कार्तिक को सबसे अच्छा महीना माना जाता है। 11 अक्टूबर से ये शुरू हो चुका है जो 8 नंवबर तक रहेगा। स्कंद पुराण में कार्तिक महीने से जुड़ी भगवान कार्तिकेय की कथा बताई गई है। अन्य पुराणों में बताया है कि कार्तिक के जैसा कोई महीना नहीं है, न सतयुग के समान कोई युग और न वेद के समान कोई शास्त्र और गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं है। इस मास को रोगनाशक मास होने के साथ-साथ सुबुद्धि, लक्ष्मी और मुक्ति प्रदान कराने वाला मास भी कहा जाता है। Show
इन चीजों के दान का महत्व जो मंदिर में दीप जलाता है उसे विष्णु लोक में जगह मिलती है। जो दुर्गम जगह दीप दान करता है वह कभी नरक में नहीं जाता, ऐसी मान्यता है। इस महीने में केले के फल का तथा कंबल का दान अत्यंत श्रेष्ठ है। सुबह जल्दी भगवान विष्णु की पूजा और रात्रि में आकाश दीप का दान करना चाहिए। पूजा-विधान का है महत्व कार्तिक मास में हुआ था तारकासुर वध देवताओं ने ब्रह्मा जी को बताया कि तारकासुर का अंत शिव पुत्र से ही होगा। देवताओं ने शिव-पार्वती का विवाह करवाया और उनसे कार्तिकेय (स्कंद) की उत्पत्ति हुई। स्कंद को देवताओं ने अपना सेनापति बनाया और लड़ाई में तारकासुर मारा हुआ। स्कंद पुराण के अनुसार शिव पुत्र कार्तिकेय का पालन कृतिकाओं ने किया इसलिए उनका कार्तिकेय नाम पड़ गया। Kartik Snan 2021: शास्त्रों में कार्तिक स्नान (Kartik month 2021) का बॉड़ा महत्व बताया गया है. हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक माह में व्रत, स्नान और दान का बहुत ही ज्यादा महत्व है. मान्यता इससे पाप का नाश होकर सुख, शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस माह में पवित्र नदी या जलाशयों में स्नान करने के महत्व दोगुना बढ़ जाता है. इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं. यह स्नान कुंवारी या शादीशुदा महिलाएं दोनों कर सकती हैं. कार्तिक माह में व्रत, तप, दान-पुण्य, पवित्र नदियों में स्नान और मंत्र जप आदि का विशेष महत्व होता है, इस माह के बारे में शास्त्रों में कहा गया है कि, जो मनुष्य कार्तिक माह में व्रत, तप, मंत्र जप, दान-पुण्य और दीपदान करता है वह जीवित रहते हुए पृथ्वी पर समस्त सुखों का भोग करता है और मृत्यु के पश्चात भगवान विष्णु के परम धाम बैकुंठ में निवास करता है. आज शुरु हो रहा है कार्तिक मासहिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास 21 अक्टूबर 2021, गुरुवार से शुरू होकर 19 नवंबर 2021, शुक्रवार तक चलेगा. कार्तिक मास अंग्रेजी माह का ग्यारहवां महीना नवंबर और हिंदू कैलेंडर का आठवां महीना होता है. यह महीना व्रत एवं त्योहारों की दृष्टि से खास है. आइए जानते हैं इसका महत्व. ब्रह्म मुहूर्त में स्नानधार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना अति उत्तम माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस महीने किसी पवित्र नदी या घर में ही गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए. कहते हैं कि ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. यहां कहां स्नान है लाभकारीकार्तिक स्नान के लिए तीर्थराज प्रयाग, अयोध्या, कुरुक्षेत्र और काशी को सर्व श्रेष्ठ स्थान माना गया है, प्राचीन समय में सरस्वती भी श्रेयकर थीं, जिनका बहाव कुरुक्षेत्र में माना जाता था. वहीं, पवित्र नदियों, तीर्थस्थलों पर स्नान शुभ है, अगर इन स्थानों पर नहीं पहुंच सकते तो इन स्थान और यहां बहने वाली नदियों का स्मरण भी लाभकारी है. स्नान के लिए मंत्रआपस्त्वमसि देवेश ज्योतिषां पतिरेव च। पापं नाशाय मे देव वामन: कर्मभि: कृतम। यह बोल कर जल की ओर दु:खदरिद्रयनाषाय श्रीविश्णोस्तोशणाय च। प्रात:स्नान करोम्यद्य माघे पापविनाषनम।। कहकर ईश्वर की प्रार्थना करनी चाहिए. स्नान खत्म करने के बाद यह मंत्र उच्चारण लाभकारी सवित्रे प्रसवित्रे च परं धाम जले मम। Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com त्वत्तेजसा परिभ्रश्टं पापं यातु सहस्त्रधा।। कार्तिक मास में इन नियमों का करें पालन
कौन से काम करने चाहिए और कौन से नहीं
Kartik Snankartik maas 2021Kartik Mahina 2021कार्तिक व्रत का महत्व टिप्पणियां पढ़ें देश और दुनिया की ताजा ख़बरें अब हिंदी में (Hindi News) | शिक्षा समाचार (Education News), शहर (City News), बॉलीवुड और राजनीति के समाचार at NDTV.in कार्तिक के महीने में नहाने से क्या होता है?इस माह में लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, कहते हैं कि ऐसा करने से इंसान के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और उसके सारे पाप भी धुल जाते हैं और भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा इंसान पर बरसती है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस महीने में जप, तप, दान का भी काफी महत्व है।
कार्तिक मास में कितने बजे नहाना चाहिए?कार्तिक स्नान सूर्योदय से पूर्व तारो की छाँव में स्नान करना चाहिए यानी अँधेरे में ही करना चाहिए स्नान के बाद में भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए इससे भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है और ऐसे व्यक्ति के लिए मोक्ष के द्वार खुलते है ।
कार्तिक मास में स्नान कैसे करना चाहिए?मान्यता है कि कार्तिक महीने में किसी पवित्र नदी में ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करना बहुत लाभकारी होता है। अगर आप नदी के जल में स्नान करने में असमर्थ हैं तो नहाने के पानी में किसी पवित्र नदी का जल मिलाकर भी स्नान किया जा सकता है। भूमि पर सोने से मनुष्य विलासिता में जीने की प्रवृत्ति से कुछ दिनों के लिए मुक्त होता है।
कार्तिक स्नान करने से क्या फल मिलता है?इसी महीने में तुलसी और शालिग्राम का विवाह आयोजित होता है। कार्तिक मास में गंगा स्नान, दीप दान, यज्ञ और अनुष्ठान परम फल देने वाले माने गए हैं। इनको करने से आपके कष्ट दूर होने के साथ पुण्य की प्राप्ति होती है और ग्रह दशा भी सुधरती है।
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