वित्तीय आपात प्रथम बार कितने दिनों तक लगाया जाता है? - vitteey aapaat pratham baar kitane dinon tak lagaaya jaata hai?

वित्तीय आपातकाल कितने समय के लिए घोषित किया जा सकता है?

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SSC CPO Tier- I Previous Paper 13 (Held on: 7th July 2017 Shift 1) 

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  4. अधिकतम अवधि निर्धारित नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अधिकतम अवधि निर्धारित नहीं

वित्तीय आपात प्रथम बार कितने दिनों तक लगाया जाता है? - vitteey aapaat pratham baar kitane dinon tak lagaaya jaata hai?

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January Month Current Affair (1st Jan - 15th Jan)

30 Questions 30 Marks 30 Mins

राज्य आपातकाल या राष्ट्रपति शासन के विपरीत भारत में वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) के लिए अधिकतम समय सीमा निर्धारित नहीं है। एक बार घोषित (वित्तीय आपातकालीन) किये जाने का अर्थ है संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए, यदि आवश्यक हो तो यह कितने भी समय के लिए जारी रखा जा सकता है।

ट्रिक: आपातकालीन अनुच्छेद शुरू होते हैं (352 और फिर + 4 + 4 जोड़ें जो की 352, 356, 360 है)

Last updated on Dec 17, 2022

SSC CGL Tier III Result has been released on 20th December 2022 for the 2021 cycle. The candidates who cleared the Tier III are eligible for Document Verification/ Skill Test. Earlier, Staff Selection Commission had released the SSC CGL Answer Key on 17th December 2022. SSC CGL 2022 Tier I Exam was conducted from 1st to 13th December 2022. The SSC CGL 2022 Notification was out on 17th September 2022. The SSC CGL Eligibility is a bachelor’s degree in the concerned discipline. This year, SSC had completely changed the exam pattern and for the same, the candidates can read the SSC CGL New Exam Pattern to know more.

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वित्तीय आपातकाल क्या होता है और इसके क्या क्या परिणाम होते हैं?

भारतीय संविधान के भाग XVIII में अनुच्छेद 352 से 360 तक आपातकालीन प्रावधान निहित हैं. ये प्रावधान केंद्र सरकार को किसी भी असामान्य स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम बनाते हैं. भारत के संविधान में तीन प्रकार के आपातकालीन की बात की गयी है; ये हैं आर्टिकल 352 में राष्ट्रीय आपातकाल, आर्टिकल 356 में राज्य में राष्ट्रपति शासन और आर्टिकल 360 में देश में वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency).

वित्तीय आपात प्रथम बार कितने दिनों तक लगाया जाता है? - vitteey aapaat pratham baar kitane dinon tak lagaaya jaata hai?

वित्तीय आपात प्रथम बार कितने दिनों तक लगाया जाता है? - vitteey aapaat pratham baar kitane dinon tak lagaaya jaata hai?

Financial Emergency:Provisions in constitution

भारत सहित पूरे विश्व में कोविड 19 के कारण आर्थिक और सामाजिक गतिविधियाँ ठप्प पड़ी हैं.इस कारण भारत के सामने वित्तीय संकट दिनों दिन गहराता जा रहा है.भारत के सभी सांसदों, राष्ट्रपति सहित अन्य कर्मचारियों और देश के सामान्य नागरिकों ने देश को बहुत बड़ी मात्रा में अपनी सैलरी दान की है.

ऐसी भयंकर स्थिति में हर किसी के मन में यह बात उठ रही है कि क्या देश में वित्तीय आपातकाल घोषित किया जा सकता है? हालाँकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात की संभावना से इंकार किया है.

चूंकि अभी तक देश में एक बार भी वित्तीय आपातकाल घोषित नहीं किया गया है, इस कारण बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि वित्तीय आपातकाल कब और किन परिस्तिथियों में लगाया जाता है, इसके लागू होने के प्रभाव क्या होते हैं और इसको कौन लागू कर सकता है? आइये इस लेख में इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानते हैं.

भारतीय संविधान में आपातकालीन प्रावधान जर्मनी के संविधान से लिए गए हैं. भारत के संविधान में तीन प्रकार के आपातकालों का प्रावधान किया गया है. ये हैं;

भारत में आपातकाल के प्रकार (Types of Emergency in India)

(i) आर्टिकल 352 में राष्ट्रीय आपातकाल

(ii) आर्टिकल 356 में राज्य में आपातकाल (राष्ट्रपति शासन)

(iii) आर्टिकल अनुच्छेद 360 में देश में वित्तीय आपातकाल

आइये अब डिटेल में जानते हैं कि आखिर वित्तीय आपातकाल क्या होता है?

वित्तीय आपातकाल की घोषणा कब और किसके द्वारा की जाती है? (Who can declare Financial Emergency)

अनुच्छेद 360, राष्ट्रपति को वित्तीय आपातकाल की घोषणा करने का अधिकार देता है. यदि राष्ट्रपति संतुष्ट है कि देश में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसके कारण भारत की वित्तीय स्थिरता, भारत की साख या उसके क्षेत्र के किसी भी हिस्से की वित्तीय स्थिरता को खतरा है, तो वह केंद्र की सलाह पर वित्तीय आपातकाल की घोषणा कर सकता है.  

लेकिन यह ध्यान रहे कि 1978 के 44 वें संविधान संशोधन अधिनियम में यह प्रावधान किया गया है कि राष्ट्रपति की ‘संतुष्टि’ न्यायिक समीक्षा से परे नहीं है, अर्थात सुप्रीम कोर्ट इसकी समीक्षा कर सकता है. 

वित्तीय आपातकाल कैसे और कब तक के लिए लगाया जाता है (Parliamentary Approval and Duration of the Financial Emergency)

जिस दिन राष्ट्रपति, वित्तीय आपातकाल की घोषणा करता है उसके दो माह के अंदर ही इसको संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए. वित्तीय आपातकाल की घोषणा को मंजूरी देने वाले प्रस्ताव को संसद के किसी भी सदन द्वारा केवल एक साधारण बहुमत द्वारा पारित किया जा सकता है.

एक बार संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित किए जाने के बाद, वित्तीय आपातकाल अनिश्चित काल तक जारी रहता है, जब तक कि इसे राष्ट्रपति द्वारा हटाया नहीं जाता है. इसके दो प्रावधान है;

a.  इसके संचालन के लिए कोई अधिकतम अवधि निर्धारित नहीं है; और b. इसकी निरंतरता के लिए बार-बार संसदीय अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है.
वित्तीय आपातकाल की उद्घोषणा को राष्ट्रपति द्वारा बाद में किसी भी समय रद्द किया जा सकता है. इस तरह की उद्घोषणा को संसदीय अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होती है.
वित्तीय आपातकाल के प्रभाव (Effects of Financial Emergency)

1. वित्तीय आपातकाल के दौरान केंद्र के कार्यकारी अधिकार का विस्तार हो जाता है और वह किसी भी राज्य को अपने हिसाब से वित्तीय आदेश दे सकता है.

2. राज्य की विधायिका द्वारा पारित होने के बाद राष्ट्रपति के विचार के लिए आये सभी धन विधेयकों या अन्य वित्तीय बिलों को रिज़र्व रखा जा सकता है.

3. राज्य में नौकरी करने वाले सभी व्यक्तियों या वर्गों के वेतन और भत्ते में कमी की जा सकती है.

4. राष्ट्रपति, निम्न व्यक्तियों के वेतन एवं भत्तों में कमी करने का निर्देश जारी कर सकता है; 

a. संघ की सेवा करने वाले सभी व्यक्तियों या किसी भी वर्ग के लोग 

b. उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश.

इस प्रकार, वित्तीय आपातकाल के संचालन के दौरान केंद्र; वित्तीय मामलों में राज्यों पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त कर लेता है जो कि राज्य की वित्तीय संप्रभुता के लिए खतरे वाली स्थिति होती है.

इससे पहले भारत में 1991 गंभीर वित्तीय संकट उत्पन्न हुआ थ लेकिन फिर भी वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) की घोषणा नहीं की गई थी. इसलिए इस समय भी सरकार को सोच समझकर फैसला लेना चाहिए हालाँकि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरा देश एक साथ खड़ा है. 

जानिये भारत में राष्ट्रीय आपातकाल कब और क्यों लगाया गया था?

वित्तीय आपात काल प्रथम बार कितने दिनों तक लगाया जाता है?

Detailed Solution. राज्य आपातकाल या राष्ट्रपति शासन के विपरीत भारत में वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) के लिए अधिकतम समय सीमा निर्धारित नहीं है। एक बार घोषित (वित्तीय आपातकालीन) किये जाने का अर्थ है संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए, यदि आवश्यक हो तो यह कितने भी समय के लिए जारी रखा जा सकता है।

वित्तीय आपातकाल की अधिकतम अवधि कितनी होती है?

इसके संचालन के लिए कोई अधिकतम अवधि निर्धारित नहीं है; और b. इसकी निरंतरता के लिए बार-बार संसदीय अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है. वित्तीय आपातकाल की उद्घोषणा को राष्ट्रपति द्वारा बाद में किसी भी समय रद्द किया जा सकता है.

वित्तीय आपात भारत में कितनी बार लगा?

Solution : 1991 में वित्तीय संकट होने के बावजूद, अब तक किसी प्रकार के वित्तीय आपातकाल की घोषणा नहीं की गई है।

राष्ट्रीय आपात की अवधि कितनी होती है?

25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल घोषित था। तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की अनुच्छेद 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी।