मोहिनी एकादशी पर क्या नहीं करना चाहिए? - mohinee ekaadashee par kya nahin karana chaahie?

एकादशी का व्रत श्रेष्ठ व्रतों में से एक माना गया है. एकादशी के सभी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. इस​ दिन अगर आप व्रत नहीं रख सकते हैं, तो एक उपाय जरूर करें. इस उपाय से भी आपको नारायण की कृपा प्राप्त होगी और तमाम समस्याओं का अंत होगा.

वैशाख माह (Vaishakh Month) के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) कहा जाता है. शास्त्रों में सभी एकादशी व्रत को मोक्षदायी माना गया है और श्रेष्ठ व्रतों में से एक कहा गया है. स्वयं श्रीकृष्ण ने पांडवों को तमाम पापों से मुक्ति पाने के लिए एकादशी व्रत का महत्व समझाया है. शास्त्रों में सभी एकादशी व्रत का अलग महत्व (Significance of Ekadashi) बताया गया है. माना जाता है कि मोहिनी एकादशी व्यक्ति को मोह माया के बंधन से छुटकारा दिलाती है और जन्म मरण के चक्र से मु​क्त करती है. कहा जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी का स्वरूप धारण किया था, इसलिए इस एकादशी को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाने लगा.

इस बार मोहिनी एकादशी का व्रत 12 मई 2022 दिन गुरुवार को रखा जाएगा. अगर आप इस एकादशी पर व्रत रख रहे हैं, तो व्रत से पहले इसके नियमों को जानना जरूरी है. अगर आपके घर में धन संबन्धी कोई समस्या है या आप अक्सर बीमारयों से जूझते रहते हैं, तो इस एकादशी पर एक महाउपाय जरूर करें. इससे आपकी समस्या दूर हो सकती है. यहां जानिए एकादशी का उपाय और नियम.

धन और आरोग्य दिलाता है ये उपाय

एकादशी के दिन सुबह उठकर स्वच्छ वस्त्र पहनें. पूजा के स्थान की साफ सफाई करने के बादनारायण और माता लक्ष्मी की तस्वीर स्थापित करें. नारायण का विधि विधान से पूजन करें. उन्हें कुमकुम, हल्दी, चंदन, पुष्प, अक्षत, दक्षिणा, वस्त्र आदि अर्पित करें. धूप दीप जलाएं और भोग लगाएं. अब थोड़ा सा दूध लें और इसमें केसर मिलाएं और तुलसी का पत्ता डालें. इसे माता लक्ष्मी और नारायण को अर्पित करें. इसके बाद मोहिनी एकादशी की व्रत कथा पढ़ें. अंत में आरती करके नारायण से अपनी समस्या कहें और इसे दूर करने की प्रार्थना करें. पूजा के बाद क्षमायाचना करें और उस दूध के प्रसाद को परिवार में वितरित करने के बाद पूरी श्रद्धा के साथ ग्रहण कर लें. इसके बाद ही कुछ अन्य चीज ग्रहण करें. इस तरह एकादशी के दिन करने से धन और आरोग्य की प्राप्ति होगी और आपकी मनोकामना प्रभु जरूर पूरी करेंगे.

एकादशी व्रत के नियम भी जानें

– अगर एकादशी का व्रत रखने जा रहे हैं, तो आज बुधवार को सूर्यास्त के बाद से इसके नियम लागू हो जाएंगे क्योंकि ये नियम दशमी की शाम से लागू होकर द्वादशी की सुबह तक चलते हैं.

– दशमी की शाम को सूर्यास्त से पहले भोजन ग्रहण करें और भोजन सात्विक लें. प्याज लहसुन आदि का प्रयोग न करें.

– एकादशी के दिन जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद व्रत का संकल्प लें. इसके बाद क्षमतानुसार निराहार या फलाहार लेकर व्रत रखें और विधिविधान से पूजन करें.

– रात में जागरण करके भगवान के भजन आदि करें. द्वादशी के दिन यानी शुक्रवार की सुबह स्नान आदि के बाद किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद को भोजन कराएं. उसे क्षमतानुसार दान और दक्षिणा दें और आशीर्वाद लें. इसके बाद ही भोजन ग्रहण करके व्रत पारण करें.

– एकादशी व्रत के दौरान दाढ़ी, मूंछ या नाखून आदि नहीं काटने चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.

– किसी की चुगली न करें और न ही किसी के दिल को ठेस पहुंचाएं. नारायण के भक्त हैं तो हर नर में नारायण को देखने की आदत डालें.

एकादशी शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि बुधवार 11 मई 2022 शाम 07:31 बजे से शुरू होगी और गुरुवार, 12 मई 2022 शाम 06:51 मिनट बजे तक रहेगी. 12 मई को एकादशी व्रत रखा जाएगा और 13 मई को सूर्योदय के बाद व्रत का पारण किया जाएगा.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारितहैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

धर्म ग्रंथों के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये एकादशी 12 मई, गुरुवार को है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लेकर देवताओं का अमृत पिलाया था।

मोहिनी एकादशी पर क्या नहीं करना चाहिए? - mohinee ekaadashee par kya nahin karana chaahie?

मोहिनी एकादशी पर क्या नहीं करना चाहिए? - mohinee ekaadashee par kya nahin karana chaahie?

Manish Meharele

Ujjain, First Published May 12, 2022, 6:00 AM IST

उज्जैन. 12 मई को सूर्योदय उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा। गुरुवार और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के योग से इस दिन मातंग नाम का शुभ योग बन रहा है। इस योग में की गई पूजा और उपाय से हर काम में सफलता मिलती है और भगवान विष्णु की कृपा भी बनी रहती है। पुराणों के अनुसार, मोहिनी एकादशी सहित अन्य एकादशियों पर भी अन्न नहीं खाना चाहिए। बहुत आवश्यक हो तो सिर्फ फल खाए जा सकते हैं। आगे जानिए मोहिनी एकादशी से जुड़ी खास बातें, क्या करें-क्या नहीं?
 

मोहिनी एकादशी के शुभ मुहूर्त (Mohini Ekadashi 2022 Shubh Muhurat)
वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 मई, बुधवार की शाम 07:31 से शुरू होगी, जो 12 मई, गुरुवार की शाम 06:51 तक रहेगी। एकादशी की सूर्योदयव्यापिनी तिथि 12 मई को रहेगी, इसलिए इसी दिन मोहिनी एकादशी का व्रत करना श्रेष्ठ रहेगा। 


ये है मोहिनी एकादशी की आसान पूजा विधि (Mohini Ekadashi 2022 Puja Vidhi)
एकादशी की सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु की प्रतिमा एक साफ स्थान पर स्थापित करें। इसके बाद शुद्ध घी का दीपक जलाएं। देव प्रतिमा पर शुद्ध जल चढ़ाएं और उसके बाद वस्त्र पहनाएं। इसके बाद पंचोपचार पूजा करें। हार, फूल आदि चीजें भी भगवान को अर्पित करें। शुद्धतापूर्वक बनी चीजों का भोग लगाएं     और अंत में आरती करें।

भगवान विष्णु की आरती (Aarti of Lord Vishnu)
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय...॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय...॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय...।।
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय...॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय...॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय...॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय...॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय...॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय...॥ 

मोहिनी एकादशी पर क्या करें-क्या नहीं?
- तुलसी और पीपल पर जल चढ़ाएं। 
- एकादशी का व्रत रखें और भगवान विष्णु की पूजा करें।
- मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर दान करें या लोगों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था करें। 
- किसी भी तरहा का वाद-विवाद न करें। किसी पर गुस्सा न करें। 
- लहसुन-प्याज जैसी अन्य तरह की तामसिक चीजों से बचें। 
- इस दिन किसी भी तरह का नशा न करें।

Last Updated May 12, 2022, 11:30 AM IST

  • Mohini Ekadashi 2022
  • Mohini Ekadashi

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मोहिनी एकादशी में क्या खा सकते हैं?

मोहिनी एकादशी व्रत के दौरान भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की भी विशेष पूजा की जाती है. साथ ही दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का अभिषेक किया जाता है. -दिन भर किसी भी प्रकार का अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है. हालांकि फलाहार ग्रहण किया जा सकता है.

मोहिनी एकादशी के दिन क्या दान करना चाहिए?

7. मोहिनी एकादशी के व्रत का पारण करने के दौरान आप केला, बादाम, आम और अंगूर आदि का सेवन कर सकते हैं। 8. शास्त्रों के अनुसार द्वादशी तिथि के दिन अपनी सामर्थ्य अनुसार ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा और मिष्ठान की वस्तुएं देने का भी विधान है।

मोहिनी एकादशी का व्रत कैसे किया जाता है?

मोहिनी एकादशी व्रत पूजा विधि इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान का मनन करते हुए सबसे पहले व्रत का संकल्प करें। इसके बाद सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करें। इसके बाद पूजा स्थल में जाकर भगवान श्री कृष्ण की पूजा विधि-विधान से करें। इसके लिए धूप, दीप, नैवेद्य आदि सोलह चीजों से करने के साथ रात को दीपदान करें

क्या मोहिनी एकादशी हर साल आती है?

मोहिनी एकादशी : वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। हर साल यह प्राय: अप्रैल या मई के महीने में आती है।