शेरा कौन है और उसके साथ कहानी का क्या संबंध है? - shera kaun hai aur usake saath kahaanee ka kya sambandh hai?

इसे सुनेंरोकेंशाहनी शेरे को क्या आशीवाद देती है? “तैनू भाग ‘जगण चन्ना (ओ चाँद तेरे भाग्य जागे)। शाहनी का यह आशीर्वाद सांकेतिक था। शाहनी की सम्पत्ति शेरे को ही मिलने वाली थी।

शेरा कौन है और उसके साथ साहनी का क्या संबंध है?

इसे सुनेंरोकेंशाहनी- कहानी की मुख्य पात्र है, जिसके इर्द-गिर्द कहानी घूमती है। शाहजी- शाहनी के पति हैं जो दिवंगत हो चुके हैं। शेरा- शाहनी का खास कारिंदा है। जो अपनी माँ जैना के मरने के बाद वह शाहनी के पास ही पलकर बड़ा हुआ।

सिक्का बदल गया है में किसका चित्रण है?

इसे सुनेंरोकेंअज्ञेय जी इस पत्रिका के संपादक थे। इसमें विभाजन से उत्पन्न दारुण परिस्थितियों के मार्मिक चित्रण के साथ मानवीय संबंधों और मूल्यों में आए विघटन का भी काफी वर्णन हुआ है। कहानी की कथावस्तु :- ‘सिक्का बदल गया’ एक विधवा नारी की पराधीनता तथा विवशता एवं शोषित वर्ग के बदलते सामाजिक मानदंडों का सफल चित्रण है।

पढ़ना:   मोनाको कितने वर्ग में फैला है?

सिक्का बदल गया कौन सी विधा है?

इसे सुनेंरोकेंध्यातव्य हो कि ‘सिक्का बदल गया’ नामक कहानी कृष्णा सोबती द्वारा लिखित ‘बादलों के घेरे’ कहानी संग्रह में संकलित है। यह कहानी 1948 के आसपास लिखी गयी। सर्वप्रथम इस कहानी को अज्ञेय ने अपनी पत्रिका ‘प्रतीक’ में प्रकाशित किया।

सिक्का बदल गया का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंसिक्का बदल गया कहानी वर्ष 1948 में प्रतीक पत्रिका में प्रकाशित हुआ। इस कहानी में विभाजन से उत्पन्न कठोर परिस्थितियों का मार्मिक चित्रण है। इस कहानी में यह स्पष्ट किया गया है कि समय बदलते देर नहीं होती। जिस हवेली की मालिकन हुआ करती थी उसी से उसे निकाला जा रहा है और शरणार्थी कैम्प में जाने को मजबूर किया जा रहा।

सिक्का बदल गया कहानी का लेखक कौन है?

कृष्णा सोबतीसिक्का बदल गया / लेखिका
इसे सुनेंरोकेंसिक्का बदल गया: कृष्णा सोबती की कहानी खद्दर की चादर ओढ़े, हाथ में माला लिए शाहनी जब दरिया के किनारे पहुंची तो पौ फट रही थी. दूर-दूर आसमान के परदे पर लालिमा फैलती जा रही थी. शाहनी ने कपड़े उतारकर एक ओर रक्खे और ‘श्रीराम, श्रीराम’ करती पानी में हो ली.

पढ़ना:   विषाणु संक्रमण क्या है?

सिक्का बदल गया कहानी की नायिका कौन है?

इसे सुनेंरोकेंकहानी की शुरुआत सुबह से होती है जहाँ शाहनी चेनाब नदी में नहाकर सूर्य देवता को नमस्कार करती है। शाहनी को आज पता नहीं क्यों सब अलग सा प्रतीत हो रहा है। सब शाहनी को मारना चाहते है यह बात शेरे से कहते नहीं बन रहा। तभी उसे शरणार्थी कैम्प में ले जाने वाली ट्रक आती है।

शेरा कितने कत्ल कर चुका था?

इसे सुनेंरोकेंहमारे ही भाई-बंदों से सूद ले-लेकर शाहजी सोने की बोरियाँ तोला करते थे। प्रतिहिंसा की आग शेरे की आँखों में उतर आयी। गँडासे की याद हो आयी। शाहनी की ओर देखा-नहीं-नहीं, शेरा, इन पिछले दिनों में तीस-चालीस कत्ल कर चुका है पर…

सिक्का बदल गया कहानी के लेखक कौन है?

सिक्का बदल गया का अर्थ क्या है?

सिक्का बदल गया कहानी का मुख्य पात्र कौन है?

इसे सुनेंरोकेंखद्दर की चादर ओढ़े, हाथ में माला लिए शाहनी जब दरिया के किनारे पहुंची तो पौ फट रही थी. दूर-दूर आसमान के परदे पर लालिमा फैलती जा रही थी. शाहनी ने कपड़े उतारकर एक ओर रक्खे और ‘श्रीराम, श्रीराम’ करती पानी में हो ली.

पढ़ना:   धान के दानों को रंडियों से पृथक करने की विधि को क्या कहते हैं?

कृष्णा सोबती को ज्ञानपीठ पुरस्कार कब मिला?

इसे सुनेंरोकें1980 में उन्हें उनके उपन्यास ‘ज़िंदगीनामा’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 1996 में साहित्य अकादमी फैलोशिप से नवाज़ा गया। साल 2017 में उन्हें साहित्य के सर्वोच्च सम्मान ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।

     शेरा के मन में सांप्रदायिक भावना प्रबंध नहीं थी, उसके मन में संपत्ति का लालच था। शाहनी ने कैंप में पहुंचकर कहा राज्य क्या बदलेगा, सिक्का क्या बदलेगा, सिक्का तो मैं ने वहीं छोड़ दिया। उसे वयोवृद्ध का मोह भंग हो चुका था। सारे संबंध निरर्थक हो चुके थे, मानवीय मूल्यों का विघटन हो गया था। विस्थापन की पीड़ा को इस कहानी में मुख्य रूप से दर्शाया गया है, वतन छूटने का दर्द शाहनी के वक्तव्य में साफ झलकता है। शेरा के द्वंद्व को लेखिका ने बखूबी दर्शाया है वह एक ओर शाहनी के उपकारों का याद करता है तो दूसरी ओर सांप्रदायिक चेतना के वशीभूत हो जाता है। विभाजन के बाद भी मानवीय संवेदनाएं पूर्ण रूप से मृत नहीं हुई थी जो गाँव के लोगों के अश्रु पूरित आंखों में दिखाई देता है।

जिस हवेली की मालिकन हुआ करती थी उसी से उसे निकाला जा रहा है और शरणार्थी कैम्प में जाने को मजबूर किया जा रहा।

शाहनी एक विधवा स्त्री है जिसे विभाजन की त्रासदी से गुजरना पड़ता है।

लेखक परिचय

नौकरीपेशा स्त्री की समस्या, स्त्री की आत्मसजगता और परंपरागत समाज में उसकी घुट एवं उससे बाहर निकलने की छटपटाहट कृष्णा सोबती की कहानियों में प्रामाणिकता के साथ अभिव्यक्त हुई है। यह नई कहानी आंदोलन की कहानीकार है। इनकी कहानियाँ ‘बदलों के घेरे’ समूह में संकलित है।

पात्र परिचय

शाहनी – कहानी की प्रमुख पात्र। जो कि हवेली की मालिकन है।

शाहजी – शाहनी के पति जिनका देहांत हो चुका है।

शेरा – शाहजी का सेवक था। शाहनी ने इसकी माँ की मृत्यु के बाद इसे पालन-पोषण किया था।

हसैना – शेरा की पत्नी।

दाऊद- थानेदार,जो हवेली खाली करवाने आता है।

सिक्का बदल गया कहानी की समीक्षा

कहानी की शुरुआत सुबह से होती है जहाँ शाहनी चेनाब नदी में नहाकर सूर्य देवता को नमस्कार करती है।

शाहनी को आज पता नहीं क्यों सब अलग सा प्रतीत हो रहा है।

सब शाहनी को मारना चाहते है यह बात शेरे से कहते नहीं बन रहा।

तभी उसे शरणार्थी कैम्प में ले जाने वाली ट्रक आती है।

शाहनी का यह सुनकर मन भारी हो गया वह सुनकर मूर्तिवत खड़ी रही।

आज पूरा गाँव वहाँ जमा है जो कभी शाहनी के इशारों पर नाचता था।

जिन्हें शाहनी ने अपने नाते-रिश्तेदारों से कम नहीं समझा ।

लेकिन नहीं, आज वह पूरी अकेली है उसका आज कोई नहीं है।

आजतक सब फैसले, मश्विरे इसी हवेली पर होते रहें इसे लूट लेने की बात भी यही सोची गयी थी।

बूढ़ी शाहनी इस बात से अनजान थी कि सिक्का बदल गया है।

वह लोग भी आज उससे अकड़कर बोल रहे है जिसपर उसने कई ऐहसान किए थे।

शाहनी से थानेदार ने कहा – सब कुछ बाँध लिया है? सोना – चाँदी…।

शाहनी ने कहा सोना – चाँदी ! जरा ठहरकर सादगी से कहा, सोना – चाँदी बच्चा, वह सब कुछ तुम लोगों के लिए है। मेरा सोना तो एक-एक जमीन में बिछा है।

शाहनी खाली हाथों अपने घर से निकल जाती है एक भी नगदी लिए बिना।

शाहनी जाते वक्त बस इतना कहती गयी लोगों के जिद्द करने पर

“रब्ब तुहानू सलामत रक्खे बच्चा, खुशियाँ बख्शे…!”

शाहनी

यह सुनकर वहाँ के लोग रो पड़े।

सबने कहा सिक्का बदल गया है। कैम्प पहुँच कर शाहनी सोचती है, ‘राज पलट गया है…सिक्का क्या बदलेगा? वह तो मैं वहीं छोड़ आयी…’

शेरा कौन है और उसके साथ साहनी का क्या संबंध है?

शेरा कौन है और उसके साथ साहनी का क्या संबंध है? शेरा 'सिक्का बदल गया' प्रस्तुत कहानी का एक प्रमुख पात्र तथा शाहनी का नौकर है। कथानायिका शाहनी के साथ उसका नजदीकी संबंध है। वह शाहनी का मातहत रहा है और अपनी माँ जैना के मरने के बाद शाहनी के पास ही रहकर पला-बढ़ा है।

सिक्का बदल गया कहानी में शेरा शाहनी का कौन है?

शाहजी- शाहनी के पति हैं जो दिवंगत हो चुके हैं। शेरा- शाहनी का खास कारिंदा है। जो अपनी माँ जैना के मरने के बाद वह शाहनी के पास ही पलकर बड़ा हुआ। दाऊद खां- थानेदार है।

सिक्का बदल गया कहानी के थानेदार का नाम क्या है?

थानेदार दाऊद खाँ शाहनी से कहते हैं, कुछ नगद लेना चाहो तो ले लो। शेरा दूर खड़ा दाऊद खाँ को शाहनी के पास देखता है तो शेरा को किसी प्रकार से शक होता है। शाहनी सोंचती है जिस घर की मैं रानी थी उसी घर से जा रही हूँ।

शाहनी शेरे को क्या आशीर्वाद देती?

शाहनी शेरे को “तैनू भाग 'जगण चन्ना" आशीर्वाद देती है। “तैनू भाग 'जगण चन्ना मतलब "ओ चाँद! तेरे भाग्य जागे" शाहनी का यह आशीर्वाद सांकेतिक था। शाहनी की सम्पत्ति शेरे को ही मिलने वाली थी।