वर्ल्ड ट्रेड सेंटर न्यू यॉर्क के मैनहैटन में बने दो टावर रूपी इमारतों का जोड़ा था, जिसे आतंकवादी संगठन अल कायदा से जुड़े आतंकवादियों ने ११ सितंबर, २००१ को नष्ट कर दिया था। मूल वर्ल्ड ट्रेड सेंटर निचले मैनहट्टन, न्यूयॉर्क सिटी, संयुक्त राज्य अमेरिका में मील का पत्थर जुड़वां टावरों की विशेषता सात इमारतों के साथ एक जटिल था। जटिल 4 अप्रैल 1973 को खोला और 11 सितंबर के
हमलों के दौरान 2001 में नष्ट कर दिया था। पांच नए गगनचुंबी इमारतों और हमलों के हताहतों की संख्या के लिए एक स्मारक के साथ साइट पुनर्निर्माण किया जा रहा है। सितम्बर 2011 के रूप में, केवल एक गगनचुंबी इमारत चार से अधिक 2020 से पहले पूरा होने की उम्मीद के साथ पूरा हो चुका है। एक छठे टॉवर अभी भी पुष्टि का इंतजार कर रहा है बनाया जा. उनके पूरा होने के समय, मूल 1 और 2 के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर दुनिया में सबसे लंबे इमारतों थे, एम्पायर स्टेट बिल्डिंग, मैनहट्टन में भी श्रेष्ठ है। सन्दर्भ[संपादित करें]स्पेशल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु मिश्रा Updated Sun, 28 Aug 2022 04:31 PM IST महज आठ सेकेंड के अंदर नोएडा का ट्विन टावर ढहा दिया गया। 32 और 29 मंजिला दोनों इमारतें अब पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो गईं हैं। कई किलोमीटर दूर तक इसके धुएं का गुब्बार दिखा। 200 करोड़ से ज्यादा की लागत में बने इन टावर्स को गिराने में करीब 20 करोड़ का खर्च आया है। ऐसे में एक सवाल हर किसी के मन में कौंध रहा है कि आखिर इसे बनाने वाला शख्स कौन है? इन ट्विन टावर्स का मालिक कौन है और कैसे उसने इतनी बड़ी इमारत खड़ी कर दी? तो आज हम आपको ट्विन टावर के मालिक के बारे में सबकुछ बताएंगे... कौन है ट्विन टावर का मालिक? कैसे अरोड़ा ने शुरू की कंपनी? सुपरटेक लिमिटेड शुरू करने के चार साल बाद 1999 में उनकी पत्नी संगीता अरोड़ा ने सुपरटेक बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी खोली थी। इसके अलावा आरके अरोड़ा ने अपने बेटे मोहित अरोड़ा के साथ मिलकर पॉवर जेनरेशन, डिस्ट्रीब्यूशन और बिलिंग सेक्टर में भी काम शुरू किया। इसके लिए सुपरटेक एनर्जी एंड पॉवर प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई। 32 मंजिल की इमारत खड़ी कैसे हो गई? दो मार्च 2012 को टावर 16 और 17 के लिए एफआर में फिर बदलाव किया। इस संशोधन के बाद इन दोनों टावर को 40 मंजिल तक करने की अनुमति मिल गई। इसकी ऊंचाई 121 मीटर तय की गई। दोनों टावर के बीच की दूरी महज नौ मीटर रखी गई। जबकि, नियम के मुताबिक दो टावरों के बीच की ये दूरी कम से कम 16 मीटर होनी चाहिए। अनुमति मिलने के बाद सुपरटेक समूह ने एक टावर में 32 मंजिल तक जबकि, दूसरे में 29 मंजिल तक का निर्माण भी पूरा कर दिया। इसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा और ऐसा पहुंचा कि टावर बनाने में हुए भ्रष्टाचार की परतें एक के बाद एक खुलती गईं। अब दोनों टावर गिरा दिए गए। इसे गिराने में आठ साल क्यों लग गए? ट्विन टावर का असली मालिक कौन है?कौन है ट्विन टावर का मालिक? ये ट्विन टावर सुपरटेक कंपनी ने बनाया था। सुपरटेक कंपनी के मालिक का नाम आरके अरोड़ा है। आरके अरोड़ा ने 34 कंपनियां खड़ी की हैं।
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर कब ध्वस्त हुआ?वर्ल्ड ट्रेड सेंटर न्यू यॉर्क के मैनहैटन में बने दो टावर रूपी इमारतों का जोड़ा था, जिसे आतंकवादी संगठन अल कायदा से जुड़े आतंकवादियों ने ११ सितंबर, २००१ को नष्ट कर दिया था।
ट्विन टावर नोएडा कितने मंजिल है?Supertech Twin Towers: ध्वस्तीकरण से एक दिन पहले तक करीब 800 करोड़ की 32 मंजिला इमारत लोगों के लिए सेल्फी प्वाइंट बन गई. भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़ी इस गगनचुंबी इमारत का निर्माण सभी नियमों को ताक पर रखकर किया गया.
ट्विन टावर नोएडा में कितने फ्लैट हैं?दोनों टावरों में कुल फ्लैट्स की संख्या करीब 950 है. ट्विन टावर में 711 फ्लैट्स की बुकिंग हो चुकी थी.
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