बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है. किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश जी की पूजा जरूर की जाती है. भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है. बुधवार के दिन भगवान गणेश की खास पूजा अर्चना करने से व्यक्ति के सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं. साथ ही अगर आपकी कुंडली में बुध दोष है तो उसे भी इस दिन कई उपायों से दूर किया जा सकता है. तो आइए जानते हैं बुधवार के दिन कैसे करें भगवान गणेश की पूजा और उपाय- Show
बुधवार के दिन करें ये उपाय
सम्बंधित ख़बरेंभगवान गणेश को दूर्वा काफी प्रिय है. ऐसे में बुधवार के दिन भगवान गणेश को 21 दूर्वा अर्पित करें. इससे आपकी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी. बुधवार के दिन गाय को हरी घास खिलाना काफी शुभ माना जाता है. साथ ही इस दिन भगवान गणेश के माथे पर सिंदूर का तिलक लगाएं. इससे आपको हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है. बुधवार के दिन भगवान गणेश को शमी के पत्ते अर्पित करना काफी शुभ माना जाता है. ऐसा करने से तनाव और मानसिक संकट दूर होते हैं. बुधवार के दिन भगवान गणेश के बीज मंत्र ॐ गं गणपतये नमः का जाप करें. इससे आपको ज्ञान की प्राप्ति होती है और शिक्षा में सफलता प्राप्त होती है. इस तरह करें भगवान गणेश की पूजा (Ganesh Ji Ki Puja Vidhi) भगवान गणेश की पूजा करने के लिए बुधवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और साफ कपड़े पहन लें. इस दिन हरे रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है. इसके बाद पूर्व या उत्तर की तरफ मुख करके बैठकर पूजा शुरू करें. भगवान गणेश को फूल, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक आदि का चढ़ाएं. इसके बाद गणेश जी को सूखे सिंदूर का तिलक लगाएं. भगवान गणेश को दूर्वा जरूर चढ़ाएं. इसके बाद गणेश जी की आरती करें और उनके मंत्रों का जाप करें. इस बार गणेश चतुर्थी का त्योहार 31 अगस्त को पड़ रहा है. भगवान गणेश रिद्धि-सिद्धि के दाता और शुभ-लाभ के प्रदाता भी हैं. चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है.Ganesh Chaturthiहाइलाइट्स
हिंदुओं में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है. यह पर्व हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस बार गणेश चतुर्थी 31 अगस्त को मनाई जाएगी. 31 अगस्त से 9 सितंबर तक चलने वाले इस त्योहार में हर रोज कुछ दुर्लभ संयोग बन रहे हैं. इस दिन जगह-जगह गणपति के पंडाल लगाए जाते हैं और सुंदर झांकियां सजाई जाती हैं. बता दें कि वैसे तो ये त्योहार 10 दिनों तक चलता है लेकिन चतुर्थी के दिन गणेश जी की स्थापना की जाती हैं. इस बार सुबह 11.20 बजे से दोपहर 01.20 बजे तक का समय सबसे अच्छा रहेगा, क्योंकि इस वक्त मध्याह्न काल रहेगा, जिसमें गणेश जी का जन्म हुआ था. ज्योतिषाचार्य के अनुसार गणेश जी की पूजा और स्थापना हमेशा दोपहर में ही करनी चाहिए. लेकिन ऐसा अगर ना कर पाएं तो किसी भी शुभ लग्न या चौघड़िया मुहूर्त में भी गणपति स्थापना की जा सकती है. वैसे भी इस बार गणेश चतुर्थी पर 300 साल बाद ग्रहों की शुभ स्थिति बन रही और लंबोदर योग भी है. क्या है खास योग? कैसे करें पूजा? गणेश चतुर्थी 2022 मुहूर्त ये भी पढ़ें:
हिंदू धर्म में गणपति की पूजा से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं पलक झपकते दूर हो जाती हैं और सभी बिगड़े काम चुटकियों में पूरे हो जाते हैं। गणपति की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और उपाय जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.गणेश चतुर्थी की सरल पूजा विधि और शुभ मुहूर्त Ganesh Chaturthi 2022:रिद्धि–सिद्धि के दाता भगवान श्री गणेश की पूजा से जुड़ा पावन पर्व गणेश चतुर्थी इस साल 31 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा. पैराणिक मान्यता के अनुसार भगवान गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि पर मध्याह्न काल में हुआ था. भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष में पड़ने वाली इस चतुर्थी तिथि को कलंक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. उत्तराखंड ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष पं. रमेश सेमवाल के अनुसार इस साल बुधवार के दिन गणेश चतुर्थी पड़ने से इसका महत्व कई गुना ज्यादा बढ़ गया है. पं. सेमवाल के अनुसार इस दिन रवि योग, शुक्ल योग, चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है, जो बहुत ही उत्तम है. गणपति की पूजा का शुभ मुहूर्तपं.रमेश सेमवाल के अनुसार 31 अगस्त 2022 को पड़ने वाली गणेश चतुर्थी तिथि पर गजानन की पूजा के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त प्रात:काल 11:07 से लेकर दोपहर 01:39 बजे तक रहेगा. इसी दिन से गणपति की पूजा से जुड़ा 10 दिनी गणेश उत्सव प्रारंभ हो जाएगा जो कि अनंत चतुर्दशी वाले दिन समाप्त होगा. पूजा में इन बातों का रखें ख्यालसनातन परंपरा में गणपति की पूजा में कुछेक नियमों का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है, व्यक्ति को शुभ की बजाय अशुभ फल मिलता है. गणपति की पूजा में भूलकर भी तुलसकी के पत्तों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. इसी प्रकार गणपति की पूजा में भूलकर मुरझाए हुए या फिर बगैर खिले हुए फूल न चढ़ाएं. कैसे करें भगवान गणेश जी की पूजागणेश चतुर्थी पर गणपति की पूजा करने के लिए सबसे पहले गजानन की मूर्ति को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर रखें. इसके बाद स्वस्तिवाचन करके संकल्प करें. इसके बाद श्री गणेश जी की मूर्ति को दूध, दही, शहद, शुद्ध घी, गंगाजल आदि से स्नान कराएं. इसके बाद गणपति की मूर्ति को पोंछकर सिंदूर का लेप करें और उसके बाद उन्हें जनेऊ चढ़ाएं. इसके बाद वस्त्र आदि पहनाकर उनका फूल–माल आदि से विधिवत श्रृंगार करें. इसके गाद गणपति को मोदक प्रसाद, मौसमी फल, गन्ना, केले, पान के पत्ते पर सुपाड़ी, लौंग आदि चढ़ाकर अर्पित करें. इसके पश्चात् धूप–दीप आदि दिखाएं और श्री गणेश मंत्रों का जप और उनके भजनों को गाकर कीर्तन करें. गणपति की पूजा का महाउपाययदि कोई बच्चा पढ़ने–लिखने में कमजोर हो तो गणेश चतुर्थी की पूजा में उसकी बुद्धि को बढ़ानें के लिए भगवान श्री गणेश के मंत्रों का विशेष रूप से जाप करना चाहिए. साथ ही साथ गणेश उत्सव के 10 दिनों तक लगातार भगवान गणेश को उनका मनपसंद मोदक प्रसाद चढ़ाना चाहिए. मान्यता है कि गणपति की पूजा में शुद्ध घी का दीपक जलाने से शरीर के कष्ट दूर होते हैं और बल, बुद्धि और विद्या की प्राप्त होती है. (यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारितहैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.) गणेश जी की पूजा विधि कैसे की जाती है?सबसे पहले स्नान कर लें और नए/साफ कपड़े धारण करें।. इसके बाद पूजा की चौकी पर जल छिड़क कर उसे साफ कर लें और लाल कपड़ा बिछाएं।. अब अक्षत डालकर गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर दें।. भगवान श्री गणेश का गंगा जल से अभिषेक करें।. अभिषेक करने के बाद एक एक कर दूर्वा, अक्षत, फूल, माला, तिलक इत्यादि अर्पित करें।. गणेश जी की पूजा में क्या क्या सामान चाहिए?गणेश चतुर्थी की सामग्री (Ganesh Chaturthi Pujan Samagri)
गंगाजल, धूप, दीप, कपूर, मूर्ति स्थापित करने के लिए चौकी, लाल रंग का कपड़ा, दूर्वा, जनेऊ, रोली, कलश, मोदक, फल, सुपारी, लड्डू, मौली, पंचामृत, लाल चंदन, पंचमेवा इत्यादि.
घर पर गणेश का स्वागत कैसे करें?सबसे आसान है लकड़ी का वस्त्र से सुसज्जित पाटा। साथ में सुमधुर स्वर की घंटी, खड़ताल, झांझ-मंजीरे लेकर जा सके तो अति उत्तम। घर की मालकिन गणेश को लाकर द्वार पर रोकें। स्वयं अंदर आकर पूजा की थाली से उनकी आरती उतारें।
गणेश जी को खुश कैसे करे?4 आसान से उपाय जानिए.... सिंदूर : श्री गणेश को सिंदूर अत्यंत प्रिय है। ... . दूर्वा : गुरुवार के दिन 11 दूर्वा पत्तियां श्री गणेश के पेट पर चिपकाएं। ... . मोदक : श्री गणेश को गुरुवार के दिन 4 मोदक या लड्डू का भोग लगाएं। ... . लाल फूल : श्री गणेश को अपनी ताकत बनाना है तो लाल गुड़हल का फूल उनके सिर पर चढ़ाएं और सूखने पर उसे पर्स में रख लें।. |