विद्यार्थी जीवन से ही छात्रों को सही मार्गदर्शन मिलने पर क्या होगा? - vidyaarthee jeevan se hee chhaatron ko sahee maargadarshan milane par kya hoga?

विषयसूची

  • 1 छात्र जीवन क्या है?
  • 2 विद्यार्थी जीवन किसका काल होता है?
  • 3 विद्यार्थी जीवन का उद्देश्य क्या है अपने शब्दों में लिखिए?
  • 4 विद्यार्थी जीवन से ही छात्रों को सही मार्गदर्शन मिलने पर क्या होगा?
  • 5 विद्यार्थी के पांच लक्षण कौन कौन से हैं?
  • 6 विद्यार्थियों को परीक्षा में अपठित गद्यांश से संबंधित प्रश्न पूछे जाने के क्या उद्देश्य हैं?

छात्र जीवन क्या है?

इसे सुनेंरोकेंविद्‌यार्थी जीवन साधना और तपस्या का जीवन है । यह काल एकाग्रचित्त होकर अध्ययन और ज्ञान-चिंतन का है । यह काल सांसारिक भटकाव से स्वयं को दूर रखने का काल है । विद्‌यार्थियों के लिए यह जीवन अपने भावी जीवन को ठोस नींव प्रदान करने का सुनहरा अवसर है ।

विद्यार्थी जीवन किसका काल होता है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer:विद्‌यार्थी जीवन मानव जीवन का स्वर्णिम काल होता है । जीवन के इस पड़ाव पर वह जो भी सीखता, समझता है अथवा जिन नैतिक गुणों को अपनाता है वही उसके व्यक्तित्व व चरित्र निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाते हैं । दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि विद्‌यार्थी जीवन मानव जीवन की आधारशिला है ।

विद्यार्थी जीवन का उद्देश्य क्या है अपने शब्दों में लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंअपनी शक्तियों के बल पर जीने वाले अच्छे विद्यार्थी सदा स्वतंत्र तथा सुखी जीवन जीते है। ईश्वर भी उसी की सहायता करता है, जो अच्छे विद्यार्थी अपनी सहायता अर्थात् अपना कार्य स्वयं करते हैं। इसके विपरीत जिन विद्यार्थी को दूसरों का आश्रय लेने की आदत पड़ जाती है, वे उन लोगों और आदतों के गुलाम बन जाते हैं।

आदर्श विद्यार्थी में कौन कौन से गुण होने चाहिए?

आदर्श विद्यार्थी के 10 गुण

  • आदर्श विद्यार्थी को समय का सदुपयोग करना चाहिए।
  • एक आदर्श विद्यार्थी को अनुशासन का पालन करना चाहिए।
  • उन्हें शिक्षकों, माता-पिता और बड़ों के आदेशों का पालन करना चाहिए।
  • एक आदर्श छात्र में मदद करने का गुण होना चाहिए।
  • ज्ञान प्राप्त करने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।

ववद्याथी जीवन को मानव जीवन की र ढ़ की हड्डी क्यों माना गया है?

इसे सुनेंरोकेंविद्यार्थी जीवन को मानव जीवन की रीढ़ की हड्डी कहें तो कोई अतिशयोक्त्ति नहीं होगी। विद्यार्थी काल मे बालक में जो संस्कार पड़ जाते हैं जीवन-भर वही संस्कार अमिट रहते हैं। इसीलिए यही काल आधारशिला कहा गया है। यदि यह नींव दृढ बन जाती है तो जीवन सुदृढ़ और सुखी बन जाता है।

विद्यार्थी जीवन से ही छात्रों को सही मार्गदर्शन मिलने पर क्या होगा?

इसे सुनेंरोकेंयदि यह नींव दृढ़ बन जाती है तो जीवन सुदृढ़ और सुखी बन जाता है। यदि इस काल में बालक कष्ट सहन कर लेता है तो उसका स्वास्थ्य सुंदर बनता है। यदि मन लगाकर अध्ययन कर लेता है तो उसे ज्ञान मिलता।

विद्यार्थी के पांच लक्षण कौन कौन से हैं?

इसे सुनेंरोकेंअर्थात् (विद्यार्थी के पाँच लक्षण हैं- कौए की तरह चेष्टा (सब ओर दृष्टि, त्वरित निरीक्षण क्षमता), बगुले की तरह ध्यान, कुत्ते की तरह नींद (अल्प व्यवधान पर नींद छोड़कर उठ जाय), अल्पहारी (कम भोजन करने वाला), गृहत्यागी (अपने घर और माता-पिता का अधिक मोह न रखने वाला)।

विद्यार्थियों को परीक्षा में अपठित गद्यांश से संबंधित प्रश्न पूछे जाने के क्या उद्देश्य हैं?

इसे सुनेंरोकेंविद्यार्थियों को परीक्षा में अपठित गद्यांश से संबंधित प्रश्न पूछे जाने का उद्देश्य विद्यार्थी की तात्कालिक उत्तर देने की क्षमता, अभिव्यक्ति कौशल, भाषायी योग्यता तथा विषय-वस्तु ज्ञान का परख करना होता है।