संक्रामक रोग क्या है बचाव के उपाय? - sankraamak rog kya hai bachaav ke upaay?

संक्रामक रोगों के लक्षण तथा बचाव के उपाय बताए

Champawat Updated Sat, 11 May 2013 05:30 AM IST

चंपावत। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सीमांत क्षेत्र के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मंच में चिकित्सा शिविर आयोजित कर ग्रामीणों को संक्रामक रोगों के लक्षण तथा उनसे बचाव के उपाय बताए। डा. फरीदुज्जर्फर के नेतृत्व में आयोजित संक्रामक रोग संचेतना शिविर में 60 रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाएं वितरित की गई। डा. मुबारक अली की ओर से ग्रामीणों को गर्मियों के मौसम में होने वाली उल्टी-दस्त, खसरा, मलेरिया, कालरा, हैजा, चिकन पाक्स, डेंगू सहित अन्य बीमारियों के कारण, लक्षण तथा उनसे बचाव के उपाय बताए गए। इस दौरान रोगियों को क्लोरोक्वीन की गोलियां तथा ओआरएस के पैकेट भी वितरित किए गए।

चिकित्सा दल ने ग्रामीणों ने गर्मी के मौसम में संक्रांमक रोगों से बचाव के लिए साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने तथा पानी को उबाल कर पीने की सलाह भी दी गई। इस मौके पर ममता सामाजिक संस्था के जिला संयोजक दुर्गेश कुमार की ओर से क्षय रोग के संबंधित जानकारी दी गई। उन्होंने बलगम परीक्षण की सुविधाओं आदि की जानकारी भी दी। शिविर में स्वयंसेवी संस्था अपार की ओर से जागरूकता गोष्ठी आयोजित कर लोगों को संक्रांमक रोग से बचाव की जानकारी देने वाले पंपलेट और साहित्य का वितरण किया गया। शिविर के संचालन में उमेद सिंह, अंबादत्त पंत, सुरेश कुमार, हेमंत जोशी, आशा, प्रमोद कुमार, शेर सिंह, नीलम, सावित्री आदि ने सहयोग दिया।

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संक्रामक रोग का तात्पर्य ऐसे रोगों से है जो एक इंसान या जीव से दूसरे इंसान या जीव में फैलते हैं. इस प्रकार के रोग किसी ना किसी रोगजनित कारकों (रोगाणुओं) जैसे प्रोटोज़ोआ, यीस्ट, बैक्टीरिया, वाइरस इत्यादि के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलकर उसे संक्रमित कर सकते हैं. मलेरिया, टायफायड, चेचक, इन्फ्लुएन्जा इत्यादि संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं. मेडिकल साइंस जैसे-जैसे तरक्की कर रही है वैसे-वैसे ही इंसानी जीवन में नए- नए वायरस सामने आ रहे हैं.

संक्रामक बीमारियां निरंतर इंसानी जिंदगी के लिए खतरा बनी हुई हैं और विज्ञान के सामने इनसे पार पाने की चुनौतियां भी बढ़ रही हैं. आइए जानने का कोशिश करते हैं वर्तमान समय के सबसे खतरनाक संक्रामक रोगों के बार में और साथ ही यह भी जानेंगे की कौन से बीमारी ने सबसे ज्यादा इंसानी जीवन के लिए खतरनाक है. इस लेख के माध्यम से हम संक्रामक रोगों के प्रकारों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे.

संक्रामक बीमारियाँ - Sankramak Rog Kise Kehte Hai

  • एचआईवी/एड्स-
    ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियंसी हमारे बॉडी के इम्यून सिस्टम के विफलता के कारण होती है. इससे इंसान को हर छोटी-बड़ी बीमारी प्रभावित करने लगती है. अगर इस बीमारी का इलाज समय पर नहीं किया जाए तो एचआईवी इन्फेक्शन एड्स में तब्दील हो सकता है. इम्यून सिस्टम में कमजोरी के कारण बॉडी को कई इन्फेक्शन और बीमारियां होने का खतरा होता है. एचआईवी बॉडी में ब्लड, स्पर्म और यौनिक द्रव्य और ब्रैस्ट मिल्क के माध्यम से फैलता है.
  • डेंगू-
    डेंगू फैलने का मुख्य कारण वायरस होता है. यह वायरस मच्छरों में पाए जाते है. किसी भी व्यक्ति को डेंगू तभी हो सकता है, जब उसका संपर्क डेंगू वायरस से होता है. इसके लक्षणों में तेज बुखार और जोड़ों में दर्द का अनुभव किया जाता है. इसके साथ ही डेंगू के कारण होने वाले बुखार का अगर इलाज नहीं किया जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकता है.
  • मलेरिया-
    मलेरिया एक घातक बीमारी है. यह बीमारी बैक्टीरिया के माध्यम से फैलता है. इस मच्छर का वायरस पारासाइट के लिए एनोफेलस मच्छर संचार का काम करता है. इसके लक्षणों में तेज बुखार और ठंड लगना शामिल हैं. इसके साथ ही इसमें रेड ब्लड सेल्स काउंट कम होती जाती है. यह ट्रॉपिकल इलाकों में अधिक देखी जाती है.
  • कोलरा-
    यह छोटी इंटेस्टाइन में होने वाली बीमारी है. यह रोग दूषित पानी के कारण होती है. जब आप दूषित पानी पीते है तो इसके कारण उल्टी, डायरिया और गंभीर स्थिति में मौत भी हो सकती है. एक अनुमान के अनुसार, दुनिया भर में इस बीमारी से हर साल 30 से 50 लाख लोग इसके चपेट में आ सकते हैं और लगभग एक लाख लोगों की की जान जाती है. इसके उपचार में ओरल रिहाइड्रेशन थेरेपी और एंटीबैक्टीरियल दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है.
  • इबोला वायरस डिजीज-
    इबोला फीवर यह संक्रमित और घातक बीमारी है. इसमें फीवर और इंटरनल ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है. यह बीमारी बॉडी के संक्रमित तरल पदार्थों से संपर्क के कारण होता है. इस बीमारी के चपेट में आने से लगभग 90 फीसदी मामलों में मृत्यु का जोखिम होता है. आमतौर पर, यह बीमारी अफ्रीका के सहारा क्षेत्र में देखने को मिलती है. दुर्भाग्य से इस बीमारी का इलाज अभी तक नहीं ढूंढा जा सका है.
  • मर्स-
    मिडिल ईस्ट रेस्प‍िरेटरी सिंड्रोम एक वायरस से फैलने वाली बीमारी है. यह बीमारी स्तनधारियों में सांस संबंधी समस्या पैदा करती है. इस बीमारी का पता तब चला जब एक व्यक्ति की सॉर्स जैसी बीमारी के कारण मौत हो गई. मर्स में निमोनिया और किडनी फैल्योर जैसे प्राणघातक असर हो सकते हैं. इस बीमारी के 60
    फीसदी मरीज जान गवां देते हैं. मर्स अब तक सामने आए अन्य कोरोनवायरस से ज्यादा खतरनाक है.
  • सॉर्स-
    सवेयर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम यानी सॉर्स सांस से संबंधित बीमारी है. यह सॉर्स कोरोनावायरस से फैलती है. यह सामान्य निमोनिया से लेकर गंभीर रूप ले सकती है. इसकी उत्पत्ति चीन से वर्ष 2002 में शुरू हुआ और वहां से हॉन्गकॉन्ग में फैल गया. इसके बाद 2003 तक यह 37 देशों में फैल चुका था.
  • स्वाइन फ्लू-
    स्वाइन फ्लू एक प्रकार का इंफ्लूएंजा है जो सुअरों को प्रभावित करता है. वर्ष 2009 में पहली बार एच1एन1 वायरस का नाम सामने आया था. इस बीमारी को सुअरों से इंसानों में फैलना सामान्य तौर पर नहीं लिया गया. हालाँकि निरंतर सुअरों के संपर्क में रहने वाले लोगों में इस बीमारी से संक्रमित होने का जोखिम बहुत अधिक रहा. 2010 में वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने आधि‍कारिक तौर पर इस बीमारी के खत्म होने की घोषणा कर दी है.
  • बर्ड फ्लू-
    बर्ड फ्लू एक रोग है, जो पक्ष‍ियों को प्रभावित करता है, विशेष तौर पर पॉल्ट्री फॉर्म में रहने वाली मुर्गियों को ज्यादा प्रभावित करती है. यह एक घातक बीमारी है जो इंसानों को भी हो सकता है. एच5एन1 वायरस एशिया में 2003 में फैलना शुरू हुआ जिसके बाद से यह बीमारी 2006 में यूरोप, मध्य एशिया और अफ्रीका में फैली.
  • मेड काऊ डिजीज-
    बोविन स्पोनगिफॉर्म एन्सेफालॉपैथी को मेड काउ डिजीज भी कहा जाता है. यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में स्पॉन्जी अध:पतन के कारण होता है. यह एक बहुत ही जानलेवा बीमारी है. केवल यूके में इस बीमारी ने 1 लाख 80 हजार से ज्यादा जानवर संक्रमित हुए. इस बीमारी के कारण 44 लाख जानवर को मरना पड़ा है. यह बीमारी आसानी से मनुष्यों को भी प्रभावित कर सकती है. यदि कोई मनुष्य संक्रमित भोजन का सेवन कर ले, तो उसमें में इसके जीवाणु प्रवेश कर सकते हैं.
    1. छोटी माता
    2. चेचक
    3. हैजा
    4. डेंगू ज्वर
    5. सूजाक
    6. हेपेटाइटिस ए
    7. हेपेटाइटिस बी
    8. हेपेटाइटिस सी
    9. हेपेटाइटिस डी
    10. हेपेटाइटिस ई
    11. इनफ्लुएंजा
    12. कुष्ट रोग
    13. मलेरिया
    14. खसरा
    15. तानिकाशोथ
    16. प्लेग
    17. उपदंश
    18. टेटनस
    19. क्षय
    20. पीत ज्वर

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संक्रामक रोग क्या है इसके बचाव क्या है?

संक्रामक रोग, रोग जो किसी ना किसी रोगजनित कारको (रोगाणुओं) जैसे प्रोटोज़ोआ, कवक, जीवाणु, वाइरस इत्यादि के कारण होते है। संक्रामक रोगों में एक शरीर से अन्य शरीर में फैलने की क्षमता होती है। मलेरिया, टायफायड, चेचक, इन्फ्लुएन्जा इत्यादि संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं।

संक्रामक रोग कितने प्रकार के होते हैं?

मेड काऊ डिजीज-.
छोटी माता.
डेंगू ज्वर.
हेपेटाइटिस ए.
हेपेटाइटिस बी.
हेपेटाइटिस सी.

संक्रमित रोग क्या है?

रोगों में कुछ रोग तो ऐसे हैं जो पीड़ित व्यक्तियों के प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष संपर्क, या उनके रोगोत्पादक, विशिष्ट तत्वों से दूषित पदार्थों के सेवन एवं निकट संपर्क, से एक से दूसरे व्यक्तियों पर संक्रमित हो जाते हैं। इसी प्रक्रिया को संक्रमण (Infection) कहते हैं।

संक्रामक रोग कैसे होता है?

एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाले रोग को संक्रामक रोग या संक्रमण रोग कहते हैं। ये रोग संक्रमण के कारण उत्पन्न होते हैं जो स्पर्श के माध्यम से, रोगी के तौलिये या रुमाल आदि गृह विज्ञान Page 3 के प्रयोग से वायु, भोजन या जल के माध्यम से या संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध स्थापित करने से फैलता है।