उपसर्ग ऐसे शब्दांश जो किसी शब्द के पूर्व जुड़ कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं या उसके अर्थ में विशेषता ला देते हैं। उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है - किसी शब्द के समीप आ कर नया शब्द बनाना। Show
उपर्युक्त उदाहरण में 'प्र', 'आ', 'सम्' और 'वि' का अलग से कोई अर्थ नहीं है, 'हार' शब्द के आदि में जुड़ने से उसके अर्थ में इन्होंने परिवर्तन कर दिया है। इसका मतलब हुआ कि ये सभी शब्दांश हैं और ऐसे शब्दांशों को उपसर्ग कहते हैं। हिंदी के उपसर्गः[संपादित करें]हिंदी में बाइस (22) उपसर्ग हैं। अति - exceover, beyond अधि - above, additional, upon अनु - after, behind, along, near, with, orderly अप - away, off, back, down, negation, bad, wrong अपि - placing over, uniting, proximity, in addition to अभि - intensive, over, towards, on, upon अव - down, off, away आ - towards, near, opposite, limit, diminutive उत्, उद् - up, upwards, off, away, out, out of, over उप - near, inferior, subordinate, towards, under, on दुस्, दुर्, दुः - bad, hard, difficult, inferior नि - negation, in, into, down, back निस्, निर्, निः - negative, out, away, forth, intensive परा - away, off, aside परि - round, about, fully प्र - forth, on, onward, away, forward, very, excessive, great प्रति - towards, in opposition to, against, upon, in return,back, likeness, every वि - without, apart, away, opposite, intensive, different सम् - with, together, completely सु - good, well, easy
कुछ शब्दों के पूर्व एक से अधिक उपसर्ग भी लग सकते हैं। उदाहरण
अत्युत्कृष्ट, निर्विकार, सुसंगति इत्यादि उर्दू-फारसी के उपसर्गअल - निश्चित, अन्तिम - अलविदा, अलबत्ता कम - हीन, थोड़ा, अल्प - कमसिन, कमअक्ल, कमज़ोर खुश - श्रेष्ठता के अर्थ में - खुशबू, खुशनसीब, खुशकिस्मत, खुशदिल, खुशहाल, खुशमिजाज ग़ैर - निषेध - ग़ैरहाज़िर ग़ैरकानूनी ग़ैरवाजिब ग़ैरमुमकिन ग़ैरसरकारी ग़ैरमुनासिब दर - मध्य में - दरम्यान दरअसल दरहकीकत ना - अभाव - नामुमकिन नामुराद नाकामयाब नापसन्द नासमझ नालायक नाचीज़ नापाक नाकाम फ़ी - प्रति - फ़ीसदी फ़ीआदमी ब - से, के, में, अनुसार - बनाम बदस्तूर बमुश्किल बतकल्लुफ़ बद - बुरा - बदनाम बदमाश बदकिस्मत बदबू बदहज़मी बददिमाग बदमज़ा बदहवास बददुआ बदनीयत बदकार बर - पर, ऊपर, बाहर - बरकरार बरवक्त बरअक्स बरजमां कंठस्थ बा - सहित - बाकायदा बाकलम बाइज्जत बाइन्साफ बामुलाहिज़ा बिला - बिना - बिलावज़ह बिलालिहाज़ बिलाशक बिलानागा बे - बिना - बेबुनियाद बेईमान बेवक्त बेरहम बेतरह बेइज्जत बेअक्ल बेकसूर बेमानी बेशक ला - बिना, नहीं - लापता लाजबाब लावारिस लापरवाह लाइलाज लामानी लाइल्म लाज़वाल 'उपसर्ग' के अन्य अर्थ[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
शब्द के आरंभ में जुड़ने वाले शब्दार्थ क्या कहलाते हैं?This is Expert Verified Answer
जो शब्दांश किसी शब्द से पहले लगाकर नए शब्द का निर्माण करते हैं, वे शब्द उपसर्ग कहलाते है। उपसर्ग वह शब्दांश या अव्यय है, जो किसी शब्द के आरंभ में जुड़कर उसके अर्थ में विशेषता ला दे या उसका अर्थ ही बदल दे।'' वे उपसर्ग कहलाते है।
जो शब्दांश किसी शब्द के बाद में जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं उन्हें क्या कहते हैं?उपसर्ग ऐसे शब्दांश जो किसी शब्द के पूर्व जुड़ कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं या उसके अर्थ में विशेषता ला देते हैं।
जो शब्दांश किसी धातु या शब्द से पहले लगकर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते उसे क्या कहते है?गङ्गा हिमालयात् प्रभवति। शिष्य: गुरुम् अनुगच्छति। राम: भवन्तम् अवगच्छति। अवजानाति वा ।
जो शब्दांश किसी शब्द से पहले लगकर एक नया शब्द बनाते हैं वे क्या कहलाते हैं?याद रखिए - वे शब्दांश जो किसी शब्द से पहले लगकर उनके अर्थ में परिवर्तन या विशेषता लाते हैं, 'उपसर्ग' कहलाते हैं ।
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