दूध बढ़ाने के लिए क्या खिलाए? - doodh badhaane ke lie kya khilae?

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दूध बढ़ाने के लिए क्या खिलाए? - doodh badhaane ke lie kya khilae?

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  • दूध बढ़ाने के लिए 100 किलो पशु खुराक तैयार करने का तरीका

जालंधर| ज्यादातर पशुपालक अपने पशुओं को भरपूर पोषण नहीं देते हैं। ऐसे में पशुओं का शारीरिक विकास तो रुकता ही है साथ में रोग प्रतिरोधी क्षमता भी कम होती है। इसलिए पशुपालकों को पशु आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि पशु स्वस्थ रहें और दूध उत्पादन प्रभावित न हो। संतुलित आहार पशुओं के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि यही दूध उत्पादन की क्षमता को बढ़ाता है। पशुपालक के पास जो उपलब्ध होता है वो ही खिला दे, ऐसा बिल्कुल न करें।

पशुओं में व्यस्क पशु, गाभिन पशु और बच्चे को आहार देने की मात्रा अलग-अलग होती है। पशुपालक उस पर भी ध्यान नहीं देते हैं। डॉ पुतान सिंह के अनुसार पशुपालक दाना, खली, चोकर, खनिज लवण मिलाकर संतुलित आहार तैयार करके पशु को प्रतिदिन दें तो दूध में 20% बढ़ोत्तरी होती है।

सौ किलो संतुलित दाना बनाने की विधि...दाना (मक्का, जौ, गेंहू, बाजरा) इसकी मात्रा लगभग 35 प्रतिशत होनी चाहिए। चाहे बताए गए दाने मिलाकर 35 प्रतिशत हों या अकेला कोई एक प्रकार का दाना हो तो भी खुराक का 35 प्रतिशत दें। खली (सरसों की खल, मूंगफली की खल, बिनौला की खल, अलसी की खल) की मात्रा लगभग 32 किलो होनी चाहिए। इनमें से कोई एक खली को दाने में मिला सकते हैं। चोकर (गेंहू का चोकर, चना की चूरी, दालों की चूरी, राइस ब्रॉन) की मात्रा लगभग 35 किलो। खनिज लवण की मात्रा लगभग 2 किलो, नमक लगभग 1 किलो, इन सभी को लिखी हुई मात्रा के अनुसार मिलाकर को पशु को खिला सकते हैं।

दाना मिश्रण के गुण और लाभ...गाय-भैंस अधिक समय तक दूध देते हैं। पशुओं को स्वादिष्ट लगता है। बहुत जल्दी पच जाता है। खल, बिनौला या चने से सस्ता पड़ता है।

जानें, प्राकृतिक उपायों से कैसे बढ़ाई जा सकती है दूध की मात्रा

भारत में प्राचीन काल से ही खेती के साथ पशुपालन किया जाता रहा है। आज भी किसान खेती के साथ पशुपालन करके अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। ऐसे में पशुपालक किसान के साथ सबसे बड़ी समस्या ये हैं कि उनका पशु जैसे गाय-भैंस कम दूध देते हैं। कई बार देखने में आता है कि ज्यादा दूध के चक्कर में पशुपालक किसान अपने दुधारू पशु गाय, भैंस को इंजेेक्शन लगवा देते हैं जिससे वह अधिक दूध देना शुरू कर देता है। लेकिन बता दें कि ऐसा करना न केवल पशु के लिए स्वास्थ्य को प्रभावित करता है बल्कि ऐसे दूध का सेवन करना दूसरों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि प्राकृतिक और घरेलू औषधीय तरीके से गाय, भैंस जैसे दुधारू पशु का दूध कैसे बढ़ाया जा सकता है ताकि पशु बिना किसी परेशानी के स्वयं ही अधिक दूध देना शुरू कर दे। तो आइए ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से जानते हैं गाय, भैंस का दूध बढ़ाने के तीन आसान उपाय। 

दूध बढ़ाने के लिए क्या खिलाए? - doodh badhaane ke lie kya khilae?

गाय का दूध बढ़ाने का पाउडर

जिस प्रकार बच्चों की सेहत के लिए बाजार में कइ न्यूट्रिशियन पाउडर उपलब्ध हैं, उसी प्रकार दूधारू पशुओं के लिए भी कई कंपनियों के पाउडर उपलब्ध है जिसके इस्तेमाल से पशु ज्यादा दूध देते हैं। इसके अलावा किसान देशी तरीके से भी पशुओं के लिए चूर्ण (पाउडर) बनाते हैं जिसे पशुओं को खिलाने पर ज्यादा दूध मिलता है।

गाय भैंस को दूध बढ़ाने वाले इंजेक्शन लगवाने से होते हैं ये नुकसान

कई लोग अपने गाय और भैंसों से अधिक दूध प्राप्त करने के लिए इंजेक्शन आदि का सहारा लेते हैं, यह पहले कारगर तो साबित होता है लेकिन कई बार इसका प्रभाव विपरीत भी पड़ जाता है। ज्यादा से ज्यादा दूध निकालने के चक्कर में गाय और भैंसों में ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन लगा देते है। इस दूध का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। ऑक्सीटोसिन के इंजेक्शन पर रोक होने के बावजूद इसका इस्तेमाल गाय और भैंस में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए किया जाता है। ऐसे में इसके इस्तेमाल करने वाले और बेचने वाले दोनों को जुर्माना और सजा हो सकती है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधी प्रशासन ऐसे इंजेक्शन की खेप कई बार पकड़ चुका है और इस पर सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है। ऐसा माना जाता है कि गाय-भैंस दूध देने के बावजूद करीब 25 फीसदी अपने बच्चों के लिए बचा लेती हैं। यह इंजेक्शन देकर उस दूध को भी निकाल लिया जाता है जो खतरनाक है।

ऐसे करें दूध बढ़ाने के प्राकृतिक सरल उपाय

गाय, भैंस का दूध बढ़ाने के लिए हमें हमेशा नुकसान रहित उपाय करने चाहिए जिससे पशु के स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं पहुुंचे और दूध भी अधिक मात्रा में प्राप्त हो। ऐसे उपायों को अपनाकर आप अधिक मात्रा में गुणवत्तापूर्ण दूध प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि हम गाय या भैंस के आहार पर भी ध्यान दें। इसके अलावा इनके रखरखाव और देखभाल पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

1. लोबिया खिलाने से बढ़ जाता है गाय व भैंस का दूध

पशुपालन विभाग के अनुसार लोबिया घास खिलाने से गाय का दूध बढ़ जाता है। लोबिया घास में औषधीय गुण पाए जाते हैं जो दूध की मात्रा में बढ़ोतरी करते हैं। लोबिया घास खिलाने से गाय की सेहत पर कोई विपरित प्रभाव नहीं पड़ता और दूध की मात्रा भी सहज ही बढ़ जाती है। लोबिया घास में कुछ विशेषताएं पाई जाती है जिसके कारण गाय, भैंसों को इसे खिलाना फायदेमंद बताया गया है। लोबिया घास की विशेषता यह है कि इस घास का अन्य घास के मुकाबले पाचक होना है। इसमें प्रोटीन और फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो दूधारू पशु के लिए जरूरी होती है। ऐसे में यदि पशुपालक गाय व भैंस को लोबिया घास खिलाएं तो वे प्राकृतिक रूप से दूध की मात्रा बढ़ा सकते हैं। 

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2. गाय व भैंस का दूध बढ़ाने की घरेलू औषधि बनाएं

गाय व भैंस की दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए आप घर पर ही इसकी औषधी बना सकते हैं। इसके लिए कुछ चीजों की जरूरत होगी जो आसानी से आपको मिल जाएगी। औषधी निर्माण की विधि इस प्रकार से है-

इस औषधी को बनाने के लिए आपको 250 ग्राम गेहूं का दलिया, 100 ग्राम गुड़ सर्बत (आवटी), 50 ग्राम मैथी, एक कच्चा नारियल, 25-25 ग्राम जीरा व अजवाईन की आवश्यकता होगी। 

कैसे करना है इन चीजों का उपयोग

  • सबसे पहले दलिया, मैथी और गुड़ को पका लें। इसके बाद में उसमें नारियल को पीसकर डाल दें। जब ये ठंडा हो जाए तो इसे पशु को खिलाएं।
  • ये सामग्री 2 महीने तक केवल सुबह खाली पेट ही खिलानी चाहिए।
  • इसे गाय को बच्चा देने से एक महीने पहले शुरू करना चाहिए और बच्चा देने के एक महीने बाद तक खिलाना चाहिए।
  • 25-25 ग्राम अजवाईन व जीरा गाय के ब्याने के बाद केवल 3 दिन ही देना चाहिए। ऐसा करने से आपको जल्द ही अच्छे परिणाम मिलने लगेंगे।  
  • ब्याने के 21 दिन तक गाय को सामान्य खाना ही दिया जाना चाहिए।
  • गाय का बच्चा जब 3 महीने का हो जाए या जब गाय का दूध कम हो जाए तो उसे प्रति दिन 30 ग्राम जवस औषधि खिलाएं, इससे दूध कम नहीं होगा।

3. सरसों का तेल और आटे से बनाएं दूध बढ़ाने की दवा

सरसों के तेल और आटे से भी घरलू दवा बनाकर गाय को खिलाने से भी गाय, भैंस के दूध की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है। दवा बनाने का तरीका इस प्रकार से है-

सबसे पहले 200 से 300 ग्राम सरसों का तेल, 250 ग्राम गेहूं का आटा लें। अब दोनों को आपस में मिलाकर शाम के समय पशु को चारा व पानी खिलाने के बाद खिलाएं। ध्यान रहे दवा खिलाने के बाद पशु को पानी नहीं पिलाना है। इतना ही नहीं यह दवाई भी पानी के साथ नहीं देनी है। अन्यथा पशु को खांसी की समस्या हो सकती है। यह दवा पशु को 7-8 दिनों तक ही खिलानी चाहिए इसके बाद इस दवा को बंद कर देनी चाहिए। वहीं पशु को हरा चारा व बिनौला आदि जो खुराक आप पहले से दे रहें है उसे देते रहना चाहिए। इसे बंद नहीं करना चाहिए।

दुधारू पशु गाय, भैंस की देखभाल पर भी दें ध्यान

  • उपरोक्त घरेलू उपाय के अलावा पशुपालक किसान को दुधारू पशु गाय, भैंस के उचित रखरखाव और देखभाल पर भी ध्यान देना चाहिए। इससे भी दूध का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलती है।
  • दूधारू पशु गाय, भैंस के रहने का बाड़ा साफ-सुधरा होना चाहिए जिसमें प्रकाश और हवा का उचित प्रबंध होना चाहिए।  
  • पशु के लिए पक्की जगह भी होनी चाहिए जहां वह बारिश के समय आराम से बैठ सके। 
  • पशुओं के रहने के लिए विशेष घर और चारा खाने वाला स्थान अपेक्षाकृत ऊंचा और समतल होना चाहिए।
  • गर्मियों में पशुओं के लिए पंखे या कूलर की सुविधा रखनी चाहिए ताकि भीषण गर्मी से पशु को राहत मिल सकें। 
  • पशु को हरा चारा जरूर खिलाना चाहिए। इससे दूध की मात्रा बढ़ती है। 
  • पशु का समय-समय पर टीकाकरण करना चाहिए ताकि पशु जल्दी रोग की चपेट में नहीं आ पाएं। 
  • पशु को कभी खुले में नहीं छोड़ना चाहिए। खुले में छोडऩे से पशु इधर-उधर घूमना शुरू कर देते हैं और कई तरह की हानिकारक चीजें खा जाते हैं जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।


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कैसे मां के दूध तुरंत बढ़ाने के लिए?

​ब्रेस्‍ट में मिल्‍क बढ़ाने के अन्‍य तरीके.
स्‍तनपान करवाने वाली महिला को अधिक पानी, दूध और जूस पीना चाहिए।.
डिलीवरी के बाद दिन में थोड़ा-थोड़ा कर के पांच बार खाना खाएं।.
कैफीन युक्‍त चीजों का सेवन कम या बिल्कुल ना करें।.
शराब और तंबाकू से दूर रहें। इस समय दिनभर में 1800 से कम मात्रा में कैलोरी लें।.

क्या खिलाने से दूध बढ़ता है?

सरसों का तेल और आटे से बनाएं दूध बढ़ाने की दवा सबसे पहले 200 से 300 ग्राम सरसों का तेल, 250 ग्राम गेहूं का आटा लें। अब दोनों को आपस में मिलाकर शाम के समय पशु को चारा व पानी खिलाने के बाद खिलाएं। ध्यान रहे दवा खिलाने के बाद पशु को पानी नहीं पिलाना है। इतना ही नहीं यह दवाई भी पानी के साथ नहीं देनी है।

लेडीज के दूध बढ़ाने की क्या दवा है?

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भैंस को नींबू खिलाने से क्या फायदा होता है?

ऐसे में घरेलू नुस्खे में पशुपालक द्वारा पशु को दिए जाने वाले नींबू से विटामिन-सी की आपूर्ति होती है और चीनी दूध का लेवल बनाए रखती है। तीन दिन देना होता है काढ़ा : दोनों चीजों का काढ़ा बनाकर पशु को दिन में 2-3 बार खिलाने की जरूरत है।