रिकेन (RIKEN) और फुजित्सु (Fujitsu) नामक जापानी वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान ने छह साल पहले “फुगाकू (Fugaku)” विकसित करना शुरू कर दिया था. यह दुनिया का सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर है. Fugaku का नाम माउंट फ़ूजी के एक वैकल्पिक नाम पर रखा गया है. अब, यह सुपर कंप्यूटर पूरी तरह से तैयार है और जापान में विकसित किया गया है और अब अनुसंधान के उपयोग के लिए उपलब्ध है. इस सुपरकंप्यूटर को डिवाइस को जापान के कंप्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के मूल बनाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है.
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महत्वपूर्ण बिंदु:
- फिर अप्रैल 2020 में COVID-19 महामारी से निपटने के लिए विशेष परियोजनाओं के लिए सुपर कंप्यूटर का परीक्षण किया गया था.
- अब फुगाकू पूरी तरह से खुला है और साझा उपयोग के लिए उपलब्ध है. जापान के सूचना विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुसंधान संगठन (Research Organization for the Information Science and Technology-RIST) ने कुछ 74 परियोजनाओं का चयन किया है जो वित्तीय वर्ष 2021 में इस सुपर कंप्यूटर का उपयोग करेंगे.
- RIST ने कई श्रेणियों में नई परियोजनाओं के विकास के लिए भी प्रस्ताव दिया है और उन शोधकर्ताओं को आमंत्रित किया है जो इसके लिए आवेदन करने के इच्छुक हैं.
फुगाकु के बारे में
- यह एक प्रमुख राष्ट्रीय तकनीक है जिसे अनुसंधान परिणामों को प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ विकसित किया गया है जो अंततः एक लंबे समय तक रहने वाले और स्वस्थ समाज, बेहतर ऊर्जा उपयोग और आपदा न्यूनीकरण का निर्माण करने में मदद करेगा.
- इसका उद्देश्य “अल्ट्रा-स्मार्ट सोसायटी 5.0 (ultra-smart Society 5.0)” बनाने के लिए सरकार के दृष्टिकोण को स्थापित करना है.
- सुपरकंप्यूटर ने लगातार दूसरे वर्ष के लिए शीर्ष 500 की सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है, जो कि “सुपरकंप्यूटर बेंचमार्क इंडेक्स (Supercomputer benchmark index)” है.
- कंप्यूटर में K सुपरकंप्यूटर के अनुप्रयोग प्रदर्शन का 100 गुना होता है.
- इसे उच्च-रिज़ॉल्यूशन, बड़े पैमाने पर और लंबी अवधि के अनुकरण को लागू करने के लिए विकसित किया गया है.
- इसने K कंप्यूटर के उत्तराधिकारी के रूप में वर्ष 2014 में विकास शुरू किया. इसे फुजित्सु A64FX माइक्रोप्रोसेसर के साथ बनाया गया है.
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- जापान की राजधानी: टोक्यो.
- जापान की मुद्रा: जापानी येन.
- जापान के प्रधानमंत्री: योशिहिडे सुगा.
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इसे सुनेंरोकेंपहला सुपर कंप्यूटर इल्लीआक 4 है, जिसने 1975 में काम करना आरंभ किया। इसे डेनियल स्लोटनिक ने विकसित किया था। यह अकेले ही एक बार में 64 कंप्यूटरों का काम कर सकता था। इसकी मुख्य मेमोरी में 80 लाख शब्द आ सकते थे और यह 8, 32, 64 बाइट्स के तरीकों से अंकगणित क्रियाएं कर सकता था।
भारत में पहला सुपर कंप्यूटर कब बना?
इसे सुनेंरोकेंIndian Super Computer Param: भारत ने वर्ष 1991 में खुद ही सुपर कंप्यूटर बना लिया था.
भारत के पहले सुपर कंप्यूटर का क्या नाम था?
इसे सुनेंरोकेंBharat ke 1st super computer ka naam PARAM 8000 Tha. भारत के प्रथम super computer का नाम परम है। भारत के प्रथम super computer का नाम परम है।
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भारत का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर कौनसा है?
परम-सिद्धि एक और भारतीय सुपर कंप्यूटर है और यह प्रत्यूष के समान सूची में 63वें स्थान पर है।
भारत का सबसे तेज चलने वाला सुपर कंप्यूटर कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंभारत के सबसे तेज सुपर कंप्यूटर का नाम परम सिद्धि हैै। जो दुनिया के 500 सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर में 63 वां रैंक प्राप्त किया है।
सुपर कंप्यूटर का निर्माण कब हुआ?
इसे सुनेंरोकेंसुपर कंप्यूटर किसे कहते हैं – What is Supercomputer in Hindi पहला सुपरकंप्यूटर 12 अप्रैल, 1964 को पूरा हुआ था। आईबीएम स्ट्रेच नामक मशीन को $7 मिलियन अमरीकी डालर (आज के डॉलर में $49 मिलियन अमरीकी डालर) के बजट पर पूरा किया गया था और इसकी प्रसंस्करण गति 2.4 मेगाफ्लॉप (मिलियन फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशंस) की थी।
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भारत का पहला स्वदेशी सुपर कम्प्यूटर कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंPARAM 8000 श्रृंखला की पहली मशीन थी और इसे स्क्रैच से बनाया गया था। विजय पी भाटकर को सुपरकंप्यूटिंग में भारत की राष्ट्रीय पहल के वास्तुकार के रूप में जाना जाता है जहां उन्होंने परम सुपर कंप्यूटर के विकास का नेतृत्व किया। उन्होंने 1991 में पहला भारतीय सुपर कंप्यूटर, PARAM 8000 विकसित किया।
भारत का प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंलेकिन इन सब के बाद भी भारत में कंप्यूटर युग की वास्तविक रूप से शुरुआत हुई सन १९५६ में, जब आई एस आई कोलकाता में भारत का प्रथम इलेक्ट्रोनिक डिजिटल कंप्यूटर HEC – 2M स्थापित किया गया।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Super Computer Frontier : ग्लोबली हर स्तर पर रेस जारी है। ऐसी ही एक रेस कंप्यूटर की दुनिया में चल रही है, जहां दुनिया के 500 सबसे तेज कंप्यूटर की लिस्ट जारी की गई है। कंप्यूटर की दुनिया की इस रफ्तार में सभी देश अपने-अपने देश के सुपर कंप्यूटर को पेश करते हैं। इसके बाद कंप्यूटर एक्सपर्ट की टीम इन कंप्यूटरों की रैकिंग करती है। इस बार के सुपर कंप्यूटर प्रतियोगिता में अमेरिका ने बाजी मारी है।
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यह भी पढ़ेंअमेरिकी ने जापान को पीछे छोड़ते हुए मारी बाजी
दुनिया के 500 सबसे फास्ट कंप्यूटर की लिस्ट में अमेरिकी निर्मित सुपर कंप्यूटर Frontier को सबसे फास्ट कंप्यूटर का खिताब दिया गया है। जबकि दूसरे पायदान पर जापान का कुगासू (Fugaku) कंप्यूटर है। इसे रिकेन इंस्टीट्यूट और फुजित्सु की ओर से मिलकर बनाया है। इससे पहले तक दुनिया का सबसे फास्ट सुपर कंप्यूटर जापान का Fugaku था, जो पिछले दो साल तक दुनिया का सबसे फास्ट कंप्यूटर रहा है। लेकिन इस बार जापान को पीछे छोड़ते हुए अमेरिका ने सबसे फास्ट सुपर कंप्यूटर का खिताब अपने नाम कर लिया है।
प्रति सेकेंड क्विंटिलियन कैलकुलेशन से ज्यादा कर सकतें है कैलुकेशन
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी के ओक रिज नेशनल लेबोरेटरी में फ्रंटियर सुपरकंप्यूटर को एक्सास्केल के रूप में जाना जाता है। इससे प्रति सेकंड क्विंटिलियन कैलुकेशन की जा सकती हैं। साथ ही ये पावरफुल कंप्यूटर्स मौसम, समुद्री हलचल, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस समेत कई और तरह के कार्य करते हैं। सुपर कंप्यूटर की जांच में शामिल कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि फ्रंटियर को चीनी सुपर कंप्यूटर Sunway Taihulight से जोरदार सामना करना पड़ा है। साथ ही चीनी कंप्यूटर ने एक्सस्केल रेस में अमेरिकी कंप्यूटर को हराया भी है।
Sunway Taihulight
यह चीन स्थित कंप्यूटर नेशनल सुपर कंप्यूटिंग सेंटर में है। इसे फुजित्सु कंपनी ने बनाया है। इस कंप्यूटर में Xeon Gold 6148 20C 2.4GHz का प्रोसेसर लगा है। यह कंप्यूटर LinuX पर काम करता है।