छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम के कौन कौन से स्थान विद्रोह के मुख्य केंद्र थे? - chhatteesagadh ke svatantrata sangraam ke kaun kaun se sthaan vidroh ke mukhy kendr the?

छत्तीसगढ़ का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

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Published on: 12 July 2018

छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम के कौन कौन से स्थान विद्रोह के मुख्य केंद्र थे? - chhatteesagadh ke svatantrata sangraam ke kaun kaun se sthaan vidroh ke mukhy kendr the?

आशीष सिंह

पत्रकार, लेखक एवं संपादक।
छत्तीसगढ़ के इतिहास, साहित्य एवं संस्कृति में रूचि।

देश के अन्य हिस्सों की भांति, वर्तमान छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में भी, अंग्रेजी शासन की नीतियों के विरुद्ध जन आक्रोश उभरने लगा था। सन १९२० में रायपुर जिले के धमतरी, कंडेल, नगरी, सिहावा, बादराटोला एवं नवापारा-तानवट आदि स्थानों पर प्रशासन के जल एवं जंगल सम्बन्धी जनविरोधी आदेशों के विरुद्ध आंदोलन हुए। इन आंदोलनों के परिणाम स्वरुप सन १९३० में महात्मा गाँधी का रायपुर में प्रथम आगमन हुआ। इस क्षेत्र के अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपना अमूल्य योगदान किया।  

This content has been created as part of a project commissioned by the Directorate of Culture and Archaeology, Government of Chhattisgarh, to document the cultural and natural heritage of the state of Chhattisgarh.

छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता संग्राम के कौन कौन से स्थान विद्रोह के मुख्य केंद्र हैं?

सन १९२० में रायपुर जिले के धमतरी, कंडेल, नगरी, सिहावा, बादराटोला एवं नवापारा-तानवट आदि स्थानों पर प्रशासन के जल एवं जंगल सम्बन्धी जनविरोधी आदेशों के विरुद्ध आंदोलन हुए। इन आंदोलनों के परिणाम स्वरुप सन १९३० में महात्मा गाँधी का रायपुर में प्रथम आगमन हुआ।

छत्तीसगढ़ के महापुरुष कौन कौन थे?

छत्तीसगढ़ के प्रमुख व्यक्तित्व / स्वतंत्रता सेनानी.
गुरु घासीदास (1756-1820): ... .
संत गहिरा गुरु (1905- ): ... .
धनी धर्मदास: ... .
महाप्रभु वल्लभाचार्य: ... .
दूधाधारी महाराज (बलभद्रदास): ... .
स्वामी आत्मानन्द: ... .
महर्षि महेश योगी: ... .
पंडित सुंदरलाल शर्मा:.

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ के अंतिम शहीद कौन थे?

Conversation. छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद वीरनारायण सिंह जी के शहादत दिवस पर कोटि-कोटि नमन। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के गौरवशाली इतिहास में छत्तीसगढ़ के वीर सपूत शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा।

भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में छत्तीसगढ़ की क्या भूमिका है?

छत्तीसगढ़ में वर्ष 1818 में अबुझमाड़ इलाके में गैंद सिंह के नेतृत्व में आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले विद्रोह कर दिया था। वर्ष 1857 से छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता आंदोलन की शुरूआत होती है। सोनखान के जमीदार शहीद वीरनारायण सिंह ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह का ऐलान किया था।