सक्रियता श्रेणी में नीचे आने वाली धातु का निष्कर्षण कैसे किया जाता है? - sakriyata shrenee mein neeche aane vaalee dhaatu ka nishkarshan kaise kiya jaata hai?

इस आर्टिकल मे हम रसायन विज्ञान के एक महत्वपूर्ण topic के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं सक्रियता श्रेणी क्या होती है, सक्रियता श्रेणी की विशेषताएँ, धातुओ का निष्कर्षण किस प्रकार किया जाता है इन सब के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे

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सक्रियता श्रेणी –

यह वह श्रेणी होती है जिसमें धातुओं को उनकी क्रियाशीलता के घटते क्रम में रखा गया है

अनेक प्रयोगों के बाद नीचे दी हुई श्रेणी को विकसित किया गया

K  ( पोटेशियम) सब से ज्यादा अभिक्रियाशील
Na ( सोडियम )
Ca ( कैल्शियम)
Mg ( मैग्नीशियम)
Al ( एलुमिनियम)
Zn ( जिंक)
Fe ( आयरन )
Pb ( लैंड)
H  ( हाइड्रोजन)
Cu  ( कोपर)
Hg  ( मरकरी)
Ag ( सिल्वर)
AU (गोल्ड ) सब से कम अभिक्रियाशील
सक्रियता श्रेणी

सक्रियता श्रेणी की विशेषताएं-

सक्रियता श्रेणी की धातुओं में निम्नलिखित विशेषताएं पाई जाती है

  1. सक्रियता श्रेणी में आने वाली धातुए अम्लो साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस मुक्त करती है
  2. सक्रियता श्रेणी में आने वाली सभी धातुए में ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके धातु ऑक्साइड बनाती हैं
  3. सक्रियता श्रेणी में उपर आने वाली धातुए सबसे अधिक क्रियाशील वह नीचे आने वाली धातुएं कम क्रियाशील होती है

सक्रियता श्रेणी में आने वाली धातुओं का निष्कर्षण –

खनिज –

धरती की की भूपर्टि पर प्राकृतिक रूप से मिलने वाले यौगिको या तत्वो को खनिज कहा जाता है

अयस्क –

कई जगह पर खनिजो मे किसी धातु की मात्रा बहुत अधिक होती है और जिन्हे निकालना भी लाभदायक होता है अयस्क कहलाते है

अयस्को को का समृद्धिकरण –

जब पृथ्वी से खनिज अयस्को को निकाला जाता है तो उनमें अनेक प्रकार की अशुद्ध होती है जैसे मिट्टी,रेत इत्यादि जिन्हें गैंग कहा जाता है गैंग को धातु से हटाने के लिए अनेक प्रकार की विधियों का प्रयोग किया जाता है यह विधियाँ गैंग व अयस्क की भौतिक एवं रासायनिक गुण-धर्मों पर आधारित होती है

सक्रियता श्रेणी के नीचे आने वाली धातुओं का निष्कर्षण –

सक्रियता श्रेणी के नीचे आने वाली धातुए बहुत ही कम क्रियाशील होती है ये साधारणतः ऑक्साइड के रूप में पाई जाती है जिनको वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर धातु रूप में प्राप्त कर लिया जाता है

उदाहरण – HgS, Hg का अयस्क है जिसे वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर यह HgO मैं बदल जाता है और इसे और अधिक गर्म करने पर यह Hg के रूप में प्राप्त हो जाता है

सक्रियता श्रेणी के बीच आने वाली धातुओं का निष्कर्षण –

सक्रियता श्रेणी के बीच में आने वाली धातुओ की क्रियाशीलता बीच की होती है इनके अयस्क सामान्यतः कार्बोनेट वह सल्फाइड के रूप में मिलते हैं तो इनको सबसे पहले ऑक्साइड में बदला जाता है जब सल्फाइड अयस्क को वायु की उपस्थिति में बहुत अधिक ताप पर है गर्म करने पर यह ऑक्साइड में बदल जाता है इसे भर्जन कहते है व कार्बोनेट अयस्क को वायु की उपस्थिति में गर्म किया जाता है तो यह है ऑक्साइड में बदल जाता है इसे निस्तापन कहा जाता है

सक्रियता श्रेणी के ऊपर आने वाली धातुओं का निष्कर्षण –

सक्रियता श्रेणी के ऊपर आने वाली धातुएं बहुत अधिक क्रियाशील होती है इन्हें कार्बन के साथ गर्म करने पर इनके योग्य को के रूप में प्राप्त करना संभव नहीं है इन योग्य को की बंधुता ऑक्सीजन के प्रति बहुत अधिक होती है इंदा तो को विधुत अपघटन अपचयन के द्वारा प्राप्त किया जाता है

बैटरी क्या है ? इतिहास । प्रकार

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Solution : सक्रियता श्रेणी में सबसे नीचे आने वाली धातुएं अभिक्रियाशील होने के कारण ऑक्साइड को गर्म करने से ही धातु में बदल जाती है। पारा (Hg ) के अयस्क सिनाबार ( HgS ) को गर्म से वह पाराऑक्साइड में बदल जाता है और ये अधिक गर्म करने पर वह पारा में अपचयित हो जाता है। <br> `2HgS +3O_2rarr2HgO+2SO_2` <br> `2 Hg O overset(Delta)rarr2Hg+O_2` <br> इसी प्रकार तांबा भी अयस्क से प्राप्त किया जाता है। <br> `2Cu_2S+3O_2rarr2CU_2O+2SO_2` <br> `2 Cu_2O+Cu_2S rarr6Cu+SO_2`


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सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर ...

सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर स्थित धातुओं का निष्कर्षण किस तरह किया जाता है?

Updated On: 27-06-2022

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लिखित उत्तर

Solution : विद्युत अपघटन विधि द्वारा।

उत्तर

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सक्रियता श्रेणी में मध्यम क्रियाशील धातुओं का निष्कर्षण कैसे किया जाता है?

38: सक्रियता श्रेणी के मध्य में स्थित धातुओं का निष्कर्षण किस प्रकार किया जाता है? इसके बाद कार्बन जैसे उपयुक्त अपचायक का उपयोग कर धातु ऑक्साइड से धातु प्राप्त किया जाता है। जैसे, जब जिंक ऑक्साइड को कार्बन के साथ गर्म किया जाता है तो यह जिंक धातु में अपचयित हो जाता है।

धातुओं की सक्रियता श्रेणी से क्या अभिप्राय है?

Solution : वैसी श्रेणी, में धातुओं को उनकी सक्रियता के घटते हुए क्रम में सजाया जाता है, सक्रियता श्रेणी कहलाती है।

धातुओं की सक्रियता श्रेणी क्या है इसकी उपयोगिता लिखिए?

Solution : सक्रियता श्रेणी- धातुओं की क्रियाशीलता को अवरोही क्रम में व्यवस्थित करने पर जो सूची (श्रेणी) प्राप्त होती है उसे सक्रियता श्रेणी कहते है।

सक्रियता श्रेणी में सबसे न्यूनतम स्तर पर कौन सा धातु है?

उत्तर : सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर स्थित सोडियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, एलुमिनियम जैसी धातुएं अधिक अभिक्रियाशील होती हैं और उनको कार्बन के साथ गर्म कर यौगिकों से प्राप्त नहीं किया जा सकता। इन धातुओं की ऑक्सीजन के प्रति आकर्षण अधिक होता है, इसलिए इन्हें विद्युत अपघटनी अपचयन के द्वारा प्राप्त किया जाता है।