तुगलक वंश के अंतिम शासक कौन था? - tugalak vansh ke antim shaasak kaun tha?

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गयासुद्दीन तुगलक ने 29 बार मंगोल आक्रमण को विफल किया । उसकी सेना में गिज, तुर्क, मंगोल, रूमी, ताजिक, खुरासानी, मेवाती एवं दोआब के राजपूत सैनिक शामिल थे ।

तेलंगाना के राजा प्रताप रूद्रदेव के खिलाफ उसने अपने पुत्र जूना खां को वारंगल भेजा । जाजनगर (उड़ीसा ) में सैन्य अभियान किया गया जिसमें उलूग खाँ( जूना खाँ) की विजय हुई ।

गयासुद्दीन का अंतिम सैन्य अभियान बंगाल के विद्रोह का दमन था । गयासुद्दीन तुगलक की मृत्यु 1325 ईस्वी में बंगाल के अभियान से लौटते समय जूना खाँ द्वारा निर्मित लकड़ी के महल में दबकर हो गई ।

मुहम्मद बिन तुगलक

गयासुद्दीन तुगलक की मृत्यु के बाद उसका पुत्र जूना खाँ ‘मुहम्मद बिन तुगलक’ के नाम से दिल्ली की गद्दी पर बैठा । अपनी सनक भरी योजनाओं, क्रुर कृत्यों एवं दूसरों के सुख-दुख के प्रति उपेक्षा का भाव रखने के कारण उसे ‘स्वप्नशील’, ‘पागल’ एवं रक्त पिपासु कहा गया है ।

दिल्ली सल्तनत के सुल्तानों में मुहम्मद बिन तुगलक सर्वाधिक विलक्षण व्यक्तित्व वाला शासक भी था । वह अरबी एवं फारसी का महान विद्वान तथा ज्ञान विज्ञान की विभिन्न विधाओं जैसे- खगोल शास्त्र, दर्शन, गणित, चिकित्सा विज्ञान, तर्कशास्त्र आदि में पारंगत था ।

उसका नाम कई संज्ञाओं से जोड़ा गया – “अन्तर्विरोधों का विस्मयकारी मिश्रण” , “रक्त का प्यासा “ आदि ।

उसके शासनकाल में 1333 ईसवी में अफ्रीकी(मोरक्को ) यात्री इब्नबतूता भारत आया था । सुल्तान ने इसे दिल्ली का काजी नियुक्त किया । 1342 ईसवी में सुल्तान ने इसे अपने राजदूत के रूप में चीन में तोगन तिमूर के दरबार में भेजा । इस यात्री ने मुहम्मद तुगलक के समय की घटनाओं को अपनी पुस्तक रेहला में उल्लेख किया है

इब्नबतूता के अनुसार उस समय तुगलक साम्राज्य 23 प्रांतों में बँटा हुआ था । कश्मीर एवं आधुनिक बलूचिस्तान को छोड़कर लगभग सारा हिंदुस्तान दिल्ली सल्तनत के नियंत्रण में था । इसने अपनी पुस्तक में विदेशी व्यापारियों के आवागमन, डाक चौकियों की स्थापना एवं गुप्तचर व्यवस्था के बारे में लिखा है ।

मोहम्मद बिन तुगलक ने कृषि के विकास के लिए ‘अमीर- ए- कोही’ नामक एक नवीन विभाग की स्थापना की । इसने अपनी राजधानी दिल्ली से देवगिरी में स्थानांतरण की और इसका नाम दौलताबाद रखा ।

सांकेतिक मुद्रा के अंतर्गत मुहम्मद बिन तुगलक ने काँसा ( फरिश्ता के अनुसार ), ताँबा ( बरनी के अनुसार ) धातुओं के सिक्के चलवाए , जिनका मूल्य चाँदी के रुपए टंका के बराबर होता था । एडवर्ड थॉमस ने मुहम्मद बिन तुगलक को “प्रिंस ऑफ मनीअर्स” (धनवानों का राजकुमार) की संज्ञा दी ।

मुहम्मद बिन तुगलक शेख अलाउद्दीन का शिष्य था । वह सल्तनत का पहला शासक था, जो अजमेर में शेख मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह और बहराइच में सालार मसूद गाजी के मकबरे में गया ।

इसने बदायूँ में मीरान मुलहीम,दिल्ली में शेख निजामुद्दीन औलिया , मुल्तान में रूकनुद्दीन, अजुधन में शेख मुल्तान आदि संतों की कब्र पर मकबरे बनवाएं ।

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अगर बात करें कि तबीयत वंश का अंतिम शासक था वह कौन था जो जो आज्ञा वंश का अंतिम शासक था वह नसीरूद्दीन महमूद तुगलक

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अगर बात करें कि तबीयत वंश का अंतिम शासक था वह कौन था जो जो आज्ञा वंश का अंतिम शासक था वह न

        

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तुगलक वंश का अन्तिम शासक कौन था?

नासिर-उद-दीन महमूद शाह तुगलक को नसीरुद्दीन मोहम्मद शाह के नाम से भी जाना जाता है, जो तुगलक वंश का अंतिम सुल्तान था

तुगलक वंश में कितने शासक हुए?

इस वंश में तीन योग्य शासक हुए। ग़यासुद्दीन, उसका पुत्र मुहम्मद बिन तुग़लक़ (1325-51) और उसका उत्तराधिकारी फ़िरोज शाह तुग़लक़ (1351-87) एवं दिल्ली सल्तनत में सर्वाधिक नहर का निर्माण फिरोज तुगलक के द्वारा किया गया था।

तुगलक वंश का महान शासक कौन था?

(1) गयासुद्दीन तुगलक ( 1320-25 ई.) (2) मुहम्मद बिन तुगलक ( 1325- 51 ई.) (3) फिरोज तुगलक ( 1351-88 ई.) (4) नासिरुद्दीन महमूद तुगलक ( 1398 ई.)

तुगलक वंश का प्रथम राजा कौन है?

गयासुद्दीन तुग़लक़ दिल्ली सल्तनत में तुग़लक़ वंश का शासक था। ग़ाज़ी मलिक या तुग़लक़ ग़ाज़ी, ग़यासुद्दीन तुग़लक़ (1320-1325 ई॰) के नाम से 8 सितम्बर 1320 को दिल्ली के सिंहासन पर बैठा। इसे भारत मे तुग़लक़ वंश का संस्थापक भी माना जाता है।