पुरस्कार देने से निम्नांकित लाभ होते हैं Show ⦁ पुरस्कार बालकों को प्रेरित करते हैं तथा आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। UP Board Solutions for Class 12 Pedagogy Chapter 21 Reward and Punishment in Education (शिक्षा में पुरस्कार एवं दण्ड) are part of UP Board Solutions for Class 12 Pedagogy. Here we have given UP Board Solutions for Class 12 Pedagogy Chapter 21 Reward and Punishment in Education (शिक्षा में पुरस्कार एवं दण्ड).
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1 पुरस्कार का अर्थ बालक को अच्छे कार्यों को करने के फलस्वरूप सुखद अनुभूति कराने से है। अच्छे कार्यों को करने से बालक को उल्लास तथा आनन्द की अनुभूति होती है और वह पुनः श्रेष्ठ कार्यों को करने के लिए उत्साहित तथा प्रेरित होता है। पुरस्कार-प्राप्ति की आकाँक्षा से ही बालक श्रेष्ठ कार्य करने के लिए तत्पर हो जाता है और अपनी क्षमताओं का अभूतपूर्व प्रदर्शन भी करता है। इस प्रकार पुरस्कार एक प्रेरणादायक सथा लाभकारी प्रेरक का कार्य करती है। पुरस्कार की कुछ परिभाषाएँ इस प्रकार हैं
उपर्युक्त वर्णित परिभाषाओं द्वारा ‘पुरस्कार’ का अर्थ स्पष्ट हो जाता है। वास्तव में पुरस्कार एक साधन है जो सम्बन्धित व्यक्ति को अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित करने हेतु इस्तेमाल किया जाता है। पुरस्कार के प्रकार 1. आदर या सम्मान : 2. प्रशंसा : 3. छात्रवृत्ति : 4. सुविधाएँ : 5. प्रमाण-पत्र : 6. प्रगति-पत्र पर अंकन : 7. पदक तथा तसगे या मैडल : 8. उपयोगी वस्तुएँ : 9. शील्ड और कप : 10. सफलता : प्रश्न 2
प्रश्न
3 सामान्य अर्थ में निर्धारित नियमों का पालन न करना तथा उनके अनुकूल बाबर ने करना ही अपराध है और दण्ड अफ्ष की वह प्रतिक्रिया है, जो विद्यालय या समाज द्वारा अपराधी के आचरण के विरुद्ध प्रदर्शित की जाती है। इस प्रकार “दण्ड का अर्थ है-कष्ट, जुर्माना या न्यायानुसार दण्ड, शारीरिक पीड़ा अथवा डाँट-फटकार देना।” देण्ड के सामान्य अर्थ को जान लेने के उपरान्त दण्ड की कुछ व्यवस्थित परिभाषाओं का उल्लेख करना भी आवश्यक है। दण्ड की कुछ मुख्य परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं।
दण्ड के प्रकार I. सरल दण्ड 1. डाँटना व फटकारना : 2.
अवकाश के बाद रोकना : 3. आर्थिक दण्ड : 4. नैतिक दण्ड :
II. शारीरिक दण्ड या कठोर दण्ड जहाँ तक सम्भव हो सुधारात्मक दण्ड ही देने चाहिए। यदि शारीरिक दण्ड देने आवश्यक ही हों तो यह केवल शारीरिक रूप से हृष्ट-पुष्ट बच्चों को ही दिये जाएँ, कमजोर तथा चौदह वर्ष से कम आयु वाले छात्रों को ये दण्ड न दिये जाएँ, न ही क्रोध के आवेश में दिये जाएँ। लेकिन ऐसे दण्ड अपराध करने के तुरन्त बाद ही दिये जाने चाहिए। प्रश्न 4 1. दण्ड अपराध के अनुरूप हो : 2. दण्ड अपराध के अनुपात में हो
: 3. दण्ड बालक की प्रकृति के अनुरूप हो : 4. दण्ड गम्भीरता के साथ देना चाहिए : 5. दण्ड के कारण का ज्ञान : 6.
समयानुकूल दण्ड : 7. उचित दण्ड : 8. सम्पूर्ण समूह को दण्ड नहीं देना चाहिए : 9. दण्ड विचारपूर्वक दिया जाए : 10. उदाहरण बोध दण्ड : 11. सुधारक दण्ड : 12. दण्ड देने वाले का व्यवहार सहानुभूतिपूर्ण
होना चाहिए : लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1 1. अनुशासन के प्रति आस्था : 2. स्वस्थ प्रतियोगिता जाग्रत करना : 3. अध्यापकों के प्रति आदर की भावना : 4. अच्छे मर्यों के प्रति उत्साह
उत्पन्न करना : 5. कार्यों में रुचि जाग्रत करना : 6. चरित्र का विकास : प्रश्न 2
प्रश्न 3.
प्रश्न
4 शिक्षा में दण्ड की उपयोगिता लेकिन बाद में शिक्षा के क्षेत्र में मनोवैज्ञानिक विचारधारा के प्रवेश के फलस्वरूप शारीरिक दण्ड़ की प्रधानता समाप्त हो गयी, किन्तु अन्य प्रकार को दण्ड आज भी प्रचलित है, क्योंकि दण्ड के अभाव में अनुशासन की स्थापना करना एक कल्पना ही है। छात्रों की बुरी आदतों को छुड़ाने, उन्हें अनुचित कार्य करने से रोकने तथा बुराइयों से बचाने के लिए दण्ड अत्यन्त आवश्यक है। दण्ड के स्वरूप को निर्धारित करने में विशेष सूझ-बूझ से काम लेना चाहिए। दण्ड का उद्देश्य सदैव सुधारात्मक ही होना चाहिए। प्रश्न 5 1. गलतियों पर रोक : 2. अपराधों में कमी : 3. अपराधों पर नियन्त्रणं : 4. अनुशासन की स्थापना : 5. बुरी आदतों को छुड़ाना : 6. चरित्र : प्रश्न 6 1.प्रतिशोध की भावना : 2. अपराधों पर अधिक बल : 3. मानसिक विकास में अवरोध : 4. भावना-ग्रन्थियों का निर्माण : 5. अस्थायी प्रभाव : 6. दण्ड का आदी होना : अतिलघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1
प्रश्न 2 राज्य मृत व्यक्ति की आत्मा की शान्ति के लिए तथा उसके परिवार वालों के सन्तोष के लिए हत्यारे को मृत्यु-दण्ड या आजीवन कारावास का दण्ड देता है। अतः दण्ड का यह उद्देश्य नैतिक न्याय की सन्तुष्टि पर आधारित है परन्तु वर्तमान शैक्षिक मान्यताओं के अनुसार बालक के लिए दण्ड की व्यवस्था की यह उद्देश्य उचित नहीं है। प्रश्न 3. प्रश्न 4. निश्चित उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1 प्रश्न 2 प्रश्न 3
प्रश्न 4
प्रश्न 5 प्रश्न 6
प्रश्न 7 प्रश्न 8 प्रश्न 9 प्रश्न 10 प्रश्न 11
प्रश्न 12 प्रश्न 13 प्रश्न 14
उत्तर :
बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों में दिये गये विकल्पों में से सही विकल्प का चुनाव कीजिए प्रश्न 1 प्रश्न 2 प्रश्न 3 प्रश्न 4 प्रश्न 5 प्रश्न 6 प्रश्न 7 प्रश्न 8 प्रश्न 9 प्रश्न 10 We hope the UP Board Solutions for Class 12 Pedagogy Chapter 21 Reward and Punishment in Education (शिक्षा में पुरस्कार एवं दण्ड) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 12 Pedagogy Chapter 21 Reward and Punishment in Education (शिक्षा में पुरस्कार एवं दण्ड), drop a comment below and we will get back to you at the earliest. सीखने में प्रेरणा का क्या महत्व है?सीखने में अभिप्रेरणा का महत्व सर्वाधिक होता है क्योंकि प्रेरणा विहिन क्रिया में छात्र रूचि नहीं लेते हैं। यह छात्र के अन्तःकरण को प्रेरित कर अधिगम की प्रक्रिया को सरल एवं प्रभावी बना देता है। सीखने में प्रेरणा का महत्व इस रूप में है।
सीखने पर पुरस्कार का क्या प्रभाव पड़ता है?चूंकि हम जो कुछ भी करते हैं और सोचते हैं, वह सीखने से आता है, इसलिए यह इस बात को समझने की कुंजी है कि अधिकांश व्यक्ति किस तरह व्यवहार करते हैं । यह सीखने की प्रक्रिया के द्वारा ही होता है कि हम कुशल एवं निपुण बनते हैं और विभिन्न कार्यकलाप सम्पन्न करते हुए जीवन में आगे बढ़ते हैं ।
पुरस्कार देने के मुख्य उद्देश्य क्या है?प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार का उद्देश्य है सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के संगठनों में, औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 में परिभाषित किए अनुसार कामगारों के विशिष्ट योगदानों का सम्मान करना और ऐसे कामगारों को सम्मानित करना जिनके निष्पादन का अच्छा रिकॉर्ड रहा है, जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी पूर्ण मनोयोग के साथ निभाई हो, ...
पुरस्कार से क्या लाभ है?इन पुरस्कारों को प्रदान करने का आशय किसी विशिष्ट कार्य को मान्यता प्रदान करना है तथा ये पुरस्कार सभी प्रकार की गतिविधियों / क्षेत्रों जैसे कि कला, साहित्य और शिक्षा, खेल-कूद, चिकित्सा, सामाज सेवा, विज्ञान और इंजीनियरिंग, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग आदि में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों / सेवाओं के लिए ...
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