यौवनारंभ के समय लड़कियों में कौन से परिवर्तन दिखाई देते? - yauvanaarambh ke samay ladakiyon mein kaun se parivartan dikhaee dete?

Q.10: यौवनारंभ के समय लड़कियों में कौन-से परिवर्तन दिखाई देते हैं?

उत्तर : (i) शरीर के कुछ नए भागों जैसे काँख और जाँघों के मध्य जननांगी क्षेत्र में बाल गुच्छ निकल आते हैं।

(ii) हाथ, पैर पर महीन रोम आ जाते हैं।

(iii) त्वचा तैलीय हो जाती है। कभी-कभी मुहाँसे निकल आते हैं।

(iv) वक्ष के आकार में वृद्धि होने लगती है।

(v) स्तनाग्र की त्वचा का रंग गहरा भूरा होने लगता है।

(vi) रजोधर्म होने लगता है।

(vii) अंडाशय में अंड परिपक्व होने लगते हैं।

(viii) ध्वनि सुरीली हो जाती है।

(ix) विपरीत लिंग की ओर आकर्षण होने लगता है।

हेलो फ्रेंड्स मेरा प्रश्न है जो 1 आरंभ के समय लड़कियों में कौन से परिवर्तन दिखाई देते हैं दोस्त आइए देखते हैं योजना रंभा के समय लड़कियों के अंदर कौन-कौन से परिवर्तन देखने को मिलते हैं या दिखाई देते हैं तो कुछ परिवर्तन होते हैं शारीरिक कुछ होते हैं और मौत की वजह से आइए देखते हैं परिवर्तनों को पहला होता है स्तनों का विकास यानी कि लड़कियों के अंदर क्या होता है सनम का विकास होने लगता है यह होता है कब लगभग 10 से 13 वर्ष की उम्र में दूसरा होता है दोस्तों योनि पर बाल उगना या बाल

आना तीसरा होता है परिवर्तन लड़कियों की आवाज़ जो होती है वह पहले से अधिक मीठी हो जाती है चौथा होता है योनि जो होती है वह पहले की अपेक्षा गुलाबी रंग की हो जाती है अगला होता है चेहरे पर क्या होने लग जाता है मोहन से आने लग जाते हैं तथा और क्या होता है दोस्तों शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन एस्ट्रोजन हार्मोन का जो इस तरह होता है इस तेज होता है वह क्या होता है भर जाता है जिस कारण एक तो शरीर में प्रजनन की क्रिया होने लग जाती

प्रजेंट की क्रिया लग जाती है तथा अंडाशय तथा जो अंडाणु होता है इसका विकास शरीर में होने लगता है तथा ऋतु स्त्राव जो होता है यानी कि मां से किस तरह यह भी प्रारंभ हो जाता है तो दोस्तों यह जो परिवर्तन है यह दिखाई देते हैं लड़कियों में योन आरंभ यानी कि 10 से 13 वर्ष की उम्र में आशा करते हैं आपको इस प्रश्न का उत्तर समझ आया होगा वीडियो को देखने के लिए धन्यवाद

Solution : यौवनारंभ के समय लड़कियों में निम्नांकित परिवर्तन दिखाई देते हैं (i) चेहरे पर मुँहासे निकलने लगते हैं। <br> (ii) त्वचा अक्सर तैलीय हो जाती है। <br> (iii) पैर, हाथ एवं चेहरे पर महीन रोम आ जाते हैं। <br> (iv) ध्वनि सुरीली हो जाती है। <br> (v) ऋतुस्राव (रजोस्राव) प्रारंभ हो जाता है।

यौवनारंभ के समय लड़कियों में कौन-से परिवर्तन दिखाई देते हैं?


(i) शरीर के कुछ नए भागों जैसे काँख और जाँघों के मध्य जननांगी क्षेत्र में बाल गुच्छ निकल आते हैं।
(ii) हाथ, पैर पर महीन रोम आ जाते हैं।
(iii) त्वचा तैलीय हो जाती है। कभी-कभी मुहाँसे निकल आते हैं।
(iv) वक्ष के आकार में वृद्धि होने लगती है।
(v) स्तनाग्र की त्वचा का रंग गहरा भूरा होने लगता है।
(vi) रजोधर्म होने लगता है।
(vii) अंडाशय में अंड परिपक्व होने लगते हैं।
(viii) ध्वनि सुरीली हो जाती है।
(ix) विपरीत लिंग की ओर आकर्षण होने लगता है।

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डी.एन.ए. प्रतिकृति का प्रजनन में क्या महत्त्व है?


डी.एन.ए. स्पशीज़ प्रजनन के लिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह स्पीशीज़ के लक्षणों को बनाए रखती है। जीव इन लक्षणों/गुणों का उपयोग किसी विशेष आवास स्थल में कर सकता है। इसके अतिरिक्त यह जीवन के स्वरूप को बनाए रखती है।

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बीजाणु दवरा जनन से जीव किस प्रकार लाभान्वित होता है?


बीजाणु वृद्धि करके राइजोपस के नए जीव उतपन्न करते हैं। बीजाणु के चारों ओर एक मोटी भित्ति होती है जो प्रतिकूल परिस्थितियों में उसकी रक्षा करती है। इनमें उतपन बीजाणुओं की संख्या अधिक होती है इसलिए उनके बचने की संभावना ज्यादा होती है। वे सरलता से विपरीत परिस्थितियों में पाए जा सकते हैं। नम सतह के संपर्क में आने पर वे वृद्धि करने लगते हैं।

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द्विखंडन बहुखंडन से किस प्रकार भिन्न है?

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क्या आप कुछ कारण सोच सकते हैं जिससे पता चलता हो कि जटिल संरचना वाले जीव पुनरुदभवन द्वारा नई संतति उतपन्न नहीं कर सकते?


जटिल संरचना वाले जीवों में जनन भी जटिल होता है। पुनरुदभवन एक प्रकार से परिवर्धन है जिसमें  जीव के गुणों में अंतर नहीं आता। यह जनन के समान नहीं है। जटिल संरचना वाले जीव पुनरदभवन के द्वारा किसी भी भाग को काट कर सामान्यत: वैसा जीव उतपन्न नहीं कर सकते। क्योंकि उन का शरीर अंगों और अंग तंत्रों में विभाजित होता है।

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जीवों में विभिन्नता स्पीशीज़ के लिए तो लाभदायक है परंतु व्यष्टि के लिए आवश्यक नहीं है, क्यों?


जीवों पर परितंत्र के साथं पर निकेत का सीधा प्रभाव पड़ता है। किसी प्रजाति की समष्टि के स्थायित्व का संबंध जनन से है। जब निकेत में ऐसे परिवर्तन आ जाते हैं जो जीवों के नियंत्रण से बाहर होते हैं जो उग्र परिवर्तन दिखाई देते हैं। इसके परिणामस्वरूप समष्टि का समूल विनाश संभव होता है। यदि समष्टि के जीवों में कुछ विभिन्नता होगी तो उनके जीवित रहने की कुछ संभावना है। वैश्विक ऊष्मीकरण के कारण यदि जल का ताप अधिक बढ़ जाए तो शीतोष्ण जल में पाए जाने वाले जीवाणुओं का नाश हो जाएगा पर गर्मी को सहन कर सकने वाले जीवाणु जीवित रहेंगे और वृद्धि करेंगे। इसलिए विभिन्नताएँ स्पीशीज़ की उत्तर जीविता बनाए रखने में उपयोगी हैं। विभिन्नता स्पीशीज़ के लिए तो लाभदायक है पर व्यष्टि के लिए यह आवश्यक नहीं है।

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यौवनारंभ के समय लड़कियों में कौन कौन से परिवर्तन दिखाई देते हैं?

यौवनारंभ के समय लड़कियों में कौन-से परिवर्तन दिखाई देते हैं? (i) शरीर के कुछ नए भागों जैसे काँख और जाँघों के मध्य जननांगी क्षेत्र में बाल गुच्छ निकल आते हैं। (ii) हाथ, पैर पर महीन रोम आ जाते हैं। (iii) त्वचा तैलीय हो जाती है।

यौवनारंभ के समय में लड़कों में क्या परिवर्तन दिखाई देता है?

Solution : यौवनारम्भ के समय व्यक्ति के कंधे व सीने में परिवर्तन तीव्रता से होता है। कंधे फैलकर चौड़े हो जाते हैं। लड़कियों में कमर का निचला भाग चौड़ा हो जाता है। वृद्धि के कारण लड़कों में शारीरिक पेशियाँ लड़कियों की अपेक्षा सुस्पष्ट एवं गठी हुई दिखाई देती हैं।

क्या आप यौवनारंभ में होने वाले परिवर्तनों के बारे में जानते हैं?

यौवनारम्भ के समय लड़को के कंधे फैल कर चौड़े हो जाते है जबकि लड़कों मे कमर का निचला भाग चौड़ा हो जाता है। लड़कों की शारीरिक पेशियाँ लड़कियों की अपेक्षा सुस्पष्ट और गठी दिखाई देती है। (iv) स्वर में परिवर्तन- यौवनारम्भ के समय लड़कों की आवाज लड़कियों की आवाज से भारी हो जाती है।

यौवनारंभ कब होता है?

लडकों में इस कालखंड की शुरुआत थोडी देर से, उम्र के 11 से 12इस वर्ष में होती है और 16 से 18 इस वर्ष तक यह कालखंड समाप्त होता है। इसमें उम्र के 13 वर्ष के लगभग पहले वीर्यस्खलन होना इस कालखंड का महत्त्वपूर्ण टप्पा है