लखनऊ: दालचीनी (Cinnamon) एक ऐसा मसाला है, जिसका इस्तेमाल स्वाद के साथ-साथ औषधि के रूप में भी किया जाता है. महामारी के इस दौर, यह उन मासलों से में है, जिनका इस्तेमाल किचन में बढ़ गया है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि जो दालचीनी आप अपने स्वास्थ और स्वाद के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, वह नकली हो सकती है. उसमें अमरूद की छाल से लेकर कई किस्म की चीजें मिलाई जा सकती हैं. यहां तक कि इसके इस्तेमाल से सेहत को भी काफी नुकसान पहुंच सकता है. आइए जानते हैं कि कैसे नकली दालचीनी की पहचान की जाती है और इसे खरीदते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
दालचीनी में कैसे होती है मिलावट
दालचीनी में कई बार उसी की तरह दिखने वाला कैसिया बार्क नामक उत्पाद मिला दिया जाता है. यह बिल्कुल दालचीनी की तरह ही दिखता है, लेकिन स्वाद और सुगंध में अलग होता है. इसके अलावा कई बार दालचीनी में अमरूद की छाल को मिला दिया जाता है. यह भी रंग और रूप में बिल्कुल दालचीनी की तरह ही दिखता है.
क्या होता है नुकसान?
मीडिया
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैसिया बार्क के सेवन का असर लीवर पर पड़ता है. इससे आपकी पाचन क्रिया खराब हो सकती है. वहीं, दालचीनी में होने वाली अन्य मिलावट भी पाचन तंत्र को गहरा नुकसान पहुंचाती है.
कैसे करें असली दालचीनी की पहचान?
आप ध्यान से देखकर असली और नकली दालचीनी में फर्क कर सकते हैं. कैसिया बार्क को नजदीक से देखने पर उसकी बाहर की परत खुरदुरी नजर आती है. जबकि दालचीनी की परत चिकनी होती है. दालचीनी की परत काफी पतली होती है. असली दालचीनी हल्के भूरे रंग की होती
है और इसकी अपनी विशिष्ट खुशबू होती है.
दालचीनी खरीदते वक्त रखें इन बातों का ख्याल
1. असली दालचीनी की सुगंध मीठी होती. नकली दालचीनी की सुगंध काफी तीखी होती है.
2. असली दालचीनी के रोल भरे होते हैं. वहीं नकली दालचीनी के रोल खोखले होते हैं.
3. असली दालचीनी पतली और नाजुक होती है. नकली दालचीनी मोटी और मजबूत होती है.
4. असली दालचीनी का स्वाद मीठा होता है. जबकि नकली में मीठापन नहीं होता है.
5. असली दालचीनी चिकनी होती है. नकली
दालचीनी खुरदुरी होती है.
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