हमारे देश भारत मे धान की खेती (Paddy farming) बङे पैमाने पर की जाती हैं खाद्यान्न फसलों में धान अनाज वाली फसलों में दूसरी सबसे महत्वपूर्ण फसल है। चीन के बाद भारत में सबसे ज्यादा धान का उत्पादन होता है। चीन, भारत और इंडोनेशिया दुनिया के शीर्ष तीन धान उत्पादक देश हैं। पश्चिम बंगाल भारत में धान का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है इस राज्य में एक वर्ष में धान की दो फसलें उगाई जाती हैं। पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़,
ओडिशा, हरियाणा एवं मध्य प्रदेश धान के प्रमुख्य उत्पादक राज्य हैं। इसकी खेती भारत के उत्तरी से दक्षिणी प्रदेशों तक होती है। Show धान की खेती करना किसानों के लिए काफी मेहनत भरा होता है, क्योंकि धान की खेती मे किसानों को कई तरह के कार्यों को करना होता हैं। इसकी खेती करने से पहले किसानों को धान की किस्मों (Paddy Variety) का चयन अपने वतावरण, भूमि की स्थिति एवं जल की उपलब्धता के आधार पर उपयुक्त किस्मों का चुनाव करना पङता हैं। साथ ही इसकी खेती के लिए किसान को धान की नर्सरी तैयार करनी होती है और नर्सरी तैयार हो जाने के बाद एक-एक पौधे की रोपाई करनी होती है, जिसमें काफी समय और पैसा लगता है। Paddy Farmingधान की खेती करने से पहले धान की किस्मों के बारे मे जानकारी होना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि धान की कई ऐसी किस्मे है जिनकी अलग-अलग पैदावार और विशेषता होती है। नीचे के सारणी मे धान की कुछ किस्मों के साथ उसकी पैदावार और विशेषता की जानकारी दी गई है तो आइये जानते है कि धान की खेती के लिए कौन-कौन से किस्मे है और इन किस्मों की क्या खासियत है। धान की किस्में (Paddy Variety)
धान की जल्दी तैयार होने वाली किस्में (Early maturing varieties of paddy)➢ लगभग 90 से 100 दिनों मे पककर तैयार होने वाली धान की किस्म निम्नलिखित हैं।
धान की मध्यम अवधि मे तैयार होने वाली किस्में (Medium duration varieties of paddy)➢ लगभग 110 से 130 दिनों मे पककर तैयार होने वाली धान की किस्म निम्नलिखित हैं।
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पूसा सुगंधा 04 ➢ यह मध्यम अवधि की किस्म जो 135 से 140 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं, यह किस्म बासमती गुणों से युक्त हैं। यह किस्म फुदका एवं अंगमारी रोग के प्रति प्रतिरोधक हैं इसके दाने लंबे तथा पतले होते हैं। इस किस्म का उत्पादन 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हैं। इम्प्रूव पूसा बासमती ➢ यह जल्दी पककर तैयार होने वाली सुगंधित धान की किस्म है यह किस्म अंगमारी रोग के प्रति प्रतिरोधक हैं। इसकी औसत उपज 50 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हैं। अशोका 200 एफ ➢ यह किस्म 80 से 85 दिनों मे पककर तैयार हो जाता हैं इस किस्म मे रोगों से लङने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता पाई गई हैं। इसकी उपज 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
हैं। आई.आर. 64 ➢ यह छोटी कद वाली धान की किस्म हैं, इसके चावल के दाने पतले तथा लंबे होते हैं। यह न गिरने वाली एवं अधिक उपज देने वाली किस्म हैं जो 135 से 140 दिन मे पककर तैयार हो जाती हैं। यह किस्म तना गलन के प्रति प्रतिरोधक हैं इसकी औसत पैदावार 20 से 23 क्विंटल प्रति एकङ हैं। पूसा 44 ➢ यह बौनी धान की किस्म हैं जो 140 से 145 दिन मे पककर तैयार हो जाती हैं। इसके अनाज के दाने लंबे होते हैं। इस धान की किस्म की खास बात हैं की इसका छिलका आसानी से उतर जाता हैं जिससे मिलिकरण के दौरान चावल के दाने कम टूटते हैं। इसकी उपज 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हैं। पूसा 834 ➢इसकी उपज 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हैं और यह धान की बौनी किस्म हैं। इसके आनज के दाने मध्यम, लंबे तथा खाने मे स्वादिष्ट तथा मुलायम होते हैं। यह किस्म 120 से 125 दिनों मे पककर तैयार हो जाता हैं। पी.एन.आर 546 ➢ यह धान की किस्म 110 दिनों मे पककर तैयार हो जाता हैं इसकी उपज 50 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हैं। जे.आर 201 ➢ यह धान की शीघ्र पकने वाली किस्म है जो 90 से 95 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं इसकी उपज 35 से 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हैं। धान की रोपाई मशीन के द्वारापी.एन.आर 381 ➢ यह धान की किस्म 120 दिनों मे पककर तैयार हो जाता हैं इसकी उपज 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हैं। यह धान की मध्यम बौनी किस्म हैं इसके दाने मध्यम लंबे होते हैं तथा खाने मे स्वादिष्ट लगते हैं। जे.आर.एच. 12 ➢ यह धान की संकर किस्म हैं जिसकी उपज 65 से 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हैं। यह किस्म 90 दिनों मे पककर तैयार हो जाता हैं। जे.आर. 34 ➢ यह धान की मध्यम अवधि मे पकने वाली किस्म हैं जो 125 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं इसकी उपज 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हैं। एम.टी.यू. 1010 ➢ यह धान की मध्यम अवधि मे पकने वाली किस्म हैं जो 110 से 115 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं इसकी उपज 50 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हैं। Paddyसहभागी ➢ यह धान की शीघ्र पकने वाली किस्म है जो 90 से 95 दिनों मे पककर तैयार हो जाती हैं इसकी उपज 35 से 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हैं। तो मुझे आशा है कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा, अगर आपको पसंद आया है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। और उन तक भी धान के किस्मों के बारे मे जानकारी पहुँचाए। यह भी पढे..
धन्यबाद
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धान की इस किस्म के पौधे लंबे तथा दाने सफेद होते हैं। यह 150 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसके पौधे की ऊंचाई 140 से 150 सेंटीमीटर तक हो जाती है। औसतन पैदावार 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त होती है।
सबसे मोटा धान कौन सा है?मोटा धान की 8 उन्नत किस्में, 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है.... कामेश (सीआर धान 40) Kamesh (CR Dhan 40) ... . आरआर - 167 (बंदना) RR - 167 (Bandana) ... . Naveen (नवीन) ... . Tapaswini (तपस्विनी) ... . CRLC - 899 (वर्षा धान) ... . CR Dhan - 402 (luna sampad) सीआर धान - 402 (लूना संपदा) ... . नुआ कालाजीरा (Nua - Kalajeera) ... . नुआ - धुसर (Nua - Dhusara). धान में सबसे अच्छा बीज कौन सा है?[ हाइब्रिड धान की किस्में 2022 ] जानिए धान की उन्नत किस्म के बीज | Dhan ki top variety. 5 कावेरी 468 हाईब्रिड धान-. 6 पायोनियर की 27 P31 हाईब्रिड धान-. 7 एडवांटा गोल्डन सीड. 8 पुसा बासमती 1509 धान बीज ?. 9 पुसा बासमती 1121 धान बीज ?. 10 बायर की Arize 6741 धान वेरायटी ?. 11 SHAHI DAAWAT- शाही दावत चावल (Suruchi MRP 5901) –. |