व्याकरण 》 भाषा 》 वर्ण-विचार 》 वर्तनी 》 विराम-चिन्ह 》 शब्द-विचार 》 संज्ञा 》 लिंग 》 वचन 》 कारक 》 सर्वनाम 》 विशेषण 》 क्रिया 》 वाच्य 》 काल 》 अव्यय 》 उपसर्ग 》 प्रत्यय 》 समास 》 संधि 》 पदबंध 》 पर्यायवाची शब्द 》 विलोम शब्द 》 मुहावरे Show
व्याकरण उस शास्त्र को कहा जाता है जिसे भाषा को शुद्ध करने वाले नियमों को बताए गए किसी भी भाषा के अंग प्रत्यंग का विशेषण तथा विवेचन व्याकरण कहलाता है व्याकरण वह विद्या है जिसके द्वारा किसी भाषा को शुद्ध बोला पढ़ा लिखा जाता है किसी भी भाषा के लिखने पढ़ने बोलने की निश्चित नियम को हम व्याकरण कहते हैं व्याकरण के कितने अंग होते हैं (vyakaran ke kitne ang hote hain)व्याकरण महाविद्या है जिसके द्वारा हम किसी भाषा को शुद्ध बोलना लिखना व समझाना भाषा की संरचना के नियमों सीमित होते हैं और भाषा की अभिव्यक्ति या असीमित एक एक नियम संख्या विवेक को नियंत्रित करता है भाषा कि इन नियमों के एक साथ जिस शास्त्र के अंतर अध्ययन किया जाता है उसे हम व्याकरण कहते हैं व्याकरण के तीन अंग होते हैं वर्ण विचार शब्द विचार एवं वाक्य विचार वर्ण विचार के अंतर्गत वार्ड से संबंधित उनके आकार उच्चारण वर्गीकरण तथा उनके मेल से संबंध बनाने के नियम आदि का उल्लेख किया जाता है 1.वर्ण विचार 2.शब्द विचार 3.वाक्य विचार वर्ण विचार क्या होता है what is character ideaआज हम आप लोगों को वर्ण विचार क्या होता है इसके बारे में बताने वाला हूं वर्ण विचार को अक्षर भी कहते हैं जो अखंड मूलधन पता है तथा वह शब्द का अखंड हो सकता है प्रत्येक वर्ग की धनि अपना एक विशेष आकार रखती है जिसे वह कहते हैं उदाहरण स्वर अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ व्यंजन क,,खग,,घ,,च,,छ़,,ज,,झ,,न,,प,,फ,,ब,,भ,,म,,य,,र,,ल,,व,,श,,ष,,स,,श् शब्द विचार क्या होता है what is the word ideaअक्षरों से निर्मित साथ है कि हम स्वतंत्र ध्वनि को शब्द कहते हैं हिंदी व्याकरण में लेख पढ़ रहा हूं ब्यावर 8 शब्दों के मेल से बना है हिंदी भाषा में 200000 से अधिक शब्द है शब्द के दो भेद होते हैं जिन्हें शब्द का अर्थ होता है उसे सार्थक शब्द कहते हैं जबकि जिस शब्द का कोई अर्थ नहीं होता है उसे निरीक्षक शब्द कहते हैं बनावट के आधार पर शब्दों के तीन भेद हैं रोड योग्य तथा योगरूढ़ हिंदी भाषा की लिपि क्या है? | hindi bhasha ki lipi kya hai, परिभाषा, लिपि के प्रकार – rskg वाक्य विचार क्या होता है what is sentence ideaशब्दों के मेल से वाक्य बनाया जाता है जो मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं साधारण वाक्य वह वाक्य है जो एक प्रधान क्रिया रखता हो संतुष्टि वर्क इस वाक्य को कहा जाता है जो अर्थ के लिए एक दूसरे पर आश्रित नहीं होते हैं उदाहरण मैं यहां आया था बीमार पड़ गया मैं तुम्हें पुलिस के हवाले कर दूं तब डाकू ने डाका डालने की योजना तैयार कर ली व्याकरण की विशेषताएं Features of Grammarहिंदी व्याकरण संस्कृत व्याकरण पर आधारित होते हुए भी अपनी कुछ स्वतंत्र विशेषताएं रखता है हिंदी को संस्कृत का उत्तराधिकारी मिला है इसमें संस्कृत व्याकरण के जैन भी कम महत्वपूर्ण नहीं है केशवदास बाजपेई ने लिखा है कि हिंदी में अपना व्यापार पराया संस्कृत व्याकरण के आधार पर ही बनाया गया है क्रिया पुरवा एकांत संस्कृत व्याकरण के आधार पर है पर कहीं-कहीं मार्ग भेज दी है मार्ग भेज वही हुआ है जहां हिंदी ने संस्कृत की अपेक्षा सरल मार्ग पर किया है हिंदी व्याकरण क हिंदी व्याकरण के कुछ भाग Parts of Hindi Grammarवर्णमाला किसी भाषा अथवा अनेक भाषा को लिखने और बोलने तथा समझाने के प्रत्येक को हम वर्णमाला कहते हैं संज्ञा किसी जाति धर्म द्रव्य घोड़ा भाव व्यक्ति स्थान और क्रिया आदि के नामों को संज्ञा कहते हैं अर्थात किसी जात धर्म स्थान आदि चीजों का हम जिसके अंतर्गत अध्ययन करते हैं उसे संज्ञा कहते हैं सर्वनाम जिन शब्दों का इस्तेमाल संज्ञा शब्द के स्थान पर प्रयुक्त होता है उन शब्दों को हम सर्वनाम कहते हैं क्रिया जिन शब्दों से किसी कारण का करना या होना या पाना व्यक्ति को उन्हें क्या कहते हैं जैसे रोया खोया गाया पाया लाया आदि विशेषण वह शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं उन्हें विशेषण कहते हैं क्रिया विशेषण जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का पता चलता है उन्हें हम क्रिया विशेषण कहते हैं उपसर्ग ऐसे शब्दांश जो किसी शब्द के पूर्व जोड़कर उनके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं या उनके अर्थ में विशेषता लाते हैं उन शब्दों को हम उपसर्ग कहते हैं प्रत्यय ऐसे शब्द जो दूसरे शब्द के अंत में जोड़कर अपनी प्राकृतिक के अनुसार शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं उन्हें हम प्रत्यय कहते हैं समास दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से एक नवीन शब्द का निर्माण की प्रक्रिया को हम समाज कहते हैं उदाहरण दही बड़ा राजकुमार पीतांबर धरोहर गंगा तट दैनिक तत्सम शब्द संस्कृत भाषा के ऐसे शब्द जो हिंदी में भी अपने मूल रूप में प्रचलित है उससे तत्सम शब्द कहते हैं उदाहरण पुष्प ,पस्तक ,बालक, कन्या विद्या साधु आत्मा विद्वान राजा पृथ्वी नेता माता अहंकार नवीन सुंदर सहरसा नित्य इनके अतिरिक्त जींस संस्कृत शब्दों में संस्कृत के ही प्रत्यय लगाकर नवीन शब्दों का निर्माण किया जाता है वह भी तत्सम शब्द कहलाते हैं जैसे आकाशवाणी दूरदर्शन आयुक्त उत्पादन आदि तद्भव शब्द संस्कृत के जो शब्द प्राकृत आप भरत से पुरानी हिंदी आज सोपानो से गुजरने के कारण आज हिंदी में परिवर्तन रूप में मिल रहे हैं तद्भव शब्द कहलाते हैं हिंदी में प्रचलित कुछ तद्भव शब्द मूल संस्कृत रूप के साथ आगे दिए जा रहे हैं जैस उदाहरण अनाज अंधा आधा आंख अम्मा आम आशु अक्षर अमोल अंधेरा आज सारा पर्यायवाची शब्द एक ही अर्थ को प्रकट करने वाले एकाधिक शब्द पर्यायवाची कहलाते हैं यदि किसी भाषा को कोई दो शब्द समान अर्थ वाले नहीं होते हैं उनमें सूचन अंतर अवश्य होता है तथापि अर्थकेयर स्तर पर अधिक निकट होने वाले शब्दों को समान अर्थी कहा जाता है उदाहरण अग्नि पावक आग दहन ज्वाला अनल अतिथि मेहमान पहुना आगंतुक अपमान अनादर तिरस्कार निरादर आकाश अंबर आसमान नव गगन छंद छंद शब्द चद धातु से बना है जिसका अर्थ होता है खुश करना साहित्य के अनुसार अक्षर अक्षरों की संख्या मात्रा गणना यति गत से किसी विषय पर रचना को छंद कहते हैं अलंकार अलंकार जो शरीर की शोभा बढ़ाने के लिए धारण किए जाते हैं उन्हें हम अलंकार कहते हैं अर्थात काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्वों को हम अलंकार कहते हैं वचन में वचन एक संज्ञा सर्वनाम विशेषण और क्रिया इत्यादि व्याकरण संबंधित श्रेणी होती है जो इनकी संख्या की सूचना प्रदान करते हैं उसे हम वचन कहते हैं अव्यय अव्यय किसी भी भाषा केवल शब्द जिनके लिंग वचन पुरुष कारक काल आग के कारण कोई विकार उत्पन्न नहीं करता है उन शब्दों को हम अभी अव्यय कहते लिंग जिस चिन्ह से यह बोध होता है कि वह आमुख शब्द पुरुष जात का है या स्त्री जाति का है उस सचिन है या शब्द को ही लिंग कहते हैं अर्थात शब्दों के जिस रुप से किसी वक्त वस्तु आदि के पुरुष जाति या स्त्री जाति का होने का ज्ञान होता है उसे हम लिंग कहते हैं कारक कारक उसे कहते हैं जो वाक्य में आए संज्ञा आदि शब्दों का क्रिया के साथ संबंध बनाती हैं उन्हें हम कारक कहते हैं रस रास हुआ है जो वाक्य में आनंद आता है वह ही काव्य का रस है काव्य में आने वाले आनंद अर्थात रस अलौकिक ना होकर अलौकिक होता है उसे हमराज़ कहते हैं काल क्रिया के जिस काल रूप से होने का बोध होता है उसे काल कहते हैं काल तीन प्रकार के होते हैं भूतकाल भविष्य काल वर्तमान काल विलोम शब्द जब किसी शब्द का विलोम हुआ शब्द होता है जिसका अर्थ उस शब्द के अर्थ का एकदम उल्टा होता है उसे विलोम शब्द कहते हैं उदाहरण दिन और रात अनेकार्थी शब्द ऐसे शब्द जो एक ही शब्द के कई अर्थ निकलते हो उन शब्दों को हम अनेकार्थी शब्द कहते हैं शब्द शक्ति जिसमें शब्द का अर्थ बोध कराने की शक्ति होती है उस शब्द को हम शब्द शक्ति कहते हैं मुहावरा कोई ऐसा वाक्य जिसका शब्दार्थ ग्राहक ना करके शब्द का किसी विलक्षण शब्द का प्रतीत करा है उससे हम मुहावरा कहते हैं व्याकरण किसे कहते हैं इसके कौन कौन से अंग हैं?व्याकरण वह विद्या या ज्ञान है जो हमें हिन्दी भाषा को शुद्ध बोलना, पढ़ना तथा लिखना सीखता हो, उसे व्याकरण कहते हैं। हिंदी व्याकरण के मुख्य तौर पर तीन अंग होते हैं जिनके नाम वर्ण-विचार, शब्द-विचार तथा वाक्य विचार है।
व्याकरण किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं?जिस शास्त्र में शब्दों के शुद्ध रूप और प्रयोग के नियमों का निरूपण होता है उसे व्याकरण कहते हैं। किसी भाषा की रचना को ध्यानपूर्वक देखने से जान पड़ता है कि उसमें जितने शब्दों का उपयोग होता है; वे सभी बहुधा भिन्न-भिन्न प्रकार के विचार प्रकट करते हैं और अपने उपयोग के अनुसार कोई अधिक और कोई कम आवश्यक होते हैं।
व्याकरण के कितने होते हैं?व्याकरण के प्रकार (1) वर्ण या अक्षर (2) शब्द (3)वाक्य (1) वर्ण या अक्षर:-भाषा की उस छोटी ध्वनि (इकाई )को वर्ण कहते है जिसके टुकड़े नही किये सकते है। जैसे -अ, ब, म, क, ल, प आदि। (2) शब्द:-वर्णो के उस मेल को शब्द कहते है जिसका कुछ अर्थ होता है। जैसे- कमल, राकेश, भोजन, पानी, कानपूर आदि।
व्याकरण के कितने अंग होते हैं 4567?व्याकरण के तीन अंग होते है वर्ण विचार, शब्द विचार व वाक्य विचार।
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