दवा खाने के बाद क्या नहीं खाना चाहिए? - dava khaane ke baad kya nahin khaana chaahie?

जानिए कौन-सी दवा के साथ क्या नहीं खाना चाहिए? (Common Foods &; Medications You Should NEVER Mix!)

दवाएं हम बीमारी को दूर करने के लिए खाते हैं और खाना स्वस्थ रहने के लिए. लेकिन ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं, जो वैसे तो सेहत की दृष्टि से बेहद फ़ायदेमंद होते हैं, लेकिन उन्हें कुछ दवाओं के साथ ग्रहण करने पर न स़िर्फ दवा का असर कम हो जाता है, बल्कि सेहत को नुक़सान भी पहुंच सकता है. हम आपको बता रहे हैं कि किस दवा और किस खाद्य पदार्थ के साथ मिक्स नहीं करना चाहिए.

दवा खाने के बाद क्या नहीं खाना चाहिए? - dava khaane ke baad kya nahin khaana chaahie?

कॉफी
परहेज़ करेंः अगर आप अस्थमा के इलाज के लिए ब्रोन्को डायलेटर ले रहे हैं.
यह दवा फेफड़े के मसल्स को रिलैक्स करती है, जिससे मरीज़ को सांस लेने में आसानी होती है, लेकिन इस दवा के साइड इफेक्ट्स भी हैं. इस दवा का सेवन करने पर
कभी-कभी घबराहट होने के साथ दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है. ऐसे में इस दवा के साथ कैफीन लेने पर साइड इफेक्ट्स होने की संभावना बढ़ जाती है. इतना ही नहीं, ज़्यादा कॉफी का सेवन करने पर दवा का असर भी घट जाता है. अतः बेहतर होगा कि अगर आप अस्थमा की यह दवा ले रहे हैं तो कॉफी न पीएं. अगर इसकी लत हो तो इस बारे में डॉक्टर को अवश्य बताएं.

केला
परहेज़ करेंः यदि आप ब्लड प्रेशर की दवा खाते हैं.
केला में भरपूर मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है, जो कि सेहत के लिए अच्छा है. यदि आप ब्लडप्रेशर की दवाएं, जैसे-कैप्टोप्रिल, एंजियोटेनसिन इत्यादि ग्रहण करते हैं तो केला सहित अन्य पोटैशियम रिच खाद्य पदार्थ, जैसे-पत्तेदार सब्ज़ियां, संतरा इत्यादि का अत्यधिक मात्रा में सेवन न करें, क्योंकि इन दवाओं के साथ पोटैशियम रिच फूड्स का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से दिल की धड़कन बढ़ सकती है. इसलिए बेहतर होगा कि आप ब्लडप्रेशर की दवा के साथ केला जैसे पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से पहले इस बारे में डॉक्टर को बताएं.

अल्कोहल
परहेज़ करेंः यदि आप एंटीहिस्टामाइन्स, डायबिटीज़ की दवा या पेन किलर्स खाते हैं.
आमतौर पर किसी भी दवा के साथ अल्कोहल लेने की मनाही होती है, क्योंकि अल्कोहल लिवर पर अतिरिक्त दबाव डालता है. लेकिन अल्कोहल, पैरासिटामॉल और कोडीन लिवर द्वारा अवशोषित किए जाते हैं. ऐसे में अल्कोहल और इन दवाओं के साथ ग्रहण करने पर इन्हें पचाने के लिए लिवर को
ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स, जैसे सुस्ती इत्यादि होने की आशंका बढ़ जाती है. इसके अलावा लिवर के क्षतिग्रस्त होने का भी रिस्क होता है.

पत्तेदार सब्ज़ियां
परहेज़ करेंः यदि आप एंटीकॉलैगुलेंट (ख़ून को पतला करने की दवा) लेते हैं
ब्रोकोली, पालक, पत्तागोभी जैसी पत्तेदार सब्ज़ियां सेहत के लिए अच्छी होती हैं, लेकिन यदि आप वॉर्फरिन जैसी एंटीब्लड क्लॉटिंग मेडिसिन लेते हैं तो पत्तेदार सब्ज़ियों का सेवन संभलकर करें. इन सब्ज़ियों में विटामिन के की मात्रा अधिक होती है, जो ब्लड को क्लॉट करने में मदद करता है. आपको बता दें कि वॉर्फरिन का काम ख़ून को पतला करना है. ऐसे में यदि आप अधिक मात्रा में पत्तेदार सब्ज़ियों का सेवन करेंगे तो वॉर्फरिन को अपना काम करने में बाधा उत्पन्न होगी. कैनबेरी जूस और कैनबेरी के प्रोडक्ट्स लेने से भी परहेज़ करें, क्योंकि ये भी वॉर्फरिन के असर को कम करते हैं.

नारंगी
परहेज़ करेंः यदि आप स्टैटिन ग्रहण करते हैं.
यदि आप ब्लड प्रेशर कम करने के लिए स्टैटिन ग्रहण करते हैं तो आपको नारंगी या नारंगी का जूस पीने से बचना चाहिए. नारंगी में एक ऐसा केमिकल होता है, जो शरीर को स्टैटिन को अवशोषित करने से रोकता है. जिसके कारण मरीज़ को मांसपेशियों या शरीर में दर्द की शिकायत हो सकती है.

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डेयरी प्रोडक्ट्स
परहेज़ करेंःयदि आप एंटीबायोटिक्स लेते है.
दूध, दही, चीज़ जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स में पाया जानेवाला कैल्शियम सिप्रोफ्लॉक्ससिन व टेट्रासाइक्लिन जैसे एंटीबायोटिक्स को शरीर में एब्जॉर्ब होने में बाधा पहुंचाता है, जिससे उनका असर कम होता है. अच्छे रिजल्ट के लिए एंटीबायोटिक्स खाने के एक घंटे पहले पानी के साथ, या फिर खाना खाने के दो घंटे बाद ग्रहण करना चाहिए. इसलिए अगर आप दूध के साथ एंटीबायोटिक्स ग्रहण करते हैं तो ऐसा करना छोड़ दें.

नींबू
परहेज़ करेंः यदि आप कफ की दवा ले रहे हैं.
यदि आप डेक्सट्रोमेथॉर्फिन युक्त कफ की दवा ले रहे हैं तो नींबू, संतरा जैसे खट्टे खाद्य पदार्थ लेने से बचें. सिट्रस फूड्स शरीर द्वारा दवा को ब्रेक डाउन करके अवशोषित करने की प्रक्रिया में बाधा पहुंचाते हैं, जिससे सुस्ती इत्यादि जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं.

स्मोक्ड सैल्मन (मछली)
परहेज़ करेंः यदि आप एंटीडिप्रेसेंट खाते हैं.
अगर आपका एंटीडिप्रेसेंट, मोनोमाइन ऑसिडैज इंहिविटर्स (एमएओआईएस) के कैटेगरी में आता है तो किसी भी प्रकार का स्मोक्ड मीट खाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें. मीट्स में टाइरामाइन की मात्रा अधिक होती है और इन्हें एमएओआईएस के साथ मिक्स करने पर ब्लडप्रेशर बढ़ने का ख़तरा होता है. इस रिक्स लिस्ट में प्रोसेस्ड मीट्स व फिश भी आते हैं.

सोयाबीन व अखरोट
परहेज़ करेंः यदि आप थायरॉइड की दवालेते हैं.
हाई फाइबर फूड दवा को शरीर में अवशोषित होने से रोकते हैं. अगर आप हाई फाइबर डायट ग्रहण करते हैं, तो दवा को देर शाम या रात में ग्रहण करें. एक अध्ययन में यह सिद्ध हुआ है कि नाश्ते के पहले दवा ग्रहण करने की बजाय सोने से पहले लेना ज़्यादा बेहतर होता है.

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दवा खाने के बाद क्या क्या नहीं खाना चाहिए?

साथ ही इससे शरीर में दवाई का असर सही से नहीं होता. छाछ- अगर आप छाछ या दूध के साथ दवाई का सेवन करते हैं तो यह काफी खराब माना जाता है. छाछ से दवाई के अवशोषण और टूटने की प्रक्रिया प्रभावित होती है. ऐसे में मरीजों को सलाह दी जाती है कि वह दवाई खाते समय सिर्फ पानी का ही सेवन करें.

दवा खाने के बाद क्या करना चाहिए?

दवा को सही या निर्धारित समय पर ना लेना हर दवा एक समान नहीं होती, और ना ही उन्हें खाने का तरीका समान हो सकता है। कुछ दवाओं को खाने के बाद, तो कुछ को खाली पेट खाया जाता है। इसके अतिरिक्त दवाओं को खाने से आधे घण्टे पहले या खाने के एक घण्टे बाद खाने के भी निर्देश डॉक्टर देते हैं।

दवा का असर कब होता है?

वैसे हर दवा का असर करने का समय अलग-अलग होता है। ज्यादातर ऐसी दवाएं दी जाती हैं जिसका असर कम से कम 24 घंटे तक रहे। दवा खाने से आधे घंटे पहले व बाद में नशीले पदार्थ न लें। होम्योपैथिक दवा ले रहे हैं तो कच्चे प्याज, लहसुन, कॉफी, पिपरमिंट और सुगंधित वस्तुओं से परहेज करना चाहिए।

दवा का असर कैसे खत्म करें?

इससे बचने के लिए आप दही, नारियल पानी और नींबू पानी का सेवन कर सकते हैं. इसके साथ ही आप ब्राउन, होल वीट ग्रेन और हाई फाइबर युक्त सब्जियां और फल खा सकते हैं जैसे बींस, सेब और ब्रोकली का सेवन करने से आप इससे छुटकारा पा सकते हैं. डायरिया की समस्या डायरिया की समस्या दवा के कारण बड़े और बच्चों दोनों में हो जाती है.