक ढेर के रूप में इकट्ठा हो जाता है। अचुंबकीय, चुंबकीय अयस्क से दूर गिरकर एक पृथक ढेर बनाती है। (घ) रासायनिक पृथक्करण-इस प्रक्रम में, अयस्क एवं गैंग के रासायनिक गुणों में भिन्नता को आधार बनाते हैं। जैसे-बॉक्साइड A12O3.2H2O ऐलुमिनियम ऑक्साइड का अशुद्ध रूप होता है। इसमें आयरन (III) ऑक्साइड (Fe2O3) एवं बालू (SiO2) की प्रमुख अशुद्धियां होती हैं। आयरन (III) ऑक्साइड इसको भूरा-लाल रंग प्रदान करती है। बॉक्साइट अयस्क से शुद्ध एलुमिनियम प्राप्त करने के लिए बायर विधि का उपयोग करते हैं। इस विधि में, बारीक पिसे हुए अयस्क को गर्म सोडियम हाइड्राक्साइड विलयन के साथ करते हैं। A12O3(s) + 2NaOH(aq) I 2NaA1O2(aq) + H2O(1) NaA1O2(aq) + 2H2(1) I AI(OH)3 (s) + NaOH(aq) ऊष्मा 2A1(OH)3(s) I Al03(s) + 3H,O(g)
भर्जन-इस क्रिया में अयस्क को वायु की उपस्थिति में गर्म करके धातु ऑक्साइड प्राप्त करते हैं, जो आसानी से अपचयित होकर धातु को अलग कर देता है। जिंक ब्लेंडी में जिंक सल्फाइड होता है। जब सांद्रित जिंक ब्लैड अयस्क (जिंक सल्फाइड) को वायु में भर्जित किया जाता है तो वह ऑक्सीकृत होकर जिंक ऑक्साइड बना देता है। भर्जन 2ZnS(s) + 3O2(g) I 2ZnO(s) + 2SO2(g) निस्तापन-इस क्रिया में अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में गर्म करके नमी तथा वाष्पशील अशुद्धियों को अलग कर देते हैं। जब किसी कार्बोनेट अयस्क को गर्म किया जाता है तो वह विघटित होकर धातु ऑक्साइड बना देता है। भर्जन ZnCO3(s) I ZnO(s) + CO2(g)
ZnO(s) + C(s) I Zn(s) + CO(g) मध्यम अभिक्रियाशीलता वाली धातुओं के ऑक्साइडों का अपचयन करने के लिए सोडियम, कैल्शियम तथा एलुमिनियम जैसी अभिक्रियाशील धातुएं भी अपचायक के रूप में उपयोग की जा सकती हैं। 3MnO2(s) + 4A1(s) I 3Mn(1) + 2A12O3(s) + ऊष्मा 4.विद्युत अपघटनी शोधन (H.P. 2011 Set-B)–इस विधि में, अशुद्ध धातु का ऐनोड बनाते हैं एवं शुद्ध धातु की पतली पट्टी का कैथोड बनाते हैं। धातु लवण विलयन का विद्युत अपघट्य की भांति उपयोग करते हैं। विद्युत अपघट्य द्वारा विद्युत धारा प्रवाहित करने पर ऐनोड से शुद्ध धातु विद्युत् अपघट्य में घुल जाती है। घुलनशील अशुद्धियां एनोड तल के नीचे विक्षेपित हो जाती हैं जिसको एनोड अवपंक कहते हैं। लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions) प्रश्न 1. तन्यता गुण को उदाहरण सहित परिभाषित करें। उत्तर-धातु के पतले तार के रूप में खींचने की क्षमता को तन्यता कहा जाता है। सोना सबसे अधिक तन्य धातु है। केवल 1 ग्राम सोना से लगभग 2 km (किलोमीटर) लंबा तारा बनाया जा सकता है। प्रश्न 2. धातुओं के अम्लीय एवं भस्मीय स्वभाव पर टिप्पणी लिखें। उत्तर-धातु ऑक्साइड का स्वभाव अम्लीय होता है। लेकिन एलुमिनियम ऑक्साइड, जिंक ऑक्साइड जैसे कुछ धातु ऑक्साइड अम्लीय तथा भस्मीय दोनों स्वभाव प्रदर्शित करते हैं। प्रश्न 3. उभयधर्मी ऑक्साइड की उदाहरण सहित परिभाषा दीजिए। उत्तर-ऐसे धातु ऑक्साइड जो अम्ल तथा भस्म दोनों से अभिक्रिया कर लवण तथा जल प्रदान करते हैं, उभयधर्मी ऑक्साइड कहलाते हैं। जैसे- A12 O3 + 6HC1 I 2A1C13 + 3H2O (एलुमिनियम ऑक्साइड) (एलुमिनियम क्लोराइड) (जल) (लवण) प्रश्न 4. पोटैशियम तथा सोडियम धातु की अभिक्रियाशीलता पर एक नोट लिखें। (H.P. 2012 Set III) उत्तर-पोटैशियम तथा सोडियम जैसे कुछ धातु इतनी तेज अभिक्रिया करता है कि खुले में रखने पर आग पकड़ लेता है। इसलिए, इन्हें सुरक्षित रखने तथा आकिस्मक आग को रोकने के लिए इन्हें केरोसीन तेल में डुबा कर रखा जाता है। प्रश्न 5. धातुएं पुन: ऑक्सीकरण से कैसे सुरक्षित रहती हैं? उत्तर-सामान्य तापमान पर मैग्नीशियम, एलुमिनियम, जिंक, सीसा आदि जैसी धातुओं की सतह पर ऑक्सीजन की पतली परत चढ़ जाती है। ऑक्साइड की यह परत धातुओं को पुन: ऑक्सीकरण से सुरक्षित रखती हैं। प्रश्न 6. धनाग्रीकरण से क्या अभिप्राय है ? इसका क्या लाभ है? उत्तर-उधनाग्रीकरण, एलुमिनियम पर मोटी ऑक्साइड परत बनाने की प्रक्रिया है। वायु के संपर्क में आने पर एलुमिनियम पर ऑक्साइड की पतली परत का निर्माण होता है। यह परत एलुमिनियम धातु को संक्षारण से बचाती है। प्रश्न 7. धातुओं की जल के साथ अभिक्रिया पर प्रकाश डालें। उत्तर-जल के साथ अभिक्रिया करके धातु, हाइड्रोजन गैस तथा धातु ऑक्साइड उत्पन्न करता है। जल में विलयशील है धातु ऑक्साइड इसमें और घुलकर धातु हाइड्रोक्साइड प्रदान करता है। लेकिन सभी धातु जल के साथ अभिक्रिया नहीं करते। प्रश्न 8. धातु की अम्ल के साथ अभिक्रिया का वर्णन करें। उत्तर-धातु अम्ल के साथ अभिक्रिया करके लवण तथा हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करते हैं। धातु + अम्ल I लवण + हाइड्रोजन लगभग सभी धातुएं अम्ल के साथ यही उत्पाद बनाती हैं। प्रश्न 9. धातु + नाइट्रिक- लवण + हाइड्रोजन। उपर्युक्त अभिक्रिया पर टिप्पणी करें। उत्तर-जब धातु नाइट्रिक अम्ल के साथ टिप्पणी करता है तो हाइड्रोजन गैस उत्सर्जित नहीं होता। क्योंकि HNO3 एक तीव्र ऑक्सीकारक है। यह उत्पन्न हुए जल में ऑक्सीकृत या उपचयित कर देता है तथा स्वयं अपचयित होकर कोई नाइट्रोजन ऑक्साइड (N2O, NO, NO2) बन जाता है। मैग्नीशियम (Mg) और मैगनीज (Mn), अति तनु HNO3 के साथ अभिक्रिया कर H2 गैस उत्सर्जित करता है। प्रश्न 10. एक्वा रीजिया क्या होता है? विवरण दें- उत्तर-एक्वा रीजिया, 3:1 के अनुपात में सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं सांद्र नाइट्रिक अम्ल का मिश्रण है। यह सोने को गला सकता है जबकि दोनों में से किसी अम्ल में अकेले यह क्षमता नहीं है। एक्वा रीजिया (रॉयल जल का लैटिन शब्द) भभक्ता द्रव होने के साथ तेज संक्षारक है। यह प्लैटिनम को गलाने में भी सक्षम हैं। प्रश्न 11. अभिक्रियात्मकता श्रृंखला की परिभाषा दें तथा प्रथम 5 धातुओं को उनके घटते क्रियाशीलता क्रम में प्रदर्शित करें। उत्तर-अभिक्रियात्मकता श्रृंखला वह सूची है जिसमें धातुओं को क्रियाशीलता के अवरोही क्रम में व्यवस्थित किया गया है। विस्थापन के प्रयोगों के बाद इस श्रृंखला को विकसित किया गया है। श्रृंखला की प्रथम 5 धातुएं उनके घटते क्रियाशीलता क्रम में इस प्रकार से है। K > Na > Ca> Mg > A1 प्रश्न 12. आयनिक यौगिकों के क्वथनांक एवं द्रवनांक पर टिप्पणी लिखिए। उत्तर-आयनिक यौगिकों का क्वथनांक एवं द्रवनांक बहुत अधिक होता है क्योंकि इसके मजबूत अंतर आयनिक आकर्षण को तोडऩे के लिए ऊर्जा की अत्यधिक मात्रा की आवश्यकता होती है। प्रश्न 13. भूपृष्ठ पर अधातुएं किस अवस्था में एवं कहां पाई जाती हैं? उत्तर-पृथ्वी की भू-पर्पटी धातुओं का मुख्य स्रोत है। समुद्री जल में भी सोडियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड आदि जैसे कुछ विलयशील लवण उपस्थित रहते हैं। पृथ्वी की भू-पर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले तत्व या यौगिकों को खनिज कहते हैं। कुछ स्थानों पर खनिजों में कोई विशेष धातु काफी मात्रा में होता है जिसे आसानी से निकाला जा सकता है। इन खनिजों को अयस्क कहते हैं। प्रश्न 14. अयस्कों के समृद्धिकरण पर एक संक्षिप्त नोट लिखिए। उत्तर-पृथ्वी से खनिज अयस्कों में मिट्टी, रेत आदि जैसी कई अशुद्धियां होती हैं जिन्हें गैंग कहते हैं। धातुओं के निष्कर्षण से पहले अयस्क से अशुद्धिधयों को हटाना आवश्यक होता है। अयस्कों से गैंग को हटाने के लिए जिन प्रक्रियाओं का उपयोग होता है वे अयस्क एवं गैंग के भौतिक या रासायनिक गुणधर्मों की विभिन्नता पर आधारित होते हैं। इस प्रकार पृथकीकरण के लिए विभिन्न तकनीक अपनाई जाती है। प्रश्न 15. सक्रियता श्रेणी में नीचे आने वाले धातुओं का निष्कर्षण किस प्रकार किया जाता है। उत्तर-सक्रियता श्रेणी में नीचे आने वाले धातु काफी अनभिक्रिय होते हैं। इन धातुओं के ऑक्साइड को केवल गर्म करने से ही धातु प्राप्त किया जा सकता है। सिनाबार (HgS), पारद का एक अयस्क है जो वायु में गर्म करने पर मक्र्यूरिक ऑक्साइड (HgO) में परिवर्तित होता है और अधिक गर्म करने पर मक्र्यूरिक ऑक्साइड पारद में अपचयित हो जाता है। ताप 2HgS (s) + 302 (g) I 2HgO (s) + 2SO2 (g) ताप 2HgO (s) I 2Hg (1) + 02 (g) इसी तरह, प्राकृतिक रूप से Cu2S के रूप में उपलब्ध कॉपर को केवल वायु में गर्म करके इसके अयस्क से अलग किया जा सकता है। ताप 2Cu2 S + 3O2 (g) I 2Cu2O (s) + 2SO2 (g) ताप 2CuO + Cu2S I 6Cu (s) + SO, (g) प्रश्न 16. विद्युत अपघटनी शोधन से आप क्या समझते हैं? उत्तर-विद्युत अपघटनी शोधन-कॉपर, जिंक, टिन, निकेल, चांदी, सोना आदि जैसे अनेक धातुओं का शोधन विद्युत अपघटन द्वारा किया जाता है। इस प्रक्रिया में अशुद्ध धातु को ऐनोड तथा शुद्ध धातु की पतली परत को कैथोड बनाया जाता है। धातु के लवण विलयन का उपयोग विद्युत-अपघट्य के रूप में होता है। विद्युत-अपघट्य में जब धारा प्रवाहित होती है तब एनोड पर स्थित शुद्ध विद्युत अपघट्य में घुल जाता है। इतनी ही मात्रा में शुद्ध धातु विद्युत-अपघट्य से कैथोड पर निक्षेपित हो जाता है। विलयशील अशुद्धियां विलयन में चली जाती हैं तथा अविलयशील अशुद्धियां ऐनोड के नीचे निक्षेपित हो जाती हैं जिसे ऐनोड अवपंक कहते हैं। प्रश्न 17.कॉपर को वायु में खुला छोडऩे पर वह हरे रंग का हो जाता है। क्यों? उत्तर-कॉपर वाय में उपस्थित आर्द्र कार्बन डाइऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करता है। जिससे इसकी सतह से भूरे रंग की चमक धीरे-धीरे खत्म हो जाती है तथा इस पर हरे रंग की चमक चढ़ जाती है। यह हरा पदार्थ कॉपर कार्बोनेट होता है। प्रश्न 18. 24 कैरेट सोना क्या है? उत्तर-शुद्ध सोने को 24 कैरेट कहते हैं तथा ये काफी नर्म होता है। इसलिए आभूषण बनाने के लिए ये उपयुक्त नहीं होता है। इसे कठोर बनाने के लिए चांदी या कॉपर के साथ मिलाया जाता है। हमारे देश में प्राय: आभूषण बनाने के लिए 22 कैरट सोने का उपयोग होता है। इसका मतलब है कि 22 भाग शुद्ध सोने में 2 भाग कॉपर या चांदी मिश्रित किया जाता है। प्रश्न 19. चित्र में दर्शाए गए लौह स्तंभ को संक्षारण से बचाने के लिए क्या उपाय किया गया? उत्तर-लगभग 400 ईसा पूर्व में दिल्ली में बने लौह स्तंभ को जंग से बचाने के लिए विभिन्न क्रियाएं की गईं। इसकी सतह पर मैग्नेटिक ऑक्साइड (Fe2 O3) की पतली फिल्म चढ़ाई गई। विभिन्न लवणों के मिश्रण से इसे रंगकर, फिर इसे गर्म कर इसका शमन किया गया। यह लौह स्तंभ 8 मीटर ऊंचा तथा 6 टन (6000 kg) भारी है। प्रश्न 20. गैलियम और सीजियम के द्रवनांक के बारे में बताएं। उत्तर-पारा को छोडक़र सारे धातु कमरे के तापमान पर ठोस अवस्था में पाए जाते हैं क्योंकि धातुओं का द्रवनांक अधिक होता है। लेकिन गैलियम और सीजियम का द्रवनांक कम होता है। हाथ पर रखने पर ये धातु पिघलने लगते हैं। प्रश्न 21. कार्बन एवं उसके अपरूप के बारे में बताएं। उत्तर-कार्बन ऐसा धातु है जो विभिन्न रूपों में रह सकता है। इसके प्रत्येक रूप को अपरूप कहते हैं। हीरा कार्बन का एक अपरूप है। यह सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ है और इसका द्रवनांक एवं क्वथनांक बहुत अधिक है। कार्बन का एक अन्य अपरूप ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक है। प्रश्न 22. क्षारीय धातु के गुणधर्म के बारे में लिखें। उत्तर-क्षारीय धातु (लिथियम, सोडियम, पोटैशियम) इतने मुलायम होते हैं कि इन्हें चाकू से भी काटा जा सकता है। क्योंकि इनका घनत्व एवं द्रवनांक कम होता है। प्रश्न 23. लोहे को किस प्रकार जलाया जा सकता है? उत्तर-गर्म करने पर लोहे का दहन नहीं होता। लेकिन जब बर्नर की ज्वाला में लौह चूर्ण को डाला जाता है तो वह तेजी से जलने लगता है। प्रश्न 24. सोडियम एवं पोटैशियम ऑक्साइड की जल के साथ अभिक्रिया का वर्णन करें। उत्तर-अधिकतर धातु ऑक्साइड जल में अविलयशील हैं, लेकिन इनमें से कुछ जल के साथ घुलकर क्षार प्रदान करते हैं। जैसे- Na2O (s) + H2O (1) I 2NaOH (aq) K2O (s) + H2O (1) I 2KOH (aq) प्रश्न 25. पोटैशियम एवं कैल्सियम में स्वयं अग्नि प्रज्वलन का क्या कारण है? उत्तर-पोटैशियम एवं सोडियम जैसे धातु ठंडे जल के साथ तेज अभिक्रिया करता है। सोडियम तथा पोटैशियम की अभिक्रिया इतनी तेज तथा ऊष्माक्षेपी होती है कि इससे उत्सर्जित हाइड्रोजन तत्काल प्रज्वलित हो जाती है। प्रश्न 26. एलुमिनियम तथा लोहा जल के साथ किस प्रकार अभिक्रिया करते हैं? उत्तर-एलुमिनियम तथा लोहा जैसे धातु न तो ठंडे जल के साथ और न ही गर्म जल के साथ अभिक्रिया करते। हैं परंतु भाप के साथ अभिक्रिया करके यह धातु ऑक्साइड तथा हाइड्रोजन प्रदान करते हैं। 2 A1(s) + 3H2O(g) I A12O3 (s) + 3H2 (g) 3 Fe (s) + 3H2O (g) I Fe3O4 (s) + 3H2 (g) प्रश्न 27. विस्थापन अभिक्रिया को एक समीकरण द्वारा दर्शाएं। उत्तर-यदि धातु (अ) धातु (ब) को उसके विलयन से विस्थापित कर देता है तो यह धातु (ब) की अपेक्षा अधिक अभिक्रियाशील है। धातु (अ) + (ब) का लवण विलयन I (अ) का लवण विलयन + धातु (ब)। प्रश्न 28. धातुएं किसे कहते हैं? उत्तर-आवर्त सारणी के बायीं तरफ तथा मध्य में रखे जाने वाले तत्व धातु कहलाते हैं, जिन में धात्विक चमक होती है। वे प्राय: तन्य, आघातवर्ध्य, विद्युत् और ऊष्मा की सुचालक, दृढ़ और अधिक घनत्व वाली होती हैं। इनके ऑक्साइड क्षारीय प्रकृति के होते हैं। लोहा, सोना, चांदी, तांबा, प्लैटिनम आदि धातुओं के उदाहरण हैं। प्रश्न 29. उन सभी उत्पादों का नाम लिखिए जो अमोनिया को तप्त कॉपर (II) ऑक्साइड के ऊपर प्रवाहित करने के उपरांत प्राप्त होते हैं। उत्तर-जब अमोनिया को तपे हुए कॉपर (II) ऑक्साइड के ऊपर से गुजारा जाता है तो काले रंग का ऑक्साइड लाल भूरे तांबा धातु के उपरांत प्राप्त होते हैं। 2NH3 (g) + 3CuO (s) I 3Cu (s) + 3H2O (1) + N2 (g) इस क्रिया से प्राप्त होने वाले उत्पाद हैं, तांबा, जल एवं नाइट्रोजन गैस। प्रश्न 30. जंग क्या होता है? इसके रासायनिक सूत्र के बारे में बताएं। (H.P. 2011 Set-A) उत्तर-लोहे की बनी वस्तुओं को वायु में खुला छोड़ देने से उन पर हाइड्रोक्साइड एवं हाइड्राइड की परत जम जाने को जंग लगना कहते हैं। यह लाल-भूरे रंग की खुरदरी परत होती है। इससे लोहे का क्षय होता है। इसका रासायनिक सूत्र है- Fe2O3.xH2O प्रश्न 31. धात्विकी पद को परिभाषित करें। उत्तर-धातुओं को उनके अयस्क से विभिन्न विधियों द्वारा प्राप्त करना उनको उपयोग के लिए शुद्ध करने की धात्विकी या धातुक्रम कहते हैं। प्रश्न 32. एलुमिना के विद्युत अपघटनी अपचयन में, क्रायोलाइट के क्या विभिन्न कार्य हैं? उत्तर-एलुमिनियम के निष्कर्षण में क्रायोलाइट के मुख्य दो कार्य होते हैं- (1) एलुमिना के द्रवनांक को कम करने के लिए। (2) एलुमिना विद्युत का कुचालक होता है। क्रायोलाइट (Na3 A1F.) मिलाने से एलुमिना से A13+ आयन उत्पन्न हो जाते हैं। प्रश्न 33. लोहे को थोड़े से कार्बन के साथ मिश्रित करने के उपरांत प्राप्त पदार्थ का उपयोग अधिक क्यों है? उत्तर-जब लोहे के साथ कुछ कार्बन मिला दिया जाता है तब वह फौलाद बन जाता है। वह अधिक दृढ़ हो जाता है। उसकी क्षमता बढ़ जाती है और उसे समुद्री जहाज, वाहन, बांध आदि बनाने में प्रयुक्त किया जा सकता है। प्रश्न 34. कच्चा आयरन एवं इस्पात में क्या-क्या भिन्नताएं होती हैं? उत्तर-ढलवां लोहा में कार्बन की प्रतिशत मात्रा 2 से 4.5% होती है जबकि इस्पात में यह 0.25 से 2% तक होती है। ढलवां लोहा भंगुर होता है और उसकी वैल्डिंग नहीं हो सकती। पर इस्पात आघातवर्ध्य तथा भंगुर है उसकी वैल्डिंग भी की जा सकती है। प्रश्न 35. आयरन के जंगीकरण को रोकने के लिए दो विधियों का उल्लेख करें। (H.P. 2012 Set-B) उत्तर-(i) लोहे की सतह पर पेंट करने से। (ii) लोहे पर चीनी मिट्टी की तह जमाने से। प्रश्न 36. दो धातुओं के नाम बताओ जो ऊष्मा तथा विद्युत की सुचालक हों। ऊष्मा की सबसे अधिक तथा सबसे कम चालक धातुओं के नाम लिखो। उत्तर-कॉपर और एलुमिनियम दोनों धातुओं ऊष्मा और विद्युत की सुचालक हैं। चांदी ऊष्मा की सर्वोत्तम चालक है जबकि सीसा धातुओं में सबसे कम चालक है। प्रश्न 37. वैद्युत चालकता (Conductivity) क्या होती है? उन धातुओं के नाम लिखो जिनमें यह गुण सर्वाधिक उससे कम तथा सबसे कम पाया जाता है। उत्तर-धातुओं द्वारा विद्युत धारा को अपने में से प्रवाहित होने देना वैद्युत चालकता कहलाता है। जो धातुएं विद्युत प्रवाह में बहुत कम प्रतिरोध उत्पन्न करती हैं, वे उच्च वैद्युत चालकता प्रकट करती है। चांदी, तांबा विद्युत धारा के सबसे अच्छे चालक हैं। इनके पश्चात क्रमश: सोना, एलमिनियम तथा टंग्सटन का स्थान है। सबसे अधिक प्रतिरोध करने वाले सबसे कम चालकता वाले धातु सीसा तथा लोहा है। प्रश्न 38. धातुओं का कौन-सा गुण उनको लाक्षणिक रासायनिक गुण प्रदान करता है? उत्तर-धातुएं अपने इलेक्ट्रॉन को खोकर धनात्मक आयन बनाती हैं, इसलिए ये विद्युत धनात्मक तत्व हैं। धातुओं का यह आयनीकरण गुण उनको रासायनिक गुण प्रदान करता है। जैसे-Mg धातु को इलेक्ट्रॉन खोकर Mg का धनात्मक आयन बनाता है। Mg I Mg2 + 2e प्रश्न 39. खनिज और अयस्क में अंतर लिखिए। (H.P. 2010, Set-B, 2011 Set-C) उत्तर
प्रश्न 40. भर्जन क्रिया क्या है? इसका उपयोग कब किया जाता है? (H.P. 2011 Set-B) उत्तर-भर्जन प्रक्रिया (Roasting)-सांद्रण के पश्चात अयस्क को वायु की उपस्थिति में गर्म करना भर्जन प्रक्रिया कहलाता है। कुछ धातुओं को जब उनके सल्फाइडों या कार्बोनेट को उनके ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है। क्योंकि ऑक्साइडों से धातु निष्कर्षण सरल होता है। जिंक तथा सीसा के सल्फाइडों तथा कार्बोनेटों को उनके ऑक्साइड में बदलने के लिए भर्जन प्रक्रिया प्रयुक्त की जाती है। ∆ 2ZnS +3O2 I 2ZnO + 2SO2 ∆ 2PbS+3O2 I 2PbO+2SO2 इसी प्रकार जिंक कार्बोनेट को जिंक ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है। ∆ ZnCO3 I ZnO + 2O2 प्रश्न 41. अधातुओं के भौतिक गुण लिखिए। उत्तर-अधातुओं के भौतिक गुण- (1) अधातुएं प्राय: भंगुर होती हैं, इसलिए इनकी तारें और चादरें नहीं बनाई जा सकती हैं। (2) इनमें ग्रेफाइट को छोडक़र किसी में चमक नहीं होती। (3) ये ताप तथा ऊष्मा की कुचालक हैं परंतु ग्रेफाइट इसका अपवाद है। (4) धातुओं की भांति अधातुओं में स्वतंत्र इलेक्ट्रॉन नहीं होते। (5) अधातुएं वैद्युत ऋणात्मक होती हैं। (6) इनका गलनांक, क्वथनांक तथा घनत्व कम होता है। प्रश्न 42. अधातुएं ऑक्सीजन से संयोग करके किस प्रकार के ऑक्साइड बनाती हैं? उदाहरण दीजिए। उत्तर-अधातुएं ऑक्सीजन से संयोग करके दो प्रकार के ऑक्साइड बनाती हैं अम्लीय और उदासीन। (i) अम्लीय ऑक्साइड-अधातुएं ऑक्सीजन से संयोग करके सह-संयोजक ऑक्साइड बनाती हैं जो पानी में घुलकर अम्ल बनाते हैं। (a) C + O2 I CO2 CO2 + H2O I H2CO3 (कार्बोनिक अम्ल) (b) S+O2 I SO2 SO2 + H2O I H2SO3 (ii) उदासीन ऑक्साइड-कुछ अधातुएं ऑक्सीजन से संयोग करके उदासीन ऑक्साइड बनाती हैं। इन पर लिटमस पेपर का कोई प्रभाव नहीं होता है जैसे-कार्बन मोनो-ऑक्साइड (CO), पानी (H2O) तथा नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) उदासीन ऑक्साइड हैं। प्रश्न 43. यदि सिल्वर नाइट्रेट के घोल में कॉपर की पत्ती को कुछ देर के लिए डुबो कर रखा जाए तो क्या होता है? हो रही क्रिया का आयनी समीकरण लिखो। उत्तर-कॉपर, सिल्वर से अधिक क्रियाशील है। जब कॉपर की पत्ती को कुछ देर के लिए सिल्वर नाइट्रेट के घोल में डुबो कर रखा जाता है तो सिल्वर निम्नलिखित क्रिया पर लेपित (deposit) हो जाती है और घोल का रंग नीला हो जाता है। 2AgNO3 (aq) + Cu (s) I Cu(NO3)2 (aq) + 2Ag (s) (रंगहीन) (नीला) 2Ag+ (aq) + Cu (s) I Cu++ (aq) + 2Ag (s) (रंगहीन) (नीला) प्रश्न 44. कॉपर सल्फेट के घोल को लोहे के बर्तन में रखने से कुछ दिनों पश्चात बर्तन में कुछ छिद्र हो गए। इस अभिक्रिया को लिखिए। इस अभिक्रिया को अभिक्रिशीलता के आधार पर स्पष्ट कीजिए। अथवा जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है? (H.P. 2012 Set-A, C, 2013 Set A, 2014 Set B) उत्तर-अभिक्रियाशीलता के क्रम में लोहा पहले आता है अर्थात लोहा, कॉपर की अपेक्षा अधिक क्रियाशील है। इसलिए CuSO4 के घोल में से लोहा कॉपर को हटा देता है, जिसके कारण लोहे के बर्तन में छिद्र हो जाते हैं। रासायनिक अभिक्रिया- CuSO4 + Fe I FeSO4 + Cu Cu2+ (aq) + Fe (s) I Fe+2(aq) + Cu (s) अत: लोहे द्वारा कॉपर को विस्थापित कर दिया जाता है। प्रश्न 45. कांस्य तथा डयूरेलियम में पाई जाने वाली धातुओं को लिखो। इन मिश्र धातुओं के उपयोग बताओ। उत्तर-ब्रांज (कांस्य)-इसमें 90% कॉपर तथा 10% टिन होता है। यह मूर्तियां, तगमे, सिक्के तथा भोजन पकाने वाले बर्तन बनाने में काम आता है। डयूरेलियम-इसमें 95% एलुमिनियम, 4% कॉपर, 0.5% मैग्नीशियम तथा 0.5% मैगनीज होता है। यह हवाई जहाज के भाग, अंतरिक्ष उपग्रह तथा रसोई के बर्तन बनाने में काम आता है। प्रश्न 46. सल्फाइड अयस्क को सांद्रक करने में उपयोग होने वाले प्रक्रम का नाम बताइए। सांद्रित सल्फाइड अयस्क को धातु में बदलने में उपयोग होने वाले दो चरणों का संरक्षित वर्णन करो। उत्तर-सल्फाइड अयस्क के बड़े टुकड़ों को बारीक पीसकर, चूर्ण बना लिया जाता है। अब इसको ‘झाग प्लावन विधि’ द्वारा सांद्रित कर लिया जाता है। सांद्रित सल्फाइड अयस्क को धात में बदलने के लिए निम्नलिखित दो चरण इस प्रकार हैं-
भर्जन 2Zns + 3O3 I 2ZnO + 2SO+ 2K
ZnO + C I Zn + CO प्रश्न 47. अंतर बताओ- (i) गलनिक पृथक्करण तथा द्रवचालित धुलाई। (ii) विद्युत अपघटनी अपचयन तथा कार्बन द्वारा अपचयन। उत्तर-(i) गलनिक पृथक्करण तथा द्रवचालित धुलाई में अंतर-
(द्बद्ब) विद्युत् अपचयन तथा कार्बन सहित अपचयन में अंतर-
प्रश्न 48. एक पीले रंग की मिश्रधातु दो धातुओं A तथा B बनी है। इसको तन सल्फ्यूरिक अम्ल में डालने से ऊपरी परत से वे घुलकर एक रंगरहित घोल बना। B के अनघुलित रहने के कारण शेष मिश्रधातु की सतह लाल भूरे रंग की हो गई। A तथा B क्या हैं? उत्तर-पीले रंग की मिश्रधातु पीतल (brass) जो जिंक तथा तांबे से बनती है। इसमें A-जिंक तथा B—कॉपर है। Zn + H2SO4 I ZnSO4 + H2 प्रश्न 49. कोई अयस्क गर्म करने पर सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) गैस देता है। ऐसे अयस्क से धातु निकालने में सम्मिलित नियम को संक्षेप में लिखो। उत्तर-कॉपर धातु की अयस्क कॉपर पाइराइट को गर्म करने पर SO2 गैस बनती है। इस अयस्क से धातु प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित चरण अपनाए जाते हैं- (i) अयस्क को बारीक चूर्ण करके इसमें पानी तथा पाइन आयल मिला दिया जाता है। अब इसमें से वायु दाब से प्रवाहित किया जाता है ताकि अशुद्धियां अलग हो जाएं। इस प्रकार अयस्क सांद्रित हो जाती है तथा यह विधि झाग प्लावन विधि कहलाती है। (ii) अब सांद्रित अयस्क को भर्जित किया जाता है जबकि CuS का कुछ भाग CuO में बदल जाता है। ऊष्मा 2Cus + 2O2 I 2 Cu + 2SO2 कुछ समय पश्चात वायु की आपूर्ति रोक दी जाती है। उस अवस्था में भी क्रिया चलती रहती है। ऊष्मा 2CuO + CuS I 3 Cu+SO2 इस प्रकार प्राप्त तांबा तरल अवस्था में है और इसे वैद्युत परिष्करण विधि द्वारा शुद्ध किया जाता है। (iii) वैद्युत परिष्करण-इस प्रक्रिया में अशुद्ध कॉपर की छड़ एनोड पर तथा शुद्ध कॉपर की प्लेट कैथोड बनाकर अम्ल की उपस्थिति में कॉपर सल्फेट में से विद्युत गुजारी जाती है। CuSO+ I Cu+2 + SO4-2K +2e कैथोड पर Cu+2 I Cu -2e ऐनोड पर Cu I Cu+2 प्रश्न 50. थर्मिट अभिक्रिया से क्या तात्पर्य है? लिखिए। उत्तर-कुछ विस्थापन अभिक्रियाएं बहुत अधिक ऊष्माक्षेपी होती हैं। इनसे उत्सर्जित ऊष्मा की मात्रा इतनी अधिक होती हैं कि धातुएं गलित अवस्था में प्राप्त होती हैं। जब आयरन (III) ऑक्साइड (Fe2O3) के साथ ऐलुमिनियम की अभिक्रिया की जाती है तो अत्यधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है। Fe203(s) + 2A1 (s) I 2Fe(I) + A1203 (s) + ऊष्मा इसे थर्मिट अभिक्रिया कहते हैं। इसके उपयोग से रेलवे पटरियों और मशीनी दरारों को जोड़ा जाता है। प्रश्न 51. जंग क्या है? रासायनिक समीकरण की सहायता से व्याख्या करो। (H.P. 2011 Set-A) उत्तर-यदि लोहे को नमी वाली वायु में खुला रखा जाए तो इस पर भूरे लाल रंग की एक परत जम जाती है। यह भूरे रंग की परत फैरिक ऑक्साइड तथा फैरिक हाइड्रोक्साइड के बनने के कारण होती है। इसी को ‘जंग’ कहते हैं। इससे लोहा कमजोर हो जाता है। 4Fe + 3O2 + 3H2O I Fe2O3 + 2Fe (OH)3 प्रश्न 52. दैनिक जीवन में धातुएं किन-किन रूपों में प्रयोग होती हैं? उदाहरण सहित लिखें। उत्तर-1. शुद्ध धातु (Pure Metals)-सोना, चांदी, तांबा तथा एलुमिनियम शुद्ध धातुएं हैं।
प्रश्न 53. शुद्ध धातुओं के उपयोग लिखो। उत्तर-(i) तांबा तथा एलुमिनियम की तारें विद्युत धारा को संचरित करने के लिए प्रयोग में लाई जाती हैं। (ii) बर्तन तथा कारखानों की मशीनें, लोहे, एलुमिनियम तथा तांबे से बनती हैं। (iii) सोने तथा चांदी का उपयोग आभूषण बनाने तथा मिठाइयों को सजाने में होता है। (iv) एलुमिनियम के पतले वर्क खाद्य पदार्थों को पैक करने में प्रयुक्त होते हैं। (v) कैडमियम, टाइटेनियम, जिर्कोनियम आदि धातुओं का उपयोग नाभिकीय ऊर्जा तथा अंतरिक्ष विज्ञान के प्रोजेक्टों में होता है। (vi) टाइटेनिक तथा इसकी मिश्र धातुओं का उपयोग अंतरिक्ष यान, वायुयान ढांचे तथा इंजन, रासायनिक रियेक्टर इत्यादि बनाने के लिए किया जाता है। (vii) मानवीय शरीर में कृत्रिम अंगों तथा टूटी हुई हड्डियों के रूप में धातुएं प्रयोग की जाती हैं। प्रश्न 54. उन धातुओं के नाम तथा उपयोग लिखिए जो जैव तंत्र के लिए आवश्यक है। उत्तर-1. लोहा-यह हीमोग्लोबिन का एक भाग है जो जैव तंत्र में ऑक्सीजन प्रदान करवाता है।
प्रश्न 55. हमारे शरीर में धातुओं की अधिक मात्रा की उपस्थिति का जहरीला प्रभाव कैसे पड़ता है? स्पष्ट कीजिए। उत्तर-हमारे शरीर के लिए धातुओं की आवश्यक मात्रा ही आवश्यक होती है। अधिक मात्रा में इनकी उपस्थिति का बुरा प्रभाव पड़ता है। उदाहरण-शरीर में खून कम होने की स्थिति में आयरन की गोलियां लेने की सलाह दी जाती है। लोहे की अधिकता से लोहमयता (siderosis) नामक बीमारी हो जाती है। यह रोग अफ्रीका के बेंटू आदिवासियों में पाया जाता है क्योंकि ये बियर का त्रिसवहन लोहे के बर्तनों में करते हैं। प्रश्न 56. अधातुओं के पांच प्रमुख उपयोग लिखिए। उत्तर-(i) हाइड्रोजन को वनस्पति तेलों से भी बनाने में प्रयुक्त किया जाता है। (ii) कार्बन प्रमुख अधातु है जो हमें विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, एंजाइम आदि प्रदान करती है। ग्रेफाइट विभिन्न प्रकार के सैलों में इलेक्ट्रॉन के रूप में प्रयुक्त होता है। (iii) नाइट्रोजन का उपयोग अमोनिया, नाइट्रिक अम्ल और उर्वरक बनाने में होता है। वायु में इसी की उपस्थिति दहन की दर को नियंत्रित करती है। (iv) ऑक्सीजन की उपस्थिति ही हमारे जीवन का आधार है। दहन क्रिया इसी की उपस्थिति के कारण संभव होती है। (v) गंधक (H.P. 2011 Set-A) अनेक प्रकार की दवाइयां तथा बारूद बनाने में काम आती है। यह रबड़ उद्योग में काम आती है। प्रश्न 57. भर्जन और निस्तापन में अंतर लिखिए। उत्तर-
प्रश्न 58. कुछ सामान्य तत्वों का इलेक्ट्रॉन विन्यास लिखिए। उत्तर-कुछ सामान्य तत्वों का इलेक्ट्रॉन-विन्यास
प्रश्न 59. कुछ अयनिक यौगिकों के गलनांक और क्वथनांक लिखिए। उत्तर- सारणी कुछ आयनिक यौगिकों के गलनांक एवं क्वथनांक
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions) प्रश्न 1. कमरे के तापमान पर द्रव्य अवस्था में पाई जाने वाली धातु का नाम बताएं। (H.P. 2010, Set–A) उत्तर-पारा। प्रश्न 2. सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ का नाम बताएं। उत्तर-पृथ्वी पर पाया जाने वाला सबसे कठोर प्राकृतिक तत्व है, हीरा। प्रश्न 3. सोडियम धातु को चाकू से भी काटा जा सकता है, क्यों? (H.P. 2010, Set-B) उत्तर-यह मोम जैसी कोमल होती है और इसका द्रवनांक एवं घनत्व कम होता है। प्रश्न 4. लगभग सभी धातुएं ऑक्सीजन के साथ मिलकर क्या बनाती हैं? उत्तर-धातु ऑक्साइड। प्रश्न 5. अभिक्रिया को पूरा कीजिए- Na2O (s) + H2O (1) I उत्तर- Na2O (s) + H2O (1) I 2NaOH (aq) प्रश्न 6. धनाग्रीकरण क्या है? उत्तर-एलुमिनियम पर मोटी ऑक्साइड परत बनाने की प्रक्रिया है। प्रश्न 7. उपधातु किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइए। उत्तर-उपधातु वे तत्व हैं जिनमें धातु तथा अधातु दोनों के गुण हैं, जैसे आर्सेनिक (As), एंटीमनी (Sb), बिस्मथ (Bi) प्रश्न 8. तांबा धातु का मुख्य अयस्क क्या है? उत्तर-कॉपर पाइराइट (CuFeSO2) प्रश्न 9. कॉपर को वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर क्या होता है? उत्तर-कॉपर को वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर यह ऑक्सीजन के साथ मिलकर काले रंग का कॉपर (II) ऑक्साइड बनाता है। 2Cu + O2 I 2 CuO (कॉपर) (कॉपर (II) ऑक्साइड) प्रश्न 10. सोने एवं चांदी को अत्यधिक तापमान पर गर्म करने पर क्या होगा? उत्तर-चांदी तथा सोना अत्यधिक तापमान पर ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया नहीं करते। प्रश्न 11. जल के साथ कैल्सियम की अभिक्रिया का उल्लेख करें। उत्तर-जल के साथ कैल्सियम की अभिक्रिया थोड़ी धीमी होती है। यहां उत्सर्जित ऊष्मा हाइड्रोजन के प्रज्वलित होने के पर्याप्त नहीं होता है। Ca (s) + 2H2O (1) I Ca (OH)2 (aq) + H2 (g) (कैल्सियम) + (जल) (कैल्सियम हाइड्रोक्साइड) + (हाइड्रोजन) प्रश्न 12. एकवा रीजिया में मिश्रण का अनुपात बताएं। उत्तर-एकवा रीजिया में तीन भाग सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं एक भाग सांद्र नाइट्रिक अम्ल होता है। प्रश्न 13. सोडियम को खुले में क्यों नहीं रख सकते? उत्तर-सोडियम वायु के संपर्क में आने पर तेजी से अभिक्रिया करता है। इसलिए इसे खुले में नहीं रखा जाता। प्रश्न 14. नाइट्रोजन के ऑक्साइड के नाम लिखें। उत्तर-N2O, NO एवं NO2 नाइट्रोजन के तीन ऑक्साइड हैं। प्रश्न 15. Zn, A1, Mg एवं Fe दिए गए धातुओं को घटते अभिक्रियात्मकता क्रम में लगाएं। उत्तर-Mg > A1> Zn > Fe. प्रश्न 16. सर्वाधिक कम क्रियाशील धातु को छांटिए। K, Zn, Ca, Au, Ag उत्तर-Au (सोना)। प्रश्न 17. Na+में इलेक्ट्र संख्या कितनी है? उत्तर-10. प्रश्न 18. आयनिक यौगिक कठोर क्यों होते हैं? उत्तर-धनात्मक एवं ऋणात्मक आयनों के बीच मजबूत आकर्षण बल के कारण आयनिक यौगिक ठोस एवं थोड़े कठोर होते हैं। प्रश्न 19.K, Ca, Na, Mg स्वतंत्र रूप में नहीं पाए जाते, क्यों? उत्तर-K, Ca, Na एवं Mg अत्यंत क्रियाशील धातुएं हैं। इसलिए यह स्वतंत्र रूप में नहीं पाए जाते। प्रश्न 20. ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक क्यों है? उत्तर-ग्रेफाइट के परमाणुओं के मुक्त इलेक्ट्रानों के कारण इलेक्ट्रानों का सुगम प्रवाह हो जाता है। प्रश्न 21. अमलगम क्या है? उत्तर-यह धातु तथा पारे का समांगी मिश्रण होता है। प्रश्न 22. गालक से क्या अभिप्राय है? उत्तर-गालक वे पदार्थ है जो अयस्क में उपस्थित अम्लनीय अशुद्धियों को गलनीय पदार्थों में परिवर्तित करते हैं। प्रश्न 23. धातुएं किन तीन रूपों में मानव के काम आती हैं? उत्तर-(i) शुद्ध धातु (ii) मिश्र धातु (iii) यौगिक। प्रश्न 24. लोहे का परमाणु विन्यास लिखें। उत्तर-लोहे का परमाणु विन्यास (2, 8, 14, 2) है। प्रश्न 25. आवर्त सारणी में लौह के साथ अन्य कौन-कौन से तत्व रखे गए हैं? उत्तर-लोहे के साथ निकल (Ni) तथा कोबाल्ट (CO) हैं। प्रश्न 26. धात्विकी की परिक्रियाओं के तीन चरण कौन-कौन से हैं? उत्तर-(i) प्रारंभिक उपचार (ii) अपचयन (iii) परिष्करण। प्रश्न 27. रेत किस प्रकार का गालक है? उत्तर-रेत एक अम्लीय क्षारक है। प्रश्न 28. टाइटेनियम का शुद्धिकरण किस विधि द्वारा किया जाता है? उत्तर-वान आरकेल द्वारा विकसित विधि द्वारा। प्रश्न 29. आवर्त सारणी में लोहा कौन-से ग्रुप में रखा गया है? उत्तर-आवर्त सारणी में लोहा VIII ग्रुप में रखा गया है। प्रश्न 30. निस्तापन किसे कहते हैं? उत्तर-निस्तापन वह क्रम है जिसमें किसी कार्बोनेट अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है। प्रश्न 31. लोहे के निष्कर्षण में चूने का पत्थर क्यों डाला जाता है? उत्तर-लोहे के अयस्क में सिलिका (रेत) की अशुद्धि को दूर करने के लिए चूने का पत्थर डाला जाता है। प्रश्न 32. जस्तीकरण से क्या अभिप्राय है? उत्तर-लोहे पर जस्त की एक पतली परत चढ़ाने को जस्तीकरण कहते हैं। प्रश्न 33. लोहे का कौन-सा रूप सबसे शुद्ध है? (H.P. 2010, Set-C) उत्तर-पिटवां लोहा सबसे शुद्ध है। प्रश्न 34. एलुमिनियम के पतले वर्क किस काम आते हैं? उत्तर-खाद्य पदार्थों को पैक करने में। प्रश्न 35. मिश्र धातु क्या है? उत्तर-किसी धातु का किसी अन्य धातु अथवा अधातु के साथ मिश्रण ‘मिश्र धातु’ कहलाता है। प्रश्न 36. सोने के आभूषणों में तांबा क्यों मिलाया जाता है? उत्तर-कठोरता प्रदान करने के लिए तांबा मिलाया जाता है। प्रश्न 37. हम कांसे का प्रयोग कहां करते हैं? उत्तर-कांसे का प्रयोग-मूर्तियां, जहाज तथा तमगे (Medals) बनाने में किया जाता है। प्रश्न 38. हीमोग्लोबिन में लोहा क्या करता है? उत्तर-लोहा, हीमोग्लोबिन का एक घटक है जो मानव अथवा अन्य जंतुओं में ऑक्सीजन का परिवहन करता है। प्रश्न 39. कौन-कौन सी धातुएं एंजाइमों में घटक हैं? उत्तर-तांबा (Cu) तथा जस्ता (Zn)। प्रश्न 40. स्नायु एवं पेशीय संकुचन की वैद्युत प्रक्रियाओं में भाग लेने वाली धातुएं कौन-कौन सी हैं? उत्तर-सोडियम (Na) तथा पोटाशियम (K)। प्रश्न 41. अरक्कता (anaemia) होने पर क्या लेना चाहिए? उत्तर-आयरन। प्रश्न 42. यदि हमारे शरीर में तांबे की मात्रा बढ़ जाए तो कौन-सा रोग हो जाता है? उत्तर-विल्सन रोग। प्रश्न 43. आवर्त सारणी में कुल कितनी अधातुएं हैं? उत्तर-आवर्त सारणी में 22 अधातुएं हैं। प्रश्न 44. कुल 22 अधातुओं में से कितनी ठोस, तरल तथा गैसीय हैं? उत्तर-22 अधातुओं में से 11 गैसें हैं, एक तरल है तथा शेष 10 ठोस हैं। प्रश्न 45. तरल अधातु का नाम लिखो। (H.P. Dec. 2008, 2013 Set-I) उत्तर-ब्रोमीन। प्रश्न 46. विद्युत की सुचालक अधातु का नाम लिखो। उत्तर-ग्रेफाइट। प्रश्न 47. यौगिक रूप में गंधक किन धात्वीय खनिजों का घटक है? उत्तर-सिनाबार (HgS), जिंक लैड (ZnS), कॉपर पाइराइट (CuFeS)। प्रश्न 48. पीतल के अवयव घटक लिखो। उत्तर-तांबा तथा जस्त। प्रश्न 49. कांसे के अवयव घटक लिखो। उत्तर-तांबा तथा टिन (कलई)। प्रश्न 50. टांके (सोल्डर) के अवयव घटक लिखो। उत्तर-सीसा (50%) तथा टिन (50%)। प्रश्न 51. जर्मन सिल्वर के अवयव घटक लिखो। उत्तर-तांबा, निकिल तथा जिंक। प्रश्न 52. डयूरेलियम के अवयव घटक लिखो। उत्तर-एलुमिनियम (95%), तांबा (4%), मैग्नीशियम (0.5%) तथा लघु मात्रा में मैंगनीज (0.5%)। प्रश्न 53. मैग्नेलियम के अवयव घटक लिखो। उत्तर-एलुमिनियम (94.7%) तथा मैग्नीशियम (5.3%)। प्रश्न 54. संरस (अमलगम) किसे कहते हैं? उत्तर-किसी धातु को पारे के साथ मिलाकर बनाई गई मिश्र धातु संरस (अमलगम) कहलाती है। प्रश्न 55. तांबे की वस्तु की सतह पर ……… पर्त जमने से तांबे की संक्षारण (Corrosion) का पता लगता है। उत्तर-हरे रंग की। प्रश्न 56. सिलिकॉन और कैल्सियम के कौन-से यौगिक सीमेंट तथा कांच उद्योगों में काम आते हैं? उत्तर-SiO2, CaCO3 प्रश्न 57. उस धातु का नाम बतायें जो भाप का विघटन कर देता है। उत्तर-लोहा। प्रश्न 58. उन प्रदूषकों के नाम लिखो जो धातुओं में Corrosion के लिए जिम्मेदार हैं। उत्तर-ऑक्सीजन, जलवाष्प, कार्बन डाइऑक्साइड। प्रश्न 59. यशदलेपन किसे कहते हैं? उत्तर-लोहे और इस्पात को सुरक्षित रखने के लिए उन पर जस्ते (Zn) की पतली परत चढ़ाने की विधि को यशदलेपन कहते हैं। प्रश्न 60. अमलगम (संरस) क्या है? उत्तर-किसी मिश्रातु में एक धातु पारद है तो उसे अमलगम कहते हैं। प्रश्न 61. किसी शुद्ध धातु की अपेक्षा उसके मिश्रातु की विद्युत चालकता और गलनांक कैसी होती है? उत्तर-विद्युत चालकता और गलनांक कम होता है। प्रश्न 62. रेल की पटरियों और मशीनी पुर्जों की दरारों को किस अभिक्रिया से जोड़ा जाता है? उत्तर-थर्मिट अभिक्रिया। प्रश्न 63. थर्मिट अभिक्रिया का समीकरण लिखिए। उत्तर- FeO3(s) + 2A1 (s) I 2Fe(I) + A12O3(s) + ऊष्मा। प्रश्न 64. उस धातु का नाम बताइए जो पानी से हल्की है। (H.P. 2010, Set-B) उत्तर-सोडियम (Na) प्रश्न 65. उस धातु का नाम लिखिए जो विद्युत की सर्वोत्तम चालक है। (H.P. 2010, Set-C) उत्तर-चांदी। प्रश्न 66. लोहे का सबसे शुद्ध रूप कौन-सा है? (H.P. 2010, Set-C) उत्तर-पिटवां लोहा। प्रश्न 67. तरल धातु और अधातु का नाम लिखिए। (H.P. 2010, Set-B) उत्तर-धातु = पारा, अधातु = ब्रोमीन। प्रश्न 68. गंधक के अपरूपों के नाम लिखिए। (H.P. 2010, Set-B) उत्तर-रॉम्बिक, मोनोक्लीनिक, प्लास्टिक। प्रश्न 69.C1– (ion) में इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्या होती है? (H.P. 2011, Set-A) उत्तर-18 प्रश्न 70. Na+ (ion) में इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्या होती है? (H.P. 2011, Set-B) उत्तर-10 प्रश्न 71. K+ (ion) में इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्या होती है? (H.P. 2011, Set-c) उत्तर-18 प्रश्न 72. विद्युत तार बनाने के लिए किन धातुओं का प्रयोग किया जाता है? (H.P. 2012, Set-B) उत्तर-तांबा, एलुमीनियम। प्रश्न 73. दो धातुओं का नाम बताइए जो प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती है? (H.P. 2012, Set-B) उत्तर-सोना, प्लेटीनम। बहु-विकल्पी प्रश्नोत्तर (Multiple Choice Questions)
(A) आघातवर्ध्यता (B) तन्यता (C) धात्विक चमक (D) कठोरता।
कहते हैं। (A) ध्वानिक (B) सोनोरस (C) उपरोक्त दोनों (D) कोई नहीं।
(A) ठोस (B) द्रव (C) कठोर (D) उपरोक्त।
(A) लीथियम (B) सोडियम (C) पोटैशियम (D) उपरोक्त सभी।
(A) ऐनोडीकरण (B) कैथोडीकरण (C) तन्यता (D) कठोरता।
(A) Na (B) Mg (C) Au (D) K.
(A) 1074 (B) 2850 (C) 981 (D) 1045.
(A) खनिज (B) अयस्क (C) उपरोक्त दोनों (D) कोई नहीं।
(A) ऐनोडीकरण (B) थर्मिट (C) यशदलेपन (D) उपरोक्त सभी।
(A) 21 (B) 22 (C) 23 (D) 24
(A) 2 (B) 22 (C) 14 (D) 78.
(A) अमलगम (B) सोल्डर (C) कांसा (D) कोई नहीं।
(A) अमलगम (B) सोल्डर (C) कांसा (D) उपरोक्त सभी।
(I) KC1 (II) HC1 (III) CC14 (IV) NaC1. (A) (I) (II) (B) (II), (III)
(A) तन्यता (B) आघातवर्ध्यता (C) ध्वनि उत्पन्न करना (D) धूसरता।
(A) Na (B) Ca (C) Mg (D) Fe.
(I) KC1 (II) HC1 (III) CC14 (IV) NaC1. (A) (I), (II) (II), (III) (C) (III), (IV) (D) (I), (III).
(A) Na (B) Fe (C) Cr (D) Hg.
(I) Na (II) Ca (III) Fe (Iv)Cu. (A) (I), (IV) (B) (III), (IV) (C) (I), (III) (D) (I), (II).
(A) झलकर (B) ऑक्सीजन (C) नाइट्रोजन (D) आयोडीन।
(i) लोहे के पैन को जंग से बचाने के लिए ………….. की परत चढ़ाई जाती है। (ii) पृथ्वी से खनिज अयस्कों को मिट्टी, रेत आदि जैसी कई अशुद्धियां होती हैं जिन्हें ………….. कहते हैं। (iii) सल्फाइड अयस्क को वायु की उपस्थिति में अधिक ताप पर गर्म करने पर यह ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है। इस प्रक्रिया को ……….. कहते हैं। (iv) NaC1 का क्वथनांक ………… होता है। (v) ऐक्वा रेजिया ………….. के अनुपात में सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं सांद्र नाइट्रिक अम्ल का ताजा मिश्रण होता है। (vi) A12 + 2NaOH I ……. + H2O. (Vii) कार्बन के प्रत्येक रूप की ……….. कहते हैं। (Viii) अपने शुद्ध रूप में धातु की सतह चमकदार होती है। इस गुणधर्म को ……… कहते हैं। (ix) धातु के पतले तार के रूप में खींचने की क्षमता को ……….. कहा जाता है।
कॉलम अ कॉलम ब (i) PVC (i) 18 (ii) HNO3 (ii) 24 कैरेट (iii) Au (iii) थर्मिट प्रक्रम (iv) ऑर्गन (iv) रबड़ (v) शुद्ध सोना (v) लोहे पर भूरी परत (vi) रेल पटरियों को जोडऩा (vi) हरा (vii) जंग (vii) सबसे कम अभिक्रियाशील (viii) कॉपर कार्बोनेट (viii) प्रबल ऑक्सीकारक।
(i) अभिक्रियाशीलता इस क्रम में घटती है : Mg>A1>An. (ii) धातु + जल I धातु ऑक्साइड + हाइड्रोजन (iii) लोहे को चाकू से काटा जा सकता है। (iv) मर्करी को छोड़ कर सारी धातुएं कमरे के ताप पर ठोस अवस्था में पाई जाती हैं। (v) आयोडीन चमकीला नहीं होता। (vi) सोना सबसे कम तन्य धातु है। (vii) एक ग्राम सोने से 2 km लंबा तार बनाया जा सकता है। (viii) धातु + तनु अम्लI I लवण + हाइड्रोजन। उत्तर
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