मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज के बिना उसकी कल्पना सम्भव नहीं है। समाज में ही उसका जन्म पालन पोषण विकास आदि होता है। समाज में उचित समायोजन स्थापित करना ही उसका मुख्य लक्ष्य होता है अतः मारी शिक्षा समुदाय या i समाज केन्द्रित होनी चाहिए। विद्यालय तथा समुदाय के परस्पर महत्व एवं
सम्बन्ध को दर्शाते हुए श्री साईदायत ने कहा है ‘समुदाय का विद्यालय स्पष्टतः समुदाय की आवश्यकताओं तथा समस्याओं पर केन्द्रित होना चाहिए। उसका शिक्षा पाठ्यक्रम सामुदायिक जीवन का संक्षिप्त रूप होना चाहिए। उसमें यह सभी महत्वपूर्ण तथा विशिष्ट बातें प्राकृतिक रूप से प्रतिबिम्बित होनी चाहिए जो सामुदायिक जीवन में विद्यमान है। समुदाय का ज्ञान सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक व धार्मिक परिस्थितियों में छात्र को सक्रिय भाग लेने का अवसर प्रदान करना है। विद्यालय में शिक्षक अभिभावक संघ मेले व त्यौहार आदि पर
सहभागिता के अवसर देकर सामूहिक प्रदर्शिनियों, चलचित्रों, आदि का आयोजन किया जाता है। राजनीति विज्ञान विषय के प्रमुख स्त्रोत सामुदायिक जीवन में ही है। इसमें समाज, समाज के संगठन, विभिन्न सामाजिक उत्सव व मेले ग्राम सभा की बैठके इत्यादि है। ये सभी सामुदायिक साधन या स्त्रोत है। ऐसी स्थिति में समुदाय में जो परिस्थितियाँ, रीति रिवाज, परम्पराएँ, प्रथाएं राजनीतिक स्वरूप आदि है। सभी विद्यालय में छात्रों के लिए स्थानीय स्त्रोत है क्योंकि बालक का सर्वांगीण विकास एवं पूर्णता तभी सार्थक मानी जाती है जब वह समाज
के लिए उपयोग सिद्ध हो सके। प्रगतिशील शिक्षा के उदय के साथ एक नई विचारधारा ने भी जन्म लिया कि निकट का समाज सबसे अच्छा शिक्षक है। समाज शिक्षार्थी के लिए संजीव तथा रोचक सामग्री प्रस्तुत करता है। क्लार्क तथा स्टार के अनुसार, ‘कक्षा कक्ष को समाज तक विकसित करने से पाठ्यक्रम अत्यन्त आश्चर्यजनक तथा प्रभावोत्पादक हो जाते हैं क्योंकि प्रत्येक समाज शिक्षण साधनों की सुनहरी खान है। समाज में रहकर बालक जो भी कुछ अनुभव प्राप्त करता है शिक्षा के दृष्टिकोण से उनका अत्यधिक महत्व है। छात्र को राज्य सरकार,
राजस्व कल कारखाने, नदी, नहर, बांध, कृषि फसलें आदि का पुस्तकीय ज्ञान होना ही पर्याप्त नहीं है। समाज में उसे जीवन की उन सब वास्तविकताओं से परिचित करा देता है। बहुत सी बातें जिनका ज्ञान हमको स्पष्ट नहीं होता है। समाज का अध्ययन करने के बाद वह स्पष्ट हो जाती है। विद्यालय को तो समाज को इस प्रकार की प्रयोगशाला समझना चाहिए जहाँ सें अनेक प्रकार के नियम तथा समस्याओं के समाधान पता चल जाते हैं। स्थानीय कारखाने, दुकान, कार्यालय आदि शिक्षा प्राप्त करने के वास्तविक साधन है। वहाँ के अधिकारियों तथा कर्मचारियों के सम्पर्क में आकर अपनी शंकाओं का समाधान भी कर सकते हैं। मनुष्यों के रस्म, रीति-रिवाज, परम्पराएं, विश्वास, सभ्यता संस्कृति आदि मानव सम्बन्धी साधन है जो उनके सम्पर्क में आकर ही समझ में आती है। पहाड़ नदी, नाले, झील, फसलें, वन, समुन्द्र, घाटियाँ, खनिज भण्डार, बांध, मैदान, रेगिस्तान, घाटी, पठार आदि प्राकृतिक व भौगोलिक संसाधन है जिनके द्वारा छात्रों का ज्ञानवर्धन होगा। ऐतिहासिक खण्डहर भग्नावशेष, प्राचीन स्थल, मन्दिर, शिलालेख, गुफाएं, गुरुद्वारे, चर्च, किले, मस्जिद, पुरातात्विक खुदाई स्थल, महल, मकबरे मीनारे आदि से इतिहास के वास्तविक ज्ञान की प्राप्ति होती है। दूरदर्शन केन्द्र, रेडियो, शिक्षा केन्द्र, सांस्कृतिक मंत्रालय, रंगमंच, पुस्तकालय, चिड़ियाघर कला मंदिर, प्राचीन भवन आदि सांस्कृतिक साधनों के रूप में है। टेलिफोन व डाकघर बिजलीघर, अस्पताल, पुलिस स्टेशन आदि सार्वजनिक सुविधा के स्थान है, सरकारी भवन है तथा समाज कल्याण के संगठन है, सभी साधन शिक्षा के क्षेत्र में अपना अनूठा योगदान देते हैं। सामाजिक अध्ययन के शिक्षण में इन सबका समुचित उपयोग किया जाना चाहिए। उपरोक्त विवरण से स्पष्ट होता है कि विद्यालय तथा समुदाय के आपसी सहयोग से ही इन दोनों का अस्तित्व सुरक्षित है। IMPORTANT LINK
Disclaimer Disclaimer: Target Notes does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: You may also likeAbout the authorइस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद.. सामुदायिक संसाधन से आप क्या समझते हैं?सामुदायिक संसाधन: जिन संसाधनों का स्वामित्व समुदाय या समाज के पास होता है, उन्हें सामुदायिक संसाधन कहते हैं। उदाहरण: चारागाह, तालाब, पार्क, श्मशान, कब्रिस्तान, आदि। राष्ट्रीय संसाधन: जिन संसाधनों का स्वामित्व राष्ट्र के पास होता है, उन्हें राष्ट्रीय संसाधन कहते हैं।
सामुदायिक संसाधनों की उपयोगिता क्या है?प्राथमिक विज्ञान पढ़ाने के लिए समुदाय और बाहरी परिवेश का उपयोग। विद्यार्थियों में वैज्ञानिक समझ विकसित करने विज्ञान को वास्तविक जीवन से जोड़ना। कक्षा से बाहर योजना बनाने, एवं पढ़ाने के तरीको तथा विज्ञान एवं परिवेश के साथ विद्यार्थियों की संलग्नता बढ़ाने के लिए सामुदायिक संसाधनों का उपयोग।
सामुदायिक कार्य का क्या महत्व है?1) समाज के सभी वर्गों की देखभाल करना, 2) उन्हें उद्देश्यपूर्ण कार्यों हेतु संगठित करना, सुविधाविहीन वर्ग की विशेष रूप से देखभाल करना, तथा 4) विकास की सम्पूर्ण प्रक्रिया की देखभाल करना ।
समुदाय को विद्यालय के समीप लाने में शिक्षक की क्या भूमिका है?समुदाय को विद्यालय तक लाने के लिये अभिभावक-शिक्षक संघ महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं। विद्यालय कोई भी सूचना अभिभावकों से प्रश्नावली (Questionnaire) के माध्यम से प्राप्त कर सकता है। 2. समुदाय के सदस्यों को आमन्त्रित करना-विद्यालय को समाज का केन्द्र बनाया जाये, जिससे समाज के सदस्य उसे अपना समझें।
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