Free Electric charges and coulomb's law (Basic) 10 Questions 10 Marks 10 Mins Latest Airforce Group X Updates Last updated on Sep 21, 2022 The Indian Air Force (IAF) is soon be going to release the official notification for the IAF STAR 01/2023 in the first week of November 2022. The selection of the candidates depend on three stages which are Online Written Test, Physical Fitness Test, and Medical Examination. The exam is scheduled in mid week of January 2023. The candidates who qualified for all the stages and selected for the Air Force Group X posts will receive a salary range between Rs. 21,700 to Rs. 57,500. With 12th Pass & Diploma as the basic educational qualification, this is one of the most sought jobs. Candidates can check the Airforce Group X eligibility here. प्रश्न है किसी ठोस पदार्थ का सी देवास में परिवर्तन कहलाता है दोस्तों यह पूछा है कि किसी ठोस पदार्थ काशी देवास में परिवर्तन क्या कहलाता है पहला विकल्प वाष्पन दूसरा तीसरा है संघ ने चौथा उत्पादन ठीक है यदि बात करे किसी ठोस जैसी देवास में परिवर्तन का ठीक है का सीधा वास्तु में परिवर्तन या नीचे गैस की अवस्था में परिवर्तन ठीक है मैं परिवर्तन किसका उदाहरण है दोस्तों ठोस का सीधा बाद में परिवर्तन कहलाता है उत्पादन ठीक है वतन इसका मतलब होता है दोस्तों की किसी भी पदार्थ ठीक है प्राकृतिक में कुछ ऐसे पदार्थ होते हैं जिसकी जिनको यदि गर्म किया जाता है तो क्या होता है 2 सीसी देवास में परिवर्तित हो जाते हैं ठीक है तो देवास में परिवर्तित हो जाते हैं तो पदार्थ का ठोस अवस्था से सीधा वास में परिवर्तन अब उत्पादन कहलाता है ठीक है तो दूसरे यहां पर ठोस स्वास्थ्य से दूर से सीधा बाद में परिवर्तन की प्रक्रिया में परिवर्तन के क्रम में द्रव अवस्था नहीं पाई जाती है ठीक है तथा देख लिया क्या क्या ला रहा है उत्पादन उत्पादन के उदाहरण देखें तो धार्मिक कपूर ठीक है इसका उदाहरण यदि देखें उदाहरण ठीक है उदाहरण क्या हो जाएगा आयोडीन आयोडीन कपूर कपूर आदि ठीक है यह क्या होता है उत्पादन के उदाहरण है ठीक है यानी किस में क्या हो रहा है दोस्तों की इसमें कि आयोडीन और कपूर को जब हम गर्व करते हैं धीरे-धीरे आवाज में बनकर उड़ने लगता था दिन की मात्रा कम हो जाती तो यह क्या होता है उससे सीधे वाष्प में परिवर्तित होता है तो दोस्तों हमारे कौन से निकलते ही होगा चौथा भी कल हमारे प्रश्न का सही उत्तर है ठोस पदार्थ से देवास में परिवर्तन उर्ध्वपातन कहलाते धन्यवाद दोस्तों प्रश्न है किसी ठोस पदार्थ का द्रव में परिवर्तन रिक्त स्थान कहलाता है दोस्तों में अब बताने की किसी ठोस पदार्थ का द्रव में परिवर्तन क्या कहलाता है ठीक है दोस्तों तो इसे हम एक उदाहरण से समझते हैं ठीक है उदाहरण लेते हैं इसके लिए हम मान लेते हैं बस ठीक है वर्क क्या है दोस्तों एक प्रकार का ठोस पदार्थ ठीक है पदार्थ जब हम इसे यानी कि बस क्या होता है ठोस पदार्थ है और यह क्या करता है दोस्तों 0 डिग्री सेल्सियस ताप पर सुन डिग्री सेल्सियस ताप पर पिघलता है ठीक है पिघलता है ठीक है पिघलने लगता है यानी कि क्या होता है दोस्तों बर्फ जो ठोस पदार्थ है वह सुन डिग्री सेल्सियस ताप पर द्रव में परिवर्तन करने लगता है ठीक है यानी कि अरब में परिवर्तित हो जाता है कि दोस्तों ठोस क्या होता है ठोस ड्रिड और कठोर होता है लेकिन धर्म में क्या होती है भाव की प्रकृति होती है कि क्या है दूसरे की बर्फ ठोस होने के ठोस भी है 58 डिग्री सेल्सियस ताप अरे क्या कह रहा है धर्म में परिवर्तित हो रहा है यानि कि एक नियत ताप पर एक नियत ताप पर जब ठोस द्रव में परिवर्तित हो रहे हो क्या कहलाता दोस्तों उससे उस पदार्थ का द्रव्यमान कहलाता ठीक है तोमर उत्तर क्या होगा दोस्तों दर्दनाक ठीक है यानी कि किसी ठोस का द्रव में परिवर्तन क्या कहलाता है द रावण ठीक है कि हमारा उत्तर हो जाएगा दोस्तों रावण धन्यवाद दोस्तों द्रव्य की अवस्था परिवर्तन (Change of State of Matter) क्या है?:परिभाषा, विधियां, उदाहरण द्रव्य का ताप परिवर्तन करके उसकी अवस्था में परिवर्तन किया जा सकता है। ठोस को द्रव या गैस अवस्था में, द्रव को ठोस या गैस अवस्था में व गैस को द्रव या ठोस अवस्था में परिवर्तित किया जा सकता है। द्रव्य की अवस्था परिवर्तन के विभिन्न प्रकार की विधियाँ है जिनका वर्णन निम्नलिखित हैं- 1. गलन (Melting) जब किसी ठोस का ताप उसके गलनांक के बराबर हो जाता है तो वह ठोस गलने लगता है अर्थात् द्रव में परिवर्तित होने लगता है। इस स्थिति में ठोस जो ऊष्मीय ऊर्जा ग्रहण करता है उससे उसके अणुओं की गतिज ऊर्जा नहीं बढ़ती है लेकिन उसके अणुओं की आन्तरिक ऊर्जा (internal energy) बढ़ती है। चूँकि इस स्थिति में ठोस के अणुओं की गतिज ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होता है, अतः इस स्थिति में ठोस का ताप नियत रहता है। गलनांक पर अपद्रव्यों का प्रभाव - किसी ठोस में अपद्रव्य (impurity) मिलाने से उसका गलनांक कम हो जाता है। गलनांक पर दाब का
प्रभाव - जब ठोस द्रव के रूप में परिवर्तित होता है तो सामान्यतः उसका आयतन बढ़ जाता है परन्तु कुछ ठोस (जैसे बर्फ) ऐसे भी हैं जिनके गलने पर उनका आयतन कम हो जाता है।
वाष्पन (Evaporation) प्रत्येक द्रव सामान्य ताप पर धीरे-धीरे गैस अवस्था में परिवर्तित होता रहता है। इस क्रिया को वाष्पन (evaporation) कहते हैं। वाष्पन की गति निम्न अवस्थाओं में अधिक होती है -
वाष्पन की गति द्रव की प्रकृति पर भी निर्भर करती है। कुछ द्रव (जैसे-पेट्रोल व ईथर) तेजी से वाष्पित होते हैं। वाष्पन के गुण को वाष्पशीलता (volatility) कहते हैं। जिन द्रवों
का वाष्पन शीघ्रता से होता है, उनकी वाष्पशीलता अधिक होती है। दूसरे शब्दों में ये द्रव अधिक वाष्पशील (more volatile) द्रव कहलाते हैं। गतिज आणविक सिद्धान्त के आधार पर वाष्पन (evaporation) की व्याख्या द्रव में उसके अणु अनियमित रूप से गति करते हुए परस्पर टकराते रहते हैं। द्रव के सभी अणुओं की गतिज ऊर्जा एक-सी नहीं होती है। द्रव की सतह पर स्थित अधिकांश अणु भीतर की ओर लगने वाले आकर्षण बल के विपरीत गति नहीं कर पाते हैं तथा द्रव का तल नहीं छोड़ पाते लेकिन कुछ अणुओं की गति ऊर्जा इतनी अधिक हो जाती है कि भीतर की ओर लगने वाला आकर्षण बल उनकी बाहर की ओर की गति को नहीं रोक पाता है। इस कारण द्रव के कुछ अणु उसकी सतह को छोड़कर वायुमण्डल में जाने लगते हैं। इस क्रिया को वाष्पन कहते हैं। गतिज आणविक सिद्धान्त के अनुसार द्रव्य की किसी अवस्था में उसका ताप उसके अणुओं की गतिज ऊर्जा पर निर्भर करता है। अधिक ताप पर अणुओं की गतिज ऊर्जा अधिक तथा कम ताप पर अणुओं की गतिज ऊर्जा कम होती है। द्रव के वाष्पन की क्रिया में द्रव के अधिक गतिज ऊर्जा वाले अणु द्रव की सतह को छोड़कर वायुमण्डल में विलीन हो जाते हैं तथा कम गतिज ऊर्जा वाले अणु द्रव में ही रह जाते हैं। इस कारण द्रव का ताप कम हो जाता है। क्वथन (Boiling) द्रव का ताप बढ़ाने पर जब सम्पूर्ण द्रव तेजी से गैस अवस्था में परिवर्तित होने लगता है तथा उसमें बुलबुले उठने लगते हैं तो इस क्रिया को क्वथन (boiling) कहते हैं। जिस ताप पर यह क्रिया होती है, उसे क्वथनांक (boiling point) कहते हैं। गतिज आणविक सिद्धान्त के आधार पर क्वथन (boiling) की व्याख्या क्वथनांक पर दाब का प्रभाव - किसी द्रव का वाष्प दाब उसका ताप बढ़ाने पर बढ़ता है। अतः यदि द्रव पर लगे वायुमण्डलीय दाब में कमी कर दी जाये तो कम ताप पर ही द्रव का वाष्प वायुमण्डलीय दाब के बराबर हो जायेगा और द्रव उबलने लगेगा। इसी प्रकार यदि द्रव पर लगे वायुमण्डलीय दाब में वृद्धि कर दी जाये तो वह अधिक ताप पर उबलेगा। प्रेशर कुकर में जल के वाष्पन से प्राप्त वाष्प बाहर नहीं जा पाती है। फलतः प्रेशर कुकर में जल पर लगे दाब का मान अधिक हो जाता है। अतः जल का क्वथनांक बढ़ जाता है। उच्च ताप प्राप्त हो जाने के कारण दाल शीघ्रता से गल जाती है। 4. ऊर्ध्वपातन
(Sublimation) 5. संघनन (Condensation) संघनन के उदाहरण-
आसवन = क्वथन + संघनन
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