स्पेशल B Ed कितने साल की होती है? - speshal b aid kitane saal kee hotee hai?

stuti goswami |

नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 21 Jul 2021, 11:58 am

Job Tips: अगर आप बी.एड का कोर्स करने के बारे में सोच रहे हैं, तो यह एक बेस्ट करियर ऑप्शन में से एक हो सकता है-

स्पेशल B Ed कितने साल की होती है? - speshal b aid kitane saal kee hotee hai?
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हाइलाइट्स

  • बी.एड के बाद कैसे कर सकते हैं जॉब
  • यहां जानें कौन-सी योग्यताएं हैं जरूरी

jobs after BEd: बी.एड स्पेशल एजुकेशन उन छात्रों के लिए एक विशेष कोर्स माना जाता है जो ट्यूटर, काउंसलर बनना चाहते हैं। इस कोर्स के माध्यम से मानसिक या शारीरिक रूप से दिव्यांग छात्रों को पढ़ाने और उनको गाइड करने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। बी.एड स्पेशल एजुकेशन कोर्स पूरा करने के बाद, छात्रों को प्राइमरी टीचर, करियर काउंसलर, काउंसलर, कंटेंट राइटर, और समान रूप से शैक्षणिक संस्थानों, समाचार और मीडिया, एनजीओ आदि जैसे क्षेत्रों में नौकरी मिलती है। ऐसे स्नातकों का औसत वेतन INR 2 LPA से लेकर INR 5 LPA तक होता है।

बीएड कोर्स हाइलाइट्स
  • काेर्स लेवल- ग्रेजुएट
  • फुल फॉर्म- बैचलर इन एजुकेशन
  • अवधि- 2 वर्ष
  • एग्जामिनेशन टाइप- सेमेस्टर सिस्टम
  • एलिजिबिलिटी- मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन
  • एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस / मेरिटी
  • एवरेज कोर्स फीस- 5 हजार से 2 लाख रुपए
  • सब्जेक्ट्स- ह्यूमन ग्रोथ एंड डेवलपमेंट, लर्निंग, टीचिंग एंड असेसमेंट, साइको सोशल एंड फैमिली मुद्दे आदि
  • एवरेज सैलरी- 2 से 20 लाख तक
  • जॉब प्रोफाइल- प्राइमरी स्कूल टीचर, करियर काउंसलर, सोशल वर्कर, कंटेंट राइटर आदि
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बीएड स्पेशल एजुकेशन: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया

  • बी.एड स्पेशल एजुकेशन पात्रता के लिए किसी भी स्ट्रीम (कला, विज्ञान और वाणिज्य) में स्नातक हो, कम से कम 50% या उससे अधिक मार्क्स जरूरी है।
  • विज्ञान / सामाजिक विज्ञान / मानविकी में मास्टर डिग्री रखने वाले या विज्ञान और गणित के साथ इंजीनियरिंग या प्रौद्योगिकी में स्नातक होने वाले या स्नातक डिग्री में ऑनर्स रखने वाले कैंडिडेट आवेदन कर सकते हैं।
  • बी.एड कोर्स में एडमिशन के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए कोई अधिकतम आयु सीमा नहीं है।

बी एड स्पेशल एजुकेशन - एंट्रेंस एग्जाम
  • कई कॉलेज टॉप बी.एड एंट्रेंस एग्जाम में परफॉर्मेंस के आधार पर छात्रों का चयन करते हैं। इनमें से कुछ प्रवेश परीक्षाएं विश्वविद्यालय स्तर की हैं और कुछ राज्य स्तरीय परीक्षाओं की
  • B.Ed का फुल फॉर्म बैचलर इन एजुकेशन होता है, जो शिक्षकों को शिक्षण कौशल पद्धति, शिक्षण अध्यापन और अन्य कौशल से परिचित कराने में सक्षम बनाता है।
  • यह आपको विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों जैसे कि श्रवण बाधित / मानसिक मंदता / दृश्य हानि / आत्मकेंद्रित / स्पेक्ट्रम विकार वाले बच्चों को पढ़ाने में व्यावहारिक और सैद्धांतिक दोनों तरह का प्रशिक्षण प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
  • यह पाठ्यक्रम 2 साल की अवधि का है जो सेमेस्टर बेस्ड मोड में पेश किया जाता है, जिसमें छात्र मूल्यांकन के लिए प्रत्येक सेमेस्टर के अंत में लिखित और व्यावहारिक परीक्षाओं के साथ छह महीने की अवधि के कुल चार सेमेस्टर होते हैं।
  • यह पाठ्यक्रम उन छात्रों के लिए है जो शिक्षण क्षेत्र में रुचि रखते हैं और शिक्षा, संस्कृति और मानव मूल्य, शैक्षिक मनोविज्ञान, मार्गदर्शन और परामर्श आदि जैसे दिव्यांग छात्रों को पढ़ाने के विभिन्न पहलुओं में ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं।
  • कुछ सामान्य बी.एड विषयों में मानव विकास और विकास, लोकोमोटिव और दिव्यांगता, शिक्षण रणनीतियां और तरीके, पारिवारिक मुद्दे और मनोसामाजिक आदि शामिल हैं।
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बीएड स्पेशल एजुकेशन- टॉप कॉलेज और फीस
  • संस्कृति यूनिवर्सिटी- 1,20,000 रुपए
  • बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी- 5,670 रुपए
  • कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी- 10,860 रुपए
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च- 1,70,000 रुपए
  • नेताजी सुभाष ओपन यूनिवर्सिटी- 30,000 रुपए
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हैंडीकैप्ड- 20,000 रुपए

बीएड स्पेशल एजुकेशन: कोर्स के लाभ
  • विशेष आवश्यकता वाले छात्रों को पढ़ाने के लिए कुशल शिक्षकों की अत्यधिक आवश्यकता है जिनपर किसी का ध्यान नहीं जाता और ऐसे छात्र बाद में पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
  • यह विशेष रूप से शिक्षा क्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी के अवसर दिलाता है।
  • चूंकि शिक्षण पेशा हमेशा से एक सम्मानजनक पेशा रहा है, ऐसे में छात्रों के लिए इस तरह के पाठ्यक्रम में दाखिला लेने का क्रेज है।
  • बीएड करने के बाद छात्रों पास एम.एड करने का भी रास्ता खुल जाता है। इससे करियर ग्रोथ बढ़ जाता है।
  • बी.एड डिग्री वाले उम्मीदवार की भारी मांग है क्योंकि विशेष जरूरतों वाले छात्रों जैसे बधिरता / मानसिक मंदता / दृश्य हानि वालों को पढ़ाने के लिए अच्छे कुशल विशेषज्ञों और पेशेवरों की आवश्यकता है।

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राजस्थान में स्पेशल B ED के फॉर्म कब भरे जाएंगे?

राजस्थान बीएड आवेदन पत्र 2022 को जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर द्वारा जारी किया जाएगा। स्टूडेंट्स बी. एड प्रवेश परीक्षा की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म भर सकेंगे।

राजस्थान में B Ed कितने साल की होती है?

Ed ग्रेजुएशन के बाद 2 साल का, पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद 1 साल का और अगर 12वीं के बाद करते हैं तो इंटीग्रेटेड कोर्स के रुप में 4 साल का होता है। समान्यतः विद्यार्थी b. ed के लिए ग्रेजुएशन के बाद की जाते हैं, तो उस स्थिति में हम कह सकते हैं कि b. ed की अवधि 2 साल की होती है।