दूध पिलाने वाली मां को क्या-क्या खाना चाहिए - doodh pilaane vaalee maan ko kya-kya khaana chaahie

In this article

  • स्तनपान कराने वाली मां के तौर पर मेरे लिए कौन से पोषक तत्व जरुरी हैं?
  • क्या स्तनपान के दौरान मुझे अधिक कैलोरी की आवश्यकता है?
  • क्या स्तनदूध की आपूर्ति बनाए रखने के लिए मुझे अधिक पानी व तरल पदार्थ पीने की आवश्यकता है?
  • क्या स्तनापान के दौरान में चाय या कॉफी पी सकती हूं?
  • क्या मैं स्तनपान के दौरान शराब का सेवन कर सकती हूं?
  • क्या मैं जड़ी-बूटियों का उपचार ले सकती हूं?
  • क्या मुझे स्तनपान करवाते समय अनुपूरक लेने की आवश्यकता है?
  • क्या मैं स्तनपान के दौरान अपना वजन घटा सकती हूं?

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स्तनपान के दौरान आपको क्या खाना-पीना चाहिए और क्या नहीं, इसे लेकर पारंपरिक और आधुनिक सलाह काफी अलग-अलग हैं।

स्तनपान कराते समय आपको शायद अपने खान-पान में बहुत ज्यादा बदलाव करने की जरुरत नहीं होगी, हालांकि कुछ महत्वपूर्ण चीजें हैं जो आपको ध्यान में रखनी होंगी:

स्तनपान कराने वाली मां के तौर पर मेरे लिए कौन से पोषक तत्व जरुरी हैं?

पूरी कोशिश करें कि आप संतुलित आहार योजना का पालन करें, जिसमें सेहतमंद खाद्य पदार्थों का मिश्रण हो। एक संतुलित आहार में निम्न चीजें शामिल होती हैं:

  • स्टार्चयुक्त भोजन, जैसे कि चावल, ब्रेड, पूर्ण अनाज से बनी रोटी, आलू, जई (ओट्स), सूजी और पास्ता। सीरियल से बने स्टार्चयुक्त भोजनों की पूर्ण अनाज वाली वैरायटी चुनें। इससे आपको अतिरिक्त पोषण और फाइबर मिल सकेगा।
  • कुछ डेयरी उत्पाद, जैसे कि एक गिलास दूध, दही या योगर्ट। यदि आपको लैक्टोज असहिष्णुता है, तो अपनी डॉक्टर से पूछें कि आप क्या खा सकती हैं।
  • कुछ प्रोटीन जैसे कि दाल-दलहन, अंडे, मछली और वसा रहित मांस।
  • पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियां।

इसके अतिरिक्त आपको नीचे दिए गए पोषक तत्वों की भी आवश्यकता होगी:

  • आयरन: आपके आयरन के स्तर को उच्च रखने के लिए डॉक्टर आपको आयरन अनुपूरक लेने के लिए कहेंगी। मगर, जरुरी है कि आपको अपने आहार से भी आयरन मिले। आयरन के शाकाहारी स्त्रोतो (नॉन हीम आयरन) में शामिल हैं दालें, अंकुरित दलहन, मेवे और हरी पत्तेदार सब्जियां। गैर शाकाहारी स्त्रोतों (हीम आयरन) में कम वसायुक्त लाल मांस, मछली और मुर्गी (पॉल्ट्री)। अंडे भी आयरन का अच्छा स्त्रोत होते हैं।
  • कैल्शियम: हर दिन कैल्शियम से भरपूर भोजन की तीन सर्विंग खाएं, जैसे कि दूध और अन्य डेयरी उत्पाद, मछली, हरी पत्तेदार सब्जियां, बादाम, या फिर कैल्शियम फोर्टिफाइड भोजन जैसे कि सीरियल्स, जूस, सोया और चावल के पेय और ब्रेड।
  • विटामिन डी: यह आपकी हड्डियों के विकास और संपूर्ण सेहत के लिए महत्वपूर्ण है। यह शरीर की कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। धूप विटामिन डी के उत्पादन में शरीर की मदद करती है, मगर अधिकांश महिलाओं को इतनी देर सूरज की किरणें नहीं मिल पाती, जिससे कि पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी बन सके। इसके अच्छे स्त्रोतों में तैलीय मछलियां जैसे कि रावस, बांगड़ा और पेड़वे है। लाल मांस, अंडे की जर्दी और फोर्टिफाइड ब्रेकफास्ट सीरियल भी कुछ विटामिन डी प्रदान करते हैं।
  • विटामिन सी: यह आयरन के बेहतर समाहन में मदद करता है। खट्टे फल, आंवला, अमरूद और पपीता विटामिन सी के अच्छे स्त्रोत हैं।
  • विटामिन ए: गाजर, अंडे, शकरकंदी, हरी पत्तेदार सब्जियां, कद्दू, लाल शिमला मिर्च, मटर, टमाटर और आम में अच्छी मात्रा में विटामिन ए होता है।

पारंपरिक तौर पर, स्तनपान कराने वाली माताओं को बहुत सारे मेवे, घी और मीठा दिया जाता है। ये उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ आमतौर पर नई माँ को इसलिए दिए जाते हैं, ताकि शिशु के जन्म के बाद उसे दिए जाने वाले पारंपरिक खिचड़ी आहार की पूर्ति की जा सके। अगर, आप सामान्य भोजन खा रही हैं, तो आपको अतिरिक्त घी और मीठा खाने की आवश्यकता नहीं है।

मेवे काफी स्वास्थ्यवर्धक होते हैं और अधिकांश पारंपरिक एकांतवास के आहार में इस्तेमाल किए जाते हैं। हालांकि, इन्हें घी से चूर या मीठे पकवानों में लेने से बचें। इसकी बजाय मेवों को दलिये या ताजा सलाद में डालकर लिया जा सकता है।

आप मुट्ठीभर मेवे हल्के-फुल्के स्नैक के तौर पर भी ले सकती हैं। इस तरह आप कुछ पारंपरिक सामग्रियों का सेवन भी कर सकेंगी, मगर वे कैलारी से भरपूर नहीं होंगी।

अगर, आपको लड्डू या पंजीरी खानी ही पड़े, तो आप कम मात्रा में इनका सेवन करें, ताकि कैलारी की मात्रा घटाई जा सके। कुछ व्यंजन कम घी में या बिना घी के भी अच्छे बन जाते हैं।

जब आप माँ बन जाती हैं, तो कई बार खाने-पीने का ख्याल नहीं रहता या फिर आप भूल ही जाती हैं कि आपने काफी समय से कुछ नहीं खाया। मगर, नई माँ के तौर पर आपको अपनी ऊर्जा का स्तर ऊंचा रखने की जरुरत होती है।

क्या स्तनपान के दौरान मुझे अधिक कैलोरी की आवश्यकता है?

आपको नई मां के तौर पर अतिरिक्त कैलोरी की जरुरत नहीं होती है, क्योंकि आपका शरीर स्तनदूध का उत्पादन करने में अत्याधिक कुशल होता है।

आप अपनी भूख के अनुसार ही खाएं। स्तनपान की तैयारी में मदद करने के लिए आपका शरीर गर्भावस्था के दौरान संग्रहित चर्बी को त्याग सकता है, यह एकदम सामान्य है। शिशु को स्तनपान करवाने से इस चर्बी संग्रह को दूध बनाने के लिए जरुरी उर्जा में बदलने में मदद मिल सकती है।

जब आप स्तनपान करवा रही होती हैं, तो अतिरिक्त कैलोरी को लेकर बहुत से लोग अलग-अलग सलाह दे सकते हैं। मगर यह कह पाना मुश्किल है कि आपको रोजाना अतिरिक्त कैलोरी की जरुरत है या नहीं, क्योंकि बहुत कुछ नीचे दी गई बातों पर निर्भर करता है:

  • गर्भावस्था से पहले आपका वजन
  • गर्भावस्था में आपका कितना वजन बढ़ा
  • आप कितनी सक्रिय हैं या काम-काज कर रही हैं

इन सबके बावजूद आमतौर पर, स्तनपान आपकी भूख को बढ़ा देता है। इसलिए, अगर आपका खाने का मन नहीं होता, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपको अतिरिक्त भावनात्मक सहारे की जरुरत है।

कई बार, उन महिलाओं की भूख भी काफी कम हो जाती है, जो प्रसवोत्तर अवसाद से पीड़ित होती हैं। अगर, आपको खाना खाने की इच्छा नहीं होती, तो अपनी डॉक्टर से बात करें।

क्या स्तनदूध की आपूर्ति बनाए रखने के लिए मुझे अधिक पानी व तरल पदार्थ पीने की आवश्यकता है?

स्तनपान के दौरान आपको केवल अपनी प्यास बुझाने के लिए ही पर्याप्त पानी पीने की आवश्यकता है।

हो सकता है आपको बताया गया हो, कि दूध की आपूर्ति बनाए रखने के लिए आपको अत्याधिक पानी पीना चाहिए। मगर, वास्तव में अत्याधिक पानी पीने या फिर थोड़ा प्यासा रहने से आपके दूध की मात्रा पर असर नहीं पड़ता। आपका शरीर जरुरी तत्वों का नियमित संग्रहण करने में काफी सक्षम होता है, ताकि वह आपकी दूध की आपूर्ति को बनाए रख सके।

स्तनपान कराने से आपको प्यास लग सकती है, इसलिए जब आप शिशु को स्तनपान करवाएं तो अपने पास पानी, नारियल पानी या तजा फलों का रस रख सकती हैं। आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि आप साफ उबला हुआ या फिल्टर किया गया पानी ही पीएं, ताकि पानी से होने वाले संक्रमणों से बचा जा सके। बेहतर है कि जब आप बाहर जाएं तो अपने साथ पानी को बोतल रखें या फिर बाहर से प्रतिष्ठित ब्रांड की मिनरल वाटर की बोतल खरीदें।

यदि आप प्यास बुझाने के लिए सोडायुक्त पेय लेती हैं, तो स्तनपान के दौरान इनका सेवन न करना ही बेहतर है। इन पेयों में खाली कैलोरी होती है और कोई पोषण नहीं होता। इनकी बजाय आप लस्सी, नारियल पानी, छाछ, ताजा फलों या सब्जियों का रस और नींबू पानी जैसे सेहतमंद विकल्प चुन सकती हैं।

अगर, आप इस बात को लेकर चिंतित हैं कि आप पर्याप्त पेय पदार्थ ले रहीं हैं या नहीं, तो अपने पेशाब के रंग पर ध्यान दें। अगर यह बहुत हल्का पीला है, तो इसका मतलब है कि आप पर्याप्त तरल पदार्थ ले रही हैं। मगर, पेशाब यदि गहरे पीले रंग का या तेज दुर्गंध वाला है, तो इसका मतलब हो सकता है कि आपको निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) है। इसलिए आपको अधिक पेय पदार्थ लेने चाहिए।

क्या स्तनापान के दौरान में चाय या कॉफी पी सकती हूं?

जब आप स्तनपान करवा रही हों, तो कोशिश करें कि कैफीन युक्त पेय बहुत ज्यादा न लें। ऐसा करना मुश्किल हो सकता है, खासकर कि शुरुआती दिनों में, जब आप लगातार स्तनपान करवाने पर थकान महसूस कर रही हों।

सलाह यह दी जाती है कि आप अपना कैफीन का सेवन प्रतिदिन 200 मि.ग्रा. से कम रखें। यह अंदाजा लगा पाना मुश्किल हो सकता है कि कैपुचिनो या लाटे में कैफीन की कितनी मात्रा है। इसलिए बेहतर है कि जब भी आप घर से बाहर हों तो कैफीन रहित (डीकैफीनेटेड) कॉफी या हर्बल चाय लें। ध्यान रखें कि कोला, एनर्जी ड्रिंक्स और चॉकलेट में भी कैफीन होती है।

यदि आपका शिशु बहुत ज्यादा बेचैन व अशांत लगे और उसे सोने में दिक्कत हो, तो आप कैफीन के सेवन की मात्रा घटाने या बिल्कुल बंद करने की कोशिश करें। इससे शिशु को आसानी से सोने में मदद मिल सकती है।

क्या मैं स्तनपान के दौरान शराब का सेवन कर सकती हूं?

शराब आपके स्तनदूध के जरिये शिशु तक पहुंच सकती है। यदि आप एक सप्ताह में एक या दो बार दो यूनिट से ज्यादा शराब पीते हैं, तो यह आपके शिशु को नुकसान पहुंचा सकती है।

एहतियात बरतना हमेशा बेहतर रहता है। इसलिए सबसे अच्छा है कि आप स्तनपान के दौरान शराब का सेवन बंद कर दें, खासकर कि शुरुआती तीन महीनों में।

आपके नवजात शिशु का पेट बहुत छोटा होता है और उसे बार-बार दूध पीने की जरुरत होती है। आपके खून में शराब की मात्रा सेवन के 30 से 90 मिनट बाद चरम पर होती है। यदि आप शिशु को बार-बार स्तनपान करवाती हैं, तो आपको एक फीड से दूसरे फीड के बीच इतना समय नहीं मिल सकेगा कि आपके शरीर से शराब बाहर निकल सके।

आपके शिशु का यकृत (लीवर) भी अपरिपक्व होता है, और इसे शराब के अवशेषों से सुरक्षा की जरुरत होती है।

क्या मैं जड़ी-बूटियों का उपचार ले सकती हूं?

स्तनपान के दौरान आप जड़ी-बूटियों (हर्बल) वाली अधिकांश चाय ले सकती हैं। बस आपको ध्यान रखना होगा कि आप इनका सेवन अधिक मात्रा में न करें।

हर्बल चाय में ऐसी सामग्रियां होती हैं, जिनका इस्तेमाल आप शायद खाना बनाने में भी करती हैं, जैसे कि मेथी, सौंफ, जीरा, छोटी इलायची, लहसुन, बबूने के फूल (कैमोमाइल) और पुदीना आदि। इन्हें स्तनपान के दौरान पीना सुरक्षित माना जाता है।

आपको कुछ विशिष्ट जड़ी-बूटियों से बने पारंपरिक पेय भी पीने के लिए दिए जा सकते हैं। किसी भी तरह की जड़ी-बूटियों को अपने आहार में शामिल करने से पहले डॉक्टर से बात करें।

क्या मुझे स्तनपान करवाते समय अनुपूरक लेने की आवश्यकता है?

स्तनपान करवाने वाली अधिकांश मांओं को रोजाना आयरन, फॉलिक एसिड, विटामिन बी और कैल्शियम के अनुपूरक (सप्लीमेंट) लेने की सलाह दी जाती है। आपके आहार को देखते हुए डॉक्टर आपके लिए जरुरी अनुपूरकों के बारे मे सलाह देंगी।

यदि खून की जांच में विटामिन डी की कमी का पता चलता है, तो डॉक्टर आपको इसके अनुपूरक बता सकती हैं।

अपनी डॉक्टर से पूछे बिना कोई भी सप्लीमेंट न लें, फिर चाहे वे जड़ी-बूटी या प्राकृतिक ही क्यों न हों।

यदि आप अनुपूरक लेती भी हैं, तो भी यह ध्यान रखें कि इनसे आपके अपर्याप्त खाने की आदतों की पूर्ति नहीं हो सकती। संतुलित और विभिन्न तरह के आहार लेना भी उतना ही जरुरी है।

क्या मैं स्तनपान के दौरान अपना वजन घटा सकती हूं?

आप धीरे-धीरे अपना वजन कम कर सकेंगी। एक सप्ताह में 500 ग्राम से एक किलो तक वजन घटाने से आपके स्तनदूध की मात्रा या गुणवत्ता पर असर नहीं पड़ना चाहिए।

बेहतर है कि आप छह से आठ हफ्तों के बाद डॉक्टर के साथ प्रसवोत्तर जांच के बाद ही पूरी सक्रियता से वजन घटने के प्रयास शुरु करें।

तब आप सेहतमंद खान-पान और व्यायाम के बेहतरीन तरीकों के बारे में अपनी डॉक्टर के साथ बात कर सकती है।

यह ध्यान में रखें कि आपको नई माँ के तौर पर अपनी ताकत को बनाए रखना है। शिशु के जन्म के बाद अधि​क काम-काज करने का प्रयास आपकी प्रसव से उबरने की प्रक्रिया को धीमा बना सकता है और आप अधिक थकान महसूस कर सकती हैं। यह खासकर सीजेरियन या कठिन प्रसव के मामलों में माना जाता है।

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हमारे लेख पढ़ें:

  • प्रसूति के बाद एकांतवास के पारंपरिक रिवाज
  • स्तनपान के दौरान व्रत रखना
  • क्या मैं बुखार होने पर भी शिशु को स्तनपान करा सकती हूं?

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दूध पिलाने वाली मां को क्या क्या नहीं खाना चाहिए?

शिशु को दूध पिलाने वाली मांओं को जंक और मसालेदार चीजें नहीं खानी चाहिए। ये चीजें दूध के जरिए शिशु के शरीर में पहुंचकर, उसकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं। आप ज्‍यादा मीठी चीजें और गैस पैदा करने वाली चीजें जैसे कि गोभी भी न खाएं। कच्‍ची चीजें जैसे कि अंडा और सीफूड न खाएं।

बच्चों को दूध पिलाने वाली मां को क्या खाना चाहिए?

स्तनपान कराने वाली मां के तौर पर मेरे लिए कौन से पोषक तत्व जरुरी हैं?.
स्टार्चयुक्त भोजन, जैसे कि चावल, ब्रेड, पूर्ण अनाज से बनी रोटी, आलू, जई (ओट्स), सूजी और पास्ता। ... .
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कुछ प्रोटीन जैसे कि दाल-दलहन, अंडे, मछली और वसा रहित मांस।.
पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियां।.

बच्चा होने पर माँ को क्या खाना चाहिए?

ऐसा करने से मां और बच्चा दोनों ही कई खतरनाक बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं..
अंडा डिलीवरी के बाद महिलाओं को प्रोटीन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है और अंडा इसका सबसे अच्छा स्त्रोत हैं. ... .
ओट्स ओट्स फाइबर का अच्छा स्त्रोत होने के साथ ही आयरन की जरूरत पूरी करने में भी बहुत उपयोगी है. ... .
पालक पालक आयरन का खजाना है. ... .
दूध ... .
विटामिन ई.

बच्चे को कितने दिन तक मां का दूध पिलाना चाहिए?

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसार, 6 महीने तक ही शिशु को मां का दूध पिलाना चाहिए और इसके बाद दो साल की उम्र तक उसे धीरे-धीरे ठोस आहार देना शुरू करना चाहिए। यदि आप दो साल की उम्र के बाद भी अपने बच्‍चे को दूध पिलाती हैं तो इससे मां और बच्‍चे को कई फायदे मिलते हैं।