Author: Rakesh RanjanPublish Date: Mon, 12 Jul 2021 08:32 AM (IST)Updated Date: Mon, 12 Jul 2021 11:48 AM (IST) Show
थोड़ी सी सावधानी और घरेलू उपाय से एसिडिटी को आप खुद ही ठीक कर सकते हैं। इसके लिए यह समझना जरूरी है कि एसिडिटी में क्या होता है। भाेजन काे पचाने वाला एसिड पेट के अंदर विटामिन बी-12 को सोख लेता है। जमशेदपुर, जासं। भोजन करने के बाद जब भोजन पेट के अंदर पाचन तंत्र में पहुंचता है, तब इस भोजन को पचाने के लिए एक एसिड बनता है। यह पेट में भोजन को पचाने का काम करता है। जब यह एसिड पेट में जरूरत से ज्यादा बनने लगे तो एसिडिटी हो जाती है। इससे पेट में जलन होने लगती है, जो छाती तक पहुंच जाती है। इसे हार्ट बर्निंग भी कहा जाता है। दरअसल जब हम भोजन को अप्राकृतिक बना लेते हैं, तो हमारा पाचन तंत्र ठीक तरीके से काम नहीं करता है। एसिडिटी होने की यही मूल वजह है। जमशेदपुर की आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय बताती हैं कि इसे लेकर बहुत ज्यादा चिंता नहीं करें। थोड़ी सी सावधानी और घरेलू उपाय से एसिडिटी को आप खुद ही ठीक कर सकते हैं। इसके लिए यह समझना जरूरी है कि एसिडिटी में क्या होता है। भाेजन काे पचाने वाला एसिड पेट के अंदर विटामिन बी-12 को सोख लेता है। यह विटामिन हमारे मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र या नर्वस सिस्टम को उचित तरीके से काम करने में मदद करता है। यह एसिड हमारे पेट में मौजूद जानलेवा बैक्टीरिया को ख़त्म करने में मदद करता है। पेप्सिन एंजाइम को सक्रिय करता है जो प्रोटीन को पचाने में मदद करता है। इससे हम जो भी पौष्टिक भोजन करते हैं, उसमें मौजूद प्रोटीन शरीर के तंत्रिकाओं में पहुंचता है। इसी से हमें बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है। यही पाचन तंत्र को भी सही तरीके से काम करने देता है और अंगों को सक्रिय करता है। एसिडिटी के कारण - चाय और कॉफी पीने से एसिडिटी होती है। खासकर भूखे पेट होने पर कभी भी चाय कॉफ़ी ना पीएं। - धूम्रपान करने से भी एसिडिटी होती है। - ज्यादा और अनियमित चटपटा मसाले वाला भोजन करना। - भूख लगने पर भोजन नहीं करना या ज्यादा देर तक भूखे रहना। - दिन में कभी भी कुछ भी खा लेना। - खाना खाने के बाद तुरंत सो जाना। - तैलीय चीजें या आयली फूड खाना भी एसिडिटी का कारण होता है। - कम पानी पीने से भी एसिडिटी होती है। - टमाटर और चावल न खाएं। एसिडिटी रोकने के घरेलू उपाय केले में पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह हमारे पेट में एसिड बनने से रोकता है। केले में अन्य बहुत से ऐसे पदार्थ होते हैं, जो पाचन तंत्र से संबंधित शिकायतों को दूर करने में मदद करते हैं। इसमे में फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। जब भी आपको एसिडिटी की शिकायत होने लगे तो केले से एसिडिटी का उपचार कर सकते हैं। तुलसी : एसिडिटी होने पर 5-6 तुलसी के पत्तों को अच्छे से चबा-चबाकर खाएं व चूसें, तुलसी का यह प्रयोग बहुत आसान और मददगार है। इलाइची : इलाइची कफ, पित्त, वात दोष को को ख़त्म करने के लिए बहुत प्रसिद्ध है। एसिडिटी से राहत पाने के लिए 2 इलाइची लेकर उसके दाने निकाल लें, फिर इन्हे पानी में डालकर अच्छे से उबाल लें। इसके ठंडा होने पर जब भी पेट व सीने में जलन महसूस हो तो इलाइची के इस ड्रिंक को पीएं, इसे पीने से तुरंत आराम मिलेगा। एलोवेरा : एसिडिटी के लिए सबसे अच्छा उपाय होता है एलोवेरा। आप खाना खाने से पहले ही चार चम्मच एलोवेरा का जूस पी लें। ज्यादा समस्या होती हो तो खाना खाने के आधे घंटे बाद भी चार चम्मच एलोवेरा जूस पी लें। इससे एसिडिटी की समस्या स्थायी रूप से ठीक हो जाती है। लौंग : लौंग में ऐसे रासायनिक तत्त्व होते हैं, जो पाचन तंत्र को साफ़ बनाए रखते हैं। अगर आप एसिडिटी से ग्रसित है तो एक दो लौंग मुंह में रखकर चबाएं और चूसें। जब इसमें से रस निकलने लगे तो उसे पेट में उतार लें या घोंट लें। यह उपाय पेट से संबंधित सभी समस्याओं जैसे उलटी, जी मिचलना आदि को तुरंत ख़त्म कर देता है। आंवला : यह कफ और पित्त की शिकायत को ख़त्म करता है। इसमे विटामिन-सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके सेवन से पेट के सभी अंग स्वस्थ बनते हैं। यह एसिडिटी को भी नियंत्रित करता है। रोजाना दिन में दो बार आंवला के चूर्ण या पाउडर का सेवन करें। यह एसिडिटी को शांत करेगा। दूध : दूध में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। कैल्शियम एसिड को अनियंत्रित होने से रोकता है। ठंडा दूध एसिडिटी का इलाज करता है। दूध पेट की जलन से तुरंत राहत दिलाता है। पेट की आंतों को शांत करता है, जिससे शरीर में जलन बंद हो जाती है। इसके लिए यह जरुरी है कि दूध ठंडा हो और उसमे किसी भी तरह का कोई पाउडर, चीनी आदि न मिली हो। आप इस दूध में थोड़ा शुद्ध घी भी मिला सकते हैं। ऐसा करने से यह और ज्यादा असरदार हो जाएगा। बहुत से लोगों को सोते वक्त पेट में जलन होती है। यह जलन गलत तरफ सोने से होती है। नींद में सोते वक्त होने वाली पेट में जलन से बचने के लिए हमेशा बायें करवट सोएं। इस दिशा में सोने से जलन बिलकुल नहीं होगी और याद रखें, दायें करवट कभी ना सोएं। Edited By: Rakesh Ranjan
शेयर करें
शेयर करें एसिडिटी (पेट में जलन) क्या है? एसिडिटी या पेट में जलन महसूस होना एक सामान्य समस्या है, जो मुख्य रूप से छाती या सीने में जलन पैदा करती है। आम तौर से ये जलन छाती के निचले हिस्से के आस-पास महसूस होती है। पेट के अम्लीय पदार्थों का खाने की नली (ग्रासनली या इसोफेगस) में आ जाना एसिडिटी का मुख्य कारण होता है। पेट में "हाइड्रोक्लोरिक एसिड" नामक अम्ल होता है। यह अम्ल भोजन को टुकड़ों में तोड़ता है, और बैक्टीरिया जैसे रोगजनकों से बचाता है। पेट की अंदरूनी परत शक्तिशाली होती है, जो हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के प्रति अनुकूलित होती है, मगर इसोफेगस की परतें इस अम्ल के प्रति अनुकूलित नहीं होती इसलिए उसमें जलन महसूस होने लग जाती है। बार-बार होने वाली एसिडिटी की समस्या को गर्ड (एसिड भाटा रोग) कहा जाता है। एसिडिटी क्या खाने से होती है?जब आप खाना निगलते हैं तो आपके एसोफैगस (निचला एसोफेजल स्फिंक्टर) के नीचे मांसपेशियों का एक हिस्सा ढीला पड़ता है ताकि खाना और तरल पदार्थ आपके पेट में जा सके. खाना खाने के बाद ये मांसपेशी फिर से टाइट हो जाती है. एसिडिटी तब होती है जब पेट का एसिड वापस ग्रासनली में आ जाता है. एसिडिटी (पेट में जलन) के लक्षण - Acidity (Pet me jalan) Symptoms in Hindiएसिडिटी के लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं -
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए? निम्न परिस्थियां होने पर डॉक्टर के पास जाना चाहिए -
पेट में जलन (एसिडिटी) के कारण - Acidity Causes in Hindi
एसिडिटी (पेट में जलन) क्यों होती है?
अन्य जोखिम कारक जिनमें शामिल हैं:
एसिडिटी (पेट में जलन) से बचाव - Prevention of Acidity (pet me jalan) in Hindiएसिडिटी होने से कैसे रोकें? कुछ खाद्य पदार्थों और खाने की आदतों में बदलाव लाकर एसिडिटी होने से रोकी जा सकती है। एसिडिटी (पेट में जलन) रोकने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं -
एसिडिटी का परीक्षण - Diagnosis of Acidity in Hindiएसिडिटी का निदान कैसे किया जाता है? आम तौर पर जीवन शैली में बदलाव और एसिडिटी की दवाएं देने के बाद सीने में जलन के लक्षणों में किसी प्रकार का सुधार ना होता देखकर इसका निदान हो जाता है। एसिडिटी और सीने में जलन सामान्य समस्या है और इनका निदान करना भी काफी आसान होता है। हालांकि कई बार इनके कारण निमोनिया, दिल का दौरा और अन्य छाती संबंधी समस्याओं का भ्रम भी हो सकता है। निम्न प्रकार की जांच करने की आवश्यकता हो सकती है:
एसिडिटी (पेट में जलन) का उपचार - Acidity Treatment in Hindiएसिडिटी का इलाज क्या है? पेट में जलन या एसिडिटी के उपचार में अक्सर जीवनशैली में बदलाव, दवाएं और बहुत ही कम मामलों में सर्जरी करने की आवश्यकता पड़ती है। इसके उपचार का मुख्य लक्ष्य लक्षणों को कम करना, जीवन की गुणवत्ता को सुधारना, इसोफेगस को ठीक करना और किसी भी प्रकार की जटिलताओं से बचाव करना। दवाएं –
सर्जरी – कुछ परिस्थियों में सर्जरी का भी विकल्प हो सकता है, जैसे:
सर्जरी द्वारा इसोफेगस के निचले स्फिंक्टर (वॉल्व) के बंद होने के दबाव को बढ़ाया जाता है, जिससे अम्लीय प्रतिवाह की रोकथाम हो जाती है। निगलने आदि में कठिनाई होने पर भी सर्जरी की आवश्यक्ता पड़ सकती है। जीवनशैली में बदलाव – आहार और पोषण के साथ एसिडिटी के लक्षणों को नियंत्रित करने के अलावा, आप जीवन शैली में कुछ बदलाव करके भी इसके लक्षणों को मैनेज कर सकते हैं:
एसिडिटी से क्या प्रॉब्लम होती है?एसिडिटी होने पर सामान्य परेशानियां हो सकती हैं जैसे-
इसके अलावा भी एसिडिटी से कई परेशानियां हो सकती हैं, जैसे -;
एसिडिटी में कौन सी दवा लेनी चाहिए?एसिडिटी की परेशानी को दूर करने के लिए कई दवाई केमिस्ट के पास बिना डॉक्टर की पर्ची के मिल सकती हैं जैसे-
अगर आपको ओवर द काउंटर (बिना डॉक्टर की पर्ची के दवाई मिलना) दवाइयों से एसिडिटी में आराम नहीं मिल रहा है तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. एसिडिटी का परमानेंट इलाज क्या है? एसिडिटी को जड़ से खत्म कैसे करें ?एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए कुछ सुझाव दिए गए है, जिनमें शामिल हैं-
संदर्भ
एसिडिटी (पेट में जलन) के डॉक्टरएसिडिटी (पेट में जलन) की दवा - Medicines for Acidity in Hindiएसिडिटी (पेट में जलन) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है। Showing 1 to 10 of 999 entries एसिडिटी (पेट में जलन) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Acidity in Hindiएसिडिटी (पेट में जलन) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है। Showing 1 to 10 of 324 entries
एसिडिटी (पेट में जलन) पर आम सवालों के जवाबसवाल लगभग 3 साल पहलेमुझे रोज एसिडिटी की प्रॉब्लम होती है। हालांकि, मैं इसके लिए कई तरह दवाईयां भी लेता हूं लेकिन फिर भी मुझे यह समस्या रहती है। मुझे क्या करना चाहिए?एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए आपको कुछ चीजों से परहेज करना चाहिए। जब तक आपको यह समस्या है आप पेट में एसिड बनाने वाली चीजें न खाएं । सामान्य तौर पर, यह समस्या वसायुक्त खाना खाने, टमैटो सॉस, शराब, चॉकलेट, पुदीना, लहसुन, प्याज और कैफीन आदि के सेवन से और भी बढ़ सकती है। आप हरी सब्जियां खाएं और रात के समय कम खाना खाएं, ओवरईटिंग से बचें, खाना खाने के तुरंत बाद बिस्तर पर न लेटें, सोने से तकरीबन 3 घंटे पहले ही खाना खा लिया करें। सवाल लगभग 3 साल पहलेमुझे कुछ महीनों से एसिडिटी की प्रॉब्लम है। मैं बस स्मोकिंग करता हूं, एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?आपको गैस्ट्रिक प्रॉब्लम है। आपको अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करने की जरूरत है जैसे कि आप समय पर खाना खाएं, खाने में गोभी, शिमला मिर्च, खट्टे फलों को कुछ समय के लिए लेना बंद कर दें, खाना खाते समय पानी न पिएं, लगभग 40 मिनट के बाद और जरूरत के मुताबिक ही पानी पिएं, खाने के तुरंत बाद न लेटें और रात को 8 बजे से पहले ही खाना खा लिया करें। रात को खाना खाने के कम से कम 1 घंटे बाद बिस्तर पर सोने जाएं। हमेशा भूख का 75 फीसदी खाना खाएं। आप अपने 3 टाइम के खाने को 5 से 6 बार में बांट लें और थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाएं। तली-भुनी चीजों को खाने से बचें। इन सभी बातों का ध्यान रखें, आपकी प्रॉब्लम धीरे-धीरे ठीक हो जाएगी। सवाल लगभग 3 साल पहलेमेरी उम्र 28 साल है और मुझे पिछले 3 महीनों से गंभीर एसिडिटी की प्रॉब्लम हो रही है। अब मेरी स्थिति बहुत गंभीर हो गई है और मैं पूरी तरह से दवाईयों पर निर्भर हूं। इसके लिए मैं टैबलेट Topcid 40, Zantac and Histac लेता हूं। मैं ज्यादा खाता भी नहीं हूं तो फिर इसका क्या कारण हो सकता है? और इसका उपाय क्या है?ज्यादा तले, तीखे खाने या अधिक भोजन करने की वजह से पेट में एसिडिटी हो सकती है। दवा लेने के साथ आप अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करके एसिडिटी की प्रॉब्लम से बच सकते हैं। इसके लिए आप खाना समय पर खाया करें, रात को सोने से 2 से 3 घंटे पहले ही खाना खा लिया करें, तीखे पदार्थ, शराब व स्मोकिंग से बचें और पानी ज्यादा से ज्यादा पिएं। अगर इसके बाद भी आपकी प्रॉब्लम ठीक नहीं होती है तो आगे की जांच और ट्रीटमेंट के लिए आप गैस्ट्रोलॉजिस्ट से जाकर मिलें। सवाल लगभग 3 साल पहलेमुझे पिछले 2 दिनों से एसिडिटी की प्रॉब्लम है। ऐसा लगता है कि खाना ठीक से गले से नीचे नहीं उतर पा रहा है और खाने और पानी पीने पर गले में जलन और सीने में भारीपन सा महसूस होने लगता है। मुझे क्या करना चाहिए?यह गैस्ट्राइटिस के साथ गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स सिंड्रोम (गर्ड) का एक लक्षण है। दवाईयों की मदद से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। डॉक्टर की सलाह से आप दवा लेना शुरू कर सकते हैं। आप अपनी डाइट में कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स, चाय, खट्टे पदार्थों आदि चीजों का सेवन न करें। सम्बंधित लेखसर्जरी के लिए बैस्ट अस्पताल
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ पेट में जलन का मुख्य कारण क्या है?भोजन करने के बाद जब भोजन पेट के अंदर पाचन तंत्र में पहुंचता है, तब इस भोजन को पचाने के लिए एक एसिड बनता है। यह पेट में भोजन को पचाने का काम करता है। जब यह एसिड पेट में जरूरत से ज्यादा बनने लगे तो एसिडिटी हो जाती है। इससे पेट में जलन होने लगती है, जो छाती तक पहुंच जाती है।
पेट में जलन हो रही हो तो क्या करें?एसिडिटी से तुरंत छुटकारा पाने के लिए खाने वाला या बेकिंग सोडा एक गिलास पानी में मिलाकर पीएं। इसके सेवन से तुरंत आराम मिलेगा। रात के समय त्रिफला चूर्ण और शहद का सेवन करने से भी एसिडिटी में आराम मिलता है। थोड़ी सी अजवाइन को एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से भी एसिडिटी या पेट की जलन बंद हो जाती है।
पेट में तेजाब बनने के क्या लक्षण होते हैं?जब पेट में गर्माहट बढ़ने लगती है तो गर्म तासीर वाली चीजें, अधिक मिर्च, मसाला या खटाई खाने से पेट में पित्त उत्पन्न होता है। सीने और गले में लगातार जलन, सूखी खांसी, पेट फूलना, सांसों में बदबू, खट्टी डकार, कभी-कभी उल्टी होना, उल्टी में अम्ल या खट्टे पदार्थ का निकलना जैसी समस्याएं एसिडिटी के कारण होने लगती हैं।
बार बार एसिडिटी क्यों होती है?एसिडिटी के कारण कई बार रोगी ऐसा महसूस करता है जैसे भोजन उसके गले में आ रहा है या कई बार डकार के साथ खाना मुँह में आ जाता है। रात्रि में सोते समय इस तरह की शिकायत ज्यादा होती है। कई बार एसिड भोजन नली से सांस की नली में भी पहुंच जाता है, जिससे मरीज को दमा या खांसी की तकलीफ भी हो सकती है।
|