शिक्षक प्रतिपुष्टि से आप क्या समझते हैं? - shikshak pratipushti se aap kya samajhate hain?

विषयसूची

  • 1 शिक्षक प्रतिपुष्टि क्या है?
  • 2 निम्न में कौन सा एक शिक्षण का बेहतर तरीका है?
  • 3 शैक्षिक मूल्यांकन के कितने उद्देश्य हैं?
  • 4 शिक्षक प्रतिपुष्टि से आप क्या समझते हैं शिक्षा प्रतिपुष्टि के महत्व पर प्रकाश डालिए?
  • 5 शिक्षा में मूल्यांकन से आप क्या समझते हैं मूल्यांकन की विधियों का वर्णन कीजिए?
  • 6 शिक्षा में मूल्यांकन से आप क्या समझते हैं मूल्यांकन के तरीकों पर चर्चा करें?

शिक्षक प्रतिपुष्टि क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइस सन्दर्भ में प्रतिपुष्टि (फीडबैक) का अर्थ है किसी विशिष्ट शिक्षण उद्देश्य के सन्दर्भ में छात्र-छात्राओं को उनके प्रदर्शन की जानकारी देना और इस बारे में उनका मार्गदर्शन करना कि वे किस तरह इसमें सुधार कर सकते हैं या आगे बढ़ सकते हैं।

निम्न में कौन सा एक शिक्षण का बेहतर तरीका है?

इसे सुनेंरोकेंCorrect! प्राथमिक स्तर पर विद्यार्थियों की सीखने सम्बन्धी समस्याओं को संबोधित करने का सबसे बेहतर तरीका है कि अगर किसी शिक्षार्थी को कुछ समझाना है तो उसके लिए एक नहीं बल्कि उसके क्षमता के अनुसार उसे विभिन्न शिक्षण-पद्धतियों का प्रयोग करना चाहिए ताकि प्राथमिक स्तर के छात्र को पूर्ण रूप से समझ सके।

शैक्षिक मूल्यांकन के कितने उद्देश्य हैं?

इसे सुनेंरोकेंशिक्षण की प्रभावशीलता ज्ञात करना- मापन तथा मूल्यांकन की सहायता से शिक्षण विधियों की प्रभावशीलता का आकलन किया जाता है। पाठ्यक्रम में सुधार– मापन तथा मूल्यांकन का प्रमुख उद्देश्य पाठ्यक्रम की उपादेयता की जाँच करके उसकी उपयोगिता को बढ़ाने के लिए पाठ्यक्रम सुधार करना है।

रिफ्लेक्टिव डायरी क्या होता है?

इसे सुनेंरोकें→ रिफ्लेक्टिव डायरी या जर्नल में दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों और प्रतिक्रियाओं का संधारण करना। > किसी एक चयनित थीम पर टर्म पेपर लिखना। > शिक्षक शिक्षा संस्थान और इंटर्नशिप शाला अपनी विशेष स्थानीय आवश्यकता के आधार पर अतिरिक्त गतिविधियों का भी चयन कर सकते हैं।

अध्यापक प्रतिपुष्टि कितने प्रकार की होती है?

इसे सुनेंरोकेंलिखित संप्रेषण मे प्रतिपुष्टि भी लिखित रूप मे अर्थात् पत्रों द्वारा, ई-मेल, मोबाइल संदेश द्वारा आदि तरीकों से प्राप्त होती है। यह लिखित प्रतिपुष्टि प्राप्त करने मे समय भी अधिक लगता है और संदेश प्राप्तकर्ता की भावनाओं को समझा भी नही जा सकता है।

शिक्षक प्रतिपुष्टि से आप क्या समझते हैं शिक्षा प्रतिपुष्टि के महत्व पर प्रकाश डालिए?

इसे सुनेंरोकेंको भी यह देखन और उनके समय का अवस्थाओं में और अधिगम की गई जगम प्रोन्नति के लिये प्रतिपष्टि-आंकलन | 439 रेनों के लिये सहायक होती हैं जब आ. कान्द्रत होती है (Hattie and timperly, 2007)। प्रतिपुष्टि तब अधिक प्रभावी होती है जब वह उपलब्धि लक्ष्यों को प्रति हो।

शिक्षा में मूल्यांकन से आप क्या समझते हैं मूल्यांकन की विधियों का वर्णन कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंशिक्षा में मुल्यांकन की उपयोगिता मुल्यांकन के द्वारा छात्रों के व्यवहार उनकी रुचि, अभिरुचि का पता लगाया जाता हैं। इसके द्वारा छात्रों के मानसिक स्तर की जांच कर उनको उसके स्तर के अनुसार उन्हें कक्षा आवंटित की जाती हैं। एक कक्षा से दूसरी कक्षा में प्रवेश हेतु मुल्यांकन का प्रयोग किया जाता हैं।

शिक्षा में मूल्यांकन से आप क्या समझते हैं मूल्यांकन के तरीकों पर चर्चा करें?

इसे सुनेंरोकेंमूल्यांकन प्रक्रिया द्वारा छात्र के सभी पक्षों अर्थात शारीरिक, संवेगात्मक एवं बौद्धिक आदि की जानकारी प्राप्त होती है और ये सभी विभिन्न उद्देश्यों के रूप में दर्शाएं जाते हैं। इस रूप में यह एक विस्तृत प्रक्रिया है जो छात्र के समग्र व्यवहार का चित्र प्रस्तुत करती है। मूल्यांकन निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।

SIQE कब लागू किया गया?

इसे सुनेंरोकेंसतत तथा व्यापक मूल्यांकन (Continuous and comprehensive evaluation) भारत के स्कूलों में मूल्यांकन के लिये लागू की गयी एक नीति है जिसे २००९ में आरम्भ किया गया था।

राजस्थान में CCE कब लागू हुआ?

इसे सुनेंरोकें1- प्रथम चरण 2010-11 : राज्य में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन को अधिनियम के लागू होने के साथ ही पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में मई 2010 से अलवर एवं जयपुर के 60 विद्यालयों में सर्वप्रथम कक्षा 1-5 तक एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों के साथ शुरू किया गया।

इससे विद्यार्थियों और शिक्षकों को प्रतिपुष्टि (फीडबैक) प्राप्त हो यह केवल एक बार वर्ष के अन्त में हो विद्यार्थियों की उपलब्धियों में अन्तर करने के लिए तुलनात्मक मूल्यांकन किया जाएँ इससे विद्यार्थियों में भय और तनाव का संचार हो

Answer : A

Solution : आकलन उद्देश्यपूर्ण तभी होता है, जब इससे विद्यार्थियों और शिक्षकों को प्रतिपुष्टि (फीडबैक) प्राप्त होता हो।

शिक्षक प्रतिपुष्टि के प्रकार( पृष्ठ पोषण के प्रकार )

प्रतिपुष्टि सामान्‍यत; दो प्रकार का होता है – 

       1. धनात्‍मक प्रतिपुष्टि  

       2. ऋृणात्‍मक प्रतिपुष्टि

धनात्‍मक प्रतिपुष्टि मे यदि अद् ( निवेश ) मे वृद्धि होती है । तो तद् ( उत्‍पादन ) घ्‍ढता है जबकि ऋणात्‍मक प्रतिपुष्टि तद् ( उत्‍पादन ) घटता है तो अद् ( उत्‍पादक ) वृद्धि होती है ।

सामान्‍यत; प्रत्‍येक उद्धेश्‍य प्राप्ति का ओर अग्रसर होने वाली प्रणाली प्रतिपुष्टि का उपयोग करती है

प्रतिपुष्टि के आधार पर प्रणाली विशेषज्ञ प्रणाली मे आवश्‍यकता अनुसार सुधार लाने का प्रयास करते है ताकि प्रणाली अधिक सक्षम समर्थ एवं प्रभावशाली बन सके तथा सही प्रारूप का निर्माण किया जा सकें ।

धनात्‍मक प्रतिपुष्टि

इस प्रकार के प्रतिपुष्टि के प्रयोग से छात्रों में सकारात्मक पक्ष के साथ उनसे अनुक्रिया करवाई जाती हैं। धनात्मक प्रतिपुष्टि में छात्रों को प्रेरित करने के लिए उन्हें पुरस्कार से सम्मानित किया जाता हैं। जिससे वह परिस्थिति दुबारा आने पर वह उचित अनुक्रिया दे सकें। इस उद्दीपन की प्रस्तुति करने से उनके अनुक्रिया देने की उम्मीद में वृद्धि होती हैं। धनात्मक प्रतिपुष्टि का छात्रों में प्रयोग दो प्रकार से किया जाता है- शाब्दिक और अशाब्दिक। शाब्दिक प्रतिपुष्टि में छात्रों को शब्दों के माध्यम से प्रेरित किया जाता हैं। जैसे उनके उत्तर देने में उनको शाबासी देना, अच्छा, बहुत अच्छा और अशाब्दिक पुनर्बलन में छात्रों को बिना शब्द प्रयोग किए उनके मनोबल में वृद्धि की जाती हैं। जैसे - सही उत्तर देने में छात्र को देखकर मुस्कुराना, उनकी पीठ थप-थपाना, उनके उत्तरों को श्यामपट्ट पर लिखना आदि।

ऋृणात्‍मक प्रतिपुष्टि

इस प्रकार के प्रतिपुष्टि में छात्रों की ऐसी अनुक्रिया को रोकने का प्रयास किया जाता हैं जो उनके शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया के लिए हानिकारक होती हैं। छात्रों का ऐसा व्यवहार जो उनके शिक्षण में उनको हानि पहुचाने का कार्य करता है। इनको दूर करने के लिए ऋणात्मक प्रतिपुष्टि का प्रयोग किया जाता हैं। जैसे- दण्ड देना, गुस्सा करना आदि। ऋणात्मक प्रतिपुष्टि भी दो प्रकार के होते हैं शाब्दिक और अशाब्दिक। शाब्दिक में शब्दों के माध्यम से छात्रों पर गुस्सा किया जाता हैं जैसे- मूर्ख कहना आदि। जिससे वह दुबारा वो अनुक्रिया ना करें। अशाब्दिक में बिना शब्दो का प्रयोग किए अनुक्रिया को रोकने का प्रयास किया जाता हैं जैसे- आँखे दिखाना, गुस्से से देखना, किताब पटकना आदि।

फीडबैक विभिन्न प्रकार

 प्रतिक्रिया कई उद्देश्यों की पूर्ति कर सकती है और कई रूप ले सकती है। फीडबैक एक इकाई के रूप में प्रदान किया जा सकता है - अर्थात: कक्षा में एक अवधारणा की एक छात्र की समझ पर अनौपचारिक प्रतिक्रिया - या कई संस्थाओं के संयोजन - यानी: मूल्यांकन कार्य के चरण एक पर औपचारिक, रचनात्मक, सहकर्मी प्रतिक्रिया। छात्रों के सीखने को बढ़ाने और अधिकतम करने में प्रत्येक का अपना स्थान है, इस प्रकार जहां संभव हो, पाठ्यक्रमों को कई प्रकार के फीडबैक के अवसर प्रदान करने चाहिए।

 अनौपचारिक प्रतिक्रिया

 अनौपचारिक प्रतिक्रिया किसी भी समय हो सकती है क्योंकि यह ऐसी चीज है जो पल में या कार्रवाई के दौरान अनायास उभरती है। इसलिए अनौपचारिक प्रतिक्रिया के लिए छात्रों के साथ संबंध बनाने की आवश्यकता होती है ताकि उन्हें सीखने के लिए दैनिक प्रबंधन और निर्णय लेने में प्रभावी ढंग से प्रोत्साहित किया जा सके, प्रशिक्षित किया जा सके या उनका मार्गदर्शन किया जा सके। यह कक्षा में, फोन पर, ऑनलाइन फोरम या आभासी कक्षा में हो सकता है।

 औपचारिक प्रतिक्रिया

 औपचारिक प्रतिक्रिया की योजना बनाई जाती है और प्रक्रिया में व्यवस्थित रूप से निर्धारित किया जाता है। आमतौर पर मूल्यांकन कार्यों से जुड़े, औपचारिक प्रतिक्रिया में मानदंड, योग्यता या मानकों की उपलब्धि को चिह्नित करना शामिल है, और छात्र और संगठन दोनों के लिए साक्ष्य के रूप में दर्ज किया जाता है।

 रचनात्मक प्रतिक्रिया

 रचनात्मक मूल्यांकन का लक्ष्य छात्रों के सीखने की निगरानी करना है ताकि चल रहे फीडबैक को प्रदान किया जा सके जिसका उपयोग प्रशिक्षकों द्वारा अपने शिक्षण में सुधार करने के लिए और छात्रों द्वारा अपने सीखने में सुधार के लिए किया जा सकता है। इसलिए प्रारंभिक प्रतिक्रिया सबसे अच्छी तरह से पाठ्यक्रम में और योगात्मक आकलन से पहले दी जाती है। रचनात्मक प्रतिक्रिया छात्रों को सुधारने और उन्हें फिर से वही गलतियाँ करने से रोकने में मदद करती है। कुछ मामलों में, मूल्यांकन के अगले चरण में छात्रों के प्रगति करने या प्रगति करने में सक्षम महसूस करने से पहले फीडबैक की आवश्यकता होती है।

 योगात्मक प्रतिक्रिया

 योगात्मक मूल्यांकन का लक्ष्य किसी निर्देशात्मक इकाई के अंत में किसी मानक या बेंचमार्क के साथ तुलना करके छात्र के सीखने का मूल्यांकन करना है। इसलिए योगात्मक फीडबैक में विस्तृत टिप्पणियां होती हैं जो उनके काम के विशिष्ट पहलुओं से संबंधित होती हैं, स्पष्ट रूप से बताती हैं कि कैसे प्रदान किए गए मानदंडों से अंक प्राप्त किया गया था और अतिरिक्त रचनात्मक टिप्पणियां कि कैसे काम में सुधार किया जा सकता है।

 छात्र सहकर्मी प्रतिक्रिया

 अब एक कोर्स के भीतर शिक्षकों को केवल विशेषज्ञ होने की आवश्यकता नहीं है। बुनियादी निर्देश और चल रहे समर्थन के साथ, छात्र गुणवत्तापूर्ण प्रतिक्रिया देना सीख सकते हैं, जिसे साथियों द्वारा अत्यधिक महत्व दिया जाता है। छात्रों को सहकर्मी प्रतिक्रिया देने और प्राप्त करने के नियमित अवसर प्रदान करना उनके सीखने के अनुभवों को समृद्ध करता है और उनके पेशेवर कौशल सेट को विकसित करता है।

 छात्र स्वयं प्रतिक्रिया

 यह सीखने के लिए प्रतिक्रिया का अंतिम लक्ष्य है। फीडबैक के प्रावधान के दौरान, शिक्षकों के पास न केवल छात्रों के लिए दिशा प्रदान करने का अवसर होता है, बल्कि उन्हें स्पष्ट मॉडलिंग और निर्देश के माध्यम से, आत्म-मूल्यांकन और लक्ष्य निर्धारण के कौशल को सिखाने का अवसर होता है, जिससे वे अधिक स्वतंत्र हो जाते हैं (सैकस्टीन, 2017) ) छात्रों को स्वायत्तता तक पहुँचने में मदद करने के लिए शिक्षक सीखने के लक्ष्यों और सफलता के मानदंडों को स्पष्ट रूप से पहचान सकते हैं, साझा कर सकते हैं और स्पष्ट कर सकते हैं; नमूनों का उपयोग करके मानदंड के अनुप्रयोग का मॉडल बनाना; स्व-प्रतिक्रिया के लिए निर्देशित अवसर प्रदान करना; छात्रों को सिखाएं कि अगले चरण निर्धारित करने और लक्ष्य निर्धारित करने के लिए फीडबैक का उपयोग कैसे करें; और आत्म-प्रतिक्रिया/प्रतिबिंब के लिए समय दें।

 संरचनात्मक प्रतिक्रिया

 इस प्रकार की प्रतिक्रिया विशिष्ट, समस्या-केंद्रित और टिप्पणियों पर आधारित होती है। रचनात्मक प्रतिक्रिया चार प्रकार की होती है:

 नकारात्मक प्रतिक्रिया - पिछले व्यवहार के बारे में सुधारात्मक टिप्पणियाँ। व्यवहार पर ध्यान केंद्रित करता है जो सफल नहीं था और जिसे दोहराया नहीं जाना चाहिए।

 सकारात्मक प्रतिक्रिया - पिछले व्यवहार के बारे में टिप्पणियों की पुष्टि करना। व्यवहार पर ध्यान केंद्रित करता है जो सफल रहा और जारी रखा जाना चाहिए।

 नकारात्मक फीड-फॉरवर्ड - भविष्य के प्रदर्शन के बारे में सुधारात्मक टिप्पणियां। व्यवहार पर ध्यान केंद्रित करता है जिसे भविष्य में टाला जाना चाहिए।

 सकारात्मक फ़ीड-फ़ॉरवर्ड - भविष्य के व्यवहार के बारे में टिप्पणियों की पुष्टि करना। व्यवहार पर ध्यान केंद्रित किया जो भविष्य में प्रदर्शन में सुधार करेगा।

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Epam Siwan 

शिक्षक प्रतिपुष्टि क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइस सन्दर्भ में प्रतिपुष्टि (फीडबैक) का अर्थ है किसी विशिष्ट शिक्षण उद्देश्य के सन्दर्भ में छात्र-छात्राओं को उनके प्रदर्शन की जानकारी देना और इस बारे में उनका मार्गदर्शन करना कि वे किस तरह इसमें सुधार कर सकते हैं या आगे बढ़ सकते हैं।

शिक्षक प्रतिपुष्टि से आप क्या समझते हैं शिक्षा प्रतिपुष्टि का महत्व प्रति प्रकाश डालिए?

प्रतिपुष्टि के आधार पर प्रणाली विशेषज्ञ प्रणाली मे आवश्‍यकता अनुसार सुधार लाने का प्रयास करते है ताकि प्रणाली अधिक सक्षम समर्थ एवं प्रभावशाली बन सके तथा सही प्रारूप का निर्माण किया जा सकें । इस प्रकार के प्रतिपुष्टि के प्रयोग से छात्रों में सकारात्मक पक्ष के साथ उनसे अनुक्रिया करवाई जाती हैं

प्रतिपुष्टि से क्या समझते हैं?

प्रतिपुष्टि का अर्थ (pratipushti kya hai) जब प्राप्तकर्ता संदेश को अच्छी तरह से समझ लेता है, तब वह संदेश पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करता है। इस प्रतिक्रिया का स्वरूप प्रतिकूल या अनुकूल हो सकता है। इस प्रतिक्रिया को प्रतिपुष्टि कहते है।

आकलन में प्रतिपुष्टि का क्या महत्व है?

यह निर्णय कर पाने में सक्षम हो पाएँगे । आकलन की प्रक्रिया में प्रत्येक बच्चे के सीखने के तरीके, उसकी गति और उत्तर देने की शैली को भी समान महत्त्व देना आवश्यक है ।