सेहत के लिए सबसे अच्छी शराब कौन सी है? - sehat ke lie sabase achchhee sharaab kaun see hai?

Published on: 9 July 2021, 18:00 pm IST

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कुछ महिलाएं दिन भर की थकान एक ड्रिंक के साथ उतारना पसंद करती हैं। जबकि कुछ के लिए वीकेंड पार्टी का मतलब ही है अपनी पसंद की वाइन लेना। तो इस बार जब आप रेड और वाइट वाइन में कंन्फ्यूज न हो, इसके लिए हम आपको दोनों के बारे में बताने जा रहे हैं। पहले तथ्य जान लें, अपने अनुसार अपनी वाइन चुन लें, हमें थैंक्स बाद में कह सकती हैं।

सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती है मॉडरेशन में वाइन

कई अध्ययनों से पता चला है कि मॉडरेशन में वाइन का सेवन आपके हृदय और संचार प्रणाली के लिए अच्छा हो सकता है। इस बात के भी प्रमाण हैं कि कम मात्रा में शराब पीने से टाइप 2 मधुमेह का खतरा कम हो सकता है। लेकिन जब आपके स्वास्थ्य के लिए सही वाइन चुनने की बात आती है, तो आपके लिए कौन सी वाइन सबसे बेहतर है – रेड या वाइट?

सबसे पहले जानिए रेड वाइन और वाइट वाइन बनने की विधि

रेड वाइन लाल और काले अंगूर से तैयार की जाती है, जबकि वाइट वाइन सफेद अंगूर से बनाई जाती है। हालांकि, दोनों वाइन बनाने की प्रक्रिया अलग होती है। रेड वाइन तब बनाई जाती है जब कुचले हुए अंगूरों को ओक बैरल में एक या दो सप्ताह के लिए फर्मेंट किया जाता है।

जबकि वाइट वाइन तब बनाई जाती है जब सफेद अंगूर की त्वचा और बीजों को हटा दिया जाता है और यीस्ट के साथ मिलाया जाता है। फर्मेंटेशन के लिए इसे स्टेनलेस स्टील के बर्तनों में रखा जाता है।

व्हाइट और रेड वाइन दोनों ही आपकी सेहत के लिए अच्छी हो सकती हैं। हालांकि, इन दोनों वाइन के अलग-अलग स्वास्थ्य लाभ हैं। अंगूर की त्वचा में कई एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो रेड वाइन को स्वस्थ विकल्प बना सकते हैं। फर्मेंटेशन के बाद, अंगूर अपने कुछ मूल पोषण खो देते हैं, लेकिन वे नए पोषक तत्व भी प्राप्त करते हैं।

रेड वाइन बनाम वाइट वाइन, कौनसी वाइन है ज्यादा हेल्दी। चित्र : शटरस्टॉक

तो अब जानिए रेड वाइन और वाइट वाइन में से कौन है आपके लिए ज्यादा हेल्दी?

1. वाइट वाइन हृदय स्वास्थ्य में सुधार के लिए जानी जाती है और हृदय रोगों के जोखिम को कम कर सकती है। मगर, रेड वाइन में और भी अधिक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जिन्हें रेस्वेराट्रोल के रूप में जाना जाता है। ये आपकी रक्त वाहिकाओं की रक्षा करते हैं और रक्त के थक्कों को रोक सकते हैं।

रेस्वेराट्रोल खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करता है। जबकि अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ाता है। इसका मतलब यह भी है कि रेड वाइन रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।

2. व्हाइट वाइन के विपरीत, रेड वाइन में पॉलीफेनोल्स होते हैं, जो एजिंग के प्रभावों से लड़ते हैं। प्रति दिन एक या दो रेड वाइन विषाक्त पदार्थों को दूर रखकर आपको युवा और स्वस्थ रख सकती है।

वाइन हेल्‍थ के लिए सीमित मात्रा में फायदा पहुंचाती है। चित्र : शटरस्‍टॉक

3. रेड वाइन और वाइट वाइन कैलोरी में एक सामान होती हैं। एक सर्विंग रेड वाइन में 125-130 कैलोरी होती है, जबकि इतनी ही वाइट वाइन में 121 कैलोरी होती हैं।

4. रेड वाइन में वाइट वाइन की तुलना में सिलिकॉन का उच्च स्तर होता है, जिसका अर्थ है कि यह हड्डियों के घनत्व को बढ़ाता है और ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना को कम करती है।

निष्कर्ष

अब तक आप समझ ही गयी होंगी कि रेड वाइन वाइट वाइन से बेहतर है। हालांकि, निश्चित रूप से, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वाइन में अल्कोहल होता है और शराब के अधिक सेवन से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार शराब का सेवन मॉडरेशन में ही सही है- इसका मतलब है कि पुरुषों के लिए एक दिन में एक से दो ड्रिंक्स और महिलाओं के लिए एक दिन में एक ड्रिंक। इसलिए, मॉडरेशन में ही रेड वाइन का आनंद लें!

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अच्‍छी नींद- अगर आप एक दो हफ्तों से जम कर महनत कर रहे हैं और बहुत थक चुके हैं तो व्‍हिस्‍की के 1-2 पेग लगा सकते हैं। इसको हल्‍के हल्‍के आनंद ले कर पिएं ना की जल्‍दबाजी और हड़बडी़ में। इसको पीने से आप रिलैक्‍स हो जाएंगे और आपको अच्‍छी नींद भी आएगी।

Diabetes care: जानें डिप्रेशन का क्या पड़ता है डायबिटीज़ पर असर

कैंसर- कौन कहता है कि शराब पीने से कैंसर होता है। व्‍हिस्‍की इसका उल्‍टा करती है। इसमें इलैजिक एसिड नामक तत्‍व होता है जो कि शरीर में कैंसर बढने के चांस को कम करता है। साथ ही इसमें कई प्रकार के एंटीऑक्‍सीडेंट होते हैं जो कैंसर से लड़ सकते हैं। इसलिये अगर आप हफ्ते में एक या दो बार व्हिस्‍की का सेवन करते भी हैं तो इससे कोई नुकसान नहीं होगा।

अन्‍य बीमारियां- अगर आप डॉक्‍टर की सलाह से बताई गइ व्‍हिस्‍की पिएंगे तो आपके 50 प्रतिशत स्‍ट्रोक से मरने के चांस कम होंगे। यह इसलिये अच्‍छी है क्‍योंकि यह प्रतिरोधक क्षमता को बढाती है और शक्‍ति देती है कि हमारा शरीर बीमारियों से लड़ सके।

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पीनी ही है तो ऐसे पियो

शराब पीना सही है या गलत, इस बात पर बहस बेमानी है, क्योंकि पीने वालों को तो बस पीने का बहाना चाहिए। लेकिन जान है तो जहान है, सुरूर की खातिर सेहत को नजरअंदाज करना मुमकिन नहीं। इसलिए जरूरी है कि पियो लेकिन रखो हिसाब।

हालांकि एक के बाद एक शोध बताते हैं कि कम शराब पीने और अच्छी सेहत के बीच गहरा रिश्ता है। तो क्या जाम टकराने वालों के लिए यह गुड न्यूज है? जरूरी नहीं, क्योंकि मधुशाला में मौज-मस्ती लूटने वालों की बीवियों की राय ऐसी किसी भी रिसर्च से अलग होगी। दरअसल, मियां-बीवी के मसले से परे हट कर मेडिकल साइंस ने माना है कि सीमित शराब पीकर हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बच सकते हैं। इसके पक्ष में सबूत भी पेश किए गए हैं।

अल्कोहल का नियंत्रित सेवन सेहत के लिए खून में अच्छा एचडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है। साथ ही यह फाइब्रिनोजन जैसे घटक कम करता है, जो नसों में खून जमने से हार्ट अटैक या स्ट्रोक का कारण बनते हैं। रिसर्चर यह भी दावा करते हैं कि सीमित शराब पीने वालों को टाइप-2 डायबिटीज और पित्त पथरी का जोखिम कम रहता है। संयमित और अनुशासित होकर ही शराब को फायदेमंद बनाया जा सकता है। जैसे ही मात्रा बढ़ने लगती है तो फायदे की जगह नुकसान शुरू हो जाता है। इससे कोलन (मलाशय) और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है। हालांकि फोलिक एसिड के सेवन से महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम कर सकती हैं।

कम पीने का मतलब क्या?

सेहत पर पड़ने वाले इसके असर को लेकर अहम सवाल है कि इसकी लिमिट क्या है? अलग-अलग स्टडीज के आधार पर यह ड्रिंक लिमिट तय की गई है। मर्दो के लिए एक दिन में दो ड्रिंक्स और औरतों के लिए एक की लिमिट बताई गई है। अलग-अलग गणनाओं के बाद माना गया है कि एक ड्रिंक या पेग में लगभग 14 ग्राम अल्कोहल होता है। लगभग 340 एमएल की बीयर की छोटी बोतल, जिसमें 5 फीसदी अल्कोहल है, उसे एक ड्रिंक मान सकते हैं।

12 फीसदी अल्कोहल वाले लगभग 140 एमएल वाइन के गिलास और 40 फीसदी अल्कोहल वाली लगभग 40 एमएल की हार्ड लिकर (रम, व्हिस्की) के गिलास को भी एक ड्रिंक मान सकते हैं। शराब की यही वह लिमिट है, जिसका संबंध सेहत के साथ बताया गया है। लोगों की रोजाना की शराब की औसत खुराक के आधार पर यह स्टडी की गई है। यह अब भी बहस का विषय है कि कम शराब पीने से सेहत को किस तरह फायदा मिल सकता है। इसका मतलब यह है कि फायदा थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रोज शराब पीने वालों को मिलेगा या फिर शराब की थोड़ी मात्रा बढ़ाकर और रोज पीने की बजाय हफ्ते में तीन-चार दिन पीने वालों को।

ज्यादा पीने के मायने क्या?

ज्यादा शराब पीने से होने वाले दुष्परिणामों की लंबी फेहरिस्त है। शराब का बहुत ज्यादा सेवन करने वालों को रोड एक्सिडेंट और लड़ाई-झगड़े जैसी मुसीबतों के अलावा अलग-अलग किस्म के कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर और सिरोसिस जैसी घातक बीमारियों का सामना करना पड़ता है। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन अल्कोहल अब्यूज एंड अल्कोहॉलिज्म (एनआईएएए) के मुताबिक एक दिन में चार ड्रिंक और एक हफ्ते में 14 ड्रिंक से ज्यादा लेने वाले मर्द और एक दिन में तीन और एक हफ्ते में 7 ड्रिंक से ज्यादा लेने वाली महिलाएं पियक्कड़ की श्रेणी में आती हैं। लिमिट इसलिए है क्योंकि इससे ज्यादा पीने पर समस्याएं बढ़ जाती हैं।

अगर आपको कम पीने वालों की कैटेगिरी में ही रहना है तो विमहांस, दिल्ली के साइकोलॉजिस्ट पुलकित शर्मा बताते हैं, ‘डिप्रेशन या स्ट्रेस में शराब न पिएं क्योंकि ज्यादातर लोग ऐसे वक्त लिमिट पर कंट्रोल नहीं रख पाते। एंजॉयमेंट मंे शराब भी सही नहीं है। बेहतर यही है कि अपनी लिमिट तय कर लें।’ अकेलेपन में भी पीने की लिमिट क्रॉस होने का खतरा रहता है। अगर उनके फैमिली मेंबर भी इस वक्त उन्हें अलर्ट करते रहेंगे, तो वे लिमिट में रहेंगे।

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में सोशल साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर अमित कुमार शर्मा कहते हैं, ‘भारत में एक बहुत बड़ा तबका पश्चिमी मुल्कों की तरह सोचता है। यह तबका जिंदगी को अलादीन के चिराग की तरह मानता है और बहुत जल्दी मनचाही सफलता हासिल करना चाहता है। इनमें से बहुत सारे लोग जल्दी निराश हो जाते हैं और फिर शराब की तरफ बढ़ते हैं।’ पीने या न पीने का फैसला पूरी तरह आप पर है, क्योंकि यह बेहद निजी मामला है। लेकिन बढ़िया सेहत और खुशनुमा जिंदगी के लिए शराब से दूरी बेहतर है। अगर आप उसके सुरूर का लुत्फ लेना चाहते हैं, तो जाम पर काबू करना सीखिए, वरना जाम आप पर काबू पा जाएगा।

हार्वर्ड हेल्थ पब्लिकेशंस

शराब से दूर रहना ही अच्छा है, लेकिन अगर आप शराब पीते हैं, तो उसे सही ढंग से पीने के नुस्खों पर जरूर ध्यान दें:

‘शराब के मामले में संयमित रहने के लिए हमारी धर्म, परिवार या संस्कृति में आस्था होनी चाहिए, क्योंकि ये हमें शराब से दूर बनाए रखने में मदद करते हैं। एकदम से मिलने वाली खुशी और निराशा के मौकों पर सतर्क रहना चाहिए और सब चलता है वाली सोच नहीं रखनी चाहिए’

- डॉ. अमित कुमार शर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, सोशल साइंस-जेएनयू

‘अगर आपको कम पीने वालों की कैटेगिरी में ही रहना है तो कभी भी डिप्रेशन या स्ट्रेस में शराब न पिएं, क्योंकि ज्यादातर लोग ऐसे वक्त में पीने की लिमिट पर कंट्रोल नहीं रख पाते। शराब मंे एंजॉयमेंट ढूंढना भी सही नहीं है। बेहतर यही है कि अपनी लिमिट तय कर लें’

- डॉ. पुलकित शर्मा, साइकोलॉजिस्ट, विमहांस हॉस्पिटल, दिल्ली

‘आपको डर है कि आप भी धीरे-धीरे मॉडरेट ड्रिंकर से हैवी ड्रिंकर की श्रेणी में जा सकते हैं, तो अपनी इच्छाशक्ति को बीच-बीच में जांचते रहिए। खाली पेट कभी भी पार्टियों में न जाएं। खाना खाकर पार्टी में जाएंगे, तो ज्यादा पीने के रिस्क से खुद को बचा सकेंगे’

- राकेश, अल्कॉहलिक एनॉनिमस इंडिया

शरीर के लिए कौन सी दारू अच्छी है?

व्हाइट और रेड वाइन दोनों ही आपकी सेहत के लिए अच्छी हो सकती हैं। हालांकि, इन दोनों वाइन के अलग-अलग स्वास्थ्य लाभ हैं। अंगूर की त्वचा में कई एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो रेड वाइन को स्वस्थ विकल्प बना सकते हैं।

सबसे अच्छी अंग्रेजी शराब कौन सी है?

व्हिस्की ब्रांड रॉयल चैलेंज – (Royal Challenge) आपको बता दे भारत का सबसे मशहूर ब्रांड रॉयल चैलेंज (Royal Challenge) 1980 में शॉ वालेस एंड को द्वारा शुरू किए जाने के बाद से भारत में आया | आज के समय में ये भारत में सबसे अधिक बिकने वाली व्हिस्की में से एक है। इसका नाम भारत के टॉप व्हिस्की ब्रांड्स में शामिल है।

1 दिन में कितनी शराब पीना चाहिए?

मर्दो के लिए एक दिन में दो ड्रिंक्स और औरतों के लिए एक की लिमिट बताई गई है। अलग-अलग गणनाओं के बाद माना गया है कि एक ड्रिंक या पेग में लगभग 14 ग्राम अल्कोहल होता है। लगभग 340 एमएल की बीयर की छोटी बोतल, जिसमें 5 फीसदी अल्कोहल है, उसे एक ड्रिंक मान सकते हैं।

शराब में क्या मिलाकर पीना चाहिए?

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