भारत के 'लौहपुरुष' कहे जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की आज 72वीं पुण्यतिथि है. 15 दिसंबर, 1950 को लंबी बीमारी के बाद दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था. वह भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और भारत के पहले गृह मंत्री भी थे. ब्रिटिश शासन के दौरान भी उन्होंने कई बड़े आंदोलन का नेतृत्व किया था और आजादी के बाद, उन्हीं के प्रयासों के चलते रियासतों को एक कर भारत में शामिल किया गया था. आइए जानते हैं उनके अमूल्य योगदान, जो देश कभी नहीं भुला सकता. Show
जन्म स्थान से शुरू हुई संघर्ष की
लड़ाई खेड़ा आंदोलन सम्बंधित ख़बरेंबारडोली सत्याग्रह आजादी के बाद 'पटेल' का सबसे बड़ा योगदान
चर्चा में क्यों ?31 अक्टूबर को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्मदिन एकता दिवस के रूप में मनाया गया । इसे सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144वीं जयंती के रूप में मनाया गया ।
परिचय
स्वतंत्रता आंदोलनों में भूमिका
कान्ग्रेस के कराची अधिवेशन में सरदार पटेल की भूमिका
कराची अधिवेशन में कान्ग्रेस का प्रस्ताव:इस अधिवेशन में कान्ग्रेस ने दो मुख्य प्रस्तावों को अपनाया जिनमें एक मूलभूत राजनीतिक अधिकारों से संबंधित था तो दूसरा राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रमों से संबंधित था। मूलभूत राजनीतिक अधिकारों से जुड़े प्रस्ताव में निम्नलिखित प्रावधान थे:
राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रम से संबंधित जो प्रस्ताव पारित हुआ, उसमें निम्नलिखित प्रावधान सम्मिलित थे:
इन प्रावधानों के साथ-साथ कान्ग्रेस ने यह भी घोषणा की कि ‘जनता के शोषण को समाप्त करने के लिये राजनीतिक आज़ादी के साथ-साथ आर्थिक आज़ादी भी आवश्यक है’। अतः यह कहना उचित ही है की कान्ग्रेस का ‘कराची अधिवेशन’ वास्तव में उसकी मूलभूत राजनीतिक व आर्थिक नीतियों का दस्तावेज था। रियासतों का एकीकरण:
स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी:
इस स्मारक की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
सरदार पटेल का लेखन कार्य:सरदार पटेल का लेखन उनके द्वारा लिखे गए पत्रों, टिप्पणियों एवं उनके द्वारा दिए गए व्याख्यानों के रूप में एक वृहत् साहित्य के रूप में उपलब्ध है । जिसमें मुख्य है:
सम्मान और महत्त्वपूर्ण योगदान:
निष्कर्ष :किसी भी देश का आधार उसकी एकता और अखंडता में निहित होता है और सरदार पटेल देश की एकता के सूत्रधार थे । राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण को सदैव याद किया जायेगा। भारत में सरदार पटेल का सबसे बड़ा योगदान क्या था?सरदार पटेल की महानतम देन थी 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकता का निर्माण करना। विश्व के इतिहास में एक भी व्यक्ति ऐसा न हुआ जिसने इतनी बड़ी संख्या में राज्यों का एकीकरण करने का साहस किया हो। 5 जुलाई 1947 को एक रियासत विभाग की स्थापना की गई थी।
सरदार पटेल कौन थे उनका मुख्य योगदान क्या था?सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था। सरदार पटेल एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा आजार भारत के पहले गृहमंत्री थे। स्वतंत्रता की लड़ाई में उनका महत्वपूर्ण योगदान था, जिसके कारण उन्हें भारत का लौह पुरुष भी कहा जाता है। 31 अक्टूबर 1875 गुजरात के नाडियाद में सरदार पटेल का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था।
पटेल का राष्ट्रीय एकीकरण में क्या योगदान था?सरदार पटेल का जन्म 31 अक्तूबर, 1875 को नाडियाड गुजरात में हुआ था। वे भारत के प्रथम गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री थे। भारतीय राष्ट्र को एक संघ बनाने (एक भारत) तथा भारतीय रियासतों के एकीकरण में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने श्रेष्ठ भारत (अग्रणी भारत) बनाने के लिये भारत के लोगों से एकजुट होकर रहने का अनुरोध किया।
स्वतंत्रता संग्राम में सरदार वल्लभभाई पटेल की क्या भूमिका है?सरदार पटेल भारतीय बैरिस्टर और प्रसिद्ध राजनेता थे। भारत स्वतंत्रता संग्राम के दौरान 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस' के नेताओं में से वे एक थे। 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद पहले तीन वर्ष वे उप प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सूचना मंत्री और राज्य मंत्री रहे थे। । उन्हें भारत के राजनैतिक एकीकरण का श्रेय दिया जाता है।
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