संकलन : अनिरुद्ध जोशी 'शतायु' अंग्रेज इतिहासकार यह लिखते रहे हैं कि अंग्रेजों को छोड़कर किसी भारतीय या मुगल राजा ने कभी संपूर्ण भारत पर शासन नहीं किया। इसीलिए शायद वे युधिष्ठिर के बाद उज्जैन के राजा विक्रमादित्य की कहानी से लोगों को अनभिज्ञ रखना चाहते हैं। उनके योगदान और उनकी शौर्यगाथा को भारतीय इतिहास में कभी शामिल नहीं किया गया। उनकी दृष्टि में सिकंदर, चंगेज खां, सम्राट अकबर महान और हत्यारा औरंगजेब महान थे, विम्रमादित्य या गुप्त वंश के राजा महान नहीं थे। उनकी दृष्टि में महानता का मतलब क्रूरता, हिंसा, छल-कपट और धर्मान्तरण होता है।
> > हिन्दूकुश से लेकर अरुणाचल तक और कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक युधिष्ठिर और उसके पूर्ववर्ती राजाओं के अलावा राजा विक्रमादित्य, चंद्रगुप्त मौर्य सहित आदि कुछ राजाओं ने संपूर्ण भारत पर शासन किया था।
मुगलकाल में तो विजयनगर साम्राज्य, मराठा साम्राज्य, राजपूत साम्राज्य
सहित पूर्वोत्तर भारत के क्षेत्र अपनी स्वतंत्र सत्ता रखता थे। और जब अंग्रेजों ने शासन प्रारंभ किया तब अफगानिस्तान (कंबोज और गंधार) अपनी अलग सत्ता रखते थे। ऐसे में अंग्रेजों ने जिस भारत पर शासन किया, वह एक खंडित भारत था। अंग्रेजों ने सिर्फ मुगलों से नहीं- सिखों, मराठों और राजपूतों से सत्ता छीनी थी।
सन् 187 ईपू में मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद भारतीय इतिहास की राजनीतिक एकता बिखर गई। इस खंडित एकता के चलते देश के उत्तर-पश्चिमी मार्गों से कई विदेशी आक्रांताओं ने आकर अनेक भागों में एक ओर जहां लूटपाट की, वहीं दूसरी ओर उन्होंने अपने-अपने राज्य स्थापित कर लिए। इन आक्रांताओं और लुटेरों में से कुछ तो महाक्रूर और बर्बर हत्यारे थे जिन्होंने भारतीय जनता को बेरहमी से कुचला। आओ जानते हैं ऐसे ही 10 बर्बर लुटेरों के बारे में...
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