उद्देश्य और विधेय किसे कहते हैं उदाहरण - uddeshy aur vidhey kise kahate hain udaaharan

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वाक्य के अंग - उद्देश्य और विधेय संपूर्ण जानकारी

वाक्य के अंग - उद्देश्य और विधेय की संपूर्ण जानकारी


           

हिंदी व्याकरण में उद्देश्य और विधेय वाक्य के दो अंग माने जाते हैं। आज हम हिंदी व्याकरण में वाक्य के अंग- उद्देश्य और विधेय ( uddesay and vidhey )  के बारे में बहुत ही सरल रूप में जानकारी प्राप्त करेंगे।

   

वर्ण को भाषा की सबसे छोटी इकाई मानते हैं । इसके और टुकड़े नहीं कर सकते हैं। जब दो या दो से अधिक वर्णो का सार्थक समूह बनता है तो वह सार्थक समूह शब्द कहलाता है।

अर्थात् वर्णों के सार्थक समूह को ही शब्द कहते हैं । शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य कहा जाता है। वाक्य के इस सार्थक समूह में ही उद्देश्य और विधेय अलग-अलग होता है। इन दोनों का विस्तार भी वाक्य में होता है।

वाक्य के अंग -

वाक्य के मुख्य रूप से दो अंग होते हैं -

  1. उद्देश्य
  2. विधेय

उद्देश्य और विधेय का विश्लेषण जानने के लिए इनके विस्तार को जानना आवश्यक है। हम उद्देश्य और विधेय के बारे में विस्तार से जानने का प्रयास करेंगे।

उद्देश्य  और विधेय -  uddesay and vidhey 

उद्देश्य और विधेय को विस्तार रूप में हम इस प्रकार  सकते हैं -

 उद्देश्य - uddesay 

किसी भी वाक्य में कर्त्ता ही उद्देश्य होता है अर्थात वाक्य में जिसके संबंध में कहा जाता है उसे उद्देश्य कहते हैं। यदि कर्त्ता के साथ कोई विशेषण शब्द प्रयुक्त होता है तो उसे कर्त्ता का विस्तारक माना जाता है। कर्त्ता का विस्तारक भी उद्देश्य के ही अंतर्गत आता है।


उद्देश्य और विधेय किसे कहते हैं उदाहरण - uddeshy aur vidhey kise kahate hain udaaharan
उद्देश्य 
  • जैसे राम घर जाता है।
 

यहां पर केवल राम ही उद्देश्य है।

  • सुंदर बालक हंसता है । 

यहां पर सुंदर शब्द विशेषण है जो कर्ता का विस्तारक है।

  • आजकल कोई भी किसी का साथ देने को तैयार है।
  • मोहन तो सुरेश का भाई है।
  • वह अच्छा लड़का है।
  • राधिका का ससुर मेरा भाई है। 

विधेय - </span></b></div> <span style="color:#990000"><br></span> <br> <div style="text-align:justify"> &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp;वाक्य में<span style="color:#cc0000"> क्रिया के संबंध में जो कुछ भी कहा जाता है उसे विधेय कहते हैं।</span> विधेय के अंतर्गत वाक्य में निहित क्रिया, क्रिया का विस्तारक, कर्म, कर्म का विस्तारक साथ ही पूरक तथा पूरक का विस्तारक को शामिल किया जाता है।</div> <div style="text-align:justify"><br></div> जैसे - <span style="color:#351c75">राम घर जाता है।</span> यहां जाता है तथा घर विधेय के अंतर्गत आते हैं। यहां क्रिया व कर्म का प्रयोग हुआ है।<br> <br> <br> <table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left:auto;margin-right:auto;text-align:center"><tbody> <tr><td style="text-align:center"><a target="_blank" href="https://1.bp.blogspot.com/-Xlt5MD1p9AA/XvXfHuctMtI/AAAAAAAAAIQ/X7cYyrokldU7k-hscR7ZsFLvxeGBGSsPACLcBGAsYHQ/s1600/vidhey.jpeg" style="margin-left:auto;margin-right:auto"><img alt="vidhey-in-hindi" border="0" data-original-height="68" data-original-width="179" src="https://1.bp.blogspot.com/-Xlt5MD1p9AA/XvXfHuctMtI/AAAAAAAAAIQ/X7cYyrokldU7k-hscR7ZsFLvxeGBGSsPACLcBGAsYHQ/s1600/vidhey.jpeg" title="vidhey-in-hindi"></a></td></tr> <tr><td class="tr-caption" style="text-align:center">विधेय&nbsp;</td></tr> </tbody></table> <br> <br> अब हम <b>उद्देश्य और विधेय को उदाहरणों के माध्यम से </b>समझने का प्रयास करते हैं-<br> <br><br><span style="color:#20124d"> उद्देश्य और उसके विस्तार से संबंधित उदाहरण -</span><br> <ul style="text-align:left"> <li><b>मेरे लिए तो</b> सब कुछ आसान है। </li> <li><b>राम</b> बाग में जाता है ।</li> <li><b>सीता </b>फल खाती है।</li> <li><b>अच्छा बालक</b> रोज पढ़ता है।</li> <li><b>राम ने</b> रावण को मारा।</li> <li><b>गाय</b> घास खा रही है।</li> <li><b>मोहन</b> बाजार जा रहा है।</li> <li><b>मेरी बहन गीता</b> आज विदेश जाएगी।</li> </ul> <br> यहां स्थूलाक्षर सभी शब्द उद्देश्य के विस्तार से संबंधित है।<br> <script async crossorigin="anonymous" src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-2686568848714275">
विधेय तथा विधेय का विस्तार -

  • आज तो अच्छा हुआ।
  • राम ने रावण को मारा ।
  • पक्षी आकाश में उड़ रहे हैं ।
  • वह बालिका बहुत अच्छा काम करती है। 
  • सुंदर मोर बहुत देर से नाच रहा है।
  • मेरा भाई नरेश तो रात दिन मेहनत करता है।

यहां रेखांकित सभी शब्द विधेय के विस्तार को प्रकट करते हैं।

उद्देश्य और विधेय  का अभ्यास  -

वह घर गया।
राम अभी आ रहा है।
यह बालक कहां जा रहा है।
आपको मैंने कल भी कहा था।
कितना सुंदर पक्षी दाना चुग रहा है।
आप कहां गए थे?
मेरा बड़ा भाई नरेश कल दिल्ली से आ रहा है।
कोरोना से तो हर कोई डर गया ।
भारत के प्रधानमंत्री वास्तव में एक महान व्यक्तित्व है।

 

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 यह भी जानें -👇👇

                 

इस प्रकार आज हमने वाक्य के अंग उद्देश्य और विधेय ( uddesay and vidhey ) के बारे में सरल रूप में जानकारी प्राप्त की है। हमने जाना की कर्त्ता के संबंध में जो कुछ भी कहा जाए वह उद्देश्य और उद्देश्य का विस्तार होता है तथा क्रिया के संबंध में जो कुछ भी कहा जाए वह विधेय तथा विधेय का विस्तार होता है। पूरक का विस्तार से तात्पर्य कर्त्ता व क्रिया के साथ प्रयुक्त शब्द होते हैं। क्रिया के साथ आने वाले विशेषण क्रिया के विस्तार से संबंध रखते हैं ।क्योंकि इन्हें क्रिया विशेषण कहते हैं ।

वाक्य के अंग उद्देश्य और विधेय के बारे में जानकारी अच्छी लगी है तो अपने साथियों को भी अवश्य शेयर करें। जानकारी अच्छी लगी है तो कमेंट अवश्य करके बताएं।

उद्देश्य और विधेय क्या है example?

वाक्य में जिसके विषय में कहा जाता है, उसे उद्देश्य कहते हैं और उद्देश के विषय में जो कहा जाए उसे विधेय कहते हैं। जैसे.. शैलेश विद्यालय जा रहा है। इस वाक्य में शैलेश 'उद्देश्य' है, और विद्यालय जा रहा है, 'विधेय' है।

उद्देश्य क्या है उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए?

किसी भी वाक्य में कर्त्ता ही उद्देश्य होता है अर्थात वाक्य में जिसके संबंध में कहा जाता है उसे उद्देश्य कहते हैं। यदि कर्त्ता के साथ कोई विशेषण शब्द प्रयुक्त होता है तो उसे कर्त्ता का विस्तारक माना जाता है। कर्त्ता का विस्तारक भी उद्देश्य के ही अंतर्गत आता है। जैसे राम घर जाता है।

विधेय से क्या अभिप्राय है?

वह (शब्द या वाक्य) जिसके द्वारा किसी के संबंध में कुछ कहा जाय । जैसे,—'गोपाल सज्जन है' इस वाक्य में 'सज्जन है' विधेय है; क्योंकि वह गोपाल के संबंध में कुछ विधान करता है, अर्थात् उसकी कोई विशेषता बताता है । विशेष—न्याय और व्याकरण में वाक्य के दो मुख्य भाग माने जाते हैं—उद्देश्य और विधेय

जिस वाक्य में एक उद्देश्य और एक विधेय हो उस वाक्य को क्या कहते हैं?

Solution : जिस वाक्य में एक उद्देश्य एवं एक ही विधेय हो, वह सरल या साधारण वाक्य कहलाता है।