Formulae Handbook for Class 9 Maths and ScienceEducational Loans in India NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 7 धर्म की आड़ is part of
NCERT Solutions for Class 9 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 7 धर्म की आड़. पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास मौखिक प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. लिखित प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. (ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में ) लिखिए- प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. (ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए- प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. भाषा-अध्ययन प्रश्न 1.
उत्तर-
प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
प्रश्न 5.
योग्यता-विस्तार प्रश्न 1. अन्य पाठेतर हल प्रश्न लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर लिखिए- प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न
6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. More Resources for CBSE Class 9
We hope the given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 7 धर्म की आड़ will help you. If you have any query regarding NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 7 धर्म की आड़, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. धर्म की आड़ पाठ के आधार पर लिखिए कि धर्म की भावना कैसे होनी चाहिए?'धर्म की आड़' पाठ में निहित संदेश यह है कि सबसे पहले हमें धर्म क्या है, यह समझना चाहिए। पूजा-पाठ, नमाज़ के बाद दुराचार करना किसी भी रूप में धर्म नहीं है। अपने स्वार्थ के लिए लोगों को गुमराह कर शोषण करना और धर्म के नाम पर दंगे फसाद करवाना धर्म नहीं है। सदाचार और शुद्ध आचरण ही धर्म है, यह समझना चाहिए।
धर्म के आड़ पाठ के आधार पर धर्म के बारे में क्या क्या कहा है?प्रस्तुत पाठ 'धर्म की आड़' में लेखक ने उन लोगों के इरादों और कुटिल चालों को बेनकाब किया है, जो धर्म की आड़ लेकर जनसामान्य को आपस में लड़ाकर अपना स्वार्थ सिद्ध करने की फिराक में रहते हैं। धर्म की आड़ में अपना स्वार्थ सिद्ध करने वाले हमारे ही देश में हों, ऐसा नहीं है।
हमारे देश में धर्म के नाम पर क्या हो रहा है?उत्तर:- चालाक लोग धर्म और ईमान के नाम पर सामान्य लोगों को बहला फुसला कर उनका शोषणकर अपना स्वार्थ सिद्ध करते हैं। वे धर्म के नाम पर दंगे फसाद, लोगों को एक-दूसरे से लड़ाना, हिंसा फैलाना और लोगों की शक्ति का दुरूपयोग करना आदि कई सारे अमानवीय कार्य करते हैं। इस प्रकार धर्म की आड़ में एक व्यापार जैसा चल रहा है।
धर्म की आड़ पाठ के आधार पर समझाइए कि धर्म कैसे प्रेम सद्भाव सहयोग जैसी भावनाएं जागाने का साधन बन सकता है?धर्म की उपासना के मार्ग में कोई रुकावट न हो। जिसका मन जिस प्रकार चाहे, उसी प्रकार धर्म की भावना को अपने मन में जगावे। धर्म और ईमान, मन का सौदा हो, ईश्वर और आत्मा के बीच का संबंध हो, आत्मा को शुद्ध करने और ऊँचा उठाने का साधन हो। वह किसी दशा में भी, किसी दूसरे व्यक्ति की स्वाधीनता को छीनने या कुचलने का साधन न बने।
|