संस्मरण के कितने तत्व होते हैं? - sansmaran ke kitane tatv hote hain?

विषयसूची

  • 1 1 संस्मरण क्या है स्पष्ट कीजिए?
  • 2 संस्मरण और रेखाचित्र में क्या अंतर है?
  • 3 संस्मरण के कितने तत्व होते हैं?
  • 4 संस्मरण की विशेषताएं क्या है?
  • 5 संस्मरण की क्या विशेषता है?
  • 6 रेखाचित्र कहानी व जीवनी में क्या अंतर है?
  • 7 संस्मरण की शुरुआत कैसे करें?
  • 8 हिंदी का पहला संस्मरण कौन सा है?
  • 9 कुछ ख्वाबों में कुछ खयालों में यह संस्मरण किसका है?
  • 10 पहली स्त्री आत्मकथा कौन सी है?
  • 11 महादेवी वर्मा का संस्मरण कौन सा है?
  • 12 स्मरण का स्मृतिकार किसकी रचना है?
  • 13 कथेतर गद्य साहित्य पुस्तक के संपादक कौन हैं?
  • 14 कथेतर गद्य लेखन में किसका अभाव होता है?
  • 15 संस्मरण के कितने प्रकार होते हैं?
  • 16 जो कहूंगा सच कहूंगा के लेखक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंकिसी घटना, दृश्य, वस्तु या व्यक्ति का पूर्णरूपेण आत्मीय स्मरण संस्मरण कहलाता है। यह आधुनिक काल में नवविकसित, सर्वाधिक विवादों से घिरी साहित्य-विधा है। यह विधा कभी तो जीवनी, रेखाचित्र, रिपोर्ताज और कभी निबन्ध के अन्तर्गत परिगणित की गई है।

संस्मरण और रेखाचित्र में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंसंस्मरण विवरण प्रधान होते हैं और रेखाचित्र चित्रण प्रधान क्योंकि रेखाचित्रकार रेखाओं के माध्यम से ही वर्ण्य विषय का चित्र खींचता है। संस्मरण में लेखक का वर्ण्य-विशेष, व्यक्ति या वस्तु से संवेदनात्मक संबंध होता है। लेकिन रेखाचित्र में किसी व्यक्ति या वस्तु के जीवन का चित्रण होता है। …

संस्मरण और जीवनी में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकें1. संस्मरण किसी घटना को लिखित रूप में दर्शाता है। जीवनी किसी और के द्वारा लिखे गए किसी व्यक्ति के जीवन को दर्शाता है।

संस्मरण कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंऐसी रचनाओं को ‘संस्मरणात्मक निबंध’ कहा जा सकता है। व्यापक रूप से संस्मरण आत्मचरित के अन्तर्गत लिया जा सकता है। किन्तु संस्मरण और आत्मचरित के दृष्टिकोण में मौलिक अन्तर है। आत्मचरित के लेखक का मुख्य उद्देश्य अपनी जीवनकथा का वर्णन करना होता है।

संस्मरण के कितने तत्व होते हैं?

संस्मरण की संपूर्ण जानकारी | संस्मरण के तत्व। List of all sansmaran in Hindi

  • हिंदी साहित्य के क्षेत्र में संस्मरण आधुनिक काल की विधा है।
  • अतीत की स्मृति
  • आत्मीय एवं श्रद्धापूर्ण अन्तरंग सम्बन्ध
  • प्रामाणिकता
  • वैयक्तिकता
  • क्या आप जानते हैं?
  • जीवन के खंड विशेष का चित्रण
  • चित्रात्मकता

संस्मरण की विशेषताएं क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसंस्मरण की विशेषताएं: संस्मरण वर्णन-प्रधान जीवनीपरक कथेतर गद्य विधा है। संस्मरण का आधार स्मृति है। इनमें सजीव पात्रों के बाहरी रूप के साथ-साथ आंतरिक चरित्र का भी वर्णन रहता है। ये कल्पना पर नहीं वास्तविकता पर आधारित होते हैं।

संस्मरणात्मक रेखाचित्र क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसंस्मरण किसी पूर्व घटित घटना का वर्णन है इसमे पात्रों के चेहरे आदि का वर्णन शब्दो द्वारा इस प्रकार से वर्णन आवश्यक नही है कि उसका चित्र प्रस्तुत हो यदि शब्द चित्र प्रस्तुत किया जाता है तो उसे संस्मरणात्मक रेखाचित्र कहते है अक्सर संस्मरणात्मक रेखाचित्र ही लिखे जाते है जिसे हम संस्मरण भी कह सकते है व रेखाचित्र भी।

रेखाचित्र का अर्थ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकिसी वस्तु या व्यक्ति के रूप का वह चित्र जो केवल रेखाओं से अंकित किया गया हो। ऐसा चित्र जो केवल रेखाओं से बनाया गया हो,अर्थात् जिसमें बीच के उतार चढ़ाव उभार धँसाव आदि न हो।

संस्मरण की क्या विशेषता है?

इसे सुनेंरोकेंसंस्मरण की महत्वपूर्ण विशेषता वैयक्तिकता मानी जाती है। इसका सहारा लिए बिना संस्मरण नहीं लिखा जा सकता। संस्मरण में लेखक के अपने जीवन में किसी न भुला सकने वाली घटना का वर्णन होता है। वह घटना को हु बहु पाठक के समक्ष रखता है जिसे पढ़कर पाठक को उस घटना को करने का मौका मिलता है।

रेखाचित्र कहानी व जीवनी में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंजीवनी दूसरे की जीवनगाथा होती है। आत्मकथा लेखक की स्वयं की जीवनगाथा होती है। जीवनी या आत्मकथा लिखते समय लेखक देश काल तथा वातावरण के वर्णन के साथ ही स्वयं पर पड़ने वाले प्रभाव का भी वर्णन करता है। रेखाचित्र व संस्मरण हिन्दी साहित्य की विधाए जो साथ साथ चलती है।

पहला संस्मरण कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंबालमुकुंद गुप्त द्वारा सन् 1907 में प्रतापनारायण मिश्र पर लिखे संस्मरण को हिंदी का प्रथम संस्मरण माना जाता है।

चेतना के बिम्ब किसकी रचना है?

Additional Information

रेखा चित्र एवं संस्मरणलेखकरचना वर्ष
मील के पत्थर रामवृक्ष बेनीपुरी 1957
चेतना के बिम्ब डॉ नगेंद्र 1967
रेखाएं और रंग आचार्य विनय मोहन शर्मा 1955
रेखा चित्र प्रेम नारायण टंडन 1940

इसे सुनेंरोकेंस्मृति के आधार पर किसी विषय पर अथवा किसी व्यक्ति पर लिखित आलेख संस्मरण कहलाता है। यात्रा साहित्य भी इसके अन्तर्गत आता है। संस्मरण को साहित्यिक निबन्ध की एक प्रवृत्ति भी माना जा सकता है। ऐसी रचनाओं को ‘संस्मरणात्मक निबंध’ कहा जा सकता है।

संस्मरण की शुरुआत कैसे करें?

इसे सुनेंरोकेंसंस्मरण आपके कार्य और जीवन के संबंध में होता है, परंतु इसे केवल आपके अपने लिए नहीं लिखा जाता। इसे पाठकों के किसी समूह के द्वारा पढ़ा जाएगा, विशेष रूप से यदि आप इसे प्रकाशित करने की योजना बना रहे हैं। इसलिए बिना कोई उचित पृष्ठभूमि दिए, प्रलाप तथा चेतना प्रवाह से बचें।

हिंदी का पहला संस्मरण कौन सा है?

जीवनी और रेखाचित्र में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंरेखाचित्र में वर्णन का हू-ब-हू होना आवश्यक है और संस्मरण में उसका स्मृति के आधार पर लिखा जाना । एक अन्य बात यह भी है कि रेखाचित्र में लेखक का वर्णित घटना, व्यक्ति आदि के साथ निजी संबंध होना आवश्यक नहीं है, जबकि संस्मरण के लिए यह आवश्यक है ।

हम हशमत कौन सी विधा है?

इसे सुनेंरोकें’हम हशमत’ हमारे समकालीन जीवन-फलक पर एक लंबे आख्यान का प्रतिबिंब है। इसमें हर चित्र घटना है और हर चेहरा कथानायक। ‘हशमत’ की जीवंतता और भाषायी चित्रात्मकता उन्हें कालजयी मुखड़े के स्थापत्य में स्थित कर देती है।

कुछ ख्वाबों में कुछ खयालों में यह संस्मरण किसका है?

हिन्दी में लिखे गए प्रमुख संस्मरण निम्नांकित हैं-

लेखकसंस्मरण
शंकरदयाल सिंह कुछ ख्वाबों कुछ ख्यालों में (1978)।
भगवतीचरण वर्मा अतीत के गर्त से (1979), (2) हम खण्डहर के वासी।
मैथलीशरण गुप्त श्रद्धांजलि स्मरण (1979)।
सुलोचना रांगेय राघव पुनः (1979)।

पहली स्त्री आत्मकथा कौन सी है?

इसे सुनेंरोकेंस्फुरना देवी की यह पुस्तक आधुनिक हिन्दी साहित्य की आरंभिक संचेतना का प्रमाण है। साथ ही यह हमारे साहित्यिक इतिहास के अधूरेपन का एक अकाट्य प्रमाण भी है, क्योंकि 1927 में प्रकाशित इस पुस्तक या इसकी…

रेखाचित्र का क्या मतलब है?

इसे सुनेंरोकेंरेखाचित्र या ‘आरेखण’ (ड्राइंग) एक दृश्य कला है जो द्वि-आयामी साधन को चिह्नित करने के लिए किसी भी तरह के रेखाचित्र उपकरणों का उपयोग करता है। आम उपकरणों में शामिल है ग्रेफाइट पेंसिल, कलम और स्याही, स्याहीदार ब्रश, मोम की रंगीन पेंसिल, क्रेयोन, चारकोल, खड़िया, पैस्टल, मार्कर, स्टाइलस, या विभिन्न धातु सिल्वरपॉइंट।

चेहरे अनेक किसकी आत्मकथा है?

इसे सुनेंरोकेंचेहरे अनेक उपेंद्र नाथ अश्क की आत्मकथा है। इसका पहला भाग नीलाभ प्रकाशन से 1977 में प्रकाशित हुआ था। हालांकि इसमें संस्मरण और साहित्य संबंधी लेखकों की जीवनी भी है।

महादेवी वर्मा का संस्मरण कौन सा है?

इसे सुनेंरोकें’पथ के साथी’ में महादेवी ने अपने समकालीन रचनाकारों का चित्रण किया है। जिस सम्मान और आत्मीयतापूर्ण ढंग से उन्होंने इन साहित्यकारों का जीवन-दर्शन और स्वभावगत महानता को स्थापित किया है वह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। ‘पथ के साथी’ में संस्मरण भी हैं और महादेवी द्वारा पढ़े गए कवियों के जीवन पृष्ठ भी।

स्मरण का स्मृतिकार किसकी रचना है?

इसे सुनेंरोकेंअतः उनकी स्कूली शिक्षा बाधित हो गयी। उन्होंने स्वाध्याय से ही हिन्दी, अंग्रेजी और बंगला भाषा-साहित्य का गहन अध्ययन किया। राय साहब अद्भुत स्मरणशक्ति सम्पन्न थे। अज्ञेय जी ने ‘स्मृति लेखा’ में उन्हें ‘स्मरण का स्मृतिकार’ कहा है।

वे दिन वे लोग शीर्षक संस्मरणात्मक रचना के लेखक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंवे दिन वे लोग शिवपूजन सहाय ने 1946 में लिखा।

भारतीय महिला की पहली ज्ञात आत्मकथा कौन सी है?

इसे सुनेंरोकेंसही उत्तर अमार जीबन है। अमार जिबन 1876 में रससुंदरी देवी द्वारा लिखित पहली आत्मकथा है। यह एक भारतीय महिला की पहली ज्ञात आत्मकथा है।

कथेतर गद्य साहित्य पुस्तक के संपादक कौन हैं?

इसे सुनेंरोकेंमहादेवी वर्मा लिखित रामा, घीसा आदि रेखाचित्र हैं किंतु इन्हें कहानी भी हा जा सकता है।

कथेतर गद्य लेखन में किसका अभाव होता है?

इसे सुनेंरोकेंकथेतर साहित्य (non-fiction) साहित्य की वह शाखा है जिसमें दर्शाए गए स्थान, व्यक्ति, घटनाएँ और सन्दर्भ पूर्णतः वास्तविकता पर ही आधारित होते हैं। इसके विपरीत कपोलकल्पना है जिसमें कथाएँ कुछ मात्रा में या पूरी तरह लेखक की कल्पना पर आधारित होतीं हैं और उन में कुछ तत्त्व वास्तविकता से हट के होते हैं।

कथेतर गद्य विधाएँ कौन सी है?

इसे सुनेंरोकेंसाहित्य की सार्थकता में निबंध, संस्मरण, रेखाचित्र, जीवनी, आत्मकथा, रिपोर्ताज, यात्रा वर्णन, व्यंग्य, डायरी, सम्बोधन आदि कथेतर गद्य विधाओं का योगदान भी महत्त्वपूर्ण हैं। चरित्रगत अध्ययन एवं वैचारिक लेखन की दृष्टि से निबंध, आत्मकथा, यात्रा-वर्णन, जीवनी आदि विधाएँ काफी महत्त्वपूर्ण है।

इसे सुनेंरोकेंमहादेवी वर्मा के रेखाचित्र और संस्मरण एक दूसरे में घुले-मिले हुए हैं। “अतीत के चलचित्र”, “स्मृति की रेखाएँ” और “पथ के साथी” इसके सशक्त उदाहरण हैं। इन रचनाओं में चित्रांकन भी है और अतीत को याद करने का सक्षम प्रयास भी। उनकी रचनाओं में एक प्रकार की संवेदनात्मक गहराई है।

संस्मरण लेखक कौन कौन है?

हिंदी के प्रमुख संस्मरण और संस्मरणकार-

लेखकसंस्मरण
प्रकाशचन्द्र गुप्त पुरानी स्मृतियां और नए स्केच (1947)
मिट्टी के पुतले (1947)
महादेवी वर्मा स्मृति की रेखाएं (1947)
स्मारिका (1971)

संस्मरण के कितने प्रकार होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसंस्मरण मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। आत्म संस्मरण के केन्द्र में लिखने वाला व्यक्ति मुख्य होता हैं। वह अपनी स्मृति से, अपने देखे, सुने या भोगे हुए यथार्थ को लिखता है। जबकि दूसरे से सुन कर लिखे जाने वाले संस्मरण में लेखक किसी व्यक्ति से बातचीत करके, उसकी स्मृति को टटोल कर, उसे लिपिबद्ध करता है।

जो कहूंगा सच कहूंगा के लेखक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंग़ज़ल -संग्रह : जो कहूँगा सच कहूँगा , लेखक : श्री महेश अग्रवाल , पन्ने: 96, मूल्य: रु.

रेखाचित्र का तत्व कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंरेखाचित्र के तत्व अथवा गुण रेखाचित्र एक ऐसी साहित्यिक विधा है, जिसमें अन्य गद्य विधाओं की कोई-न-कोई विशेषता समाहित है। फिर भी इसके तत्वों में विषयसंबंधी एकात्मकता, अंर्तमुखी चारित्रिक विशेषता, संवेदनशीलता, संक्षिप्तता, विश्वसनीयता, प्रतिकात्मकता को लिया जा सकता है।

चलचित्र के लेखक कौन है?

अतीत के चलचित्र
लेखक महादेवी वर्मा
देश भारत
भाषा हिंदी
विषय रेखाचित्र (साहित्य)

संस्मरण कितने प्रकार के होते हैं?

संस्मरण मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। आत्म संस्मरण के केन्द्र में लिखने वाला व्यक्ति मुख्य होता हैं। वह अपनी स्मृति से, अपने देखे, सुने या भोगे हुए यथार्थ को लिखता है। जबकि दूसरे से सुन कर लिखे जाने वाले संस्मरण में लेखक किसी व्यक्ति से बातचीत करके, उसकी स्मृति को टटोल कर, उसे लिपिबद्ध करता है।

हिंदी का प्रथम संस्मरण कौन सा है?

बालमुकुंद गुप्त द्वारा सन् 1907 में प्रतापनारायण मिश्र पर लिखे संस्मरण को हिंदी का प्रथम संस्मरण माना जाता है।

संस्मरण कैसे लिखा जाता है?

संस्मरण लिखते समय लेखक एक सर्वनिष्ठ भूल करते हैं वह है संस्मरण को व्यक्तिगत डायरी समझना। यह भ्रम समझने योग्य है क्योंकि यह दोनों लेखन स्वयं अपने बारे में होते हैं, परंतु यही वह स्थान है जहाँ अंतर समाप्त होते हैं। संस्मरण आपके कार्य और जीवन के संबंध में होता है, परंतु इसे केवल आपके अपने लिए नहीं लिखा जाता

स्मरण क्या है?

संज्ञा किसी देखी, सुनी बीती या अनुभव में आई बात का फिर से मन में आना। याद आना।