समाज में स्त्री एवं पुरुष में भेदभाव किन किन रूपों में दिखाई देता है - samaaj mein stree evan purush mein bhedabhaav kin kin roopon mein dikhaee deta hai

समाज में महिलाओं के साथ भेदभाव समाप्त हो

हमारे समाज में पुरुष व महिलाओं के बीच भारी असमानता है। महिलाओं को भेदभाव का सामना करना पड़ता है। घर से लेकर बाहर कार्यस्थल तक उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है। महिलाओं ने यह साबित कर दिया...

समाज में स्त्री एवं पुरुष में भेदभाव किन किन रूपों में दिखाई देता है - samaaj mein stree evan purush mein bhedabhaav kin kin roopon mein dikhaee deta hai

Malayबेगूसराय | हमारे प्रतिनिधि Mon, 08 Apr 2019 10:42 PM

हमारे समाज में पुरुष व महिलाओं के बीच भारी असमानता है। महिलाओं को भेदभाव का सामना करना पड़ता है। घर से लेकर बाहर कार्यस्थल तक उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है। महिलाओं ने यह साबित कर दिया है कि उसे यदि उचित अवसर व सुविधाएं मुहैया कराये जाएं तो वह पुरुषों से कम नहीं हैं। लेकिन, स्वतंत्रता के दशकों बाद भी महिलाओं को जो सामाजिक सम्मान मिलना चाहिए, वह प्राप्त नहीं हो सका है। 

ये बातें विष्णुपुर स्थित एमआरजेडी कॉलेज में हिन्दुस्तान की ओर से  अब नारी की बारी, आओ राजनीति करें विषय पर आयोजित संवाद कार्यक्रम में वक्ताओं ने ये विचार रखे। उन्होंने कहा कि महिलाओं को उचित सम्मान दिलाने के लिए दहेज प्रथा को खत्म किया जाए। सरकार को इसके लिए सख्त कानून बनाना चाहिए। दहेज के कारण ही कन्या भ्रूण हत्या की घटनाओं का अंजाम दिया जा रहा है। इसका नतीजा यह है कि दिनोंदिन लैंगिक अनुपात घटता जा रहा है। यह चिंताजनक विषय है। महिलाओं की सुरक्षा आज की तारीख में गंभीर मुद्दा है। खासकर स्कूल व कॉलेजों के पास असामाजिक तत्व मंडराते रहते हैं। बाहर निकलने पर छात्राओं पर छींटाकशी की जाती है। उनकी सुरक्षा महत्वपूर्ण है। साथ ही, महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रखंड व अनुमंडल स्तर पर डिग्री कॉलेज व पीजी सेंटर खोलने की मांग उठी। 

कहा कि दसवीं व इंटर की पढ़ाई के बाद उच्च कक्षाओं में छात्राओं की संख्या का ग्राफ गिरने लगता है। छात्रा की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से और भी प्रोत्साहन योजना चलाने की जरूरत है। राजनीति में महिलाओं की कम भागीदारी पर सवाल उठाया।  सत्ता में उचित जगह नहीं मिली है। इसके लिए सरकार को संसद व विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी के लिए कानून बनाना चाहिए।   खेलकूद, आर्थिक स्वाबलंबन आदि के क्षेत्र में भी पहल करने की जरूरत बतायी। 

महिलाओं के आर्थिक स्वाबलंबन की दिशा में सरकार को सोचना चाहिए। इसके बिना महिलाओं की आजादी की बात बेमानी होगी। आज भी महिलाएं आर्थिक रूप से पुरुष सदस्यों पर निर्भर रहती है। यह महिलाओं के सम्मान की दृष्टि से ठीक नहीं है। 
-उषा कुमारी,  गृहिणी

महिलाओं को पूर्ण सुरक्षा की गारंटी होनी चाहिए। आये दिन स्कूली छात्रा व महिलाओं के साथ छेड़खानी व बलात्कार के मामले सामने आते रहते हैं। सरकार को इस दिशा में ठोस कार्रवाई करनी होगी। कानून का सख्ती से पालन होना चाहिए। 
 -मणिभूषण कुमार, शिक्षक 

हमारे राज्य में लड़कियों की शिक्षा के लिए कोई खास सुविधा नहीं है। यों तो प्राइमरी स्तर पर शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं। लेकिन, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अभी भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 
-सुमन कुमारी, शिक्षिका

महिलाओं की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है। खासकर घर से बाहर निकलने पर महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं। स्कूल व कॉलेजों के पास छुट्टी होने के समय पुलिस की गश्ती सुनिश्चित होना चाहिए। लड़कियों को भी जागरूक बनाने की जरूरत है। 
-शीला कुमारी, शिक्षिका

समाज में स्त्री एवं पुरुष में भेदभाव किन किन रूपों में दिखाई देता है - samaaj mein stree evan purush mein bhedabhaav kin kin roopon mein dikhaee deta hai

स्त्री व पुरुषों में आज भी समाज में क्या क्या भेदभाव दिखाई देते हैं?

हमारे समाज में पुरुष व महिलाओं के बीच भारी असमानता है। महिलाओं को भेदभाव का सामना करना पड़ता है। घर से लेकर बाहर कार्यस्थल तक उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है। महिलाओं ने यह साबित कर दिया है कि उसे यदि उचित अवसर सुविधाएं मुहैया कराये जाएं तो वह पुरुषों से कम नहीं हैं

समाज में स्त्री व पुरुष में इतना भेद क्यों है?

समाज में स्त्री पुरुष में इतना भेद क्यों है? हमारे समाज में पहले से ही लड़की और लड़के में अंतर किया जाता रहा है। लड़का कितनी भी गलती करें उसे कभी कोई कुछ नहीं कहता परंतु यदि लड़की छोटी भी गलती करे तो पूरा समाज उस पर दोषारोपण करने लगता है।

महिलाओं के साथ भेदभाव का कारण क्या है?

पितृसत्तात्मक आधिपत्य के कारण महिलाओं के साथ अनादि काल से भेदभाव होता रहा है. विभिन्न अनिवार्य अंतरराष्ट्रीय अनुबंधों एवं समझौतों के बावजूद यह भेदभाव बना हुआ है.

भेदभाव कितने प्रकार के होते हैं?

भेदभाव के प्रकार.
व्यक्तिगत भेदभाव व्यक्तिगत भेदभाव वह है जो एक व्यक्ति को दूसरे को बनाता है । ... .
संस्थागत भेदभाव ... .
सामूहिक भेदभाव ... .
संरचनात्मक भेदभाव ... .
प्रत्यक्ष भेदभाव ... .
अप्रत्यक्ष भेदभाव ... .
नकारात्मक भेदभाव ... .
सकारात्मक भेदभाव.