शिवलिंग पर क्या-क्या चढ़ाया जाता है - shivaling par kya-kya chadhaaya jaata hai

शिवलिंग पर अक्सर जल और बिल्वपत्र तो चढ़ाया ही जाता है लेकिन इसके अलावा भी बहुत कुछ अर्पित किया जाता है। शिवजी का कई प्रकार के द्रव्यों से अभिषेक किया जाता है। सभी तरह के अभिषेक का अलग-अलग फल दिया गया है। शिव पुराण के अनुसार किस द्रव्य से अभिषेक करने से क्या फल मिलता है? जानिए-

श्लोक :-

जलेन वृष्टिमाप्नोति व्याधिशांत्यै कुशोदकै।

दध्ना च पशुकामाय श्रिया इक्षुरसेन वै।।

मध्वाज्येन धनार्थी स्यान्मुमुक्षुस्तीर्थवारिणा।

पुत्रार्थी पुत्रमाप्नोति पयसा चाभिषेचनात।।

बन्ध्या वा काकबंध्या वा मृतवत्सा यांगना।

जवरप्रकोपशांत्यर्थम् जलधारा शिवप्रिया।।

घृतधारा शिवे कार्या यावन्मन्त्रसहस्त्रकम्।

तदा वंशस्यविस्तारो जायते नात्र संशय:।।

प्रमेह रोग शांत्यर्थम् प्राप्नुयात मान्सेप्सितम।

केवलं दुग्धधारा च वदा कार्या विशेषत:।।

शर्करा मिश्रिता तत्र यदा बुद्धिर्जडा भवेत्।

श्रेष्ठा बुद्धिर्भवेत्तस्य कृपया शङ्करस्य च!!

सार्षपेनैव तैलेन शत्रुनाशो भवेदिह!

पापक्षयार्थी मधुना निर्व्याधि: सर्पिषा तथा।।

जीवनार्थी तू पयसा श्रीकामीक्षुरसेन वै।

पुत्रार्थी शर्करायास्तु रसेनार्चेतिछवं तथा।।

महलिंगाभिषेकेन सुप्रीत: शंकरो मुदा।

कुर्याद्विधानं रुद्राणां यजुर्वेद्विनिर्मितम्।

- जल से रुद्राभिषेक करने पर वृष्टि होती है।

- कुशा जल से अभिषेक करने पर रोग व दु:ख से छुटकारा मिलता है।

- दही से अभिषेक करने पर पशु, भवन तथा वाहन की प्राप्ति होती है।

- गन्ने के रस से अभिषेक करने पर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

- मधुयुक्त जल से अभिषेक करने पर धनवृद्धि होती है।

- तीर्थ जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।

- इत्र मिले जल से अभिषेक करने से रोग नष्ट होते हैं।

- दूध से अभिषेक करने से पुत्र प्राप्ति होगी। प्रमेह रोग की शांति तथा मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

- गंगा जल से अभिषेक करने से ज्वर ठीक हो जाता है।

- दूध-शर्करा मिश्रित अभिषेक करने से सद्बुद्धि की प्राप्ति होती है।

- घी से अभिषेक करने से वंश विस्तार होता है।

- सरसों के तेल से अभिषेक करने से रोग तथा शत्रुओं का नाश होता है।

- शुद्ध शहद से रुद्राभिषेक करने से पाप क्षय होते हैं।

इसके अलावा

1. शिवलिंग पर कच्चे चावल चढ़ाने से धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।

2. तिल चढ़ाने से समस्त पापों का नाश होता है।

3. शिवलिंग पर जौ चढ़ाने से लंबे समय से चली रही परेशानी दूर होती है।

4. शिवलिंग पर गेहूं चढ़ाने से सुयोग्य पुत्र की प्राप्ति होती है।

5. शिवलिंग पर जल चढ़ाने से परिवार के किसी सदस्य का तेज बुखार कम हो जाने की मान्यता है।

6. शिवलिंग पर दूध में चीनी मिलाकर चढ़ाने से बच्चों का मस्तिष्क तेज होता है।

7. शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाने से सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है।

8. शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाने से मनुष्य को भौतिक सुखों के साथ-साथ मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।

9. शिवलिंग पर शहद अर्पित करना करने से टीबी या मधुमेह की समस्या में राहत मिलती है।

10. शिवलिंग पर गाय के दूध से बना शुद्ध देसी घी चढ़ाने से शारीरिक दुर्बलता से मुक्ति मिलती है।

11. शिवलिंग पर आंकड़े के फूल चढ़ाने से सांसारिक बाधाओं से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

12. शिवलिंग पर शमी के पेड़ के पत्तों को चढ़ाने से सभी तरह के दु:खों से मुक्ति प्राप्त होती है।

उपरोक्त कार्य सोमवार, त्रयोदशी, शिवरात्रि या श्रावण के मास में नित्य करेंगे, तो लाभ मिलेगा।

भूलकर भी शिवलिंग पर ये चीजें न चढ़ाएं- शास्त्रों में कुछ वस्तुओं को शिव पूजा में निषेध माना गया है, वरना भोलेनाथ नाराज हो सकते हैं।

कुमकुम- शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव पर सिंदूर चढ़ाने की मनाही है क्योंकि सिंदूर को सौंदर्य और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है जिसका इस्तेमाल महिलाएं अपनी मांग में करती हैं।

जल्दी- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हल्दी का संबंध सौभाग्य, सौंदर्य और भगवान विष्णु से माना गया है। जबकि शिवलिंग को वीरता और पौरुष का प्रतीक माना जाता है इसलिए शिवलिंग पर हल्दी अर्पित करना भी अशुभ माना गया है।

केतकी का फूल- पौराणिक कथा के अनुसार केतकी के फूल को भगवान शिव का श्राप लगा हुआ है इसलिए शिव पूजा में केतकी के फूल अर्पित करना निषेध है।

नारियल पानी- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भूलकर भी शिवलिंग पर नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि नारियल को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है।

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)

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सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है. इस पूरे महीने भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. माना जाता है कि इन दिनों शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, चंदन और अक्षत चढ़ाने से शंकर भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं, वहीं कुछ चीजें भोलेनाथ को अर्पित करने की मनाही है. ऐसा कहा जाता है कि शिवलिंग पर ये चीजें चढ़ाने से शंकर भगवान नाराज हो सकते हैं. आइए जानते हैं क्या हैं ये चीजें.

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हल्दी- कई पूजा पाठ में हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है पर शिव पूजन में हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है. शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग पौरुष का प्रतीक है और हल्दी को सौंदर्य प्रसाधन का सामान माना जाता है. हल्दी का संबंध भगवान व‌िष्‍णु और सौभाग्य से भी है, इसल‌िए यह भगवान श‌िव को नहीं चढ़ता है. शंकर भगवान को हल्दी अर्पित करने से चंद्रमा कमजोर होने लगता है. 
 

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कुमकुम या सिंदूर- महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए मांग में सिंदूर लगाती है. कुछ लोग इसे भगवान शिव को भी अर्पित करते हैं जबकि शिव पुराण में ये करने की मनाही है. शिव पुराण में महादेव को विनाशक बताया गया हैं, यही वजह है कि सिंदूर या कुमकुम से भगवान शिव की पूजा नहीं की जाती है.
 

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तुलसी के पत्ते- पवित्र तुलसी का प्रयोग कई देवी-देवताओं की पूजा में विशेष रूप से किया जाता है, हालांकि सावन या भगवान शिव की पूजा में इनका इस्तेमाल वर्जित माना गया है. पौराणिक कथाओं अनुसार भगवान शिव ने तुलसी के पति असुर जालंधर का वध किया था, जिससे क्रोधित होकर तुलसी ने भगवान शिव को अपने दैवीय गुणों वाले पत्तों से वंचित कर दिया था.
 

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लाल और केतकी के फूल- महादेव की पूजा में लाल फूल बिल्कुल भी नहीं चढ़ाए जाते हैं. एक कथा के अनुसार झूठ बोलने पर भोलनाथ ने केतकी के फूल को श्राप देते हुए कहा था कि शिवलिंग पर या शिव जी की पूजा में कभी केतकी के फूल को अर्पित नहीं किया जाएगा.
 

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नारियल पानी- नारियल को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है इसलिए इससे शिव जी का अभिषेक बिल्कुल नहीं करना चाहिए. शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली चीजों को ग्रहण करना वर्जित माना जाता है. इसलिए भी शिव पर नारियल का जल चढ़ाने की मनाही है.
 

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शंख- भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक असुर का वध किया था और शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान व‌िष्‍णु का भक्त था. इसल‌िए व‌िष्णु भगवान की पूजा तो शंख से होती है लेकिन भगवान श‌िव की नहीं. महादेव को कभी भी शंख से जल अर्पित नहीं करना चाहिए.
 

शिवलिंग के ऊपर क्या क्या चढ़ाना चाहिए?

शिवलिंग पर इन 14 चीजों को चढ़ाने से पूरी होती है हर मनोकामना- जल, दही, दूध, घी, इत्र, बेलपत्र, धतूरा, आक या चमेली का फूल, शहद, मिश्री, गंगाजल, सरसों का तेल, कुशा का जल और गन्ने का रस।

सोमवार को शिवलिंग पर क्या क्या चढ़ाना चाहिए?

सोमवार के दिन सुबह शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं और साथ ही साथ 'ऊँ नम: शिवाय:' का जाप करते रहें. इसके अलावा, सोमवार के दिन पूजा में बिल्व पत्र, अक्षत (चावल) का इस्तेमाल करना चाहिए. पूजा में पीले चंदन का इस्तेमाल करें.

शिवलिंग पर पहले क्या चढ़ाना चाहिए?

सबसे पहले गणेश पूजा करें और इसके बाद शिवलिंग पर तांबे, चांदी या सोने के लोटे से जल चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय शिव जी के मंत्रों का जप करें। जल के साथ ही शिवलिंग पर दूध, दही, शहद भी चढ़ाना चाहिए। इस तरह अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल आदि चीजें अर्पित करें।

शिव जी को क्या चढ़ाना चाहिए और क्या नहीं?

शिवपुराण के अनुसार शिव भक्तों को कभी भी भगवान शिव को तुलसी, हल्दी और सिंदूर सहित ये 6 वस्तु नहीं चढ़ाना चाहिए। पौराणिक कथा के अनुसार केतकी फूल ने ब्रह्मा जी के झूठ में साथ दिया था, जिससे नाराज होकर भोलनाथ ने केतकी के फूल को श्राप दिया। शिव जी ने कहा कि शिवलिंग पर कभी केतकी के फूल को अर्पित नहीं किया जाएगा।