कवि ने गाँव को 'हरता जन मन' क्यों कहा है? Show गाँव का प्राकृतिक सौंदर्य सभी के मन को छूता है। वह अत्यंत मनमोहक है। चारों तरफ़ हरियाली के कारण धरती प्रसन्न है। इसलिए कवि ने गाँव को 'हरता जन मन' कहा है। 681 Views अरहर और सनई के खेत कवि को कैसे दिखाई देते हैं? अरहर और सनई के खेत कवि को सोने की किंकणियो के सामान दिखाई दे देते हैं। 408 Views गाँव को मरकत 'डिब्बे सा खुला' क्यों कहा गया है? यहाँ पर मरकत के हरे रंग की तुलना गाँव की हरियाली से की गई है। 'मरकत' 'पन्ना' एक रत्न है जिसका रंग हरा होता है। गाँव का वातावरण भी मरकत के खुले डिब्बे के समान हरा भरा सा होता है। चारों ओर फल और फूलों की सुंगंध बिखरी होती है। सूरज की धूप से निखरता सौंदर्य इस हरीतिमा में चमक पैदा करता है। इसलिए गाँव को 'मरकत डिब्बे सा खुला' कहा गया है। 865 Views आप जहाँ रहते हैं उस इलाके के किसी मौसम विशेष के सौंदर्य को कविता या गद्य में वर्णित कीजिए। 288 Views कविता में किस मौसम के सौंदर्य का वर्णन है? कविता में वसंत ऋतु के सौंदर्य का वर्णन किया गया है। इसी ऋतु में पेड़ों से पत्ते गिरते हैं और उन पर नई कोपलें, पत्तियाँ, फल और फूल खिलते हैं और चारो ओर हरियाली होती है। फसलों तथा सब्जियों के फलने - फूलने का भी यही समय होता है। 699 Views कवि ने गांव को हरता जन मन क्यों कहा है?प्रश्न 1: कवि ने गाँव को 'हरता जन मन' क्यों कहा है? उत्तर : गाँव का वातावरण अत्यंत मनमोहक है। यहाँ प्रकृति का सौंदर्य सभी लोगों के मन को अच्छा लगता है। इसलिए कवि ने गाँव को 'हरता जन मन' कहा है।
कवि ने गाँव को हरता जन मन क्यों कहा है 2 कविता में किस मौसम के सौंदर्य का वर्णन है?इसलिए कवि ने गाँव को 'हरता जन मन' कहा है। Question 2: कविता में किस मौसम के सौंदर्य का वर्णन है? उत्तर: इस कविता में वसंत ऋतु के सौंदर्य का वर्णन है।
4 अरहर और सनई के खेत कवि को कैसे दिखाई देते हैं?अरहर और सनई के खेत कवि को कैसे दिखाई देते हैं? उत्तर: अरहर और सनई के सुनहरे खेतों को देखकर कवि को लगता है कि मानो वसुधा ने अपनी कमर पर सुनहरे रंग के धुंघरुओं वाली करधनी धारण कर रखी हो। आशय यह है कि अरहर और सनई पर सुनहरे रंग की बजती हुई फलियाँ उग आई हैं।
प्रश्न 3 गाँव को मरकत डिब्बे सा खुला क्यों कहा गया है?गांव को मरकत डिब्बे सा खुला इसलिए कहा गया है क्योंकि गांव में आम नीम जामुन महुआ आदि के पेड़ तथा खेतों में नाना प्रकार की फसलें लहराती है। सारा गांव हरा भरा होता है तथा इसे दूर से देखने पर यह मरकत जैसा लगता है। गांव हरा भरा और चमकदार दिखाई देता है इसलिए उसे मरकत के खुल डिब्बे सा कहा गया है।
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