शॉटकी दोष और फ्रेंकल दोष क्या है? - shotakee dosh aur phrenkal dosh kya hai?

विषयसूची

  • 1 शॉटकी दोष तथा फ्रेंकल दोष क्या है?
  • 2 शौकी दोष क्या है?
  • 3 निम्नलिखित में से कौन सा क्रिस्टल शॉटकी एवं फ्रेंकल दोनों दोष प्रदर्शित करता है?
  • 4 शॉटकी दोष होने पर क्रिस्टलों के घनत्व पर क्या प्रभाव पड़ता है?
  • 5 शॉटकी त्रुटि तथा फ्रेंकल त्रुटि के बीच क्या अंतर है?
  • 6 1 शॉटकी दोष क्या है What is Schottky defect?`?
  • 7 शॉटकी दोष से आप क्या समझते हैं?
  • 8 फ्रेन्केल दोष एवं शॉट्की दोष क्या हे उदाहरण सहित समझाइये?

शॉटकी दोष तथा फ्रेंकल दोष क्या है?

इसे सुनेंरोकें(1 ) शॉटकी दोष तब होता है जब धनायन तथा ऋणायन के आकार में अधिक अंतर होता है जबकि लगभग समान आकार के धनायन तथा ऋणायन युक्त यौगिकों में फ्रेंकल दोष पाया जाता है। (2) शॉटकी दोष निम्न समन्वयी संख्या युक्त क्रिस्टलों में पाया जाता है जबकि फ्रेंकल दोष उच्च समन्वयी संख्या युक्त क्रिस्टलों में पाया जाता है।

शौकी दोष क्या है?

इसे सुनेंरोकेंशॉटकी दोष किसे कहते हैं? जब किसी क्रिस्टल में विपरीत आवेशित आयन विद्युत तटस्थता बनाए रखने के लिए अपनी जगहों को छोड़ देते हैं जिससे रिक्तियों का निर्माण होता है एवं इसी रिक्त स्थान को शॉटकी दोष कहते हैं।

शॉटकी त्रुटि क्या है?

इसे सुनेंरोकेंशॉटकी त्रुटि में कुछ धनायन तथा ऋणायन क्रिस्टल जालक से अनुपस्थित रहते हैं इसलिए क्रिस्टल का घनत्व कम हो जाता है। जबकि फ्रैंकल त्रुटि में आयन, जालक नहीं छोड़ते बल्कि अपनी स्थिति जालक बिन्दु से बदल कर अन्तराकाशी स्थानों पर कर लेते हैं। परिणामस्वरूप क्रिस्टल का घनत्व अपरिवर्तित रहता है।

निम्नलिखित में से कौन सा क्रिस्टल शॉटकी एवं फ्रेंकल दोनों दोष प्रदर्शित करता है?

इसे सुनेंरोकेंAgBr शॉटकी तथा फ्रैंकल दोनों दोष प्रदर्शित करता है ।

शॉटकी दोष होने पर क्रिस्टलों के घनत्व पर क्या प्रभाव पड़ता है?

इसे सुनेंरोकेंशोट्की दोष होने पर क्रिस्टल का घनत्व कम हो जाता है।

जालक दोष कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंजालक दोष या तो रेखीय (line) या तलीय (plane) होते हैं।

शॉटकी त्रुटि तथा फ्रेंकल त्रुटि के बीच क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकें(iii) फ्रेंकेल त्रुटि से पदार्थ में विद्युत चालकता आ जाती है , किन्तु शॉटकी त्रुटि में ऐसा नहीं होता । (iv) फ्रेंकेल त्रुटि ऐसे पदार्थो में पायी जाती है , जिनमे कैटायन तथा का आकार ऐनायन की तुलना में बहुत छोटा होता है , जबकि शॉटकी त्रुटि उन क्रिस्टलो में पायी जाती है जिनमे कैटायन तथा ऐनायन के आकार लगभग समान होते है ।

1 शॉटकी दोष क्या है What is Schottky defect?`?

इसे सुनेंरोकेंशॉट्की दोष (schottky defect ): जब किसी क्रिस्टल जालक से धनायन व ऋणायन एक साथ क्रिस्टल को छोड़कर गायब हो जाते है अर्थात अपना निश्चित स्थान छोड़ देते है जिससे क्रिस्टल मे रिक्तिका बन जाती है , चूँकि इसमें एक साथ और समान मात्रा में धन आयन तथा ऋण आयन क्रिस्टल को छोड़ जाते है अर्थात दोनों विपरीत प्रकार के आयन एक साथ …

शॉटकी तथा फ्रेंकल दोष में अन्तर बताइए शॉट्की दोष का क्रिस्टल के घनत्व पर क्या प्रभाव पड़ता है?

इसे सुनेंरोकेंचूँकि दोनों विपरीत प्रकार के आयन क्रिस्टल छोड़ते है इसलिए क्रिस्टल की उदासीनता बनी रहती है अर्थात क्रिस्टल पर किसी प्रकार का कोई आवेश नहीं आता है। आयनों के क्रिस्टल छोड़ने के कारण घनत्व कम हो जाता है , शॉटकी दोष आयनिक क्रिस्टल में पाया जाता है जिनमें धनायन और ऋणायन का आकार लगभग समान होता है।

शॉटकी दोष से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंशॉटकी दोष एक क्रिस्टल जाली में साइट व्यवसायों का एक उत्तेजना है, जो वाल्टर एच के नाम पर बिंदु दोषों की ओर जाता है। आयनिक क्रिस्टल में, यह दोष तब बनता है, जब विपरीत रूप से चार्ज किए गए आयन अपनी जाली साइटों को छोड़ देते हैं, और उदाहरण के लिए सतह पर शामिल हो जाते हैं, विपरीत आरोपित रिक्तियों का निर्माण।

फ्रेन्केल दोष एवं शॉट्की दोष क्या हे उदाहरण सहित समझाइये?

इसे सुनेंरोकेंफ्रेन्केल दोष एवं शॉट्की दोष क्या है? उदाहरण सहित समझाइए। (a) शॉट्की दोष – वह दोष जो क्रिस्टल में धनायन तथा ऋणायन के समान संख्या में अपने स्थानों से लुप्त होने के कारण निर्मित रिक्त स्थानों के कारण होता है, शॉट्की दोष कहलाता है।

विन्दु दोष किसे कहते है तथा यह कितने प्रकार का होता है?

इसे सुनेंरोकेंबिन्दु अपूर्णता (point defects) क्रिस्टल में यह दोष अवयवी कण (धनायन अथवा ऋणायन अथवा परमाणु) के अपने नियमित स्थान से लुप्त हो जाने अथवा अपने निश्चित स्थान को छोड़कर क्रिस्टल जालक में अन्य स्थान पर चले जाने के कारण उत्पन्न होता है। इसे बिंदु दोष कहते है।

फ्रेन्केल दोष एवं शॉट्की दोष क्या है? उदाहरण सहित समझाइए।

शॉटकी दोष और फ्रेंकल दोष क्या है? - shotakee dosh aur phrenkal dosh kya hai?

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नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट   Bandana classes.com  पर । आज की पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि फ्रेन्केल दोष एवं शॉट्की दोष में क्या अंतर होता है? फ्रेंकल दोष किसे कहते हैं? एवं शॉट्की दोष किसे कहते हैं ? इसके साथ ही हम लोग फ्रेन्केल दोष एवं शॉट्की दोष  से संबंधित उदाहरणों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे। आज की पोस्ट में हम लोग पढ़ेंगे। इसके साथ ही आपको इन से बनने वाले बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न भी आपको बताएंगे तो आपको इस पोस्ट को पूरा पढ़ना है और अंत तक पढ़ना है।

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बिन्दु दोष

घटक कणों की सामान्य आवर्ती व्यवस्था में विचलन से उत्पन्न दोष बिन्दु दोष कहलाते हैं। ये निम्न दो प्रकार के होते हैं

(i) रससमीकरणमितीय दोष

इसके कारण क्रिस्टल में धनायनों व ऋणायनों का अनुपात परिवर्तित नहीं होता है। ये निम्न प्रकार के होते हैं

(a) शॉट्की दोष – वह दोष जो क्रिस्टल में धनायन तथा ऋणायन के समान संख्या में अपने स्थानों से लुप्त होने के कारण निर्मित रिक्त स्थानों के कारण होता है, शॉट्की दोष कहलाता है। इस प्रकार के दोष के उत्पन्न होने के लिए यह आवश्यक है, कि यौगिक उच्च आयनिक हो, उसकी समन्वय संख्या उच्च हो एवं धनायनों व ऋणायनों का आकार लगभग समान हो।

(b) रिक्तिका दोष –  यदि क्रिस्टल जालक से अवयवी कण अपने नियमित स्थान (जालक बिन्दु) से बाहर निकल जाते हैं, तो उत्पन्न दोष को रिक्तिका दोष कहते हैं। इस दोष के कारण पदार्थ का घनत्व कम हो जाता है।साधारणतया पदार्थ को गर्म करने पर इस प्रकार के दोष उत्पन्न होते हैं। इस कारण इसे ऊष्मागतिकी दोष (Thermodynamic defect) नाम भी दिया गया है। 

 उदाहरण NaCl, KCI, CSCI, AgBr, आदि।

(c) फ्रेंकेल दोष –  यह दोष भी साधारणतया आयनिक ठोसों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। इसमें लघुत्तर आयन (साधारणतया धनायन) अपने वास्तविक स्थान से लुप्त होकर अन्तराकाश में चला जाता है, जिससे वास्तविक स्थान पर रिक्तिक दोष तथा नए स्थान पर अन्तराकाशी दोष उत्पन्न हो जाते हैं, अतः इसे विस्थापन दोष भी कहते हैं। यह ठोस के घनत्व को परिवर्तित नहीं करता है। यह दोष उन आयनिक यौगिकों द्वारा दर्शाया जाता है, जिनमें आयनों के आकार में अधिक अन्तर होता है। 

उदाहरण  – ZnS, AgCI, AgBr, Agl, आदि। 

AgBrफ्रेंकेल और शॉट्की दोनों ही दोष दर्शाता है।

(d) अन्तराकाशी दोष – जब कुछ अवयवी कण (परमाणु अथवा अणु) अन्तराकाशी स्थल पर पाए जाते हैं, तब उत्पन्न दोष अन्तराकाशी दोष कहलाता है। यह दोष पदार्थ के घनत्व को बढ़ा देता है। आयनिक ठोसों में सदैव विद्युत उदासीनता बनी रहती है, अतः यह दोष दिखाई नहीं देता है। यह दोष अनआयनिक ठोसों में दिखाई देता है।

(ii) अरस-समीकरणमितीय दोष

इनमें धनायनों व ऋणायनों का अनुपात परिवर्तित हो जाता है। ये निम्न प्रकार के होते हैं

(a) धातु आधिक्य दोष – जब किसी क्षारीय हैलाइड, जैसे-NaCl को क्षार धातु की वाष्प में गर्म किया जाता है, तो सोडियम परमाणु क्रिस्टल की सतह पर जम जाते हैं। क्लोराइड आयन क्रिस्टल की सतह में से विसरित हो जाते हैं और Na परमाणुओं के साथ मिलकर NaCl देते हैं। ऐसा Na आयन प्राप्त करने के लिए Na परमाणु से इलेक्ट्रॉन मुक्त हो जाने से होता है। मुक्त इलेक्ट्रॉन क्रिस्टल के ऋणायनिक स्थान को अध्यासित कर लेता है। अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों द्वारा भरी जाने वाली इन ऋणायनिक रिक्तिकाओं को F-केन्द्र कहते हैं। ये NaCl क्रिस्टलो को पीला रंग प्रदान करती हैं। यह रंग इन इलेक्ट्रॉनों द्वारा क्रिस्टल पर पड़ने वाले प्रकाश से ऊर्जा अवशोषित करके उत्तेजित होने के परिणामस्वरूप दिखाई पड़ता है। इससे क्रिस्टल में धातु (सोडियम) का आधिक्य हो जाता है, अतः इसे धातु आधिक्य दोष भी कहते हैं।

(b) धातु न्यूनता दोष – यह दोष परिवर्ती संयोजकता दर्शाने वाली धातुओं के यौगिकों,

 जैसे- FeO, FeS, NiO द्वारा दर्शाया जाता है।

(c) अशुद्धि दोष – यह दोष किसी बाह्य (भिन्न प्रकार के) आयन की उपस्थिति के कारण होता है। उदाहरण NaCl में SrCl, की सूक्ष्म मात्रा मिलाने पर कुछ Sr आयन Na+ का स्थान ले लेते हैं, अतः उत्पन्न रिक्तियों की संख्या SrCl2 मात्रा (मोलों की संख्या) के बराबर होती है।

शॉटकी और फ्रेंकल दोष क्या है?

Solution : (1 ) शॉटकी दोष तब होता है जब धनायन तथा ऋणायन के आकार में अधिक अंतर होता है जबकि लगभग समान आकार के धनायन तथा ऋणायन युक्त यौगिकों में फ्रेंकल दोष पाया जाता है। <br> (2) शॉटकी दोष निम्न समन्वयी संख्या युक्त क्रिस्टलों में पाया जाता है जबकि फ्रेंकल दोष उच्च समन्वयी संख्या युक्त क्रिस्टलों में पाया जाता है।

शॉटकी त्रुटि तथा फ्रेंकल त्रुटि के बीच क्या अंतर है?

Solution : (i) क्रिस्टल जालक में किसी धनयान का अपने स्थान से हटकर जालक में ही किसी अन्य स्थान पर उपस्थित रहने पर फ्रेंकल त्रुटि उत्पन्न होती है , जबकि शॉटकी त्रुटि में एक - एक धनायन और ऋणायन अनुपस्थित रहते है । क्रिस्टल जालक में ये स्थान रिक्त पड़े रहते है ।

बिंदु दोष क्या होता है?

बिन्दु अपूर्णता (point defects) क्रिस्टल में यह दोष अवयवी कण (धनायन अथवा ऋणायन अथवा परमाणु) के अपने नियमित स्थान से लुप्त हो जाने अथवा अपने निश्चित स्थान को छोड़कर क्रिस्टल जालक में अन्य स्थान पर चले जाने के कारण उत्पन्न होता है। इसे बिंदु दोष कहते है।

जालक दोष कितने प्रकार के होते हैं?

जालक दोष या तो रेखीय (line) या तलीय (plane) होते हैं