संक्रांति का वाहन क्या है 2022? - sankraanti ka vaahan kya hai 2022?

Makar Sankranti 2022:
मकर संक्रांति का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है। इसी दिन से सूर्य उत्तरायण होने लगता है और दक्षिरायन का समय समाप्त हो जाता है। आओ जानते हैं कि इस बार मकर संक्रांति किस वाहन पर सवार होकर आ रही है।


मकर संक्रांति : इस वर्ष संक्रांति का वाहन बाघ, उपवाहन अश्व और हाथों में गदा रूपी शस्त्र है। गमन पूर्व दिशा में, वस्त्र पीला, गंधद्रव्य कुमकुम, वय: कुंवारी और पात्र चांदी का है।

क्या मिलेगा फल :

मकर संक्रांति उन लोगों के लिए लाभकारी है जो लेखन में रुचि रखते हैं और जो पढ़ाई-लिखाई से वास्ता रखते हैं। किसानों और पशु पालकों को लिए यह लाभकारी है। व्यापार में नुकसान, मौसम में उतार चढ़ावा, राजनीति में मनमुटाव बढ़ेगा। संक्रमण वाले रोग बढ़ेंगे और तेल, सब्जी सहित अन्य खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ेंगे। यह मकर संक्रांति अनिष्‍टकारी नहीं है फिर भी समाज में भय और चिंता का माहौल बना रहेगा। हालांकि महंगाई पर नियंत्रण होने के आसार नज़र आ रहे हैं। यह संक्रांति मिश्रित अर्थात मिलेजुले फल देने वाली है।

कब होगी मकर संक्रांति : इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को पौष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को शुक्ल और ब्रह्म योग के शुभ संयोग में मनाई जाएगी। वहीं मतमतांतर होने के कारण 15 जनवरी को भी मकर संक्रांति का पर्व भी मानाया जाएगा। इस दिन रोहिणी नक्षत्र रहेगा। सूर्य के अस्‍त होने पहले जिस दिन सूर्य राशि बदलते है। उसी दिन उसका पर्व मनाया जाता है। इसी के चलते विश्वविजय, निर्णय सागर, चिंताहरण आदि पंचांगों में इस पर्व को 14 जनवरी बताया गया है। उदय तिथि के महत्व के अनुसार 15 जनवरी को लोग संक्रांति का स्नान-दान करेंगे।

2022 में मकर संक्रांति का वाहन क्या है?

Makar Sankranti 2022: बाघ पर सवार होकर आएगी संक्रांति, महिलाओं को मिलेंगे शुभ फल और बढ़ेगा देश का पराक्रम 14 जनवरी, शुक्रवार को सूर्य राशि बदलकर मकर में आ जाएगा। इस दिन पौष महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि रहेगी। इसलिए इस दिन सूर्य के साथ भगवान विष्णु की भी विशेष पूजा की जाएगी।

संक्रांति का वाहन कौन सा है?

वर्ष 2021 में संक्रांति का वाहन सिंह (व्याघ्र) एवं उपवाहन गज (हाथी) रहेगा। इस वर्ष संक्रांति का आगमन श्वेत वस्त्र व पाटली कंचुकी धारण किए बालावस्था में हो रहा है।

मकर संक्रांति का क्या कारण है?

मकर संक्रांति का वैज्ञानिक कारण यह है कि इस दिन से सूर्य के उत्तरायण हो जाने से प्रकृति में बदलाव शुरू हो जाता है। ठंड की वजह से सिकुरते लोगों को सूर्य के उत्तरायण होने से शीत ऋतु से राहत मिलना आरंभ होता है। भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां के पर्व त्योहार का संबंध काफी कुछ कृषि पर निर्भर करता है।

मकर संक्रांति का फल क्या है?

Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति यानी सूर्य देव के मकर राशि में आने के बाद शुभ और मांगलिक कार्य दोबारा शुरू कर दिए जाते हैं. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान का विशेष महत्व है. इस बार संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी. ज्योतिष के अनुसार सूर्य देव के मकर राशि में गोचर का प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर पड़ेगा.