ककई ने राजा दशरथ से पूर्व में दिये वरदान मांगे। कैकई ने पहला वर भरत को राजगद्दी व दूसरा वध श्री राम को 14 वर्ष का वनवास मांगा। यह सुनकर राजा दशरथ के होश उड़ गये। क्योंकि राजा दशरथ श्री राम के बिना एक... Show
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,रुद्रपुरTue, 01 Oct 2019 06:05 PM हमें फॉलो करें ऐप पर पढ़ें कैकई ने राजा दशरथ से पूर्व में दिये वरदान मांगे। इनमें भरत को राजगद्दी और राम को 14 वर्ष का वनवास मांगा। उन्होंने रानी कैकई को कोई अन्य वर मांगने को कहा लेकिन वह दो वरों में अड़ी रही। रघुकुल की मर्यादा पर राजा दशरथ को दोनों वर देने पड़े। श्री राम, भाई लक्ष्मण व सीता के वन को जाते ही राजा दशरथ ने प्राण त्याग दिये। वन में केवट संवाद बेहद रोचक रहा। यहां हुकुम चन्द्र मित्तल, धरमदास, राकेश त्यागी, मथुराप्रसाद तिवारी, सुरेश अग्रवाल, भगवान सिंह भण्डारी, सुरेश जैन, पवन अग्रवाल, रमेश गुप्ता, भीमसेन गर्ग, अनिल गुप्ता, संतोष गुप्ता, सम्पत राम गोयल, मनोज कुमार, अंशुल तिवारी, लक्ष्मी अग्रवाल, गीता सक्सेना, मंजू जोशी, धर्मा देवी, राधेश्याम मौजूद रहे। कैकेयी ने कौन से दो वरदान मांगे थे?श्रीरामलीला मंडल मुरार के तत्वावधान में चल रही रामलीला में शुक्रवार को रानी कैकई ने महाराज दशरथ से दो वरदान मांगे। पहला राम को 14 वर्ष का वनवास और दूसरा भरत को राजगद्दी। इसके बाद श्रीराम के वनवास जाने की लीला का मंचन किया गया।
िै िे यी िे दो वरदान क्या र्थे?नीकल गया है और पहिया नीकल जायेगा तो उसने अपनी उंगली खीले की जगह जगह पीरो दी। जब युद्ध में दशरथ जीत गये तब उन्होंने देखा कि कैकयी, खीले की जगह अपनी उंगली रखे हुए हैं तब वे चिंतित हुए और कैकयी की बहादुरी पर खुश भी हुए। तब उन्होंने कैकयी को दो वरदान मांगने को कहा। कैकयी ने कहा वह यह वरदान बाद में किसी वख्त मांगेगी।
कैकई का दूसरा नाम क्या था?इसी प्रकार परीक्षित के पुत्र भीमसेन की पत्नी, प्रतिश्रवा की माता कुमारी को भी कैकेयी नाम दिया गया है।
भरत को रानी कैकेयी ने क्या कहा?उन्होंने कहा कि”भरत यहाँ नहीं हैं पर मैं चाहता हूँ कि राज्याभिषेक का कार्यक्रम न रोका जाए। प्रजा ने तुम्हें अपना राजा चुना है। तुम राजधर्म का पालन करना।” राम के राज्याभिषेक की तैयारियाँ कैकेयी की दासी मंथरा भी देख रही थी।
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